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AICC बैठक आज: नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पहले कांग्रेस का बड़ा प्रयोग

जयपुर राजस्थान में नए जिलाध्यक्षों की तैनाती के साथ ही कांग्रेस इस बार नया प्रयोग भी करने जा रही है। इसमें नव नियुक्त जिलाध्यक्षों को तीन महीने की 'प्रोबेशन' अवधि पर तैनाती दी जाएगी। इस दौरान नए जिलाध्यक्षों की फरफारमेंस का रिव्यू ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा गठित एक विशेष समिति करेगी। यह पहल ‘संगठन सृजन अभियान’ का हिस्सा है। इसके तहत राजस्थान में पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया था, जिन्होंने संभावित जिला अध्यक्षों पर फीडबैक एकत्र किया। इसके बाद बारां और झालवाड़ को छोड़कर 48 संगठनात्मक जिलों में से हर जिले के लिए 6-6 नामों का पैनल तैयार कर AICC को भेज दिया गया। पैनल में  तीन प्राथमिक और तीन आरक्षित वर्गों (SC, ST, अल्पसंख्यक या महिला) से होंगे, ताकि अगर किसी सीट पर सोशल इंजीनियरिंग के तहत निर्णय लेना हो तो उसका विकल्प भी मौजूद रहे।  बारां और झालावाड़ को उपचुनावों के कारण फिलहाल इसमें शामिल नहीं किया गया है। आज पैनल पर दिल्ली में चर्चा पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट अंतिम रूप दे चुके हैं और आज शुक्रवार को उनकी बैठक AICC महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, सांसद शशिकांत सेंथिल, और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ होगी। ये नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विपक्ष के नेता टीकाराम जूली, और वरिष्ठ नेताओं अशोक गहलोत व सचिन पायलट से भी परामर्श करेंगे। खरा नहीं उतरे तो 3 महीने में छुट्टी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह प्रणाली सार्थक है; बस इसे समझने और धैर्य रखने की जरूरत है। नए फॉर्मेट के तहत जिला अध्यक्ष को तीन माह की प्रोबेशन पर रखा जाएगा और विशिष्ट जिम्मेदारियां दी जाएंगी। प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं हुआ तो उन्हें बदला जा सकता है।” पार्टी का यह कदम राजस्थान में संगठन को मज़बूत करने और आने वाली राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। विवादों में रहा फीडबैक कार्यक्रम हालांकि, यह फीडबैक प्रक्रिया विवादों से अछूती नहीं रही। कई जिलों में गुटबाजी, नियम उल्लंघन, तीखी बहस और यहां तक कि मारपीट की घटनाएं सामने आईं। अजमेर में पोस्टर विवाद से लेकर जालोर, करौली, डूंगरपुर और कोटा में गहलोत-पायलट खेमों के बीच टकराव तक ने पार्टी में आंतरिक तनाव को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के नए फॉर्मूले के तहत पारदर्शिता की वकालत की, वहीं पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना जैसे नेताओं ने इस प्रक्रिया में पक्षपात के आरोप लगाते हुए असहमति जताई। यह सब दर्शाता है कि संगठन सृजन अभियान कांग्रेस में नई ऊर्जा के साथ-साथ पुराने अंतर्विरोधों को भी उजागर कर रहा है।  

कार्बाइड गन पर रोक: भोपाल-इंदौर-ग्वालियर में आदेश जारी, 300 से ज्यादा लोगों की आंखें झुलसीं

