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सरकारी जमीन पर फर्जीवाड़ा: पांच महीने पहले亡 हुई महिला के नाम दर्ज की गई संपत्ति

मुरैना सरकारी पट्टे और भूदान की बेशकीमती जमीनों को हड़पने के लिए भू-माफिया किस तरह के हथकंडे अपनाते हैं, इसका ताजा उदाहरण कैलारस तहसील के शेखपुर गांव में देखने को मिला है। यहां भूदान की सरकारी जमीन को कब्जाने के लिए न केवल रिकॉर्ड में हेरफेर की गई, बल्कि जमीन की मालकिन नर्मदा जाटव की मौत के पांच महीने बाद उनके नाम से जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शेखपुर हल्का के सर्वे नंबर 312 की 0.784 हेक्टेयर जमीन भूदान की थी, जो शेखपुर निवासी कलावती पत्नी बिस्सू जाटव के दो बेटों बनवारी जाटव, बृजेश जाटव और बेटी नर्मदा जाटव के नाम दर्ज थी। यह जमीन नेशनल हाईवे 552 के किनारे स्थित है और वर्तमान में इसकी कीमत लगभग छह करोड़ रुपये बताई जा रही है। गरीब परिवार से यह जमीन करीब 40 लाख रुपये में खरीदी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि नर्मदा जाटव की मृत्यु 3 अक्टूबर 2022 को हो चुकी थी। परिवार को सरकार से चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी ग्राम पंचायत के माध्यम से मिल चुकी थी। इसके बावजूद मृतका को जिंदा दिखाकर 15 मार्च 2023 को उनके नाम से जमीन की दो रजिस्ट्रियां कर दी गईं। पहली रजिस्ट्री में नर्मदा के नाम से 0.098 हेक्टेयर जमीन सुभाष पुत्र केदार पाराशर निवासी इटोरा और अरविंद पुत्र हरिविलास शर्मा निवासी रामपुर कला के नाम बेची गई। उसी दिन दूसरी रजिस्ट्री में मृतका नर्मदा को बिचपुरी हल्का, तहसील जौरा की 0.0980 हेक्टेयर जमीन का खरीदार बताया गया। यह फर्जी रजिस्ट्री इस शर्त को पूरा करने के लिए की गई थी कि भूदान की जमीन बेचने के बदले उतनी ही जमीन कहीं और खरीदी जाए। दरअसल, भूदान की जमीन बेचने की अनुमति तभी मिलती है जब उतनी या उससे अधिक भूमि कहीं और खरीदी जाए। इसलिए भू-माफियाओं ने बिचपुरी की बंजर और पथरीली जमीन मृतका के नाम करवा दी, ताकि करोड़ों की जमीन का सौदा वैध प्रतीत हो सके। इससे पहले मृत नर्मदा के भाई बनवारी जाटव, बृजेश जाटव और मां कलावती जाटव ने अपने हिस्से की 0.686 हेक्टेयर भूदान की जमीन 23 फरवरी 2023 को बेच दी थी। बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के इस विक्रय को राजस्व रिकॉर्ड में स्वीकृत कर लिया गया और बाद में यह जमीन सुभाष पाराशर, अरविंद शर्मा और संजय पुत्र रामरतन शर्मा निवासी पालपुर कॉलोनी, सबलगढ़ के नाम दर्ज हो गई। शिकायतकर्ता अभिषेक सिंह जादौन निवासी सबलगढ़ ने इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत कलेक्टर अंकित अस्थाना से की है। उनके अनुसार, मृतका नर्मदा की जगह रजिस्ट्री कार्यालय में कमला जाटव नामक महिला को खड़ा किया गया, जो बनवारी जाटव की पत्नी है। जबकि बनवारी स्वयं इस सौदे में गवाह बना। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जांच समिति गठित कर दी है। अब यह जांच की जा रही है कि इस पूरे प्रकरण में राजस्व और रजिस्ट्री कार्यालय के कौन-कौन कर्मचारी शामिल थे और कैसे मृतका के नाम से यह जमीनें बेची जा सकीं। मामला गंभीर है, इसलिए सबलगढ़ एसडीएम मेघा तिवारी को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच परिणाम आते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।लोकेश जांगिड़कलेक्टर, मुरैना

नीतीश के गढ़ नालंदा से अमित शाह का बड़ा चुनावी संदेश: तैयारी शुरू!

