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यात्रा होगी आसान, स्पेशल ट्रेनें कल से शुरू, जानें टाइम टेबल

 सिरोही रेलवे प्रशासन द्वारा आगामी त्योहारों पर अतिरिक्त यात्री भार को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए भिवानी-अजमेर-भिवानी अनारक्षित स्पेशल, उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी और मैसूरू-जयपुर-मैसूरू स्पेशल रेलसेवाओं का संचालन किया जाएगा। इन ट्रेनों से यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकेगी। उत्तर पश्चिम रेलवे अजमेर मंडल के पीआरओ अशोक चौहान ने बताया कि यह ट्रेनें 18 से 28 अक्तूबर 2025 तक चलेंगी। इसकी समय सारणी निम्नानुसार है। गाड़ी संख्या 04733, भिवानी-अजमेर अनारक्षित स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25, 19.10.25, 22.10.25, 23.10.25, 24.10.25 व 25.10.25 को (06 ट्रिप) भिवानी से 08.20 बजे रवाना होकर 16.55 बजे अजमेर पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 04734, अजमेर-भिवानी अनारक्षित स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25, 19.10.25, 22.10.25, 23.10.25, 24.10.25 व 25.10.25 को (06 ट्रिप) अजमेर से 17.30 बजे रवाना होकर रात्रि 02.40 बजे भिवानी पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग मेें चरखी दादरी, झाडली, कोसली, जाटूसाना,  रेवाडी, अटेली, नारनौल, डाबला, नीमकाथाना, कावंट, श्रीमाधोपुर, रींगस, रेनवाल, फुलेरा, नरेना व किशनगढ़ स्टेशनों पर ठहराव करेंगी। इस रेलसेवा में 10 साधारण श्रेणी व 02 गार्ड डिब्बों सहित कुल 12 डिब्बे होंगे। गाड़ी संख्या 09601, उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25 व 26.10.25 को (02 ट्रिप) उदयपुर सिटी से 10.30 बजे रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर 19.15 बजे आगमन और 19.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन दिल्ली सराय 02.20 बजे पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09602, दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी स्पेशल रेलसेवा दिनांक 19.10.25 व 27.10.25 को (02 ट्रिप) दिल्ली सराय से 05.00 बजे रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर 11.30 बजे आगमन व 11.40 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 21.20 बजे उदयपुर सिटी पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग में राणाप्रतापनगर, मावली, फतेहनगर, कपासन, चंदेरिया, गंगरार, भीलवाड़ा, मांडल, बिजयनगर, नसीराबाद, अजमेर, किशनगढ़, नरेना, फुलेरा, आसलपुर जोबनेर, कनकपुरा, जयपुर, गांधीनगर जयपुर, गैटोर जगतपुरा, खातीपुरा, बस्सी, दौसा, बांदीकुई, राजगढ़, मालाखेड़ा, अलवर, खैरथल, रेवाड़ी, गुड़गॉव और दिल्ली कैंट स्टेशनों पर ठहराव करेगी। इस रेलसेवा में 02 थर्ड एसी, 08 द्वितीय शयनयान, 04 साधारण श्रेणी और 02 गार्ड डिब्बों सहित कुल 16 डिब्बे होंगे। गाडी संख्या 06231, मैसूरू-जयपुर स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25 एवं 25.10.25 को (02 ट्रिप) मैसूरू से शनिवार को 23.55 बजे रवाना होकर सोमवार 18.40 बजे जयपुर पहुॅचेगी। इसी प्रकार गाडी संख्या 06232, जयपुर-मैसूरू स्पेशल रेलसेवा दिनांक 21.10.25 व 28.10.25 को (02 ट्रिप) जयपुर से मंगलवार को 04.00 बजे रवाना होकर गुरूवार को 03.30 बजे मैसूरू पहुॅचेगी। इस रेलसेवा में 02 सैकण्ड एसी, 12 थर्ड एसी, 02 द्वितीय शयनयान व 02 पॉवर गार्ड डिब्बो सहित कुल 18 डिब्बे होंगे।