भोपाल/ इंदौर /ग्वालियर  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और ग्वालियर और इंदौर जिले में घातक कैल्शियम कार्बाइड गन के कारण बच्चों की आंखों को हुए नुकसान के बाद दोनों जिलों के कलेक्टरों ने कार्बाइड गन पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है.  भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश में जारी किया है कि कोई भी प्रतिबंधनात्मक पटाखा, आतिशबाजी, लोहा स्टील या पीवीसी पाइपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर तेज आवाज  करने वाले अवैध पटाखे (कार्बाइड गन) नहीं बनाएगा. इकट्ठा नहीं करेगा और खरीद बेच भी नहीं सकेगा.  कलेक्टर ने कहा है कि यह अवैध संशोधित पटाखा आम नागरिकों की सुरक्षा, शांति और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, इसलिए इसके वितरण या प्रदर्शन पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. एसडीएम, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी इस आदेश का सख्ती से पालन करवाएंगे.  दिवाली 2025 में नए पटाखे की खोज में सोशल मीडिया ने बंदर भगाने के देसी जुगाड़ को वायरल कर दिया। इसी जुगाड़ सिस्टम “कार्बाइड गन” को लेकर दो साल पहले यानी 2023 में ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) भोपाल ने चेतावनी दी थी। संस्थान के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में बताया था कि कैल्शियम कार्बाइड और पानी के केमिकल रिएक्शन से बनने वाली गैस 'एसिटिलीन' सिर्फ धमाका नहीं करती, बल्कि आंखों की रोशनी तक छीन लेती है। यह स्टडी इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी में प्रकाशित भी हुई थी। इसके बाद भी समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए। यही वजह है कि अब तक भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों में लगभग 162 लोग इस कार्बाइड गन से घायल होकर आ चुके हैं। इन सभी मरीजों की आंखें जली हैं। उन्हें देखने में परेशानी हो रही है। देसी कार्बाइड गन से प्रदेशभर में अब तक 300 लोगों की आंखों में जलन के मामले सामने आ चुके हैं। ग्वालियर, इंदौर, विदिशा समेत कई जगहों पर ऐसी घटनाओं में 7 से 14 साल तक के बच्चे प्रभावित हुए हैं। भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में कार्बाइड पाइप गन बेचने, खरीदने और स्टॉक पर रोक लगा दी गई है। भोपाल और ग्वालियर में गन बेचते मिले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सिर्फ वार्म व्हाइट लाइट का गोला दिख रहा करीब 50 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिन्हें आंखों के सामने सिर्फ वार्म व्हाइट लाइट का गोला ही नजर आ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, इन मरीजों की आंखों की रोशनी फिलहाल जा चुकी है। अब एमनियोटिक मेम्ब्रेन इंप्लांट और टिशू ग्राफ्टिंग जैसी प्रक्रिया से आंखों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, अंतिम उपाय कॉर्निया ट्रांसप्लांट ही होगा, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी कॉर्निया मिलना मुश्किल है। डिप्टी सीएम घायल बच्चों से मिलने पहुंचे उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे हमीदिया अस्पताल पहुंचकर कार्बाइन गन से घायल युवाओं और बच्चों का हाल जाना। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके उपचार की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। शुक्ला करीब एक घंटे तक अस्पताल में रहे। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि दुर्घटना में घायल कुल 37 मरीजों में से 32 को जरूरी इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। 5 मरीजों का उपचार अभी जारी है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से पटाखा निर्माण या विस्फोटक सामग्री रखने वालों की सघन जांच की जा रही है। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के पास बच्चों के आंकड़े नहीं अलग-अलग अस्पतालों से आई जानकारी के अनुसार भोपाल में अब तक कार्बाइड गन से प्रभावित लोगों के 162 केस सामने आए हैं। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग अब तक अलर्ट नहीं हुआ है। हालत यह है कि विभाग ने आधिकारिक आंकड़ा तक जारी नहीं किया है। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा को फोन किया गया तो उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में होने की बात कही। ग्वालियर में भी कलेक्टर ने लगाई रोक  ग्वालियर जिले में भी कलेक्टर रुचिका चौहान ने भी कार्बाइड गन के निर्माण, खरीदने, बेचने और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. उन्होंने अपने आदेश में जिक्र किया कि कार्बाइड गन में उपयोग होने वाला कार्बाइड और पानी का मिश्रण एसिटिलीन गैस पैदा करता है, जो आंखों के साथ-साथ दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए घातक होता है. आदेश के बाद जिला प्रशासन की टीमों ने भितरवार, लोहिया बाजार, नया बाजार बाड़ा, हीरा वेल्डिंग सेंटर एरिया में कार्बाइड गन की जांच शुरू कर दी है.  आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और अन्य एक्ट के तहत एक्शन लिया जाएगा. ग्वालियर प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अवैध रूप से कार्बाइड गन के निर्माण, खरीदने, बेचने और इस्तेमाल की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम के फोन नं 0751-7049101029, 0751-2363636 व 0751-2445333 पर दें.  