पटना  विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में बिहार पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार की धरती नालंदा से बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो अगली बार बिहार में विधानसभा चुनाव एक चरण में संपन्न कराया जाएगा। कहा कि जब लालू, राबड़ी की सरकार थी तो खराब विधि व्यवस्था के कारण छह चरणों में चुनाव कराना पड़ता था। खगड़िया, मुंगेर के बाद अमित शाह ने नालंदा में चुनावी रैली को संबोधित किया। राजद की सरकार पर करारा प्रहार करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर बिहार की बड़ी समस्या थी। लालू राज में छह चरणों में चुनाव होते थे। एनडीए की सरकार बनी तो तीन चरणों तक पहुंच गया। इस बार 6 नवंबर और 12 नवंबर को दो फेज में मतदान है। आप सब मिलकर एनडीए की सरकार बना दो, अगली बार पूरे बिहार में एक ही चरण में चुनाव संपन्न कराया जाएगा। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने मिलकर नक्सलवाद का खात्मा कर दिया है। इस बार गया, औरंगाबाद, शाहाबाद में भी तीन बजे तक नहीं बल्कि पांच बजे तक वोटिंग होगी। अपराध में जल चुके बिहार को नीतीश कुमार ने एक अच्छा प्रदेश बना दिया। अमित शाह ने कहा कि इसी नालंदा में 1998 और दंगे हुए। यह बात युवा मतदाताओं को पता ही नहीं है। निर्दोष लोग मारे गए, धार्मिक स्थानों को जलाया गया, दुकानों में आग लगा दी गईं। लालू जी के बेटे तेजस्वी कानून व्यवस्था की बात करते हैं। वे जरा समझ लें कि 2005 की तुलना में 2024 में आपराधिक घटनाओं में कितने प्रतिशत की कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने न सिर्फ बिहार से नक्सलियों का सफाया किया बल्कि काश्मीर के आतंकियों को भी सबक सिखा दिया। धारा 370 हटाने पर राहुल गांधी खून की नदियां बहने की धमकी दे रहे थे। लेकिन किसी को एक पत्थर चलाने की भी हिम्मत नहीं हुई। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों कोऑपरेशन सिंदूर से हमने करारा जवाब दिया। उनके घर में घुसकर सफाया कर दिया।  

सत्र 2025-26 में 44127.91 मीट्रिक टन हुई धान खरीद, 2024-25 में इस अवधि तक की गई थी 25329.75 मीट्रिक टन की खरीद