राजस्थान में सियासी हलचल, बिहार के स्टार प्रचारकों की घोषणा से मची खलबली

 जयपुर बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है उसने राजस्थान की सियासत में हडकंप मचा दिया है। पार्टी ने गुरुवार शाम बिहार चुनावों के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई दिग्गजों को शामिल किया गया है। इस सूची में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, असम और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों को भी जगह दी गई है। लेकिन इस बार राजस्थान से किसी भी केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे या वरिष्ठ नेता को स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में गुरुवार शाम से ही कयासों के दौर चल पड़े हैं क्या गुजरात पेटर्न पर राजस्थान में भी कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है।  क्यों अहम है राजस्थान की भागीदारी? बिहार में राजस्थानी मूल के वोटर्स और व्यापारिक समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है। राज्य के हर बड़े शहर में मारवाड़ी व्यापारी समुदाय सक्रिय है। पूर्व में भाजपा राजस्थान के नेताओं को बिहार में प्रचार के लिए भेजती रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेता पूर्व चुनावों में प्रचार में सक्रिय रहे हैं। वसुंधरा राजे को स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं किए जाने को लेकर भी काफी चर्चाएं हैं। हालांकि राजे इन दिनों राजस्थान में पूरी तरह सक्रिय नजर आ रही हैं। वे न सिर्फ राजस्थान के दौरे कर रही हैं बल्कि सोशल मीडिया पर अपने कार्यकाल की योजनाओं का प्रचार भी कर रही हैं।  स्टार प्रचारक नहीं, लेकिन ग्राउंड पर मौजूद हैं राजस्थानी नेता हालांकि इस बार किसी नेता को स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, राजस्थान बीजेपी के कई नेता और कार्यकर्ता बिहार में सक्रिय हैं। राजेंद्र राठौड़ सहित कई वरिष्ठ नेता पिछले दो हफ्तों से बिहार में चुनावी प्रचार, जनसंपर्क और संगठनात्मक काम में जुटे हुए हैं। सियासी संकेत और अटकलें राजस्थान को पूरी तरह नजरअंदाज किए जाने पर सियासी विश्लेषक इसे पार्टी के भीतर बदलते समीकरणों से जोड़ कर देख रहे हैं। कुछ इसे केंद्रीय राजनीति में राजस्थान नेताओं के कम होते प्रभाव की ओर भी इशारा मान रहे हैं। जबकि राजस्थान से कई वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। अब देखना यह होगा कि चुनावी रणनीति में इस बदलाव के पीछे पार्टी का क्या तर्क सामने आता है और क्या राजस्थान की अनदेखी का कोई असर बिहार चुनाव में देखने को मिलेगा।  

अंता उपचुनाव में मोरपाल सुमन होंगे बीजेपी के उम्मीदवार, कांग्रेस-रालोपा से कड़ी टक्कर तय

अंता  अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने लंबे मंथन के बाद मोरपाल सुमन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी ने स्थानीयता, सादगी और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए मोरपाल सुमन के नाम पर मुहर लगाई है। सुमन की पहचान क्षेत्र में एक लो-प्रोफाइल लेकिन जमीन से जुड़े नेता के रूप में है। बताया जा रहा है कि उनके नाम पर पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं में सहमति बनने के बाद ही टिकट फाइनल किया गया। बीजेपी के निर्णय के बाद अब अंता सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया को प्रत्याशी बनाया है, जो पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। भाया क्षेत्र में अपने संगठनात्मक नेटवर्क और पुराने जनसंपर्क के लिए जाने जाते हैं। वहीं, नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरकर मुकाबले को और कठिन बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार अंता सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। बीजेपी मोरपाल सुमन के स्थानीय होने और संगठन की मजबूती पर भरोसा जता रही है, जबकि कांग्रेस प्रमोद जैन भाया के अनुभव और लोकप्रियता को अपनी ताकत मान रही है। दूसरी ओर, नरेश मीणा युवा और जातीय समीकरण के दम पर चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश में हैं। आने वाले दिनों में प्रचार अभियान के तेज होने के साथ ही यह सीट प्रदेश की सबसे चर्चित उपचुनाव सीटों में से एक बनने की संभावना है।

पति-पत्नी के रिश्ते में दर्दनाक अंत, डॉक्टर ने पत्नी को इंजेक्शन देकर ली जान: पुलिस जांच जारी

