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AQI अलर्ट: दिवाली से पहले ग्रेटर नोएडा ने छूई खतरनाक सीमा, देश में सबसे प्रदूषित शहर बना

ग्रेटर नोएडा ठंड बढ़ने के साथ ही सर्दी और वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है, लेकिन इस बार भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तैयारी लगभग न के बराबर है। दोनों विभाग टूटी-फूटी और धूल वाली सड़कों की सफाई के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहे हैं, जबकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान लागू करने से पहले ही वायु प्रदूषण के स्रोत समाप्त करने का निर्देश दिया है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 227 मापा गया है। जैसे ही सर्दियाँ आती हैं, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र की हवा प्रदूषित हो जाती है। हर साल यह समस्या दोहराती है, इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ठंड शुरू होने से पहले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसमें सड़कों से धूल हटाना, टूटी हुई सड़कों की मरम्मत करना, ट्रैफिक जाम दूर करना, खुले में कचरा फैलाने और जलाने पर रोक लगाना शामिल है। हालांकि इस बार भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। शहर की अधिकांश सड़कें खराब हालत में हैं, जहां धूल बिखरी हुई है और वाहनों की आवागमन से हवा में धूल उठ रही है। फिर भी धूल हटाने की कोई योजना बनाई नहीं गई है। सांस लेना भी मुश्किल ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है। लोग बताते हैं कि 1 से 15 अक्टूबर के बीच वायु प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है। इस बार दिवाली और अन्य त्योहर भी हैं, जिनमें आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण और गहरा हो जाता है, जिससे सांस लेना कठिन हो जाता है। इसके बावजूद प्राधिकरण और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोई तैयारी नहीं की है, जिससे लोगों को प्रदूषण सहन करना पड़ सकता है। बारिश के बाद मिली तीन दिन की राहत खत्म होते ही ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण फिर से बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटों में यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 123 अंक बढ़कर ऑरेंज जोन में पहुंच गया है। जहां शुक्रवार को एक्यूआई 104 था, वहीं शनिवार को यह 227 तक पहुंच गया। यदि यही स्थिति बनी रही, तो अगले दो दिनों में एक्यूआई 300 से ऊपर चले जाएगा।

दिल्ली-NCR के लिए बड़ी खबर: जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली तक बनेगा सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे

नई दिल्ली दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक नया 30 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो जेवर एयरपोर्ट से सीधे दिल्ली तक पहुंचेगा। यह नया एक्सप्रेसवे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जाएगा और यमुना नदी को पार करते हुए पुस्ता रोड के जरिए दिल्ली तक पहुंचेगा। यह सड़क नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ते हुए दिल्ली के यातायात को आसान बनाएगी। परियोजना को किसने बढ़ावा दिया? इस प्रोजेक्ट की शुरुआत गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा के प्रयासों से हुई थी। अब इस योजना को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का भी समर्थन मिल गया है। हाल ही में जेवर एयरपोर्ट के दौरे पर उन्होंने फंडिंग देने का ऐलान भी किया। यात्रा का समय घटेगा अभी जेवर से दिल्ली तक पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते हैं। नए एक्सप्रेसवे से यह दूरी सिर्फ 30 मिनट में तय की जा सकेगी, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। 1.20 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का हिस्सा नितिन गडकरी के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-NCR में चल रहे 1.20 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है। अब तक इनमें से आधा काम पूरा हो चुका है। आने वाले समय में सरकार यहां 40 से 50 हजार करोड़ रुपये और निवेश करने को तैयार है। भीड़भाड़ होगी कम नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर रोजाना लगभग 5 लाख वाहन चलते हैं। इनमें से करीब 2 लाख वाहन डीएनडी से गुजरते हैं। चिल्ला बॉर्डर, कालिंदी कुंज और सेक्टर 15, 16, 18, 37 जैसे क्षेत्रों से भी भारी ट्रैफिक आता है। पीक ऑवर में अक्सर जाम लग जाता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती है। नया एक्सप्रेसवे इन वाहनों को बायपास कराकर सीधे जेवर एयरपोर्ट तक ले जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के लिए खास एक्सप्रेसवे यह एक्सप्रेसवे खासतौर पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। यूपी सरकार के अनुसार, 2025 के अंत तक एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो जाएगा, जिसके बाद इस एक्सप्रेसवे की जरूरत और बढ़ जाएगी। कौन बनाएगा एक्सप्रेसवे? नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी से फंडिंग को लेकर चर्चा की गई है। तीनों अथॉरिटीज़ का सुझाव है कि यह प्रोजेक्ट NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को सौंपा जाए ताकि केंद्र सरकार और अन्य स्रोतों से मिलने वाली फंडिंग का सही उपयोग हो सके।  दिल्ली-NCR के लोगों को ट्रैफिक की परेशानी से राहत देने और जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली की कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए यह नया एक्सप्रेसवे एक गेमचेंजर साबित हो सकता है।  