लखनऊ, 'अन्नदाता किसानों' को निरंतर योगी सरकार का साथ मिल रहा है। आंकड़े योगी सरकार की सकारात्मक नीतियों की गवाही दे रहे हैं। गौरतलब है कि विपणन सत्र 2025-26 में धान बिक्री के लिए पहली सितंबर से पंजीकरण प्रारंभ हुआ था। 25 अक्टूबर तक धान बिक्री के लिए 1,54,035 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। वहीं विगत वर्ष (2024-25) में इस अवधि तक 1,51,374 किसानों ने पंजीकरण कराया था। बाजरा के लिए 15248, ज्वार के लिए 2706 तथा मक्का के लिए 1509 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। 44127.91 मीट्रिक टन धान की हुई खरीद, पिछले वर्ष हुई थी 25329.75 मीट्रिक टन की खरीद खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक इस वर्ष 2369 रुपये कॉमन तथा 2389 रुपये (ग्रेड-ए) प्रति कुंतल की दर से खऱीद हो रही है। 7507 किसानों से 44127.91 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि तक 4517 किसानों से 25329.75 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। वहीं श्रीअन्न बाजरा की खरीद इस वर्ष अब तक 4153.35 मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले वर्ष इस अवधि तक 4021.39 मीट्रिक टन बाजरा खरीद हुई थी। सीएम योगी के निर्देश पर 48 घंटे में किसानों को किया जा रहा भुगतान सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान किया जा रहा है। धान बिक्री करने वाले किसानों को इस वर्ष अब तक 86.68 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इस अवधि में पिछले वर्ष 43.91 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। वहीं बाजरा के किसानों को 8.43 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित किए गए हैं, पिछले वर्ष इस अवधि तक यह आंकड़ा 7.63 करोड़ रुपये का था। सीएम योगी की नीतियों के कारण किसानों के हित में प्रतिवर्ष सकारात्मक पहल बढ़ती जा रही है। टोल फ्री नंबर 18001800150 पर समस्या बता सकते हैं किसान किसान अपनी किसी भी समस्या के लिए टोल फ्री नंबर 18001800150 से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा वे जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, विपणन निरीक्षक से भी संपर्क साध सकते हैं। किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खाते में सीधे भुगतान किया जाएगा। वहीं बिचौलियों को रोकने व पारदर्शिता बरतते हुए क्रय केंद्रों पर मोटे अनाज की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से पहले की भांति किसानों का बायोमीट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी। इन जिलों में हो रही मक्का खरीद   मक्का खरीद 25 जनपदों में चल रही है। यह जनपद बदायूं,  बुलंदशहर, हरदोई, उन्नाव, मैनपुरी, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, कानपुर नगर-देहात, कन्नौज, औरैया, इटावा, बहराइच, गोंडा, बलिया, जौनपुर, फर्रुखाबाद, मीरजापुर, सोनभद्र, देवरिया व ललितपुर हैं। बाजरा खरीद वाले जनपद निर्धारित बदायूं,  बुलंदशहर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, एटा, बरेली,  शाहजहांपुर, संभल, रामपुर, अमरोहा, कानपुर नगर-देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, इटावा, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी, मीरजापुर, बलिया, हरदोई व उन्नाव समेत 33 जनपदों में बाजरा खरीद हो रही है।   इन जिलों में हो रही ज्वार की खरीद बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर-देहात, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, मीरजापुर व जालौन में ज्वार की खरीद चल रही। 2025-26                                                         2025-24 धान- 1,54,035 पंजीकरण                 1,51,374 पंजीकरण बाजरा- 15,248 पंजीकरण                  6075 पंजीकरण ज्वार- 2706 पंजीकरण                      1262 पंजीकरण मक्का- 1509 पंजीकरण                    —————— वर्ष (2025-26) धान खरीद- 44127.91 मीट्रिक टन किसान- 7507 किसानों को भुगतान- 86.68 करोड़ बाजरा खरीद- 4153.35 मीट्रिक टन किसान- 715 भुगतान 8.43 करोड़ पूर्वी उत्तर प्रदेश व लखनऊ संभाग के इन जनपदों में पहली नवंबर से शुरू होगी खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के संभागों में पहली नवम्बर से धान खरीद होगी। यह खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर व प्रयागराज संभाग में होगी। इसके साथ ही लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव में भी पहली नवंबर से खरीद होगी, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी। 

