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GST : पिछले 5 साल में डबल हो गया कलेक्शन, 2024-25 में रिकॉर्ड ₹22.08 लाख करोड़ आया टैक्स

नई दिल्ली देश में 1 जुलाई 2025 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लागू हुए 8 साल हो जाएंगे। यह 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 5 साल में GST कलेक्शन दोगुना हो चुका है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। यह एक साल पहले के कलेक्शन के मुकाबले 9.4 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2020-21 में GST कलेक्शन का आंकड़ा 11.37 लाख करोड़ रुपये था। आंकड़ों की मानें तो वित्त वर्ष 2024-25 में GST का एवरेज मंथली कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 1.68 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.51 लाख करोड़ रुपये था। 5 सालों के आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल GST कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान GST कलेक्शन बढ़कर 14.83 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में यह 18.08 लाख करोड़ रुपये, 2023-24 में 20.18 लाख करोड़ रुपये और 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। GST ने देश में इनडायरेक्ट टैक्सेज के मकड़जाल को हटाकर उसकी जगह एक सिंगल इंटीग्रेटेड सिस्टम को स्थापित किया। हाल ही में आई डेलॉइट की ‘GST@8’ टाइटल वाली रिपोर्ट में GST के लिहाज से पिछले वर्ष को बेहद ही सफल करार दिया गया है। GST के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर बढ़कर 1.51 करोड़ GST के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 2017 में 65 लाख थी। 8 साल में यह बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो गई है। एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘लागू होने के बाद से, जीएसटी ने रेवेन्यू कलेक्शन और टैक्स बेस को बढ़ाने में मजबूत वृद्धि दिखाई है। इसने भारत की राजकोषीय स्थिति को लगातार मजबूत किया है और इनडायरेक्ट टैक्सेशन को अधिक एफिशिएंट और पारदर्शी बनाया है।’’ GST परिषद तय करती है दरें भारत में GST की दरें GST परिषद तय करती है। इस परिषद में केंद्र और राज्य या केंद्र-शासित प्रदेश की सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। GST में रेट के वर्तमान में 4 स्लैब हैं- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। ये दरें देशभर में ज्यादातर सामान और सेवाओं पर लागू होती हैं। इन स्लैब्स के अलावा 3 विशेष दरें भी हैं- – सोना, चांदी, हीरे और ज्वैलरी पर 3 प्रतिशत – कटे और पॉलिश किए गए हीरे पर 1.5 प्रतिशत – कच्चे हीरे पर 0.25 प्रतिशत। तंबाकू प्रोडक्ट्स, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और मोटर व्हीकल जैसे चुनिंदा सामानों पर GST की अलग-अलग दरों के साथ GST कंपंजेशन सेस भी लगाया जाता है। इस सेस का इस्तेमाल राज्यों को GST सिस्टम को अपनाने के चलते रेवेन्यू में होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है। खर्च में 4% बचत सरकारी बयान में कहा गया, 'GST कंस्यूमर फ्रेडली रिफॉर्म है। कई टैक्सेज को हटाने और नियमों का पालन आसान बनाए जाने से ऐवरेज टैक्स रेट घटे हैं। इससे टैक्स बेस बढ़ा है और सरकार को कई जरूरी चीजों पर रेट घटाने में मदद मिली है।' इसके मुताबिक, 'अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाइयों पर अब कम टैक्स रेट लग रहा है। फाइनैंस मिनिस्ट्री की एक स्टडी के मुताबिक, जीएसटी से परिवारों को अपने नासिक खर्च में कम से कम 4% बचत करने में मदद मिली है। उपभोक्ता अब दैनिक जरूरतों पर कम खर्च करते हैं।" लगातार सेंटिमेंट में सुधार सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'डेलॉयट की हाल में आई GST@8 रिपोर्ट में पिछले साल को जीएसटी के लिए ब्लॉकबस्टर बताया गया। इसमें कहा गया कि सरकार के समय पर किए गए सुधारों, टैक्सपेयर्स के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों और जीएसटी पोर्टल को अपग्रेड किए जाने से यह सफलता मिली।' डेलॉयट के इसी सर्वे का हवाला देते हुए कहा गया कि उद्योग जगत के 85% लोगों ने अपने सकारात्मक अनुभव की जानकारी दी है। बयान में कहा गया, 'लगातार चौथे साल सेंटिमेंट में सुधार हुआ है। जीएसटी के 8 साल पूरे जीएसटी लागू होने के 8 साल पूरे हो गए हैं. 1 जुलाई 2017 को इसे लॉन्च किया गया था. इसके तहत 17 अलग-अलग स्थानीय टैक्स और 13 उपकरों (cesses) को मिलाकर पांच टैक्स स्लैब बनाए गए, जिससे टैक्स सिस्टम सरल हुआ और व्यापारियों को भी राहत मिली. अप्रैल 2025 में जीएसटी वसूली ₹2.37 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, जो किसी भी महीने में अब तक की सबसे अधिक वसूली थी. मई 2025 में यह आंकड़ा ₹2.01 लाख करोड़ रहा. जून के आंकड़े 1 जुलाई को जारी किए जाएंगे. सरकार का कहना है कि जीएसटी ने भारत की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है और अब यह एक आधुनिक, डिजिटल और पारदर्शी टैक्स सिस्टम का उदाहरण बन चुका है.