खनिज संसाधनों का विवेकपूर्ण दोहन – आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम

रायपुर : हरित विकास और आर्थिक समृद्धि का छत्तीसगढ़ मॉडल खनिज संसाधनों का विवेकपूर्ण दोहन – आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम वन संरक्षण और खनन का संतुलन: विकास के साथ हरियाली का विस्तार खनिजों से चमक रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था – खनिज राजस्व में 34 गुना की ऐतिहासिक वृद्धि रायपुर, छत्तीसगढ़ यह नाम अब केवल हरियाली और संस्कृति का पर्याय नहीं रहा, बल्कि भारत की खनिज राजधानी के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है। देश के कुल खनिज भंडार का बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ की धरती में छिपा है। यही कारण है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में खनिजों का योगदान लगातार बढ़ रहा है और प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद जीएसडीपी में खनिज क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 10 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है। राज्य गठन के समय खनिज राजस्व 429 करोड़ रूपए था, जो अब बढ़कर 14 हजार 592 करोड़ हो गया है। 25 साल में राज्य का खनिज राजस्व में 34 गुना बढ़ गया है। वन एवं पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 1980 से अब तक वनसंरक्षण अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में केवल 28 हजार 700 हेक्टेयर भूमि ही खनन के लिए दी गई है, जो कि राज्य के वन क्षेत्र 59.82 लाख हेक्टेयर का 0.47 प्रतिशत और राज्य के कुल भू-भाग 135 लाख हेक्टेयर का 0.21 प्रतिशत है। खनन क्षेत्र में कटाई के साथ 5 से 10 गुना वृक्षारोपण को अनिवार्य किए जाने से राज्य के वन क्षेत्र में 68 हजार 362 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार देश में सर्वाधिक है। खनिज राजस्व से न केवल प्रदेश को आर्थिक संबल मिल रहा है, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार खनिज संपदा के दोहन को पर्यावरणीय संतुलन और जनहित से जोड़कर “खनिज से विकास” की नई परिभाषा गढ़ रही है। छत्तीसगढ़ के प्रमुख खनिजों में से महत्वपूर्ण कोयला, ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। राज्य में कोयले का भंडारण 74,192 मिलियन टन है, जो देश के कोयल भण्डार का लगभग 20.53 प्रतिशत है। कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य की देश में 20.73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। देश के कोयला उत्पादक राज्यों में छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान है। प्रदेश के कोयले का उपयोग ताप विद्युत संयंत्रों, सीमेंट, इस्पात और कोयला आधारित मध्यम व लघु उद्योगों में किया जा रहा है। ऊर्जा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता में छत्तीसगढ़ का योगदान पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। लौह अयस्क देश के इस्पात उद्योग की रीढ़ है, जो छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में विद्यमान है। कबीरधाम से लेकर दल्लीराजहरा से होते हुए दंतेवाड़ा बैलाडीला तक फैली पर्वत श्रृंखलाओं में 4,592 मिलियन टन लौह अयस्क भंडार मौजूद है, जो राष्ट्रीय भंडार का 19.09 प्रतिशत है। राष्ट्रीय उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 16.64 प्रतिशत है। एनएमडीसी की बैलाडीला खदानें (दंतेवाड़ा) और दल्ली-राजहरा खदानें (बालोद) देश के इस्पात उद्योगों की जीवनरेखा हैं। यहां से भिलाई इस्पात संयंत्र और देशभर के उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क मिलता है। लौह अयस्क उत्पादन में छत्तीसगढ़ का देश में द्वितीय स्थान है। छत्तीसगढ़ में 992 मिलियन टन बाक्साइट भंडार है, जो देश का 20 प्रतिशत है। राष्ट्रीय उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 4.3 प्रतिशत है। सरगुजा, बलरामपुर और कबीरधाम जिलों में हिन्डाल्को, वेदांता और सीएमडीसी जैसी कंपनियाँ सक्रिय हैं। बाक्साइट से निर्मित एल्युमिनियम ऊर्जा, निर्माण और रक्षा उद्योग के लिए अहम है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का मेरुदंड है। राज्य में 13,211 मिलियन टन चूना पत्थर का भंडार है, जो देश के कुल भंडार का 5.8 प्रतिशत है। राष्ट्रीय उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 11 प्रतिशत है। बलौदाबाजार, रायपुर, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में अल्ट्राटेक, एसीसी, अम्बुजा, सीमेंट, ग्रासिम जैसे संयंत्र कार्यरत हैं। बलौदाबाजार को अब ‘सीमेंट हब’ कहा जाता है। देश का 100 प्रतिशत टिन उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। सामरिक महत्व के टिन अयस्क का यहां 30 मिलियन टन का भंडार उपलब्ध है। दंतेवाड़ा और सुकमा में मिलने वाला यह खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसे अनुसूचित जनजाति की सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय करने का प्रावधान राज्य सरकार ने लागू किया है। राज्य में 992 मिलियन टन डोलोमाइट भंडार मौजूद है, जो राष्ट्रीय भंडार का 20 प्रतिशत है। मुख्यतः रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में पाया जाता है। यह खनिज इस्पात उद्योग में फ्लक्स मटेरियल के रूप में उपयोगी है। गरियाबंद जिले के बेहराडीह और पायलीखंड क्षेत्रों में हीरा का प्रमाणित भंडार है। बलौदाबाजार जिले के सोनाखान क्षेत्र में 2780 किलोग्राम स्वर्ण भंडार के अतिरिक्त जशपुर, महासमुंद और कांकेर जिलों में भी स्वर्ण और हीरा खनिज की संभावनाएं पाई गई हैं। छत्तीसगढ़ में गौण खनिजों की भी बड़ी भूमिका है। राज्य में 37 प्रकार के गौण खनिज जैसे-रेत, मुरम, ईमारती पत्थर, साधारण मिट्टी, निम्न श्रेणी चूना पत्थर, डोलोमाइट और ग्रेनाइट की खुदाई लगभग हर जिले में होती है। रेत और मिट्टी का उपयोग सड़क, भवन और पुल निर्माण में व्यापक रूप से किया जा रहा है। गौण खनिजों से राज्य को स्थानीय राजस्व, रोजगार और पंचायत निधि का बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है। जिला पंचायतों और नगर निकायों को इन खनिजों से प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है, जिससे ग्रामीण विकास कार्यों को गति मिलती है। खनिज विकास के साथ-साथ राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और खनन प्रभावित इलाकों के पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया है। डीएमएफ के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़कों जैसी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। खनिज विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन का जो उदाहरण छत्तीसगढ़ ने प्रस्तुत किया है, वह आज पूरे देश के लिए एक सस्टेनेबल ग्रोथ मॉडल बन गया है। यहां विकास और हरियाली विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि नीति में दूरदृष्टि और क्रियान्वयन में संवेदनशीलता हो, तो खनिज संपदा केवल भूमि की गहराई में नहीं, बल्कि जनजीवन की समृद्धि में भी झलक सकती है।