बॉन्ड नीलामि से राजस्थान को 5,000 करोड़ का कर्ज, RBI से हुआ समझौता

जयपुर राजस्थान सरकार ने विकास कार्यों और योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए इस बार 5000 करोड़ रुपये का कर्ज रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से स्टेट ग्रांटेड सिक्योरिटीज (SGS) बॉन्ड जारी करके जुटाया है। यह राशि सरकार ने सीधे कर्ज लेने के बजाय तीन अलग-अलग बॉन्ड के जरिए एकत्र की है। इन बॉन्ड्स की अदायगी 10 से 26 साल की अवधि में की जाएगी।  तीन बॉन्ड से जुटाए 5000 करोड़ रुपये आरबीआई की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार ; राजस्थान SGS 2043 बॉन्ड के रि-इश्यू से 1500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिस पर 7.57% ब्याज देना होगा (अवधि 18 वर्ष)। राजस्थान SGS 2035 बॉन्ड के जरिए 2000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिस पर 7.23% ब्याज (अवधि 10 वर्ष) निर्धारित है। राजस्थान SGS 2051 बॉन्ड से 1500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिसकी अवधि 26 वर्ष है और ब्याज दर 7.30% रखी गई है। राज्य सरकार हर साल विकास योजनाओं के लिए बॉन्ड के माध्यम से फंड जुटाती है, लेकिन इस बार अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान को अपने बॉन्ड पर थोड़ा अधिक ब्याज देना पड़ रहा है। अन्य राज्यों ने भी बॉन्ड से जुटाया फंड राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी आरबीआई के जरिए फंड जुटाया है।     महाराष्ट्र ने 5000 करोड़,     तमिलनाडु ने 3000 करोड़,     छत्तीसगढ़ ने 2000 करोड़,     और उत्तर प्रदेश ने 2000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। तमिलनाडु को अपने बॉन्ड पर राजस्थान की तुलना में कम ब्याज दर पर फंड मिला है।  दिवाली के दिन हुआ बॉन्ड नीलामी परिणाम जारी 20 अक्टूबर (दिवाली के दिन) आरबीआई ने राजस्थान समेत सभी राज्यों के बॉन्ड की नीलामी आयोजित की थी। इसके बाद बॉन्ड नीलामी के परिणाम सार्वजनिक किए गए।  बढ़ता कर्ज, विकास योजनाओं के लिए कर्ज पर निर्भरता राजस्थान सरकार पर कुल कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। बीते 10 वर्षों में राज्य का ऋण तेजी से बढ़ा है और अब यह 8 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2025-26 तक यह आंकड़ा 8 लाख करोड़ पार कर सकता है। सरकार की आय का बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में खर्च हो जाता है, जिसके कारण विकास कार्यों के लिए कर्ज लेना मजबूरी बन गया है। इस साल राजस्थान ने अपने बजट में करीब 70 हजार करोड़ रुपए का कर्ज प्रस्तावित किया है।

यमुना में बह रहा साफ जल! छठ पूजा से पहले घाटों की सफाई में जुटा सिंचाई विभाग

यमुनानगर  छठ महापर्व अब पूरे भारत में मनाया जाने लगा है। बिहार और उत्तर प्रदेश से शुरू हुई यह प्रथा धीरे-धीरे पूरे देश में चल रही है। यमुनानगर में भी भारी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल के लोग रहते हैं। यमुनानगर में पश्चिमी यमुना नहर के किनारे एक दर्जन से अधिक स्थानों पर यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पिछले कई दिनों से यमुनानगर नगर निगम के कर्मचारी यमुना के किनारों को साफ सुथरा बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं श्रद्धालुओं ने भी यमुना के किनारे आकर तैयारी शुरू कर दी हैं।  श्रद्धालुओं का मानना है कि विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने से जहां संतान की प्राप्ति होती है, सुख समृद्धि प्राप्त होती है, वहीं समाज और प्रदेश का विकास होता है। श्रद्धालु पवन प्रताप यादव ने बताया कि 26 अक्टूबर को महिलाएं पकवान बनाकर खाएगी। उसके बाद 27 अक्टूबर को छिपते हुए सूर्य को अर्द्ध देकर यह व्रत आरंभ करेंगी। 28 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्द्ध देकर यह व्रत समाप्त करेंगे। इस दौरान महिलाएं जल और अन्न का ग्रहण नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता कुंती और माता सीता ने भी यह व्रत रखे थे।   वहीं, सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि सरकार के आदेश पर यमुना की पिछले कई दिन से सफाई चल रही है। इस बार यमुना में दिल्ली तक स्वच्छ जल उपलब्ध होगा। छठ पूजा महोत्सव में महिलाएं विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर सकें, उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री का आदेश है कि सभी जगह स्वच्छ जल मिले, इसी को लेकर तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि प्रयास यह हो रहा है कि यमुना में कोई भी दूषित जल ना मिले। यमुनानगर में यमुना के किनारे बलिया लगाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया की बलियों के उस पार ना जाएं ताकि कोई दुर्घटना ना घटे।  लाइटों का भी प्रबंध किया जाएगा। यमुना किनारे कूड़े में लगाई आग  इसी बीच नगर निगम की ओर से यमुना किनारे इकट्ठा किए गए कूड़े में आग लगाने का मामला सामने आया है। जिससे आसपास के क्षेत्र में धुआं ही धुंआ हो गया। आज क्यों और किसने लगाई इसकी जिम्मेवारी लेने को कोई तैयार नहीं है।  