अचानक बढ़े दिल के दौरे: एक जिले में एक माह में 18 की जान गई, जांच शुरू

कर्नाटक  कर्नाटक के हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने के मामलों में वृद्धि ने चिंता खड़ी कर दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बढ़ते मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञों से अध्ययन करवाने का आदेश दिया है। एक्स पर पोस्ट कर मंत्री ने कहा कि हासन जिले में एक महीने के भीतर दिल का दौरा पड़ने के आए 18 मामलों को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही विभाग के अधिकारियों को जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक के नेतृत्व में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों की जांच करवाने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।’ दिनेश गुंडू राव के अनुसार, राज्य सरकार ने हृदयाघात के मामलों को रोकने के लिए पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना शुरू की है। लेकिन, हाल में युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों पर गहराई से शोध करने की जरूरत है। हालांकि, बदलती जीवनशैली, खानपान और गैर-संचारी बीमारियों को दिल की समस्याओं का कारण माना जाता है, लेकिन हासन में सामने आए मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसका समाधान तलाशने के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम को रिसर्च करने और 10 दिन के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। हार्ट अटैक का कारण: दिल का दौरा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह रुक जाता है, खासतौर से कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण। यह रुकावट आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल, वसा या प्लाक के जमा होने से होती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान और मोटापा इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। तनाव, अनियमित जीवनशैली और अनुवांशिक कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं। हानिकारक आहार (जैसे अधिक तैलीय या प्रोसेस्ड भोजन) इसकी संभावना को और बढ़ाता है। दिल के दौरे के लक्षण: हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण छाती में तेज दर्द या भारीपन है, जो बांह, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है। सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना और चक्कर आना आम लक्षण हैं। कुछ लोगों को मतली, उल्टी या पेट में असहजता महसूस हो सकती है। थकान, कमजोरी या अचानक बेचैनी भी संकेत हो सकते हैं। लक्षण पुरुषों और महिलाओं में थोड़े भिन्न हो सकते हैं, जैसे महिलाओं में दर्द कम और थकान अधिक। दिल के दौरे से बचाव: स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों। नियमित व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखता है। धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें। नियमित स्वास्थ्य जांच से रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह को नियंत्रित करें। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और पूरी नींद लें।  

मस्क को वापस दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ेगा… ट्रंप की खुली धमकी, बोले- बंद हो जाएगी दुकान

वॉशिंगटन अरबपति एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लड़ाई बढ़ती जा रही है। 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को लेकर शुरू हुए विवाद में दोनों एक दूसरे को धमकियां दे रहे हैं। एलन मस्क के वन बिग ब्यूटीफुल बिल को घटिया बताने और नई पार्टी बनाने की बात कहने के बाद ट्रंप ने पलटवार किया है। ट्रंप ने एलन मस्क की कंपनियों की सब्सिडी में कटौती की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो मस्क को बिजनेस छोड़कर दक्षिण अफ्रीका वापस जाना पड़ जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कहा, 'एलन को शायद इतिहास में किसी भी इंसान से ज्यादा सब्सिडी मिलती है। बिना सब्सिडी के उनको अपनी दुकान बंद करके दक्षिण अफ्रीका जाना होगा। सब्सिडी रूकी तो फिर रॉकेट लॉन्च, सैटेलाइट या इलेक्ट्रिक कार उत्पादन नहीं हो सकेगा।' इतना ही नहीं ट्रंप ने DOGE के कामकाज की जांच की बात भी कह दी है, जिसका कमान उन्होंने प्रेसीडेंट बनने के बाद मस्क को सौंपी थी। ट्रंप ने मस्क को याद दिलाया जन्मस्थान डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को उनके कारोबार को चोट पहुंचाने की धमकी देने के साथ ही ये भी याद दिलाने की कोशिश की है कि वह अमेरिकी नहीं है। उन्होंने एलन मस्क को साउथ अफ्रीका लौटाने की बात कही है, जहां उनका जन्म हुआ था। मस्क साउथ अफ्रीका से कनाडा आए और फिर अमेरिका शिफ्ट हुए। हालांकि आज के समय में अमेरिका में उनका बड़ा कारोबार है और वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इस पोस्ट से पहले एलन मस्क ने कहा था कि अगर डोनाल्ड ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' अमेरिकी संसद में पास हुआ तो वह अगले ही दिन नई सियासी पार्टी बना लेंगे। मस्क ने ट्रंप के इस बिल की आलोचना करते हुए इसे गुलामी वाला विधेयक बताया है। दूसरी ओर ट्रंप इस बिल को अपनी सरकार की प्रतिष्ठा की तरह देख रहे हैं। ऐसे में यह डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच तनातनी की वजह बन गया है। वन बिग ब्यूटीफुल बिल और रार एलन मस्क ने बीते साल हुए चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रंप की जमकर मदद की थी। यहां तक कि उनको 'अमेरिका का असली राष्ट्रपति' जैसे नाम सोशल मीडिया पर मिले थे। हालांकि कुछ महीनों में ही दोनों के संबंधों में दरार आ गई। दोनों के बीच विवाद की बड़ी वजह वन बिग, ब्यूटीफुल बिल बना है, जिस पर दोनों खुलकर एक-दूसरे को कोस रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप का महत्वाकांक्षी 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' टैक्स कटौती, सेना का बजट बढ़ाने और अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए खर्च बढ़ाने से जुड़ा है। इस खर्च के बढ़ने का असर देश का स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है। इसी बात के लिए एलन मस्क समेत एक बड़ा एक वर्ग इस बिल की आलोचना कर रहा है।