बेंगलुरु को पसंद किया रूस की महिला ने, कहा- रिटायरमेंट में रहने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन

नई दिल्ली भारत के सिलिकॉन सिटी के नाम से जाना जाने वाला बेंगलुरु अब विदेशी लोगों की भी पहली पसंद बनता जा रहा है। इस दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें रूस की एक महिला ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू को अपना पसंदीदा शहर करार दिया है। दरअसल, यूलिया नाम की एक रूसी महिला ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में उन्होंने अपने विचार को साझा किया और बेंगलुरु को भारत में रहने के लिए सबसे बेहतरीन शहर बताया। साइबेरिया में जन्मी और पली-बढ़ी यूलिया ने कहा कि बेंगलुरु का मौसम और जीवनशैली इसे भारतीय शहरों में उनकी पहली पसंद बनाती है। इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए एक वीडियो में उन्होंने बेंगलुरु को धूपदार, गर्म और हरा-भरा बताया है। इसके अलावा उन्होंने भारत के अन्य महानगरों की तुलना में इस शहर को एकदम संतुलित बताया है। अपने वीडियो में उन्होंने बताया कि दिल्ली और जयपुर में सर्दियां जमने वाली लगती हैं, जबकि चेन्नई और मुंबई बहुत ज़्यादा गर्मी होती है। उन्होंने कहा कि अपने सुहावने मौसम के कारण उनको बेंगलुरू एकदम सही लगा। ट्रैफिक की समस्या का ना करें जिक्र अपने इस वीडियो संदेश में यूलिया ने शहर के संस्कृति की भी सराहना की। उन्होंने इस शहर को भारत की पब राजधानी करार दिया और रिटायरमेंट के बाद रहने के लिए स्वर्ग बताया। हालांकि, उन्होंने अपने पोस्ट में लोगों से शहर के ट्रैफिक के बारे में जिक्र ना करने की अपील की है। कई लोगों को पसंद आता है बेंगलुरु उल्लेखनीय है कि तापमान और यहां के वातावरण के कारण बेंगलुरु भारत में ही रहने वाले कई लोगों के लिए पहली पसंद है। मुंबई, चेन्नई और दिल्ली जैसे शहरों की तुलना में, बेंगलुरु में साल भर हल्का तापमान रहता है और आसपास का हरा-भरा वातावरण शहर को ठंडा रखने में मदद करता है।  