बेंगलुरु बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल के 32 साल के जनरल सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी ने अपनी चिकित्सकीय जानकारी का इस्तेमाल किसी की जान बचाने के बजाय अपनी पत्नी की जान लेने के लिए किया। छह महीने तक इसे प्राकृतिक मौत माना गया, लेकिन अब पुलिस ने खुलासा किया है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। 28 साल की त्वचा रोग विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट) डॉ. कृतिका रेड्डी की मौत के मामले में उनके पति महेंद्र को 14 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, महेंद्र ने एनेस्थीसिया की जानलेवा खुराक देकर पत्नी की हत्या की। आपको बता दें कि दोनों का विवाह 26 मई 2024 को हुआ था। मौत से महज 11 महीने पहले। व्हाइटफील्ड डीसीपी एम. परशुराम ने बताया, “महेंद्र ने अपनी पत्नी की हत्या बड़ी सावधानी से योजनाबद्ध की थी। वह उसकी चिकित्सीय कमजोरियों को जानता था और उसने उसी का फायदा उठाया।” पुलिस जांच से पता चला कि 21 अप्रैल को महेंद्र ने अपने घर पर पत्नी को पेट दर्द के बहाने IV इंजेक्शन दिया। अगले दिन वह उसे मराठहल्ली स्थित मायके ले गया, यह कहते हुए कि उसे आराम की जरूरत है। 23 अप्रैल की रात, वह दोबारा ससुराल पहुंचा और एक और इंजेक्शन लगाया। अगले दिन सुबह 24 अप्रैल को कृतिका को बेसुध पाया गया। डॉक्टर होने के बावजूद महेंद्र ने सीपीआर देने का प्रयास नहीं किया और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पहले इसे अनैसर्गिक मृत्यु बताया गया था, लेकिन पोस्टमार्टम और एफएसएस रिपोर्ट में शरीर में एनेस्थीसिया के अंश पाए गए। इसके बाद केस को हत्या में बदला गया। कृतिका के पिता के. मुनी रेड्डी की शिकायत पर महेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा, “हमारी बेटी को लगता था कि उसका विवाह सम्मान और प्रेम पर आधारित है। पर उसी मेडिकल ज्ञान का इस्तेमाल उसकी जान लेने के लिए किया गया।” जांच में पता चला कि शादी के बाद महेंद्र को यह मालूम हुआ कि कृतिका को लंबे समय से गैस्ट्रिक और मेटाबॉलिक विकार हैं। परिवार ने यह जानकारी पहले नहीं दी थी। पुलिस को शक है कि इसी बात ने उसके भीतर नाराजगी और प्रतिशोध की भावना पैदा की जो अंततः हत्या में बदल गई। पत्नी की मौत के बाद भी महेंद्र ने खुद को सामान्य दिखाने की कोशिश की। उसने पुलिस से कहा कि उसकी पत्नी की मौत स्वाभाविक थी। परंतु FSL रिपोर्ट के बाद पुलिस ने उसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (हत्या) के तहत गिरफ्तार किया। बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह ने कहा, “पुलिस टीम ने उस हत्या को उजागर किया जिसे एक मेडिकल दुर्घटना की तरह पेश किया गया था।” डॉक्टर कृतिका वह 4 मई को अपना खुद का क्लिनिक स्किन एंड स्कैल्पेल खोलने वाली थीं। उनके सहयोगियों ने बताया, “वह हमेशा कहती थीं कि डर्मेटोलॉजी के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती हैं। यह सोचना भी दर्दनाक है कि उनका अपना पति ही उनके खिलाफ हो गया।”

राजस्थान के जैसलमेर में दिल दहला देने वाला हादसा, कार में फंसे 4 दोस्त जिंदा जले

जैसलमेर  राजस्थान के जैसलमेर में बस में 21 लोगों के जिंदा जल जाने के बाद अब बालोतरा में भी दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक ट्रेलर से टक्कर के बाद कार में आग लग गई और इसमें सवार चार दोस्त जिंदा जल गए। दुर्घटना मेगा हाईवे पर सिंधरी पुलिस थानाक्षेत्र के सादा गांव के पास रात करीब 1.30 बजे हुई। कार का ड्राइवर भी दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी है। पुलिस के मुताबिक, डाबर गुड़ामालानी (बाड़मेर) के पांच युवक सिणधरी में काम करने गए थे। रात करीब 12 बजे के बाद वे घर लौट रहे थे। उनके घर से 30 किलोमीटर दूर कार सामने से आ रही ट्रेलर से टकरा गई। बलोतरा के डीएसपी नीरज शर्मा ने मोहन सिंह (35), शंभु सिंह (20), पंचाराम (22) और प्रकाश (28) की मौत की पुष्टि की। आग में जलने से मौके पर ही इनकी मौत हो गई। कार चालक दिलीप सिंह गंभीर रूप से जख्मी है। हादसे के बाद हाईवे पर भारी जाम लग गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। पुलिस अधिकारियों ने कहा, 'चारों युवक पूरी तरह जल गए थे। शवों की पहचान डीएनए टेस्टिंग के जरिए करनी होगी। इसके बाद परिवारों को सौंपा जाएगा।' चारों शवों को अस्पताल में रखवाया गया है और मामले की जांच शुरू की गई है। इससे पहले जैसलमेर के पास मंगलवार को एक एसी बस में आग लगने से 21 लोगों की मौत हो गई तो एक दर्जन से अधिक लोग झुलस गए।