कजाकिस्तान की सरकार की नकाब और हिजाब पर सख्ती, चेहरे ढकने पर प्रतिबंध

अस्ताना  कजाकिस्तान में महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर नकाब या चेहरे को ढकने वाला कपड़ा नहीं पहन सकेंगी। कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव ने सोमवार को इस कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कानून सार्वजनिक जगहों पर किसी को अपना चेहरा ढकने पर रोक लगाता है। सोवियत संघ का हिस्सा रहे कजाकिस्तान की सरकार का ये आदेश इसलिए ध्यान खींचता है क्योंकि देश की 70 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानने वाली है। दुनियाभर में मुस्लिम महिलाओं के बड़े हिस्से में हिजाब (चेहरा ढकने) पहनने का चलन देखा जाता है। ऐसे में कजाकिस्तान सरकार के फैसले को देश के धार्मिक संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कानून में सीधेतौर पर किसी धर्म या धार्मिक पोशाक का जिक्र नहीं किया गया है। मध्य एशियाई देशों में बीते कुछ समय में बुर्के और नकाब जैसे लिबास पर पाबंदी का चलन देखा गया है, कजाकिस्तान भी इसमें शामिल हो गया है। कजाकिस्तान का नया कानून कहता है कि ऐसे कपड़े, जिनसे चेहरे को पहचाना नहीं जा सके। उन्हें सार्वजनिक जगहों पर पहनने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि कुछ मामलों में इस कानून से छूट दी जाएगी। मेडिकल कारण, खराब मौसम, खेल या सांस्कृतिक कार्यक्रम में ऐसे कपड़े पहनने की छूट होगी। राष्ट्रपति ने क्या कहा है कजाकिस्तान के राष्ट्रपति टोकायेव ने इस चेहरे ढकने संबंधी नए कानून को देश में जातीय पहचान को बढ़ावा देने की तरफ एक कदम कहा है। उन्होंने कहा कि चेहरा छिपाने वाले कपड़े पहनने के बजाय राष्ट्रीय शैली के कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर है। हमारे राष्ट्रीय कपड़े हमारी जातीय पहचान को खूबसूरती से दिखाते हैं, इसलिए हमें उन्हें खूब बढ़ावा देना चाहिए। टोकायेव ने देश की धर्मनिरपेक्षता बरकरार रखने पर भी जोर दिया है। कजाकिस्तान सरकार ने इससे पहले, 2023 में एक अहम फैसला लेते हुए स्कूलों में हिजाब और नकाब पर रोक लगा दी थी। उस समय कजाकिस्तान सरकार ने छात्राओं और शिक्षिकाओं के स्कूल में हिजाब पहनकर आने पर रोक लगाई थी।। कजाकिस्तान की सरकार के इस फैसले के खिलाफ तब लड़कियों ने अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया था। कई देशों ने लगाई नकाब पर रोक मध्य एशियाई देशों में हालिया वर्षों में ऐसे कानून बने हैं, जो नकाब पर रोक लगाती हैं। किर्गिस्तान में पुलिस ने सड़कों पर गश्त करके नकाब पहनने पर रोक लगाई है। उज्बेकिस्तान में नकाब पहनने पर 250 डॉलर से ज्यादा का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया। ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन ने सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने वाले कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई है।  

हिमाचल में मूसलाधार बारिश कहर बरपा रही, ब्यास नदी उफान पर, मंडी में बादल फटने से तबाही, शिमला में लैंडस्लाइड

मंडी/शिमला हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश अब कहर बरपा रही है। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मंडी जिला में बीती रात बादल फटने की कई घटनाओं ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। करसोग उपमंडल में 45 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य लोग लापता हैं। करसोग के डीएसपी ने इसकी पुष्टि की है। मंडी जिला के गोहर के स्यांज गांव में नाले में आए सैलाब में नौ लोग लापता हैं। मां-बेटी को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन अन्य की तलाश जारी है। मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में आज सभी स्कूल-कॉलजे बंद कर दिए गए हैं। सोमवार शाम तक राज्य भर में 259 सड़कें बंद थीं। भारी बारिश और बादल फटने से मंडी के अलग अलग हिस्से में तबाही जारी है. पंडोह डैम से 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है..जिससे पंडोह बाजार में बीती रात पानी भरने से भगदड़ जैसे हालात हो गए. आज भी मंडी में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. जिले के स्कूल कॉलेज आज बंद हैं. मौसम विभाग के मुताबिक जून में 37 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. बारिश के बाद तापमान भी सामान्य से कम जा रहा है.  जिला ऊना, बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. राज्य में बीते 24 घंटे में तीन लोगों की मौत हुई है. इस मानसून सीज़न में अब तक 20 लोगों बिगड़े मौसम की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. बारिश के कारण अबतक हिमाचल प्रदेश में 800 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.  मौसम की वजह से हिमाचल में 130 इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप्प हो गयी है. कई जगह पानी की सप्लाई भी प्रभावित है. भूस्खलन की वजह से 259 सड़कें बंद हैं.  मंडी के सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके थुनाग, करसोग और कुकलाह हैं. जहां सड़कें बह गईं, बादल फट गए और नदी-नालों में उफान के साथ अचानक बाढ़ आ गई जिससे काफ़ी नुकसान हुआ है.  हिमाचल प्रदेश के सोलन में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर मार्ग चक्की मोड़ पर पहाड़ी से लगातार पत्थर व मलवा गिर रहे हैं. इसके कारण बार-बार यहां ट्रैफिक बंद हो रहा है. लंबा जाम लगा हुआ है. चक्की मोड को क्रॉस करने में लोगों को कई-कई घंटे का समय लग रहा है. रविवार को भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई थी. जिले में चारों ओर तबाही का मंजर है। पंडोह बाजार में जलभराव के चलते लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बाखली और कुकलाह पुल टूट गए हैं और चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह बंद है। पटीकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पंडोह डैम से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, ब्यास नदी उफान पर लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। पंडोह डैम का जलस्तर 2922 फीट तक पहुंच गया है जो 2941 फीट के खतरे के निशान के करीब है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया। धर्मपुर की लौंगनी पंचायत के स्याठी गांव में भी कई घर, गौशालाएं और मवेशी बारिश में बह गए। मंडी इंदिरा आवास कॉलोनी और रघुनाथपधर में भी रातभर राहत-बचाव कार्य चला। हमीरपुर के सुजानपुर के खेरी गांव में फंसे लोगों का रेस्क्यू हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल के खेरी गांव में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से 20 से अधिक लोग फंस गए, जिनमें से अब तक 15 को बचाया जा चुका है। प्रशासन व पुलिस की टीमों ने मोर्चा संभाला हुआ है। जंगलबेरी से पुलिस की बटालियन मौके पर डटी हुई है। 3 जिलों के स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी, छह जिलों में येलो अलर्ट लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में आज सभी स्कूल-कॉलजे बंद कर दिए गए हैं। उपायुक्त कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें, नदी-नालों से दूर रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। मौसम विभाग ने चंबा, मंडी, हमीरपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के लिए बाढ़ का येलो अलर्ट जारी किया है। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना जिलों में आज कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। राज्य में 6 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 44 मौतें, 75 करोड़ की क्षति राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 से 30 जून के बीच वर्षा जनित घटनाओं में 44 लोगों की जान जा चुकी है, 83 घायल हुए हैं और 5 लोग अब भी लापता हैं। सोमवार शाम तक राज्य भर में 259 सड़कें बंद थीं, 614 ट्रांसफार्मर ठप हो गए और 130 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं। अब तक प्रदेश को 75 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। भारी बारिश से भूस्खलन, कई इमारतें ढहीं, सड़कें अवरुद्ध, अब तक 23 लोगों की मौत बता दें कि सोमवार को भारी बारिश के कारण राज्य में कई इमारतें ढह गईं, भूस्खलन हुआ और सड़कें अवरुद्ध हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण मंडी में 129 और सिरमौर जिले में 92 सहित राज्य में 259 सड़कें बंद हो गईं और 614 ट्रांसफार्मर व 130 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जून में 34 प्रतिशत ज्यादा बारिश हिमाचल में जून में औसत 135 मिमी बारिश हुई जबकि सामान्य बारिश 101 मिमी होती है. यह 34 प्रतिशत अधिक है. यह 1901 के बाद से राज्य में जून के महीने में 21वीं सबसे अधिक बारिश है. सबसे अधिक बारिश 252.7 मिमी है जो साल 1971 में दर्ज की गई थी. मंडी में सबसे ज्यादा बारिश पालमपुर, बैजनाथ, सुंदरनगर, मुरारी देवी, कांगड़ा, शिमला और इसके आसपास के क्षेत्र जुब्बड़हट्टी में गरज के साथ बारिश हुई. राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई. मंडी … Read more