यूपीएससी प्रीलिम्स के बाद तुरंत प्रकाशित होगी अंतरिम आंसर-की

नई दिल्ली संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसने प्रारंभिक परीक्षा के बाद अंतरिम उत्तर कुंजी प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। आयोग सिविल सेवा परीक्षा समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है। अभी तक अंतिम परिणाम जारी होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी होती थी। यूपीएससी ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाएगी। यह हलफनामा सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित लंबित याचिका पर दाखिल किया गया था। यूपीएससी ने कहा कि मामले के लंबित रहने के दौरान उसने अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र के सुझाव समेत विभिन्न कारकों पर विचार-विमर्श किया है। अधिवक्ता वर्धमान कौशिक के माध्यम से दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है, व्यापक विचार-विमर्श और संवैधानिक निकाय के रूप में यूपीएससी को सौंपी गई भूमिका के मद्देनजर आयोग इस निर्णय पर पहुंचा है कि प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होने के बाद अंतरिम उत्तर कुंजी प्रकाशित किया जाए। हलफनामे में कहा गया है कि परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों से अभ्यावेदन या आपत्तियां मांगी जाएंगी। प्रत्येक ऐसे अभ्यावेदन या आपत्ति के समर्थन में तीन प्रामाणिक स्त्रोत्र देना होगा तथा जिन आपत्तियों के पक्ष में प्रामाणिक स्त्रोत्र नहीं हो, उन्हें शुरुआत में ही खारिज कर दिया जाएगा। आयोग तय करेगा कि प्रस्तुत स्त्रोत प्रामाणिक हैं या नहीं। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अंतरिम उत्तर कुंजी तथा प्रश्न पत्र एवं उत्तर कुंजी पर उम्मीदवारों से प्राप्त आपत्तियों या अभ्यावेदन को संबंधित विषय के विशेषज्ञों की टीम के समक्ष रखा जाएगा, जो सभी पहलुओं पर विचार करेगी और उत्तर कुंजी को अंतिम रूप देगी। विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार की गई ऐसी अंतिम उत्तर कुंजी प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की घोषणा का आधार बनेगी। हलफनामे में कहा गया है कि आयोग इन प्रक्रियाओं का पालन यथाशीघ्र शुरू करना चाहता है। यूपीएससी द्वारा लिया गया निर्णय याचिका में उठाई गई शिकायतों का प्रभावी और पर्याप्त निवारण माना जाए।  

कोचिंग से आज़ादी! पीएम ई-विद्या के जरिए अब घर पर ही पढ़ाई संभव

नई दिल्ली आपका बच्चा यदि स्कूल में है और आप उसके ट्यूशन और कोचिंग पर हर महीने एक बड़ी राशि खर्च कर रहे हैं तो अब आप इससे बच सकते हैं। आपके बच्चे को कोचिंग से बेहतर शिक्षा अब घर बैठे ही पीएम ई-विद्या के जरिए मिल सकती है। केंद्र सरकार ने स्कूलों बच्चों के बीच तेजी से बढ़ी कोचिंग संस्कृति को खत्म करने की दिशा में यह अहम पहल की है। जिसमें बच्चों को बालवाटिका से बारहवीं तक के सभी विषयों की अध्ययन सामग्री अब पीएम ई-विद्या के तहत शुरू किए गए टीवी चैनलों और मोबाइल एप पर मुहैया होगी। जिसे बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार देख और पढ़ सकते है। चैट के जरिए मिलेंगे सवालों के जवाब पढ़ाई के दौरान छात्रों के मन में उससे जुड़े किसी तरह के सवाल होंगे, तो चैट के जरिए उसके भी जवाब पा सकेंगे। यह सब बिल्कुल मुफ्त होगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी ) की देखरेख में स्कूली बच्चों के लिए शुरू हुई इस मुहिम में प्रत्येक कक्षा के लिए एक समर्पित टीवी चैनल के साथ अब एक मोबाइल एप भी तैयार किया है। जिसको आइओएस और एनड्राइड दोनों तरह के मोबाइल फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। इनमें बालवाटिका यानी प्री-प्राइमरी के लिए भी पहली बार एक समर्पित चैनल और मोबाइल एप बनाया गया है। क्या इस एप की खास बात? खासबात यह इससे जुड़ी अध्ययन सामग्री को तैयार करने या छात्रों की मदद के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अलग-अलग विषयों के देश के श्रेष्ठ शिक्षकों को लगाया गया है। एनसीईआरटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक मोबाइल एप शुरू होने के करीब दो सप्ताह में एक करोड़ छात्र पीएम ई-विद्या एप से जुड़ गए हैं। वैसे तो इसका लक्ष्य स्कूलों में पढ़ने वाले सभी 25 करोड़ छात्रों तक पहुंचने का है। खासकर दूरदराज और पिछले क्षेत्रों के बच्चों तक पहुंचने पर सबसे अधिक फोकस है। एप के जरिए छात्र अपनी कक्षाओं से जुड़ी अध्ययन सामग्री को कभी भी देख सकेंगे। यह 30 भारतीय भाषाओं में तैयार की जा रही है। गौरतलब है कि पीएम ई-विद्या की सोच वैसे तो कोरोना काल में निकलकर सामने आयी है, जिसमें दो सौ टीवी चैनल शुरू करने की घोषणा की गई थी। हालांकि इसकी शुरूआत पिछले साल यानी दिसंबर 2024 में हो पायी। अब इसमें नए-नए सुधार किए जा रहे हैं।  इस तरह हुआ है दो सौ टीवी चैनलों का बंटवारा पीएम ई-विद्या के तहत शुरू किए गए दो सौ टीवी चैनलों में से 16 चैनल अकेले एनसीईआरटी के पास है जबकि सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी पांच-पांच चैनल दिए गए है। मणिपुर में उग्रवाद को देखते हुए उसे दस टीवी चैनल दिए गए है। यह टीवी चैनल 24 घंटे बच्चों को पढ़ाते है। राज्यों के चैनलों पर मुहैया कराई जाने वाली अध्ययन सामग्री पर भी एनसीईआरटी नजर रखता है। जरूरत पड़ने पर या खराब गुणवत्ता पर उन्हें जरूरी निर्देश भी देता है। नीट-जेईई जैसी परीक्षाओं को भी कोचिंग के चंगुल से मुक्त कराने की पहल स्कूली बच्चों को को¨चग संस्कृति से छुटकारा दिलाने की इस पहल से पहले नीट-जेईई जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं को भी कोचिंग के चंगुल के मुक्त कराने की दिशा में केंद्र ने जरूरी कदम उठाए है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी का अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की है। जिसे इन परीक्षाओं के पैटर्न को कुछ इस तरह से तैयार करने का सुझाव दिया गया है ताकि बगैर कोचिंग के बच्चे भी इनमें आसानी से चयनित हो सके। कमेटी इसे लेकर एक दौर की बैठक भी कर चुकी है। जिसमें चयनित बच्चों के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया जा रहा है। माना जा रहा है कि अगले साल होने वाली इन परीक्षाओं में इससे जुड़े कुछ बदलाव दिख सकते हैं।  