मुख्यमंत्री साय पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में हुए शामिल

नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएं, अछोटी में बीएड महाविद्यालय, मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाने, समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये एवं सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की घोषणा रायपुर   पंडवानी एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ को पूरी दुनिया में पहचान मिली है। हमारे पंडवानी कलाकारों ने न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन तक महाभारत की कथाओं पर आधारित प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से न केवल छत्तीसगढ़ की परंपरा को जीवित रखा है, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा को वैश्विक मंचों तक पहुँचाया है। पंडवानी आज हमारी लोक चेतना, नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग रायपुर के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, साजा विधायक ईश्वर साहू, राज्य तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू एवं जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक लाभचंद बाफना एवं डॉ. दयाराम साहू, जिला पंचायत दुर्ग की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे तथा दुर्ग नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका बाघमार भी उपस्थित थीं।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मुझे पंडवानी के पुरोधा स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन जी की स्मृति भी हो रही है। जब वे हाथ में तंबूरा लेकर प्रस्तुति देते थे, तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते थे। पंडवानी गायन में महिला कलाकारों की विशेष सफलता उल्लेखनीय रही है। मुझे स्वर्गीय लक्ष्मी बंजारे जी का भी स्मरण हो रहा है। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि हमारी धरती पर तीजन बाई जैसी विभूति हुईं, जिन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण तीनों सम्मान प्राप्त हुए हैं। जब वे तंबूरा लेकर आलाप भरती हैं, तो ऐसा लगता है मानो आकाश के देवी-देवता भी उन्हें सुन रहे हों। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मैंने अनेक अवसरों पर तीजन बाई जी की पंडवानी सुनी है। श्याम बेनेगल की भारत एक खोज में उनका पंडवानी गायन दृश्य मन को आनंद और उत्सुकता से भर देता है। पद्मश्री डॉ. उषा बारले जी हमारे बीच उपस्थित हैं, जिन्होंने अपने अद्भुत पंडवानी गायन से सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंडवानी हमारी अमूल्य धरोहर है। आज इस महासम्मेलन के आयोजन के माध्यम से आप सभी ने इस धरोहर को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बचपन में रामलीला मंडलियों के माध्यम से रामायण की कथाएं और पंडवानी के माध्यम से महाभारत की कथाएं सुनीं। पीढ़ी दर पीढ़ी इन लोककलाकारों ने रामायण और महाभारत जैसी महान कथाओं को जन-जन तक पहुँचाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडवानी गायन इस मायने में भी अद्वितीय है कि इसमें स्त्री-पुरुष का कोई भेद नहीं है। तीजन बाई और डॉ. उषा बारले जैसी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से यह साबित किया है कि यह विधा महिलाओं के कौशल और संवेदनशीलता की प्रतीक है। पंडवानी गायन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सामाजिक तासीर भी झलकती है – यहां मातृशक्ति की भागीदारी कला के क्षेत्र में भी अग्रणी है और उन्हें सदैव प्रोत्साहित किया जाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरगुजा से लेकर बस्तर तक हर क्षेत्र की अपनी विशिष्ट संस्कृति है। हमारी सरकार छत्तीसगढ़ी लोककला और संस्कृति को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। कलाकारों की पेंशन राशि में वृद्धि की गई है और अवसरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। चित्रोत्पला फिल्म सिटी की स्थापना का निर्णय लेकर हमने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को सशक्त बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जब अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया था, तब उनके मन में विकास के साथ-साथ संस्कृति को सहेजने की भी गहरी मंशा थी। आज जब ऐसा सुंदर आयोजन देखता हूं, तो मन को सुकून मिलता है कि अटल जी की मंशा पूर्ण हुई है। उन्होंने बताया कि 1 नवंबर को प्रदेश की रजत जयंती मनाई जाएगी, जो हमारी लोकसंस्कृति का महोत्सव होगा। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी आगमन होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे राज्योत्सव में सम्मिलित होकर छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाएं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा विभाग शीघ्र ही 5000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगा। इन पदों की पूर्ति से ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता में उल्लेखनीय सुधार होगा। मुख्यमंत्री साय ने  नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने, अछोटी में बीएड महाविद्यालय खोलने, मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाने, समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये और क्षेत्र के सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की घोषणा की। कार्यक्रम के अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर सभी पंडवानी कलाकारों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कला और संस्कृति के लिए देश और दुनिया में विशिष्ट पहचान रखता है। यह कलाकारों से परिपूर्ण राज्य है। उन्होंने 1 नवंबर को राज्योत्सव में सभी को रायपुर आमंत्रित किया। कार्यक्रम की संयोजक पद्मश्री डॉ. उषा बारले ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस और पंडवानी महासम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री साय सहित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, एसएसपी विजय अग्रवाल सहित अन्य अधिकारीगण, पंडवानी के लोककलाकार तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।  