इजरायल ने सीजफायर की कोशिशों पर फेरा पानी, गिराई मिसाइल, 74 फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा "न कोई चेतावनी, न सायरन, अचानक एक विमान ने उस जगह पर हिट किया, फिर वहां कंपन ऐसी हुई जैसे भूकंप आ गया हो." इसके बाद का मंजर और भी भयावह था. सोशल मीडिया पर आ रहे वीडियो में जमीन पर खून से लथपथ और क्षत-विक्षत शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं तथा घायलों को कम्बलों में लपेटकर ले जाया जा रहा है. ये आंखों देखा हाल गाजा में समंदर के किनारे बने अल-बाका कैफे में घटना के समय मौजूद एक चश्मीदद ने बताया. एपी की रिपोर्ट के अनुसार गाजा में फूड कैफे कुछ उन स्थानों में है जहां आज भी हलचल देखी जा सकती है. यहां पर लोगों को खाना तो मिल ही जाता है, वे मोबाइल भी चार्ज कर पाते हैं और उन्हें यहां इंटरनेट का कनेक्शन भी मिल जाता है.  ऐसी ही एक कैफे पर सोमवार को इजरायली हमले में 30 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.  सोमवार को इजरायली हमले में फिलिस्तिनियों के हताहत होने की कुल संख्या ज्यादा है. एपी के अनुसार सोमवार को इजरायली हमलों में कम से कम 74 लोग मारे गए हैं.  इनमें 30 तो कैफे में मरे हैं और बाकी दुखद मौतें शहर के दूसरे इलाकों में हुई है.  शिफा अस्पताल के अनुसार गाजा सिटी की सड़क पर हुए दो अन्य हमलों में 15 लोग मारे गए. अल-अक्सा अस्पताल के अनुसार ज़ावैदा शहर के पास एक इमारत पर हुए हमले में छह लोग मारे गए. प्रत्यक्षदर्शियों, अस्पतालों और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा में भोजन की तलाश में जुटे 11 लोगों पर हमला किया और उन्हें मार डाला. दक्षिणी शहर खान यूनिस के नासेर अस्पताल ने कहा कि उन्हें उन लोगों के शव मिले जो मदद लेकर लौट रहे थे.  संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को चेतावनी दी कि गाजा में मानवीय संकट चिंताजनक गति से गहरा रहा है, क्योंकि इजरायली सैन्य अभियान जीवन और बुनियादी ढांचे पर विनाशकारी प्रभाव डाल रहे हैं. 15 दिनों में 1000 लोग मारे गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में राजदूतों को जानकारी देते हुए मध्य पूर्व के लिए सहायक महासचिव खालिद खैरी ने कहा कि अकेले मध्य जून से अब तक 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें से कई सहायता मांगने के दौरान मारे गए थे. गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक फिलिस्तीनी मौतों की कुल संख्या 56,500 को पार कर गई है. खालिद खैरी ने कहा कि, "गाजा में पीड़ा और क्रूरता का स्तर असहनीय है." "फिलिस्तीनी लोगों को लगातार सामूहिक रूप से दंडित करना अनुचित है." खियारी ने खाद्य वितरण प्वाइंट के पास आईडीएफ द्वारा गोलीबारी से जुड़ी कई घटनाओं का हवाला दिया.  खियारी ने हमास और अन्य फिलिस्तीनी आतंकी संगठनों द्वारा किए गए हमले के लिए संयुक्त राष्ट्र की कड़ी निंदा को दोहराया. जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया. इस हमले में एक महिला सहित पचास बंधक अभी भी हमास के कैद में हैं. उन्होंने कहा, "आतंक के इन कृत्यों को कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता. हम इस बात से स्तब्ध हैं कि बंधकों के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है और बंधकों के शवों को जब्त किया जा रहा है." खैरी ने कहा कि, "कब्जे वाले पश्चिमी तट पर बढ़ती हिंसा चिंताजनक है." उन्होंने चेतावनी दी कि सैन्य अभियान और बसने वालों का विस्तार मौत, विस्थापन और विनाश का कारण बन रहा है. 23 लाख लोग कर रहे हैं भुखमरी का सामना गौरतलब है कि गाजा में भोजन की आपूर्ति गंभीर संकट का सामना कर रही है. इजरायली नाकाबंदी के कारण यहां भोजन की सप्लाई नहीं हो पा रही है. मार्च 2025 से इजरायल ने भोजन, ईंधन और सहायता सामग्री की आपूर्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया, जिससे अकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है. एजेंसियों के मुताबिक लोग एक दिन में एक बार खाना खा पा रहे हैं या भूखे रह रहे हैं. आटे और सब्जियों जैसी बुनियादी चीजों की कीमतें 1000% तक बढ़ गई हैं. इजरायली हमलों ने खाद्य वितरण केंद्रों, बेकरियों और सहायता वाहनों को निशाना बनाया, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए. गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) द्वारा संचालित वितरण केंद्रों पर भीड़ के दौरान गोलीबारी में कई नागरिक मारे गए. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने इसे युद्ध अपराध बताया है. असुरक्षित मार्गों और लूटपाट ने सहायता वितरण को और जटिल कर दिया है, जिससे 2.3 मिलियन लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं. इजरायल के बिना ढह जाएगा मध्य पूर्व इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार (30 जून) को इजरायली सैन्य नेतृत्व के सदस्यों को संबोधित करते हुए दावा किया कि इजरायल के बिना मध्य पूर्व ध्वस्त हो जाएगा.  अगले सप्ताह ट्रंप से मिलने अमेरिका जा रहे हैं नेतान्याहू इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अगले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत के लिए वाशिंगटन का दौरा करेंगे.  इस दौरे में इजरायल-हमास के बीच सीजफायर पर अमेरिका से चर्चा हो सकती है.  व्हाइट हाउस गाजा में युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों को तेज कर रहा है. नाम न बताने की शर्त पर बोलते हुए अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आगामी यात्रा की पुष्टि की. इस बैठक का उद्देश्य गाजा में युद्ध विराम समझौते और बंधकों की रिहाई पर चर्चा को आगे बढ़ाना है. गौरतलब है कि इजरायल-ईरान के बीच सीजफायर कराने के बाद ट्रंप ने अपना ध्यान इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई पर केंद्रित कर दिया है. अमेरिका इस युद्ध को रुकवाने के लिए काम कर रहा है. ट्रंप ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था कि, "हमें लगता है कि अगले सप्ताह के भीतर हम युद्ध विराम पर सहमत हो जाएंगे. हालांकि उन्होंने वार्ता या समय-सीमा के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी.   