शीश महल में नया चेहरा: सरकारी अतिथि गृह और सार्वजनिक कैफेटेरिया जल्द खुलने वाला

नई दिल्ली दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित विवादास्पद सरकारी आवास, जिसे 'शीश महल' के नाम से जाना जाता है, अब एक नए स्वरूप में नजर आएगा। दिल्ली की भाजपा सरकार ने इस बंगले को एक राजकीय अतिथि गृह (स्टेट गेस्ट हाउस) में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। इस अतिथि गृह में आम जनता के लिए एक फूड आउटलेट (भोजनालय) भी खोला जाएगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने शनिवार को इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सिविल लाइंस स्थित इस बंगले को एक सार्वजनिक सुविधा केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव लगभग अंतिम चरण में है। योजना के अनुसार, परिसर में एक कैफेटेरिया स्थापित किया जाएगा, जहाँ अन्य राज्यों के भवनों की तरह पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे और यह सुविधा आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सरकार बंगला नंबर 6 को राजकीय अतिथि गृह में बदलने के निर्णय के करीब है। इसका उपयोग अन्य राज्यों के अतिथि गृहों की भांति ही किया जाएगा, जहाँ बैठकें आयोजित हो सकेंगी और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के लिए आने वाले अधिकारी व मंत्री भुगतान के आधार पर ठहर सकेंगे।" इस प्रस्ताव के तहत परिसर में पार्किंग स्थल, प्रतीक्षा कक्ष और अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा। हालांकि, इस योजना को अभी उच्च अधिकारियों से अंतिम मंजूरी मिलनी शेष है। फिलहाल, इस बंगले के रखरखाव के लिए लगभग 10 कर्मचारियों की एक टीम तैनात है, जो नियमित रूप से साफ-सफाई और विद्युत उपकरणों का संचालन सुनिश्चित करती है। गौरतलब है कि यह बंगला अपने नवीनीकरण में हुए कथित अत्यधिक खर्च और अनियमितताओं को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों के केंद्र में रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए 'शीश महल' की संज्ञा दी थी। वर्ष 2022 में, दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा बंगले के नवीनीकरण में हुई कथित अनियमितताओं और अत्यधिक लागत की जांच भी शुरू की थी। सरकार के इस नए कदम को उस विवादित अध्याय को समाप्त कर संपत्ति का सार्वजनिक उपयोग सुनिश्चित करने की एक पहल के रूप में देखा जा रहा है।  