बेंजीन टैंकर में आग लगी, जयपुर-अजमेर हाईवे पर हादसा टला; चालक और SHO की सूझबूझ ने बचाई जानें

जयपुर जयपुर में मंगलवार रात जयपुर-अजमेर हाईवे पर उस वक्त अफरातफरी मच गई जब बेंजीन से भरे एक टैंकर में अचानक आग लग गई। रात करीब 9 बजे टैंकर के पिछले पहियों में लगी आग कुछ ही मिनटों में लपटों में बदल गई, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।   चालक की सूझबूझ से बची बड़ी त्रासदी टैंकर चालक ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए असाधारण सूझबूझ का परिचय दिया। उसने बिना घबराए टैंकर को सड़क किनारे सुरक्षित स्थान पर रोका और तुरंत नीचे उतर गया। यदि चालक थोड़ी सी भी देर कर देता, तो बेंजीन भरे टैंकर में विस्फोट की संभावना थी। उसकी त्वरित कार्रवाई ने दर्जनों जानें बचा लीं और एक बड़ी आपदा को टाल दिया।   SHO की त्वरित कार्रवाई और दमकल की मुस्तैदी घटना की सूचना मिलते ही दूदू थाना प्रभारी (SHO) मुकेश कुमार खरड़िया अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत हालात का जायजा लिया और दमकल विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और टीमों ने आग पर नियंत्रण पाने का प्रयास शुरू किया। SHO खरड़िया की सतर्कता और दमकलकर्मियों की तेजी से की गई कार्रवाई के कारण आग टैंकर के टैंक तक नहीं पहुंच सकी। टैंकर के चार पहिए जलकर राख, टैंक सुरक्षित लपटों में घिरे टैंकर के चारों पहिए पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि आग टैंकर के मुख्य टैंक तक नहीं पहुंची। यदि बेंजीन में आग लग जाती, तो आसपास के इलाके में बड़ा विस्फोट और व्यापक क्षति संभव थी।   मौके पर जुटी भीड़, SHO और चालक की सराहना घटना के दौरान राहगीरों की भीड़ जमा हो गई। कई लोगों ने इस भयावह दृश्य के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए। जब आग पर काबू पा लिया गया, तो मौके पर मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली और चालक के साथ-साथ SHO मुकेश कुमार खरड़िया की तत्परता और साहस की प्रशंसा की।

बस हादसे में एफआईआर, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग: पूर्व CM गहलोत ने जताया आक्रोश

 जैसलमेर राजस्थान में जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर स्लीपर एसी बस में भीषण आग लगने की घटना के 24 घंटे बाद आखिरकार पहली एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। इस हादसे में जिंदा जले पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान के बड़े भाई चंदन सिंह ने बस के मालिक और चालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए जैसलमेर सदर थाना में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हादसे के 24 घंटे बाद दर्ज हुई पहली शिकायत सूत्रों के अनुसार, बस हादसे में मृतक पत्रकार के परिजन मंगलवार देर शाम तक पोस्टमार्टम और औपचारिकताओं में व्यस्त रहे। इसके बाद मंगलवार को चंदन सिंह ने पुलिस को रिपोर्ट दी, जिसमें बस मालिक और ड्राइवर की लापरवाही को हादसे का कारण बताया गया है। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर सबूत जुटाने और तकनीकी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।   हाल ही में मिला था बस को परमिट जानकारी के मुताबिक, हादसे में जलकर नष्ट हुई बस RJ 09 PA 8040 कुछ दिन पहले ही खरीदी गई थी। इसे नया परमिट जारी हुआ था और ट्रैवल कंपनी ने इसके प्रमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए थे। कंपनी ने उस समय बस को ‘लग्जरी और पूरी तरह सुरक्षित’ बताकर प्रचारित किया था। हादसे के बाद अब इन दावों की भी जांच की जा रही है। ‘हादसे का कारण तकनीकी फॉल्ट तो नहीं?’ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक जताते हुए सवाल उठाया है कि क्या बस में तकनीकी खामी (Technical Fault) हादसे की वजह हो सकती है। गहलोत ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। सुना है बस कुछ ही दिन पहले खरीदी गई थी, ऐसे में यह जांच का विषय है कि आखिर आग लगी क्यों। कहीं कोई तकनीकी गलती या सुरक्षा में चूक तो नहीं रही?    उन्होंने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि कंपनी से इस मामले में जवाब मांगे और जांच कराए। आग लगने के बाद दरवाजे लॉक हो जाना भी गंभीर सवाल उठाता है। ऐसी घटनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। गहलोत ने ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। जांच जारी, तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी पुलिस ने बताया कि हादसे के सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में बस के इंजन या विद्युत प्रणाली में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। टीम अब ट्रैवल कंपनी के दस्तावेज, मेंटेनेंस रिकॉर्ड और परमिट से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है। अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

