samacharsecretary.com

मुख्यमंत्री साय: बस्तर में शांति की स्थापना, जनविरोधी माओवादी विचारधारा पर रोक

कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर किया आत्मसमर्पण रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद की समाप्ति अब  वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है। “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी जनोन्मुख पहल ने बस्तर में शांति और विश्वास की नई बयार बहा दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जो प्रदेश में चल रही “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” तथा “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का सशक्त प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद की झूठी और भ्रामक विचारधारा से भटके युवा अब समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है। सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, पुनर्प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्संस्थापन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री ने  कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि अब माओवादी संगठन तेजी से कमजोर पड़ रहे हैं और बड़ी संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति को स्वीकार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में अब नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और क्षेत्र तेजी से शांति, विकास और सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बनाना है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से अग्रसर है।

रायपुर का अमातालाब जहां छठ महापर्व की होती है भव्य पूजा

सूर्योदय और सूर्यास्त के समय दिखता है दिव्यता और आस्था का अद्भुत संगम रायपुर  छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पवित्र पर्व है, जो पूरे देश में भक्ति और आस्था के साथ मनाया जाता है। राजधानी रायपुर के आमातालाब के घाट में इस पर्व की भव्यता के लिए प्रसिद्ध हैं। कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली मनाने के बाद मनाये जाने वाले इस चार दिवसीय व्रत की सबसे कठिन और महत्त्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्ठी की होती है। कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को यह व्रत मनाये जाने के कारण इसका नामकरण छठ व्रत पड़ा। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि, पंचमी तिथि, षष्ठी तिथि और सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। रायपुर विश्वकर्मा समाज के अध्यक्ष श्री रमेश शर्मा ने बताया कि नहाय खाय के साथ ही निर्जला व्रत भी शुरू हो जाता है। छठ महापर्व का शुभारंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी शनिवार 25 अक्टूबर से हो गया है। इस दिन व्रती स्नान कर शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। राजधानी रायपुर की महिलाओं ने नहाय-खाय वाले दिन से ही पवित्र पर्व छठ का प्रसाद बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। व्रती के साथ घर के सदस्य मिलकर इसकी तैयारी रहे हैं। छठ का प्रसाद बनाने के लिए चूल्हा और बर्तन बिल्कुल अलग होता है। इसके अलावा व्रती और परिवार के सदस्यों को लहसुन, प्याज इत्यादि खाना वर्जित होता है। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पवित्र पर्व है, जो पूरे देश में भक्ति और आस्था के साथ मनाया जाता है। राजधानी रायपुर के आमातालाब के घाट में इस पर्व की भव्यता के लिए प्रसिद्ध हैं। कल दिनांक 27 अक्टूबर कार्तिक शुक्ल षष्ठी सोमवार को शाम 6.30 बजे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। दिनांक 28 अक्टूबर कार्तिक शुक्ल सप्तमी को प्रातः 6 बजे उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाएगा। रायपुर के आमातालाब में छठ पूजन हेतु घाट की साफ सफाई, विद्युत व्यवस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रम,पूजन व्यवस्था हेतु समाज के सदस्यों ने विशेष व्यवस्था की गई है। विशेष व्यवस्था हेतु समाज के युवा वर्ग से सुरज शर्मा,विनय शर्मा,रोहित,विश्वकर्मा संतोष विश्वकर्मा,शंकर शर्मा,सुनील शर्मा,सन्नी शर्मा,आकाश शर्मा एवं अन्य सदस्यों ने अपना योगदान दिया है। और समाज के सभी वर्ग के सदस्य,महिलाओं,बच्चों को इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए आग्रह किया है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल करेंगे एक फॉरेस्ट ऑफिसर की डायरी का विमोचन

भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल सोमवार को सायं 4 बजे बहुउद्देशीय हॉल, फॉरेस्ट रेस्ट हाउस, चार इमली भोपाल में सेवानिवृत्त आईएफएस श्री एस.आर. रावत के अपने 37 वर्षों के सेवाकाल के जंगलों के खट्टे-मीठे संस्मरणों पर केन्द्रित पुस्तक "एक फॉरेस्ट ऑफिसर की डायरी'' का विमोचन करेंगे। इस अवसर पर वन राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही.एन. अम्बाड़े और वन अधिकारी उपस्थित रहेंगे। भारतीय वन सेवा मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री एस.आर. रावत के 37 वर्षों के सेवाकाल का यह संस्मरण एक जीवंत दस्तावेज है। 15 अध्याय की यह पुस्तक फॉरेस्ट कॉलेज की प्रशिक्षण अवधि से लेकर सेवानिवृत्ति तक की लगभग 4 दशकों की यात्रा का प्रमाणिक वर्णन प्रस्तुत करती है। पुस्तक में प्रकृति के सान्निध्य में बिताए गये अविस्मरणीय क्षणों, वन्य-जीवों, विविध मैदानी चुनौतियों के प्रत्यक्ष अनुभवों का व्यापक चित्रण छोटी-छोटी सच्ची कहानियों के माध्यम से किया गया है। पुस्तक में लेखक महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विविध वन क्षेत्रों में किये गये वानिकी कार्यों और संरक्षण प्रयासों से जुड़े अपने गहन अनुभव से अवगत कराते हैं।  

सीएम सैनी ने दी श्रद्धांजलि: IPS पूरन कुमार के परिवार से मिले, कहा– पूरा प्रदेश आपके साथ है

पंचकूला हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार के लिए रविवार, 26 अक्टूबर को पंचकूला स्थित नाडा साहिब गुरुद्वारे में अंतिम अरदास का आयोजन हुआ। गुरबाणी पाठ के बीच पूरन कुमार की छोटी बेटी अमूल्या और उनके ससुर बी. रतन सिंह शोक संदेश पढ़ते हुए भावुक हो उठे। पूजा-अर्चना में बड़ी संख्या में नेता और अधिकारी पहुंचे और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी। Y पूरन कुमार के घर पहुंचे मुख्यमंत्री  शाम को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पूरन कुमार के घर पहुंचे। सीएम ने परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "दुख की घड़ी में मेरी और पूरी सरकार की संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं।" अंतिम अरदास में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा समेत कई प्रमुख हस्तियां शरीक हुईं। दिल्ली के पूर्व मंत्री संदीप वाल्मीकि ने भी बताया कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में जल्दी ही बड़ी शोक सभा आयोजित की जाएगी, जिसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।   सुसाइड नोट में उठे गंभीर सवाल गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को उनके पास से 8 पेज का सुसाइड नोट और 1 पेज की वसीयत मिली थी। इसमें उन्होंने हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक के तत्कालीन SP नरेंद्र बिजारणिया समेत कुल 15 मौजूदा और पूर्व अधिकारियों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे।

विदेशों में फैला नेटवर्क! पंजाब के निलंबित DIG भुल्लर पर CBI की जांच में चौंकाने वाले खुलासे

चंडीगढ़/रोपड़  रिश्वतखोरी के मामले में फंसे पंजाब के रोपड़ रेंज के पूर्व डी.आई.जी. हरचरण सिंह भुल्लर का एक बड़ा विदेशी कनेक्शन सामने आया है। चर्चा है कि भुल्लर अपनी ड्यूटी के दौरान करीब 10 बार दुबई गए थे। इस संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने उनका पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया है। विदेश में 5 संपत्तियां, लुधियाना में 20 दुकानें सी.बी.आई. के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भुल्लर के दुबई में दो और कनाडा में तीन फ्लैट हैं। इसके अलावा, सी.बी.आई. को लुधियाना में करीब 55 एकड़ जमीन और माछीवाड़ा इलाके में 20 दुकानों की भी जानकारी मिली है। सी.बी.आई. को शक है कि भुल्लर ने अपने कार्यकाल के दौरान विदेशों में संपत्तियां अर्जित की थीं। सी.बी.आई. सूत्रों का कहना है कि एजेंसी अब इन सभी संपत्तियों के स्रोत और किसी और के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों की जांच कर रही है। आने वाले दिनों में भुल्लर की संपत्तियों के बारे में और खुलासे होने की संभावना है। गौरतलब है कि सी.बी.आई. ने 24 अक्टूबर को लुधियाना के माछीवाड़ा स्थित भुल्लर के फार्महाउस पर छापा मारा था। कृष्णू को CBI बना सकती है सरकारी गवाह  मंडी गोबिंदगढ़ के एक व्यापारी के साथ रिश्वत का सौदा करने वाले कृष्णू को सी.बी.आई. सरकारी गवाह बना सकती है। सी.बी.आई. कृष्णू को इसके लिए मनाने की कोशिश कर रही है। अगर वह सरकारी गवाह बन जाता है, तो हरचरण सिंह भुल्लर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