स्वास्थ्य मंत्री के गृह ग्राम की ऐतिहासिक उपलब्धि : जिले के खड़गवां सीएचसी को मिला ISO प्रमाणपत्र

रायपुर, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई उपलब्धि दर्ज करते हुए सरगुजा संभाग का पहला ISO प्रमाणित कोल्ड चेन प्वाइंट बनने का गौरव मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां ने हासिल किया है। यह उपलब्धि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गृह ग्राम खड़गवां में उनके सतत प्रयासों और दिशा-निर्देशों के परिणाम स्वरूप संभव हुई है। वहीं इस सफलता के पीछे सीएमएचओ डॉ. अविनाश खरे के कुशल मार्गदर्शन और स्वास्थ्य विभाग की समर्पित टीम की निरंतर मेहनत का अहम योगदान रहा। कोल्ड चेन प्वाइंट खड़गवां को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकताओं के पूर्ण अनुपालन में पाया गया है, जिसके चलते इसे ISO सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया है। यह प्रमाणपत्र स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट प्रबंधन, पारदर्शिता और दक्षता का प्रतीक माना जा रहा है। इस प्रमाणन के साथ खड़गवां सीएचसी ने टीकों और रसद के सुरक्षित, वैज्ञानिक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुरूप भंडारण की नई मिसाल कायम की है। यहां सभी टीके CFC मुक्त और WHO प्रमाणित CCE तिथि वाले उपकरणों में अनुशंसित तापमान पर सुरक्षित रखे जाते हैं। आरआई टीकों और रसद की आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावी बनाने के लिए ईवीआईएन (eVIN) के माध्यम से ऑनलाइन वास्तविक समय में स्टॉक अपडेट किया जाता है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों में वृद्धि हुई है। दिन में दो बार तापमान दर्ज कर टीकों की प्रभावकारिता सुनिश्चित की जाती है, वहीं वेब-आधारित डेटा लॉगर प्रणाली से उच्चस्तरीय सतत निगरानी भी की जाती है। टीकों की आपूर्ति में FIFO (First In First Out) ) और  EEFO (Earliest Expiry First Out) दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है, जिससे शून्य अपव्यय (Zero Wastage) सुनिश्चित हो रहा है। इसके अलावा, आवश्यकतानुसार VVM  (Vaccine Vial Monitor) आधारित आपूर्ति प्रणाली भी लागू की गई है। टीकों के भंडारण हेतु एक अलग ICE Pack Conditioning Area,  निर्बाध बिजली आपूर्ति व्यवस्था, उचित रैंकिंग सिस्टम वाला सूखा भंडारण क्षेत्र, और प्रशिक्षित व दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता से यह केंद्र सरगुजा संभाग का मॉडल स्वास्थ्य संस्थान बन गया है। कोल्ड चेन प्वाइंट में  NCCMIS सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपकरणों का सटीक प्रबंधन किया जा रहा है, साथ ही टीकाकरण अपशिष्ट निपटान प्रणाली को भी वैज्ञानिक और पर्यावरण हितैषी तरीके से अपनाया गया है।