रीवा : पत्नी बोली- फ्लोर खून से सन गया, तो धो दिया; हेडकांस्टेबल की बर्बरता का सच सामने आया

रीवा  एक ऐसा मामला जिसने रीवा पुलिस विभाग और पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। हेड कॉन्स्टेबल राजीव वर्मा पर अपनी पत्नी सावित्री बर्मन के खिलाफ गंभीर घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के आरोप लगे हैं। आरोप है कि दीपावली से ठीक पहले, राजीव ने सावित्री को जानवरों जैसी बर्बरता से पीटा और दो बार गर्भपात भी कराया। इसके साथ ही, उसने घर के सीसीटीवी फुटेज को डिलीट कर सबूत मिटाने की कोशिश की। आखिर क्यों पीड़िता ने पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई? सावित्री बर्मन ने बताया कि पति राजीव वर्मा ने आए दिन उसे डंडों और बेल्ट से पीटा। गंभीर चोट लगने के बावजूद उसे अस्पताल जाने नहीं दिया। पीड़िता ने कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। डर और चोट से जूझते हुए उसने आखिरकार 22 अक्टूबर को एसपी के पास जाकर पूरी कहानी बताई। क्या सच में पुलिसकर्मी ने पत्नी को बांधकर पीटा? सावित्री के अनुसार, दीपावली से एक दिन पहले ही राजीव ने उन्हें और उनके परिवार को धमकाया। घर में पूजन सामग्री नहीं थी और उसने पूजन के लिए सामान मांगने पर सावित्री को बेरहमी से पीटा। उसने गाल पर चांटे मारे, पीठ और कमर पर डंडों से हमला किया और पैरों में इतनी मार की कि चलना मुश्किल हो गया। सिर पर डंडा लगने से खून बहने लगा। दीपावली के एक दिन पहले डंडे से पीटा पीड़िता ने बताया- दीपावली के एक दिन पहले पति राजीव वर्मा, मेरी सास के साथ सतना शहर स्थित अपने घर जा रहे थे। घर में दीपावली के लिए न तो कोई पूजन सामग्री थी और न ही राशन। मैंने कहा कि मुझे भी अपने साथ सतना ले चलिए। भले फिर वहां से पन्ना अपने मायके चली जाऊंगी। यदि साथ नहीं ले जाना चाहते तो यहीं पर पूजन और खाने-पीने की सामग्री की व्यवस्था कर दो। इतना सुनते ही राजीव आगबबूला हो गया। उसने कहा कि इस घर में पूजा पाठ करना या मुझसे इस तरह की बात करना तेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। तूने इतनी बात करने की हिम्मत कैसे की। इतना कहकर मुझे पीटने लगा। पहले गाल पर चांटे मारे और फिर डंडे पीठ पर बरसाए। इसके बाद कमर पर ऐसे डंडे मारे, जैसे पुलिस किसी अपराधी को मारती है। पीड़िता बोली- धोखा देकर गर्भ को नष्ट कराया सावित्री बोली- राजीव आदमी के वेश में दरिंदा है। उसने मेरे पेट में पल रहे ढाई माह के गर्भ को भी नहीं छोड़ा। झूठ बोलकर गलत दवाइयां खिलाईं। मेरा गर्भ नष्ट करवा दिया। यह बात अभी अक्टूबर माह की ही है। इसके पहले भी जब शादी के कुछ महीनों बाद मैं गर्भवती हुई तो उसने इसी तरह धोखा देकर मेरे गर्भ को नष्ट करवा दिया था। एक औरत के लिए मां बनना बहुत बड़ी बात होती है, पर इसने मुझसे वह सम्मान भी दो बार छीन