गढ़मुक्तेश्वर मेला बनेगा श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता का प्रतीक: मुख्यमंत्री

  सीएम ने पशुपालन विभाग को दिया निर्देशः गढ़ गंगा मेले में पशु मेला भी लगता है, पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में हरा चारा, भूसा आदि रहे उपलब्ध सीएम योगी ने किया गंगा पूजन, सदर बाजार का किया अवलोकन 30 अक्टूबर से पांच नवंबर तक चलेगा मेला लखनऊ/गढ़मुक्तेश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले वार्षिक कार्तिक पूर्णिमा मेले और अमरोहा के तिगरी मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया और सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मेला स्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर हर वर्ष लगभग 40 से 45 लाख श्रद्धालु गंगा तट पर स्नान और दीपदान के लिए पहुँचते हैं, इसलिए सभी व्यवस्थाएँ समयबद्ध और समन्वित हों ताकि किसी को असुविधा न हो।  मुख्यमंत्री ने यातायात, सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। बता दें कि इस वर्ष 30 अक्टूबर से पांच नवंबर तक चलने वाले इस मेले को ‘मिनी कुंभ’ के रूप में आयोजित करने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। गंगा घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती, सीसीटीवी व ड्रोन निगरानी, रेस्क्यू बोट और हेल्पलाइन सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मेले को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश से जोड़ा जाए तथा एकल-उपयोग प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि घाटों पर पर्याप्त चेकर प्लेट लगाई जाएं, पैंटून ब्रिज की व्यवहार्यता का परीक्षण किया जाए और कटान क्षेत्रों में सिंचाई विभाग द्वारा ड्रेजिंग कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान गहराई वाले जल क्षेत्रों में एनडीआरएफ/एसडीआरएफ और फ्लड यूनिट लगातार सतर्क रहें और आवश्यक बैरिकेडिंग की जाए। श्रद्धालुओं को अनुशासित व्यवहार हेतु प्रेरित करने के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएं। पूरे मेले क्षेत्र में सीसीटीवी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर की सतत निगरानी सक्रिय रहे। पार्किंग स्थलों पर वाहनों की सुरक्षा, प्रसारण व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अस्थायी शौचालयों में ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज की प्रणाली लागू की जाए और किसी भी प्रकार की लीकेज को रोका जाए। घाटों पर भीड़ नियमन, चेंजिंग रूम, स्वच्छ शौचालय, सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध, और कचरा एवं बोतल संग्रहण प्रणाली को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्बाध बिजली आपूर्ति और सभी स्थलों पर इलेक्ट्रिक सेफ्टी का ध्यान रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में आकर्षक सजावट की जाए तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु होर्डिंग्स लगाई जाएं। साथ ही फायर सेफ्टी सिस्टम, अस्थायी अस्पताल, एंटी-स्नेक वैनम और एंटी-रेबीज़ वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जल में स्नान के दौरान पुलिस और एनडीआरएफ की पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए, और 20 से 25 किलोमीटर के दायरे में यातायात डायवर्जन योजना प्रभावी रूप से लागू की जाए ताकि किसी प्रकार का जाम न लगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं से कोई अतिरिक्त शुल्क न वसूला जाए और पशुओं के चारे तथा भोजन-पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ड्यूटी पर तैनात स्वयंसेवकों के खान-पान की उचित व्यवस्था की जाए और सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें, ताकि गढ़मुक्तेश्वर का यह ऐतिहासिक मेला न केवल आस्था का केंद्र बने, बल्कि व्यवस्था, स्वच्छता और अनुशासन का आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़मुक्तेश्वर का यह आयोजन उत्तर प्रदेश की आस्था, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। सरकार का लक्ष्य है कि यह मेला श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता के साथ सम्पन्न हो, ताकि हर आगंतुक इस पावन तीर्थ से शांति और आशीर्वाद लेकर लौटे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में गंगा पूजन किया फिर गढ़ मेला क्षेत्र में स्थापित सदर बाजार का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने गढ़ मुक्तेश्वर में बनाए जा रहे मोढ़े के स्टोर का भी अवलोकन किया और मोढ़े की क्वालिटी की प्रशंसा की। मालूम हो कि गढ़मुक्तेश्वर का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यंत प्राचीन है। मान्यता है कि महाभारत के युद्ध के बाद युधिष्ठिर, अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहीं गंगा में स्नान किया था। यही वह स्थान है जहाँ भगवान परशुराम ने मुक्तेश्वर महादेव की स्थापना की थी। स्कंद पुराण और महाभारत में गढ़मुक्तेश्वर का उल्लेख एक ऐसे तीर्थ के रूप में मिलता है, जहाँ गंगा स्नान और तर्पण से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहाँ का कार्तिक पूर्णिमा मेला केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और लोक जीवन का भी प्रतीक है। ब्रिजघाट और मुक्तेश्वर घाट पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु स्नान, दीपदान और पितृ-तर्पण के लिए पहुँचते हैं।