राहुल का विदेशी मंचों पर भरोसा BJP के लिए सिरदर्द, ‘भारत-विरोधी संस्कारों’ का आरोप

नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का भारत की धरती से अधिक भरोसा विदेशी मंचों पर जताना उनके ‘भारत-विरोधी संस्कारों’ को दर्शाता है। सचदेवा ने एक्स पोस्ट में राहुल गांधी के हालिया बयानों की आलोचना करते हुए लिखा कि लोकतंत्र पर भाषण देने से पहले उन्हें अपनी पार्टी का इतिहास देखना चाहिए। इमरजेंसी की याद आज भी भारत की आत्मा में जिंदा है। भारत को कमजोर बताने वाले आपके बयान हर देशवासी के आत्मसम्मान पर प्रहार हैं।  सचदेवा ने कहा कि भारत आज आत्मविश्वास के साथ विश्व मंच पर खड़ा है, लेकिन राहुल उस आत्मविश्वास को तोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक मतभेद से आगे बताते हुए कहा, “यह विरोध नहीं, वतन से वैर है; यह राजनीतिक मतभेद नहीं, बल्कि मानसिक दिवालियापन है।” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में विरोध जरूरी है, लेकिन देश की बदनामी कतई स्वीकार्य नहीं। बार-बार भारत की धरती से ज्यादा भरोसा विदेशी मंचों पर जताना आपके भारत-विरोधी संस्कारों की निशानी है। आप अब अपमान के प्रतीक बन चुके हैं।  

इतिहास रचा दिल्ली में: 27 साल बाद सनातनी सरकार, रेखा गुप्ता ने किया खुलासा

नई दिल्ली दिल्ली में बहुत कुछ पहली बार हो रहा है। 27 साल बाद कोई सनातनी सरकार आई है। दिल्ली के लोगों का दुख-दर्द कम करने की चिंता भी किसी सरकार ने पहली बार की है। यह कहना था दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता था। जिन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से की जा रहीं छठ पर्व की तैयारियों के बारे में बताने के दौरान ये कहा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांवड़ का त्योहार कितनी भव्यता के साथ संपन्न हुआ। अभी रामलीला भी सभी ने देखी, कितने जोरों शोरों से हर एक सुविधा दिल्ली सरकार ने दी। ऐसा ही इंतजाम दुर्गा पंडालों को लेकर भी किए गए।  छठ पर्व पर भी उतनी ही भव्यता के साथ सारी सुविधाएं दिल्ली सरकार प्रदान करेगी। सभी विभाग अपने कामों को मुस्तैदी कर रहे हैं। हजारों की संख्या में छठ के घाट तैयार किए जाएंगे और लाखों लोग भक्तजन पूजा करेंगे। उन्होंने कहा कि सालों बाद यमुना किनारे छठ मनाई जाएगी। सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, इस बार छठ व्रतियों को सुंदर और एतिहासिक छठ पर्व मनाने का मौका मिले। पल्ला से लेकर ओखला तक जहां-जहां आबादी है, वहां दिल्ली सरकार छठ घाट तैयार करेगी। इसके अलावा शहर के अंदर भी हजार से ज्यादा प्वाइंट छठ पूजा के लिए बनाए जाएंगे। इस बार सुंदर और विशिष्ट छठ मनाई जाएगी।  छठ पर्व को लेकर किसी भी प्रकार की व्यवस्था की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार है, उसके बाद यहां की स्वच्छता की जिम्मेदारी भी दिल्ली सरकार की है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि मैं ये मानती हूं, छठ के अर्घ्य से यमुना किसी भी हाल में गंदी हो ही नहीं सकती। यह एक पवित्र त्योहार है। स्वच्छता का त्योहार है। प्रकृति का त्योहार है, प्रकृति के साथ मिलकर लोग पूजा करें।  