लिया। उसे लात भी मारनी होती थी तो पेट पर मारता था। इसे पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भले माफ कर दें, लेकिन भगवान कभी माफ नहीं करेंगे। इतना ही नहीं, बाल खींचे और फिर पैरों में भी इतनी बुरी तरह मारा कि मैं चल तक न पाऊं। अचानक सिर पर डंडा मारा, जिससे सिर फट गया और खून की धार निकलने लगी। कुछ ही देर में मैं बेहोश हो गई। पति ने मुझे जिस तरीके से पीटा, वैसा सलूक तो कोई जानवर के साथ भी नहीं करता है। क्यों हुआ दो बार गर्भपात? सावित्री ने बताया कि राजीव ने दो बार धोखे से उसका गर्भपात करवाया। पहली बार जब शादी के कुछ महीने बाद वह गर्भवती हुई और दूसरी बार अभी अक्टूबर में। राजीव ने उसे गलत दवाइयां देकर गर्भ नष्ट करवा दिया। पीड़िता ने कहा, "एक औरत के लिए मां बनना बहुत बड़ी बात होती है, पर इसने मुझसे वह सम्मान भी दो बार छीन लिया।" CCTV फुटेज और खून से सने फ्लोर की कहानी राजीव ने घर में हॉल से लेकर कमरे तक सीसीटीवी कैमरे लगवाए, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। सावित्री ने बताया कि मारपीट के समय फर्श खून से सना था। राजीव ने सीसीटीवी मेमोरी कार्ड निकालकर फुटेज डिलीट कर दिए और फर्श को साफ कर दिया। क्या पुलिस विभाग अब कार्रवाई करेगा? सावित्री ने बताया कि FIR दर्ज होने के बाद भी विभाग ने राजीव वर्मा के निलंबन या सेवा से पृथक करने का कोई आदेश नहीं दिया। पीड़िता का कहना है कि यदि वह पुलिसकर्मी नहीं होता, तो क्या यह सब होता? सावित्री ने डर के साथ कहा, "शायद कल मेरी हत्या के बाद ही पुलिस जागेगी,"  क्या डर से महिला ने शहर छोड़ दिया? सावित्री ने पुलिस में FIR दर्ज कराने के बाद डर के मारे रातों-रात पन्ना अपने मायके चली गई। उसने बताया कि राजीव धमकाते थे कि अगर शिकायत की तो परिवार को भी नुकसान होगा। कई दिनों तक उसे बंधक बनाकर भूखा रखा गया। क्या सावित्री को न्याय मिलेगा? सावित्री का कहना है कि राजीव ने शादी से पहले एक टीचर से शादी की थी और तलाक के बाद यह बात छिपाई। उसने धमकाया कि अगर वह शिकायत करेगी, तो परिवार को नुकसान होगा। पीड़िता अब पन्ना अपने मायके में सुरक्षित है। न्यायालय ने पहले भी उसके पक्ष में फैसला दिया था और उसे 7 हजार रुपए महीना खर्चा देने का आदेश दिया गया था। राजीव का पक्ष: क्या पत्नी ने भी कुछ गलत किया? राजीव वर्मा का दावा है कि सावित्री का पहले अफेयर था। उन्होंने कहा कि शादी के समय इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी गई। उनका आरोप है कि पत्नी उनके माता-पिता के साथ गलत व्यवहार करती थी। पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया एडिशनल SP आरती सिंह ने कहा कि मामले की विभागीय जांच जारी है, FIR दर्ज हो चुकी है। अभी तक राजीव वर्मा का निलंबन नहीं हुआ। सावित्री का कहना है कि विभाग शायद महिला को न्याय देने में गंभीर

मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो बंदी लापता, प्रशासन में मचा हड़कंप

अम्बिकापुर छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो कैदियों के फरार होने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड में कैदी दिवाली की रात तीन बजे सुरक्षाकर्मियो को चकमा देकर फरार हो गए थे। इस मामले में जिले के एसपी ने नाराजगी जाहिर करते हुए बंदी की देखरेख में शामिल दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।   दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो कैदी दीवाली के दिन फरार हो गए थे। यह घटना देर रात करीब तीन बजे की समीप की बताई जा रही थी, उस वक्त दोनों ने ही सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गए थे।  इस वारदात से जेल प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

डॉ. रोहिणी का बड़ा बयान: समाज को दिखाएंगी सच्चाई, चंद्रशेखर ‘रावण’ को उजागर करने की तैयारी

इंदौर  उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण पर गंभीर आरोप लगाने वाली इंदौर की डॉ. रोहिणी घावरी ने एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए उन पर निशाना साधा है। गुरुवार को की गई दो अलग-अलग पोस्ट में रोहिणी ने दावा किया कि वह जल्द ही कुछ "सच्चाई" सबके सामने लाएंगी। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक करोड़ रुपये के ईनाम की घोषणा करते हुए चैलेंज दिया है कि उनके द्वारा पेश किए जाने वाले सबूतों को कोई AI या फेक (फर्जी) साबित करके दिखाए। सोशल मीडिया पर दी खुली चुनौती डॉ. रोहिणी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "कल जो सच्चाई मैं समाज को दिखाऊंगी, उसे AI या फेक साबित करने वाले को 1 करोड़ का इनाम। पूरी कोशिश कर लेना, लेकिन सच छुपा नहीं पाओगे। कल से उल्टी गिनती शुरू फर्जी नेता की।" अपनी एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि एक "गंदे आदमी" ने बहन मायावती और कांशीराम के पवित्र रिश्ते पर सवाल उठाए थे। रोहिणी पहले भी कई बार इन आरोपों को लेकर चंद्रशेखर आजाद को घेर चुकी हैं। "बसपा सुप्रीमो बनना चाहता था चंद्रशेखर" डॉ. रोहिणी ने स्पष्ट किया कि उनकी दोनों पोस्ट चंद्रशेखर आजाद रावण को लेकर ही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर, बहन मायावती के प्रति "गंदी सोच" रखता है और उसने मायावती व स्वर्गीय कांशीराम के रिश्ते पर कई बार अनर्गल टिप्पणियां की हैं। रोहिणी ने दावा किया, "वह (चंद्रशेखर) आजाद पार्टी का विलय बसपा में कर खुद बसपा सुप्रीमो बनना चाहता था। मेरे पास इसके वीडियो प्रूफ हैं। मैं जल्द ही लोगों के सामने रखूंगी।" तैयार कर रहीं 1000 महिलाओं की गैंग जनपावर मिशन की प्रमुख डॉ. रोहिणी घावरी ने यह भी बताया कि वह "धोखेबाजों से लड़ने और स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए" एक हजार महिलाओं की एक गैंग (समूह) तैयार कर रही हैं। उन्होंने अन्य महिलाओं से भी इस अभियान से जुड़ने की अपील की है। पहले दे चुकी हैं सुसाइड की धमकी यह पहली बार नहीं है जब रोहिणी ने सोशल मीडिया पर इस तरह की चेतावनी दी है। इससे पहले वह X (पूर्व में ट्विटर) पर सुसाइड की धमकी दे चुकी हैं। तब उन्होंने 4 घंटे के भीतर तीन पोस्ट किए थे, जिसमें एक पोस्ट में चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और बच्चे की तस्वीर लगाकर उन्हें अपना जीवन बर्बाद करने का आरोपी बताया था और "जहर खाने" की बात कही थी। उस पोस्ट में उन्होंने पीएम मोदी और पीएमओ को टैग करते हुए लिखा था कि उनकी लाश भी भारत वापस न लाई जाए। क्या है पूरा विवाद? इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली एक सफाईकर्मी की बेटी डॉ. रोहिणी घावरी 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान वह चंद्रशेखर के संपर्क में आईं और दोनों कथित तौर पर तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे। लगभग तीन महीने पहले रोहिणी ने सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में भी शिकायत दर्ज कराई थी। डॉ. रोहिणी घावरी वर्तमान में स्विट्जरलैंड में जॉब कर रही हैं और अपना एनजीओ भी चला रही हैं। 