अमरनाथ यात्रा में मौसम देगा शिवभक्तों का साथ, 6 छह जुलाई तक फेरबदल के आसार नहीं

जम्मू- कश्मीर श्री अमरनाथ यात्रा से पहले मौसम सुहावना बना हुआ है। शिवभक्तों के लिए राहत यह है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक मौसम में कोई बड़े फेरबदल के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में आगामी बारिश के साथ 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है। मगर कश्मीर संभाग में लगभग मौसम साफ रहेगा। यात्रा आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रही है। अमरनाथ यात्रियों के लिए मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार निरंतर मौसम संबंधी भविष्यवाणी जारी की जाएगी। इसमें अगले सात दिन का मौसम पूर्वानुमान जारी किया जाएगा। इससे यात्री बेहतर योजना से अपनी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बना सकेंगे। कश्मीर में छूट रहे पसीने, उमस कर रही बेहाल जून की गर्मी से कश्मीर में पसीने छूट रहे हैं। यहां अधिकांश जिलों में दिन का पारा सामान्य से 3 से 5 डिग्री ऊपर चल रहा है। रविवार को जम्मू से अधिक राजधानी श्रीनगर गर्म रही। जम्मू संभाग के कई हिस्सों में बारिश हुई, मगर उमस भी परेशान कर रही है। धुंध और खराब मौसम से कटड़ा-सांझीछत चापर सेवा बाधित रही। कश्मीर में साफ मौसम के बीच श्रीनगर में दिन का पारा 4.5 डिग्री सेल्सियस चढ़कर 34.5 और न्यूनतम तापमान 22.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू के आसपास के इलाकों में बारिश हुई। लेकिन आर्द्रता का प्रतिशत 84 तक पहुंच जाने से उमस से पसीने छूट रहे हैं। जम्मू के मुकाबले लगातार श्रीनगर का पारा ऊपर चल रहा है। कश्मीर के काजीगुंड में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री चढ़कर 32.6, कुपवाड़ा में 33.2, कोकरनाग में 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रियासी में बारिश हुई। बनिहाल में अधिकतम तापमान 30.1, बटोत में 27.7, कटड़ा में 30.2 और भद्रवाह में 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर, अब वेटिंग टिकट के कैंसल पर कैंसिलेशन का यह चार्ज नहीं लगेगा