जैसलमेर में बस बनी आग का ताबूत: न इमरजेंसी एग्जिट, न बचाव का रास्ता — अंदर जिंदा जले 20 यात्री

जैसलमेर  राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को एक प्राइवेट बस में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया। यह बस जोधपुर जा रही थी। हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग झुलसकर घायल हो गए। प्राथमिक जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन बस में आग इतनी तेजी से कैसे फैली, इसकी अब मुख्य वजह सामने आई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब बस में आग लगी, तो यात्री एकमात्र दरवाजे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब बस में आग लगी, तो यात्री एकमात्र दरवाजे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दरवाजा जाम हो गया। बाद में एक पोकलेन मशीन बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया। तब तक कई लोग जान गंवा चुके थे। बस में सवार कुछ यात्री खिड़कियां तोड़कर और कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। आग इतनी तेजी से कैसे फैली अधिकारियों के मुताबिक, आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। बताया गया कि बस को कुछ साल पहले ही मॉडिफाइ कराया गया था। बस में कई तरह के ज्वलनशील पदार्थ थे। इसी कारण आग तेजी से फैल गई। हादसे में जिंदा बचे लोगों ने बताया कि एक तेज धमाके के बाद बस पूरी तरह आग में घिर गई। डीएनए जांच कराई जाएगी हादसा दोपहर करीब 3 बजे हुआ था। बस में कुल 57 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। कई शव इतने झुलस गए कि उनकी पहचान के लिए डीएनए जांच कराई जाएगी। घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने राहत कार्य शुरू किया। इसके बाद भारतीय सेना की 12वीं रैपिड डिवीजन की टीम मौके पर पहुंची और पोकलेन मशीन व पानी के टैंकरों से आग बुझाने में मदद की। पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करेगी सरकार राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना स्थल का दौरा किया और गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "जैसलमेर में बस आग हादसा बेहद दर्दनाक है। राज्य सरकार घायलों के उपचार और पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करेगी।" स्थानीय विधायक प्रताप पुरी ने बताया कि बस में ज्वलनशील सामग्री थी और बाहर निकलने का रास्ता बहुत संकरा था। उन्होंने कहा, "शॉर्ट सर्किट और एसी गैस लीकेज से आग भड़की।" राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खीमसर ने कहा, "मेरे जीवन में ऐसा हादसा पहली बार देखा है। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग कराई जाएगी।"  