बिहार की राजनीति में बयानबाजी का नया ट्विस्ट: केशव मौर्य ने तेजस्वी यादव पर बोला हमला

लखनऊ यूपी में भी बिहार विधानसभा चुनाव का सियासी असर देखने को मिल रहा है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि 'नौकरी के बदले जमीन योजना' का जो दावा यादव कर रहे हैं, वह वास्तव में बिहार की जनता को ठगने और राज्य की संपत्ति पर कब्जा करने की साज़िश है। इससे पूरे बिहार की जमीन पर लालू परिवार का कब्जा हो जाएगा। मौर्य ने बिहार विधानसभा चुनाव के बीच रविवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, यादव के मुताबिक़ उनकी सरकार बनने पर नौकरी के बदले जमीन योजना के तहत हर एक घर से अगर एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी, तब तो पूरे बिहार की सारी ज़मीन पर बैनामा उनके परिवार का हो जाएगा। गौरतलब है कि जमीन के बदले नौकरी घोटाला 2004-2009 के बीच का है और उस समय लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मंत्री थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुसार, इस दौरान रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले में उम्मीदवारों से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमत पर लालू परिवार के नाम करवाया गया था।  

सांसद रूपकुमारी चौधरी और जनप्रतिनिधि होंगे पदयात्रा में शामिल, कलेक्टर ने सहभागिता का किया आग्रह