 नई दिल्ली रेलवे अब कैंसल टिकट पर बड़ी राहत देने की तैयारी में है। फिलहाल यदि कोई टिकट बुक हुआ है और वह वेटिंग लिस्ट में दिखा रहा है तो कैंसल होने के बाद भी पूरा रिफंड नहीं आता। इसकी वजह होती है कि रेलवे कुछ चार्ज क्लर्क फीस के तौर पर काट लेता है। यह चार्ज अलग-अलग क्लास के मुताबिक 30 से 60 रुपये तक होता है। इससे यात्रियों को दोहरा झटका लगता है। एक तरफ उनका टिकट कन्फर्म नहीं हो पाता, दूसरी तरफ रिफंड में भी कटौती हो जाती है। अब ऐसी स्थिति से लोगों को बचाने के लिए रेलवे इस फीस को ही खत्म करने पर विचार कर रहा है। ऐसा हुआ तो फिर वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के कन्फर्म न होने पर लोगों को पूरा रिफंड मिलेगा। कैंसल टिकटों पर भी लगने वाले चार्ज पर लंबे समय से बहस रही है। अलग-अलग क्लास के हिसाब से यह चार्ज 30 से 60 रुपये तक रहा है। इस पर आम लोग कई बार शिकायत करते रहे हैं कि आखिर जिन टिकटों को हम खुद कैंसल नहीं कराते और वेटिंग लिस्ट में होने के चलते रद्द होते हैं, उन पर रेलवे चार्ज क्यों वसूलता है। अब इस चार्ज को खत्म करने का प्रस्ताव रेलवे के समक्ष रखा गया है, जिस पर वह विचार कर रहा है। फिलहाल 2S क्लास के कैंसल टिकट 30 रुपये का चार्ज लगता है। 60 रुपये स्लीपर क्लास का चार्ज है एवं थर्ड एसी समेत अन्य सभी पर 60 रुपये प्लस जीएसटी वसूला जाता है। यह फीस तब भी लगती है, जब टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी के पोर्टल से ही की जाए। वेट लिस्ट वाला टिकट कन्फर्म न होने पर टिकट कैंसलेशन की प्रक्रिया ऑटोमेटेड होती है और क्लर्क चार्ज के अलावा कुछ अन्य शुल्क काटकर रकम वापस कर दी जाती है। बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2025 में रेलवे को रिकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। यह इजाफा मालवाहक ट्रेनों और यात्री ट्रेनों से हुआ है। इसके अलावा रेलवे के यात्रियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इसे रेलवे अपनी सेवाओं में भरोसे के तौर पर देखा रहा है। रेलवे को माल ढुलाई से 1.75 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा य़ात्रियों की संख्या 735 करोड़ रही है। कैंसलेशन चार्ज से ही रेलवे को हुई 6 हजार करोड़ की इनकम बता दें कि रेलवे को टिकट कैंसलेशन चार्ज से भी बड़ा रेवेन्यू मिलता रहा है। एक आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी से पता चला था कि रेलवे ने 2020 से 2023 के दौरान 4 सालों में अकेले टिकट कैंसलेशन चार्ज से ही 6 हजार करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था। इस डेटा के सामने आने के बाद से वेटिंग लिस्ट टिकट के कैंसल होने पर कटने वाले चार्ज को लेकर सवाल उठने लगे थे।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ड्राइवरों के लिए सस्ते AC डॉरमेट्री की सुविधा शुरू, किफायती भोजन, वाईफाई, स्वच्छ शौचालय