साय सरकार की पहल से ग्रामीण महिला का सपना हुआ साकार

रायपुर, जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के सन्ना गांव की महंती बेक का वर्षों पुराना सपना, पक्के घर में रहने का आखिरकार साकार होने जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके पति सुनील के नाम से पक्के मकान की स्वीकृति मिली है और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मिट्टी और टिन की झोपड़ी में दुश्वारियों से जूझते परिवार के लिए अब स्थायित्व और सम्मान का अहसास मिलने जा रहा है।     महंती बेक कहती हैं कि “कभी बरसात में छत टपकती थी, सर्दी-गर्मी में झोपड़ी में परेशानी होती थी। पति के साथ मजदूरी कर बच्चों की परवरिश करना मुश्किल था। प्रधानमंत्री आवास योजना से गृह निर्माण हेतु आर्थिक सहायता मिली है और अब अपने नए घर की दीवारें खड़ी होते देख कर मुझे बहुत खुशी मिल रही है।”     वे आगे कहती हैं कि साय सरकार की “महतारी वंदन‘‘ योजना से हर माह 1000 रूपए की सहायता मुझे मिलती है, जिससे बच्चों की जरूरतें आसानी से पूरी हो जाती हैं। उज्ज्वला योजना से गैस सिलेंडर मिला है, जिससे रसोई का काम भी अब आसान हो गया है और धुएं से मुक्ति मिली है। नए घर में बसने का सपना भी जल्द ही साकार होगा।”     महंती बेक आभार प्रकट करते हुए कहती हैं कि “हम गरीबों का घर बनाने का सपना पूरा करने के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय जी की हृदय से आभारी हूँ। सरकार की योजनाओं ने हमारे जीवन में स्थिरता और सम्मान की भावना दी है।”     साय सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास, महतारी वंदन और उज्ज्वला जैसी योजनाएं छत्तीसगढ़ के लाखों जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों के लिए सामाजिक बदलाव और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं।

राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक एक्शन: सीएम भजनलाल शर्मा ने 210 अफसर-कर्मचारियों पर की अनुशासनात्मक कार्यवाही