7 नवम्बर को नागाबुड़ा से गरियाबंद तक निकलेगी एकता पदयात्रा सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि व आत्मनिर्भर भारत शपथ का आयोजन गरियाबंद, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वीं जयंती 31 अक्टूबर के अवसर पर आयोजित होने वाले विविध गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन एवं सफलतापूर्वक आयोजन के लिए कलेक्टर श्री बी एस उइके एवं जिला पंचायत सीईओ श्री प्रखर चन्द्राकर ने नागाबुड़ा, कोकड़ी सहित अन्य स्थलों का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि 7 नवम्बर को पदयात्रा सुबह 9 बजे नागाबुड़ा से प्रारम्भ होकर जिला मुख्यालय गरियाबंद तक लगभग 9 किलोमीटर चलेगा। पदयात्रा से पहले स्थानीय लोगों में जागरूकता के लिए विविध कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही युवाओं के बीच नशामुक्त भारत शपथ, संस्थानों में स्वदेशी मेलों का आयोजन एवं गर्व से स्वदेशी संकल्प भी दिलवाए जाएंगे। इस दौरान योग एवं हेल्थ शिविरों के साथ क्षेत्र में स्वच्छता अभियान का भी आयोजन किया जाएगा। सरदार पटेल के उद्धरण और राष्ट्रीय एकता दिवस पदयात्रा से संबंधित संदेशों वाले साइन बोर्ड लगाये जायंगे। यात्रा पथ पर सार्वजनिक सुविधा स्थल बनवाएँ जिसमें पानी, शौचालय, हल्का भोजन आदि मूलभूत सुविधाएं शामिल किया जाएगा। यात्रा के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि, आत्मनिर्भर भारत शपथ और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम में महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, राजिम विधायक श्री रोहित साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामीणजन शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती को समर्पित इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में एकता, देशभक्ति और कर्तव्य भावना को जागृत करना है। यह पदयात्रा नहरगांव, कोकड़ी होते हुए गरियाबंद में वृहद कार्यक्रम कर समापन किया जायेगा। कलेक्टर ने गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधियों एवं मीडियाकर्मियों को शामिल होने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप बना फ्यूचर-रेडी एयरपोर्ट

लखनऊ,  जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का नया मानक स्थापित करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप बनकर तैयार हुआ यह एयरपोर्ट जल्द ही अपनी सेवाएं शुरू कर देगा। यह न केवल देश का सबसे आधुनिक हवाई अड्डा होगा, बल्कि फ्यूचर-रेडी टेक्नोलॉजी सिस्टम से सुसज्जित डिजिटल कनेक्टिविटी का केंद्र भी बनेगा। यह एयरपोर्ट ड्यूल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से लैस होगा, जिससे डेटा कनेक्टिविटी पूरी तरह निर्बाध और सुरक्षित रहेगी। दो स्वतंत्र डेटा सेंटर अलग-अलग स्थानों पर स्थापित किए जा रहे हैं। संपूर्ण एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एकीकृत नेटवर्क से जुड़ा होगा। एयरपोर्ट परिसर में वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगाया जा रहा है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब सिर्फ उड़ानों का नहीं, बल्कि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के नए युग का प्रतीक बनने जा रहा है। सुरक्षा और सुविधा दोनों का मिलेगा लाभ यह एयरपोर्ट किसी पारंपरिक हवाई अड्डे की तरह नहीं, बल्कि एक स्मार्ट, फ्यूचर-रेडी डिजिटल नेटवर्क के रूप में आकार ले रहा है। यहां ड्यूल फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी होगी — दो स्वतंत्र नेटवर्क, जो सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी तकनीकी अड़चन के बावजूद डेटा प्रवाह कभी न रुके। दो अलग-अलग स्थानों पर बनाए जा रहे स्वतंत्र डेटा सेंटर पूरे सिस्टम का डिजिटल हृदय होंगे। इनकी मदद से टर्मिनल से लेकर रनवे, पार्किंग से लेकर सुरक्षा तंत्र सब कुछ एकीकृत नेटवर्क से जुड़ा रहेगा। हर गतिविधि, हर मूवमेंट, हर सूचना रियल टाइम में मॉनिटर और नियंत्रित होगी। एयरपोर्ट की दीवारों के पीछे एक और अदृश्य व्यवस्था होगी — वीडियो सर्विलांस सिस्टम। यह सिस्टम एयरपोर्ट के हर कोने पर नजर रखेगा। आगमन और प्रस्थान मार्गों पर लगे लाइसेंस प्लेट रिकग्निशन और ड्राइवर इमेजिंग कैमरे वाहनों की स्मार्ट ट्रैकिंग करेंगे, जिससे सुरक्षा और सुविधा दोनों बढ़ेंगी। तीन प्रमुख डिजिटल कंट्रोल हब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटल विजन के अनुरूप, एयरपोर्ट में तीन प्रमुख डिजिटल कंट्रोल हब तैयार किए गए हैं। पहला एयरपोर्ट ऑपरेशंस सेंटर (AOC) जो पूरे एयरपोर्ट का मस्तिष्क होगा, जहां से हर गतिविधि का रियल-टाइम कंट्रोल होगा। दूसरा, सिक्योरिटी ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (SOCC) जो एयरपोर्ट की सुरक्षा पर निरंतर नजर रखेगा। और तीसरा, एयरपोर्ट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (AEOC। यह किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। डिजिटल कनेक्टिविटी के स्तर पर जेवर एयरपोर्ट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वायरलेस नेटवर्क कवरेज पूरे एयरपोर्ट परिसर, रनवे और रिमोट स्टैंड्स तक विस्तृत रहेगा। यात्रियों और स्टाफ के लिए स्मार्ट डिजिटल एक्सेस और रियल-टाइम सूचना प्रणाली भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत इस एयरपोर्ट को टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो न केवल आज की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य की एआई आधारित सुरक्षा और स्वचालित संचालन प्रणाली का भी समर्थन करेगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को डिजिटल एविएशन नेटवर्क का प्रमुख केंद्र बनाएगी। जेवर एयरपोर्ट न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा, बल्कि तकनीकी उत्कृष्टता, सुरक्षा और दक्षता के क्षेत्र में भारत की पहचान को भी मजबूत करेगा।