गुरमीत सिंह सूरा ने सराहा दिल्ली सरकार का कदम, दिव्यांगों को हर महीने सहायता राशि

नई दिल्ली दिव्यांगजनों को हर माह ₹6,000 की आर्थिक सहायता देने के दिल्ली सरकार के निर्णय को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शाहदरा जिले के वरिष्ठ नेता गुरमीत सिंह सूरा ने एक "बेहतरीन फैसला" बताया है। गुरमीत सिंह सूरा ने कहा कि यह योजना 'ट्रिपल इंजन सरकार' के जनहितकारी कार्यों का प्रमाण है, जिसके फायदे अब दिल्ली की जनता को मिलने शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया था कि इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को केवल आर्थिक मदद देना नहीं है, बल्कि उन्हें सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है, क्योंकि वे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का पूरा हक है। यह विशेष वित्तीय सहायता उन पात्र दिव्यांगजनों को दी जाएगी जिन्हें उच्च सहयोग की आवश्यकता है। इस योजना के तहत दी जाने वाली ₹6,000 की मासिक राशि सीधे लाभार्थी के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी।  गुरमीत सिंह सूरा ने बताया कि यह पैसा देखभाल सहायक के खर्च, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श और अन्य आवश्यक सहायक उपकरणों पर होने वाले खर्चों में मदद करेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना को सामाजिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली पहल बताया, जिससे परिवारों पर इलाज और देखभाल का पड़ने वाला भारी बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन करुणा के नहीं, बल्कि समाज के सक्रिय और सम्मानित नागरिक हैं। इस योजना को दिल्ली कैबिनेट की पिछली बैठक में हरी झंडी मिल चुकी है, और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की जाएगी। सूरा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लगभग आठ माह के कार्यकाल में जनहित में लिए गए अनेक फैसलों की सराहना की।  

अरविंद केजरीवाल का गोवा ऐलान: मंच से माफी और दिल्ली की रणनीति एक साथ!

गोवा  आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गोवा के माएम में आम आदमी पार्टी के ऑफिस का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोवा की बीजेपी पर सरकार पर खूब निशाना साधा और गोवा की जनता को लूटने का आरोप लगाया। इसी के साथ उन्होंने एक दिल्ली वाला एक दांव भी खेला। उन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर मायेम में भी एक क्लिनिक खोलने का वादा किया है जिसमें इलाज से लेकर दवा तक हर चीज फ्री होगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा, आपको कोई भी समस्या हो, आप हमारे पास आइए। हम आपकी समस्याओं को दूर करायेंगे। अब 2 सप्ताह बाद माएम विधानसभा में एक क्लीनिक भी खोला जाएगा, यहां बीमारियों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। आज यहां हमारा विधायक और सरकार नहीं है तो इतना काम कराया जा रहा है तो जब हमारी सरकार होगी तब कितना काम कराया जाएगा। अपने भाषण के दौरान अरविंद केजरीवाल ने भरे मंच से माफी भी मांगी। ये माफी कार्यक्रम में उनके देरी से पहुंचने को लेकर थी। उन्होंने कहा, मुझे पता है कि आप लोग काफी देर से इंतजार कर रहे थे लेकिन वह सही समय पर इसलिए नहीं पहुंच पाए क्योंकि जिस रास्ते से उन्हें आना था वहां सड़क की हालत बहुत खराब थी। अरविंद केजरीवाल ने आगे गोवा के सीएम पर निशाना साधते हिए आरोप लगाया कि माएम से वह अपनी पत्नी को चुनाव में उतार सकते हैं। उन्होंने कहा, अब सुनने में आ रहा है कि CM प्रमोद सावंत अपनी पत्नी को माएम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने वाले हैं। इन्हें वोट तो जनता से चाहिए लेकिन MLA बनाने के लिए इन्हें केवल अपना परिवार दिखाई देता है। गोवा के ऊपर कुछ चंद परिवारों ने कब्जा किया हुआ है। यह गोवा के लोगों के लिए नहीं बल्कि अपनी जेबें भरने और जनता को लूटने के लिए चुनाव लड़ते हैं।