जयपुर  भजनलाल सरकार आमजन को संवेदनशील, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में राजकीय कार्य के निष्पादन में लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं भ्रष्टाचार के दोषी कार्मिकों के विरुद्ध निरंतर सख्त कार्रवाई की जा रही है। राजकीय सेवाओं में अनुशासन और ईमानदारी के लिए सर्वाेपरि स्थान सुनिश्चित करने के क्रम में राज्य सरकार द्वारा गत पौने दो वर्ष में कुल 210 कार्मिकों के विरुद्ध विभिन्न अनुशासनात्मक कार्यवाहियां की गई हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि अधिकारी-कर्मचारी सरकार के शासन तंत्र की मुख्य धुरी हैं, जिनकी जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम भूमिका होती है। ऐसे में कार्मिक पूरे समर्पण भाव एवं सत्यनिष्ठा से काम करते हुए राज्यहित को सर्वाेच्च प्राथमिकता दें, ताकि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। 66 अधिकारियों को किया निलंबित, 98 कार्मिकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति राज्य सरकार ने 20 माह के कार्यकाल में आपराधिक प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए अखिल भारतीय सेवा एवं राज्य सेवा के 66 अधिकारियों को निलंबित किया है। इसी प्रकार, आपराधिक प्रकरणों में दोष सिद्ध पाए जाने पर 6 अधिकारियों को पदच्युत एवं 9 अधिकारियों के विरूद्ध आजीवन शत प्रतिशत पेंशन रोकने संबंधी कार्रवाई की है। राजकीय सेवाओं में ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के क्रम में राज्य सरकार ने 20 माह के कार्यकाल में ही 98 कार्मिकों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान की है। वहीं, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 की धारा 17ए के तहत कुल 31 प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया है। 

JBVNL का निर्देश: छठ पर्व पर रांची में बिजली सेवाओं में कोई बाधा नहीं

रांची झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) राजधानी रांची में छठ महापर्व को लेकर निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति जारी रखेगा और इसको लेकर सुरक्षा निर्देश भी जारी किया गया है। निर्देश में आयोजकों और श्रद्धालुओं से त्योहार के दौरान विद्युत दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करने का आग्रह किया गया है। बिजली वितरण कंपनी ने घोषणा की है कि छठ पर्व के प्रमुख दिनों, 27 और 28 अक्टूबर, 2025 को बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी। विभाग ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि त्योहार के दौरान रांची और आसपास के क्षेत्रों में निर्बाध और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। जेबीवीएनएल ने छठ घाटों के आयोजकों और आम जनता से सुरक्षा दिशा -निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील की है, खासकर उन इलाकों में जहां बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है। निगम ने निर्देश दिया है कि कोई भी व्यक्ति ट्रैक्टर, ट्रक या अन्य ऊंचे वाहनों की छत पर न बैठे, और न ही उनके ऊपर कोई ऊंची संरचना या सामग्री (सरकंडे, बांस के ढांचे या बैटरी) शामिल हैं। विभाग ने स्थानीय आयोजन समितियों के स्वयंसेवकों से अनुरोध किया है कि वे लापरवाही या असावधानी से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए छठ घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर निरंतर निगरानी रखें। आमलोगों को यह भी सलाह दी गई है कि वे बिजली के खंभों, तारों या किसी भी विद्युत उपकरण को लाठी, बांस या अन्य वस्तुओं से न छुएं। जेबीवीएनएल ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी तोरण द्वार और पंडाल बिजली के तारों से सुरक्षित दूरी पर बनाए जाएं ताकि बिजली के खतरों का जोखिम कम से कम हो। छठ महापर्व के दौरान बिजली संबंधी किसी भी समस्या या आपात स्थिति के लिए, जेबीवीएनएल ने तत्काल सहायता के लिए निम्नलिखित संपकर् नंबर उपलब्ध कराए हैं: विद्युत नियंत्रण कक्ष, कुसाई कॉलोनी – 9431135682 / 0651-2490014, विद्युत अधीक्षण अभियंता, विद्युत आपूर्ति मंडल, रांची – 9431135662, कार्यपालक लअभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, रातू (मध्य) – 9431135613, कार्यपालक द्यअभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, डोरंडा – 9431135608, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, न्यू कैपिटल – 9431135620, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, रांची (पूर्व) – 9431135614, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, रांची (पश्चिम) – 9431135664, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, कोकर – 9431135615, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, खूंटी – 9431135616