दिवाली से पहले खुशखबरी! हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों का बढ़ा महंगाई भत्ता

पंचकूला हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकारी कर्मचारियों को दीवाली गिफ्ट दिया है। सरकार ने उनके महंगाई भत्ते में इजाफा किया है। इसके साथ ही राज्य के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। महंगाई भत्ता एवं राहत की दर 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दी गई है, जो 1 जुलाई, 2025 से प्रभावी होगी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व भी है, द्वारा इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया गया है। बढ़ी हुई दरों के अनुसार महंगाई भत्ते/राहत का भुगतान अक्टूबर, 2025 के वेतन और पेंशन के साथ किया जाएगा, जबकि जुलाई से सितंबर, 2025 तक का एरियर नवंबर माह में दिया जाएगा।  

चित्रों में श्रद्धांजलि: कोरबा के बच्चों ने याद किए शहीदों को

 कोरबा पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन कोरबा के सामुदायिक भवन में चित्रकला प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पुलिस परिवार के द्वारा आयोजित गया एसपी कोरबा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा की गरिमामयी उपस्थिति में विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। पुलिस परिवार के बच्चों ने शहीद जवानों के बलिदान, वीरता और कर्तव्यनिष्ठा को अपने रंगीन चित्रों में जीवंत किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य नई पीढ़ी में शहीदों के प्रति श्रद्धा और पुलिस बल के योगदान के प्रति सम्मान जगाना था। रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा ने पुरस्कार वितरण करते हुए कहा, “बच्चों की यह रचनाएँ न केवल कला का प्रदर्शन हैं, बल्कि शहीदों की अमर गाथा को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम भी हैं।” कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधिकारियों, जवानों और परिवारजनों ने शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा ने बताया कि इस तरह के आयोजन करने का उद्देश्य केवल और केवल युवाओं को और बच्चों को देश के लिए शहीद हुए जवानों के बारे में उनकी शहादत के बारे में जानकारी देना है ताकि आने वाला पीढ़ी उनसे अवगत हो। इस आयोजन में पुलिस परिवार के लगभग 30 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया और अपनी कला के माध्यम से शहीद हुए जवानों को प्रदर्शित किया। छोटे-छोटे बच्चों ने चित्रकला के माध्यम से अलग-अलग रूपों में चित्रकला का प्रदर्शन किया। जिसमें भारत माता की तस्वीर, शहीद हुए जवानों की और शहीद हुए नेताओं को प्रदर्शित किया।