नई दिल्ली  दिल्ली से मुंबई के बीच 1350 किलोमीटर लंबा 8-लेन एक्सप्रेसवे अब सिर्फ एक हाइवे नहीं, बल्कि ट्रक चालकों के लिए राहत की पटरी बन चुका है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर ट्रक चालकों की थकान, भूख, नींद और मरम्मत की जरूरतों को गंभीरता से लिया है। इसी सोच के तहत इस हाईवे पर हर 25-30 किलोमीटर पर "वे-साइड अमेनिटी" हब बनाए गए हैं, जो पूरी तरह से ड्राइवर-केंद्रित हैं। एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि बीते वर्षों में सामने आया कि ज्यादातर सड़क हादसे उस समय होते हैं जब ड्राइवर नींद या थकान की स्थिति में होते हैं। खासकर ट्रक और भारी वाहनों से जुड़े हादसों में यह बात बार-बार सामने आई है। दिल्ली एक्सप्रेस-वे से 172 किलोमीटर दूर अपना घर की क्षमता कुल 35 बिस्तर की है। ट्रक ड्राइवरों को इसके लिए अपना घर एप में जाकर ड्राइविंग लाइसेंस अपलोड करना होगा। इसके बाद अपना घर में ठहरने के घंटे, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करना होगा। अपना घर के ड्रामेट्री में दो घंटे रुकने के लिए महज 56 रुपये देने होगा। यदि ड्राइवर आठ घंटे रुकते हैं तो उनको 112 रुपये अदा करने होंगे। आठ घंटे से 24 घंटे के लिए 336 रुपये किराया देना होगा। राजस्थान में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) प्रदीप अत्री ने बताया कि अपना घर में ट्रक ड्राइवरों के हिसाब से सुविधाएं मुहैया करायी गई है। उनके लिए किचन में खुद खाना पकाने की सुविधा होगी। इसके अलावा वह अपना घर के ढाबे में भी खाना खा सकेंगे। थाली के दाम महज 130 रुपये होगी। इसमें एक सब्जी, दाल, रोटी, चावल, सलाद, पापड़ व अचार दिया जाएगा। यह ढाबा पूरी तरह से शाकाहारी होगा। इसके अलावा पूड़ी-सब्जी, छोले-भटूरे, पराठा, दाल, सब्जी, चाट, समोसा, चाय, कोल्ड ड्रिंक आदि उपलब्ध होगी। अत्री ने बताया कि उपरोक्त अपना घर को इंडियन आयल कंपनी संचालित कर रही है। वर्तमान में 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर ठहरना मुफ्त है। हालांकि, यह सेवा कुछ महीनों के लिए है। इसी प्रकार एक्सप्रेस-वे पर अन्य अपना घर सरकारी उपक्रमों व निजी कंपनियों की मदद से बनाए जाएंगे। पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था आरओ प्रदीप अत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर पर्यटकों-सड़क यात्रियों के लिए अलग सुविधाएं है। यहां ब्रांडेड खानपान की व्यवस्था है। लेकिन मध्यम वर्ग के ट्रक ड्राइवरों के लिए विशेष रूप से 18 हेक्टेयर में अपना घर विश्राम गृहों को बनाया जा रहा है। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे पर चार अपना घर बनाए गए हैं। योजना है कि प्रत्येक 40 किलोमीटर की दूरी पर एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अपना घर बनाए जाएंगे।  पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं है सुविधा जानकारों का कहना है कि वर्तमान में पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर ये सुविधाएं नहीं है। ट्रक ड्राइवर ढाबों अथवा क्षेत्रीय दुकानों में ठहरते व खाते हैं। यहां बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। पूरा आराम व नींद नहीं मिलने के कारण ड्राइवर एकाग्रचित होकर ट्रक नहीं चला पाते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 70 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवरों के कारण होती हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एनएचएआई की पहल आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, एक्सप्रेसवे पर लगभग 21 ऐसे स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें से चार वर्तमान में चालू हैं। इन स्टेशनों के निर्माण का उद्देश्य उन ड्राइवरों को सुरक्षा, आराम और विश्राम प्रदान करना है जो अक्सर रात में राजमार्गों पर यात्रा करते हैं। राजमार्ग प्राधिकरण ने राजस्थान में दौसा के निकट ऐसी ही एक परिचालन सुविधा विकसित की, जिसका प्रबंधन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा किया गया और इसका उपयुक्त नाम “अपना घर” रखा गया। अपने नाम के अनुरूप, यह स्टेशन कई सुविधाएं प्रदान करता है, जैसे ट्रक पार्किंग, सीसीटीवी निगरानी वाला परिसर, स्वच्छ शौचालय, स्नान क्षेत्र, स्वयं खाना बनाने वाली रसोई, एक ढाबा और मुफ्त वाई-फाई, जो केवल 112 रुपये में उपलब्ध है। एनएचएआई पहल पर बिजनेस मैनेजर एक आधिकारिक मीडिया आउटलेट से बात करते हुए, IOCL के बिजनेस मैनेजर राधा मोहन ने कहा, "पहले हमारे पास राजमार्गों पर 'स्वागत' आउटलेट थे जो शौचालय और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करते थे। अब, हमारे पास उनके उन्नत संस्करण हैं। हम अपने स्टेशन पर लाइव निगरानी के साथ एयर कंडीशनिंग, वाटर कूलर, वॉशिंग मशीन, स्वच्छ खुले स्नान क्षेत्र, स्वच्छ शौचालय, टीवी, मुफ़्त वाई-फाई और पार्किंग क्षेत्र में सीसीटीवी निगरानी की सुविधा दे रहे हैं।" मोहन ने कहा, "अगर कोई ड्राइवर खाना नहीं बनाना चाहता है, तो हम उसे किफ़ायती दामों पर खाना भी देते हैं। 130 रुपये से कम में हमारे ढाबे पर पूरा खाना मिलता है। कोई भी ट्रक ड्राइवर यहाँ आकर आराम कर सकता है। हम जानते हैं कि वे लंबी दूरी तय करते हैं और थकान से पीड़ित होते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए हमारा विचार राजमार्गों पर ऐसी सुविधाएँ प्रदान करना था जहाँ वे आराम कर सकें और सुरक्षित रूप से खुद को तरोताज़ा कर सकें।" बिजनेस मैनेजर ने आगे बताया, "फिलहाल हमारे यहां 35 बेड उपलब्ध हैं और इनका शुल्क 112 रुपये है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है। ड्राइवर 'अपना घर' ऐप का इस्तेमाल करके बुकिंग कर सकते हैं। अगर किसी को ऐप के बारे में नहीं पता है, तो हमारे पेट्रोल पंप कर्मचारी मदद करने के लिए प्रशिक्षित हैं। यहां तैनात हमारे मैनेजर भी ड्राइवरों को बुकिंग प्रक्रिया में मदद करते हैं। एक बार ऐप डाउनलोड और इस्तेमाल करने के बाद, ड्राइवरों को भविष्य की बुकिंग करने में कोई समस्या नहीं होती है। औसतन, लगभग 50-60 प्रतिशत बेड रोजाना बुक होते हैं, जिसका मतलब है कि बड़ी संख्या में ड्राइवर पहले से ही हर दिन इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं।" सुविधाजनक सेवाओं की एक श्रृंखला के साथ अच्छी तरह से सुसज्जित आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त, ये सड़क किनारे स्थित सुविधा स्टेशन ईंधन पंप, रेस्तरां और ढाबे जैसी समग्र यात्रा अनुभव को बढ़ाने के लिए सुविधाजनक सेवाओं की एक श्रृंखला से सुसज्जित हैं।  यह पहल थकान से संबंधित दुर्घटनाओं को कम करने और भारत के गुमनाम राजमार्ग योद्धाओं, ट्रक ड्राइवरों के समग्र सम्मान में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आज 1 जुलाई से बदल गया तत्काल टिकट बुकिंग का नियम, उससे पहले आपको करना होगा ये जरूरी काम