46 साल की खामोशी के बाद संभल में गूंजे जयकारे, 24 कोसी परिक्रमा ने भरा नगर

संभल  46 साल की लंबी खामोशी, डर और असुरक्षा के बाद अब संभल एक बार फिर जयकारों से गूंज उठा है। जय श्री कल्कि, जय श्री राम और हर हर महादेव के जयकारों के बीच जिले की सड़कों पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। मौका था संभल के प्राचीन 68 तीर्थ 19 कूप की दो दिवसीय 24 कोसीय वार्षिक तीर्थ परिक्रमा का। भक्ति में डूबे लाखों श्रद्धालुओं ने दो दिन में 24 कोसीय परिक्रमा पूरी की। इस दौरान पूरे परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। जगह-जगह पुलिस, पीएसी और अन्य बलों के जवान तैनात रहे। ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में संभल में इस बदले माहौल को योगी सरकार बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रही है। परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। एसपी डॉ. कृष्ण विश्नोई ने दावा किया कि इस दौरान करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालु यहां जुटे। पहले दिन यात्रा का चंद्रेश्वर मंदिर पर विश्राम हुआ। रविवार को भोर से मंदिर से फिर यात्रा शुरू हुई। शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुक गई थी। योगी सरकार के प्रयासों से 2024 में यह परंपरा फिर से जी उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं। बदला-बदला सा है माहौल 1978 के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धर्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। लेकिन अब माहौल काफी बदला-बदला सा है। बताया जाता है कि संभल पर सीएम योगी लगातार नजर रहती है। संभल पर गठित न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में कई बातें उजागर हुईं। कहा जाता है कि इन सच्चाइयों को वर्षों तक दबाए रखा गया था। संभल में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशों की भी चर्चा हुई। हिंदुओं के सुनियोजित पलायन का मुद्दा भी उठा। योगी सरकार ने इन सभी मामलों को लेकर कार्रवाई की है। संभल दंगों की साजिश में शामिल होने के आरोप में कई लोगों को जेल भेजा गया है। इसके साथ ही अवैध कब्जों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है। धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार संभल में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए। इनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए। इनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार के काम चल रहे हैं। दो नए थाने, 45 नई चौकियां बनीं संभल में योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। आंकड़ों के अनुसार बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर पहुंच गया है। इससे 84 करोड़ रुपये की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।