भीषण सड़क हादसे से दहला जैसलमेर, बस में आग, दर्जनभर लोगों की जान जाने का खतरा

जैसलमेर  राजस्थान के जैसलमेर में सवारियों से भरी बस में मंगलवार (14 अक्टूबर) को आग लग गई. इस हादसे में 10 से 12 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है. जैसलमेर से जोधपुर जा रही इस बस में 50 से ज्यादा सवारियां बैठी हुईं थी. जानकारी के मुताबिक बस में सवार 15 यात्री गंभीर रूप से झुलसे गए थे इनमें से 10 से 12 यात्रियों की मौत की आशंका जताई जा रही है. इनमें तीन बच्चे और चार महिलाएं हैं. इस प्राइवेट बस में 57 यात्री सवार थे. घटना मंगलवार दोपहर 3:40 पर लगी. हालांकि आग लगने की वजह अभी तक साफ नहीं हो सकी है. जैसलमेर से निकलने के बाद कुछ ही दूरी पर इसके पिछले हिस्से में अचानक आग लग गई. कुछ ही पलों में पूरी बस धूं-धूं कर जलने लगी. जानकारी के मुताबिक आगे की तरफ बैठे हुए यात्री किसी तरह कूद गए, लेकिन पीछे के हिस्से में बैठे यात्री झुलस गए बस में आग लगने से अफरा तफरी मच गई. झुलसे हुए लोगों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है. आग लगने से बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. हादसा जैसलमेर के थईयात गांव के पास हुआ। आग की लपटें और धुआं काफी ऊंचाई तक उठता रहा। बस रोजाना की तरह दोपहर करीब 3 बजे जैसलमेर से जोधपुर के लिए रवाना हुई थी। करीब 20 किलोमीटर दूर रास्ते में थईयात गांव के पास अचानक बस के पिछले हिस्से में धुआं उठने लगा। देखते ही देखते आग ने पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण और राहगीर मौके पर पहुंचे। राहत कार्य शुरू किया। लोगों ने दमकल विभाग और पुलिस को सूचना दी। झुलसे यात्रियों को तीन एंबुलेंस से जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल लेकर गए। राहत और बचाव कार्य जारी फिलहाल जिला प्रशासन जैसलमेर की ओर से इस दर्दनाक घटना पर दुख व्यक्त किया गया है। जिला प्रशासन ने कहा कि जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी बस में आज अचानक आग लग जाने की दुखद घटना सामने आई है। जिला प्रशासन घटना की जानकारी मिलते ही सक्रिय हो गया है तथा राहत एवं बचाव कार्य तत्परता से किए जा रहे हैं। प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और यात्रियों की सहायता में जुटी हुई हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत एवं चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। घायलों का श्री जवाहिर चिकित्सालय में डॉक्टरों के द्वारा तत्परता से उपचार किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने कहा, जनता से अपील की जाती है कि इस घटना से संबंधित वे किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबरों 9414801400, 8003101400, 02992-252201 और 02992-255055 पर संपर्क करें। जिला प्रशासन स्थिति पर निरंतर नजर बनाए हुए है एवं आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं।  

एडिशनल चार्ज पर मिलने लगेगा अतिरिक्त कार्य भत्ता, वित्त विभाग ने किया स्पष्ट

जयपुर राजस्थान में वित्त विभाग ने एक अहम आदेश जारी किया है। प्रदेश में एडिशनल चार्ज के भार से जूझ रहे अधिकारियों को अब इसकी एवज में स्पेशल पे मिलेगी।  वित्त विभाग ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि ऐसे अधिकारी जो 6 महीने से अधिक समय तक किसी विभाग के HOD या सचिव स्तर के पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त कार्य भत्ता (Special Pay) दिया जाएगा। राजस्थान में कई सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों में प्रमुख पद अतिरिक्त चार्ज पर चल रहे हैं। ऐसे में कई अफसर अपने मुख्य काम के साथ कई विभागों के अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे हैं। यह आदेश राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 35 और 50 के तहत जारी किया गया है। आदेश के अनुसार, जब किसी अधिकारी को अपने नियमित पद के साथ-साथ किसी अन्य रिक्त पद का चार्ज सौंपा जाता है, तो उसे पद रिक्त होने की तिथि से छह माह तक विशेष वेतन दिया जाएगा। यदि छह माह के भीतर उस पद पर नियमित नियुक्ति नहीं होती, तो उस पद को आस्थगित (Keep in Abeyance) माना जाएगा। यानी बजट तैयार करते समय वित्त विभाग इस पद की अनिवार्य नहीं मानते हुए उसे खत्म भी कर सकता है। हालांकि, यह प्रावधान सचिव, प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसे वरिष्ठ पदों पर लागू नहीं होगा। इन उच्च पदों पर यदि छह माह से ज्यादा समय तक नियुक्ति नहीं होती है, तब भी उन्हें आस्थगित नहीं माना जाएगा और पूरी अवधि तक विशेष वेतन मिलता रहेगा। फिलहाल, प्रदेश के करीब 50 विभाग, बोर्ड और कॉर्पोरेशन ऐसे हैं जिनमें विभागाध्यक्ष (HOD) और वरिष्ठ पद अतिरिक्त चार्ज पर चल रहे हैं। यह आदेश उन सभी अधिकारियों पर भी लागू होगा जो वर्तमान में इस प्रकार के पदों का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। इस फैसले को दीपावली से पहले अधिकारियों के लिए प्रोत्साहन और आर्थिक राहत के रूप में देखा जा रहा है।