सिर्फ 5 महीने में BSF में प्रमोशन पाकर यूपी की शिवानी बनी मिसाल

दादरी आज के समय में लड़कियां बढ़-चढ़कर डिफेंस सेक्टर में शामिल हो रही हैं और काफी अच्छा कर रही हैं. वहीं इन दिनों उत्तर प्रदेश की एक बेटी अभी काफी चर्चा में हैं. उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में शामिल होने के पांच महीने के अंदर ही प्रमोशन पा लिया. ऐसा कहा जा रहा है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पूरे छह दशक के इतिहास में पहली बार किसी के ज्वॉइनिंग के बाद इतनी जल्दी किसी को प्रमोशन दिया है.  यूपी की बेटी ने रचा इतिहास  उत्तर प्रदेश में दादरी की रहने वाली शिवानी ने BSF में इतनी तेजी से पहचान हासिल करने वाली पहली महिला कांस्टेबल के रूप में इतिहास रच दिया है. वे बढ़ई की बेटी हैं. वे अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जो भारत के डिफेंस सेक्टर में अपनी सेवा दे रही हैं.  विश्व वुशु चैंपियनशिप में जीता रजत पदक  दरअसल, 31 अगस्त से 8 सितंबर 2025 तक ब्राजील में आयोजित 17वीं विश्व वुशु चैंपियनशिप (World Wushu Championship 2025) में रजत पदक जीतने के बाद शिवानी को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन मिला है. BSF के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने सीमा सुरक्षा बल के एक शिविर में कांस्टेबल शिवानी की खाकी वर्दी पर हेड कांस्टेबल का रिबन लगाया और उनके प्रमोशन की घोषणा की.  बीएसएफ कांस्टेबल को प्रमोशन मिलने में कितना वक्त मिलता है?  बीएसएफ कांस्टेबल को प्रमोशन मिलने में आमतौर पर 15-18 वर्ष का समय लगता है. हालांकि, शिवानी ने महज 21 साल की उम्र में BSF हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन पाकर इतिहास रच दिया है.  स्वर्ण पदक जीतने की तैयारी शिवानी ने इसी साल (2025) में जून महीने में बीसीएफ ज्वॉइन किया था. वे हर दिन करीब 4 घंटे ट्रेनिंग लेती हैं. उन्होंने 2025 के विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. वहीं उनका अगला गोल विश्व कप है और वे इसकी तैयारी कर रही हैं. वे स्वर्ण पदक जीतने की तैयारी करेंगी.  

सीएम भगवंत मान का बड़ा ऐलान: बेरोजगार युवाओं को मिलेगी नौकरी, खुलेंगे नए अवसर

पंजाब  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार युवाओं को नौकरी मांगने वालों की बजाय नौकरी देने वाला बनाकर उनकी तकदीर बदलने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। यहां शहीद सूबेदार मेवा सिंह स्कूल ऑफ एमिनेंस के विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब में शैक्षिक क्रांति के एक नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने एक बयान में कहा कि यह क्रांति छात्रों को प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करके और उन्हें जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाकर वांछित परिणाम दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने 2022 में ‘‘शिक्षा क्रांति'' शुरू की है ताकि पंजाब के बच्चों को अपने सपनों को हकीकत में बदलने और जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिल सके। मान ने दावा किया कि अतीत पर नजर डालने पर यह देखना वास्तव में निराशाजनक है कि कैसे दोषपूर्ण नीतियों के कारण गरीब बच्चों को शिक्षा के उनके अधिकार से वंचित किया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ‘‘क्रांतिकारी'' कदम उठाए हैं, जिनकी देशभर में व्यापक सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 231.74 करोड़ रुपये के निवेश से 118 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' स्थापित किए जा रहे हैं। मान ने कहा कि इन स्कूलों को वंचित बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक उल्लेखनीय शुरुआत माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में विद्यार्थियों को निःशुल्क वर्दी उपलब्ध कराई जा रही है तथा विशेषकर लड़कियों के लिए निःशुल्क बस सेवा की व्यवस्था की गई है, ताकि एक भी लड़की शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रह जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को नीट, जेईई और एनआईएफटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत गर्व की बात है कि 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' और अन्य सरकारी स्कूलों से 265 छात्रों ने जेईई मेन्स, 44 ने जेईई एडवांस और 848 छात्रों ने नीट में सफलता प्राप्त की।