नई दिल्ली अगर आप ट्रेन में सफर करने के लिए अक्सर तत्काल टिकट बुक करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। IRCTC (भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) ने आज 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब से केवल वही यात्री तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे जिनका IRCTC अकाउंट आधार कार्ड से ऑथेंटिकेटेड होगा। नया नियम क्या है? IRCTC (Indian Railways Catering and Tourism Corporation) ने आज 1 जुलाई 2025 से एक अहम बदलाव की घोषणा की है। अब यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने के लिए अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना होगा। इसके बिना, वे तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा का उपयोग नहीं कर पाएंगे। यह कदम भारतीय रेलवे द्वारा टिकट बुकिंग प्रणाली में सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस नए नियम के तहत, जो यात्री तत्काल टिकट बुक करना चाहते हैं, उन्हें अपनी IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा। इससे टिकट बुकिंग के दौरान सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा और फर्जी बुकिंग या टिकट के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। क्यों लिया गया यह फैसला? यह कदम फर्जी टिकट बुकिंग को रोकने के लिए उठाया गया है। साथ ही यह बदलाव यात्रियों की पहचान की पुष्टि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा असली और जरूरतमंद यात्रियों को लाभ मिल सके। यह भी पढ़ें: अब सिर्फ बोलना है और बुक हो जाएगी टिकट, IRCTC लाया कमाल का फीचर, जानिए कैसे करता है काम? IRCTC का आधार से लिंक होने के फायदे आधार से IRCTC अकाउंट को लिंक करने के कई लाभ होंगे:     सुरक्षित और तेज़ टिकट बुकिंग: आधार लिंकिंग से बुकिंग प्रक्रिया और अधिक सुरक्षित हो जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल वास्तविक उपयोगकर्ता ही तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे, जिससे बुकिंग में धोखाधड़ी कम होगी।     ऑनलाइन बुकिंग की पारदर्शिता: आधार से जुड़ी जानकारी से यह सुनिश्चित होगा कि टिकट बुक करने वाले व्यक्ति का वास्तविक डेटा सत्यापित है, जिससे रेलवे टिकट के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।     तत्काल टिकट बुकिंग में आसानी: आधार लिंकिंग से बुकिंग प्रक्रिया तेज होगी, और यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।     फर्जी बुकिंग पर नियंत्रण: आधार आधारित सत्यापन प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी गैर अधिकृत व्यक्ति या एजेंट टिकट बुकिंग के लिए गलत जानकारी का इस्तेमाल न कर सके। IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक कैसे करें?     IRCTC अकाउंट में लॉग इन करें:         सबसे पहले, IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट (www.irctc.co.in) पर जाएं या IRCTC मोबाइल ऐप खोलें।         अपनी यूज़रनेम और पासवर्ड डालकर अकाउंट में लॉग इन करें।     प्रोफ़ाइल सेक्शन में जाएं:         लॉग इन करने के बाद, स्क्रीन के ऊपर दिए गए मेनू में “प्रोफ़ाइल” सेक्शन में जाएं।         यहां आपको “आधार लिंकिंग” का ऑप्शन मिलेगा। इसे चुनें।     आधार नंबर डालें:         आधार लिंकिंग सेक्शन में अपना आधार नंबर डालें। ध्यान रखें कि जो जानकारी आपने आधार में दी है, वही जानकारी आपके IRCTC अकाउंट में होनी चाहिए, ताकि लिंकिंग प्रक्रिया में कोई समस्या न हो।     आधार OTP सत्यापन करें:         जब आप आधार नंबर डालेंगे, तो आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) भेजा जाएगा।         उस OTP को सही-सही दर्ज करें और लिंकिंग प्रक्रिया को पूरा करें।     लिंकिंग की पुष्टि:         OTP के सत्यापन के बाद, आपके IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक कर दिया जाएगा।         इसके बाद, आपको एक पुष्टि संदेश मिलेगा कि आधार लिंकिंग सफलतापूर्वक हो गई है। क्या होगा अगर आप आधार से IRCTC अकाउंट लिंक नहीं करते? यदि आप 1 जुलाई 2025 से पहले अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक नहीं करते हैं, तो आपको तत्काल टिकट बुक करने की सुविधा नहीं मिल पाएगी। हालांकि, आप सामान्य टिकट बुकिंग की प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं, लेकिन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य है। इस नए नियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाना है। आधार लिंकिंग का महत्व यह बदलाव भारतीय रेलवे द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। आधार आधारित सत्यापन से बुकिंग में धोखाधड़ी को रोका जा सकता है, और टिकट का दुरुपयोग नहीं होगा। इसके अलावा, यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं में भी आधार को एकीकृत करने में मदद करेगा। आधार लिंकिंग के लिए अन्य फायदे     सरलता और गति: आधार से IRCTC अकाउंट लिंक होने के बाद, टिकट बुकिंग की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक तेज़ और सरल हो जाएगी।     समानता: यह सुनिश्चित करेगा कि सभी यात्रियों के पास समान और सुरक्षित बुकिंग प्रक्रिया हो।     टिकट की पुनः बिक्री पर रोक: यह कदम फर्जी टिकट बुकिंग को रोकने में भी मदद करेगा, जिससे यात्रियों को ही वास्तविक लाभ मिलेगा। IRCTC का आधार लिंकिंग नियम भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक आवश्यक कदम है। इस बदलाव के लागू होने से यात्रियों को तत्काल टिकट बुकिंग के लिए अधिक सुरक्षित और तेज़ प्रक्रिया मिलेगी। अगर आप तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, तो 1 जुलाई 2025 से पहले अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना जरूरी है। आप IRCTC वेबसाइट पर जाकर अपनी आधार लिंकिंग प्रक्रिया को जल्दी से पूरा कर सकते हैं, ताकि आप इस बदलाव से प्रभावित न हों। इसके साथ ही, आप IRCTC कस्टमर सपोर्ट से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं यदि आपको कोई समस्या आती है। हमेशा याद रखें सावधानी IRCTC अकाउंट को आधार नंबर से ऑथेंटिकेट करने के लिए जरूरी है कि हमेशा ऑफिशियल ऐप और ऑफिशियल पोर्टल का ही सहारा लें. साइबर स्कैमर्स आपको धोखा देने के लिए और बैंक खाते में सेंधमारी करने के लिए फेक पोर्टल या ऐप तैयार कर सकते … Read more