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चुनावी रणभूमि की पहली लड़ाई: कौन कितनी सीटों पर दावेदार, लालू-नीतीश की ताकत का हाल

पटना बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान छह नवंबर को है। पहले चरण में 18 जिले के 121 सीटों पर चुनाव होना है। अब तक 1698 विभिन्न दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। 20 अक्टूबर तक नाम वापसी की अंतिम तिथि है। खास बात यह है कि पहले चरण में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाईटेड की सबसे अधिक सीटें दांव पर लगी है। इस बार महागठबंधन की ओर से राजद ने 71, कांग्रेस ने 25, भाकपा माले 13, वीआईपी और सीपीआई छह-छह, सीपीएम और आईआईपी ने दो प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं एनडीए से जदयू ने 57 उतारे हैं। भाजपा के 48, लोजपा (राम) के 14 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।   पहले चरण में 36 सीटों पर राजद और जदयू के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। वहीं राजद और भाजपा के बीच 23 सीटों पर आमने सामने हैं। कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच 23 सीटों पर मुकाबला है। वहीं कांग्रेस और जदयू  12 सीटों पर आमने-सामने हैं। वहीं चिराग और तेजस्वी के बीच 10 सीटों पर मुकाबला होना है। पहले यह संख्या 11 थी। लेकिन, मढ़ौरा से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सीमा सिंह का नामांकन रद्द होने के कारण यह संख्या अब 10 रह गई। महागठबंधन में पिछले कुछ दिनों से सबसे ज्यादा चर्चा में रहे मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी का मुकाबला पहले चरण की छह में से चार सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर जदयू से है। इन दिग्गजों की किस्मत पहले चरण में दांव पर पहले चरण में राजद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर और छपरा से भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।  भाजपा से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय, सम्राट चौधरी तारापुर से, मंत्री मंगल पांडेय सीवान से, जिवेश मिश्रा जाले से, संजय सरावगी दरभंगा सदर से, राजू सिंह राजू कुमार सिंह,  नितिन नवीन बांकीपुर और लोकगायिका मैथिली ठाकुर अलीनगर सीट, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा से चुनावी मैदान में हैं। वहीं जदयू से मंत्री विजय कुमार चौधरी सरायगंज से, महेश्वर हजारी कल्याणपुर से चुनावी मैदान में हैं। 

प्रशांत किशोर: चुनाव नहीं लड़ूंगा, जनसुराज की जीत पर भ्रष्ट नेताओं-नौकरशाहों पर होगा एक्शन

पटना जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को एलान किया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी ने उसके व्यापक हित में लिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव जीतती है, तो इसका राष्ट्रव्यापी असर होगा। राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदल जाएगी। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि मैं विधानसभा चुनाव न लड़ूं, और इसी कारण राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ हमने किसी और उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। यह फैसला पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है। अगर मैं चुनाव लड़ता, तो जरूरी संगठनात्मक कार्यों से मेरा ध्यान भटकता। सरकार बनने के एक महीने के भीतर यह कानून बनाया जाएगा प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने बिहार को भू-माफिया, बालू माफिया और तमाम तरह के माफियाओं से मुक्त करने का वादा किया है। इसी दिशा में हमने छह बड़े वादे किए हैं, जिनमें फर्जी शराबबंदी नीति को खत्म करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के एक महीने के भीतर एक कानून बनाया जाएगा, जिसके तहत 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की पहचान की जाएगी। मुझे पूरा यक़ीन है कि ये लोग अभी से पूजा-पाठ कर रहे होंगे कि हम सत्ता में न आएं। इन भ्रष्ट लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उनकी अवैध संपत्ति जब्त कर राज्य के खजाने में जमा की जाएगी, ताकि बिहार के विकास में उसका इस्तेमाल हो सके। यह वही विकास है जो इन लोगों की वजह से रुका पड़ा है, हम या तो भारी जीत दर्ज करेंगे या पूरी तरह हार जाएंगे जब उनसे उनकी पार्टी की चुनावी संभावनाओं को लेकर सवाल किया गया, तो 48 वर्षीय प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हम या तो भारी जीत दर्ज करेंगे या पूरी तरह हार जाएंगे। मैंने पहले भी कहा है कि हमें या तो 10 से कम सीटें मिलेंगी या 150 से ज्यादा। बीच का कोई रास्ता नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि अगर बिहार में त्रिशंकु विधानसभा बनती है, तो क्या जन सुराज एनडीए या इंडिया गठबंधन को समर्थन देगा, इस पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि त्रिशंकु जनादेश की कोई संभावना नहीं है। पीके ने यह भी कहा कि अगर हमें 150 से कम सीटें मिलती हैं। अगर जनसुराज को 120 या 130 सीटें भी आती हैं तो वह मेरी नजर में हार होगी। अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो हमें बिहार को देश के 10 सबसे विकसित राज्यों में शामिल करने का जनादेश मिलेगा। लेकिन, अगर जनता ने हमारे ऊपर पर्याप्त भरोसा नहीं जताया। हम अपनी सड़क और समाज की राजनीति को आगे बढ़ाते रहेंगे। बिहार में सत्ताधारी एनडीए की हार तय है जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दावा किया कि बिहार में सत्ताधारी एनडीए की हार तय है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सत्ता में वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन की सीटों और उम्मीदवारों को लेकर असमंजस की स्थिति से साफ है कि हालात उनके पक्ष में नहीं हैं। पीके ने दावा किया एनडीए की विदाई तय है और नीतीश कुमार अब दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। पिछली विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले ही बगावत कर दी थी और नीतीश कुमार की पार्टी के खिलाफ कई उम्मीदवार उतार दिए थे, जिनमें से अधिकांश प्रभावशाली नहीं थे, लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि जदयू की सीटें घटकर 43 पर आ गई थीं। 

झारखंड की घाटशिला सीट पर उपचुनाव की तैयारी तेज, नामांकन शुरू

रांची झारखंड के घाटशिला (अनुसूचित जनजाति सुरक्षित) विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने यह जानकारी दी। नामांकन पत्र पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। कुमार ने बताया कि नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम समय 21 अक्टूबर तक है। नामांकन पत्रों की जांच 22 अक्टूबर को होगी जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर है। उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र में 2.55 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.30 लाख महिला मतदाता हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड के तत्कालीन शिक्षा मंत्री 62 वर्षीय रामदास सोरेन का 15 अगस्त को नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो जाने के कारण घाटशिला सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उपचुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं और इस सप्ताह वे अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकते हैं। ज्ञातव्य है कि रामदास सोरेन ने 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र, भाजपा के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को हराकर तीसरी बार यह सीट जीती थी। रामदास ने पहली बार 2009 में यह सीट जीती थी। हालांकि 2014 में वह भाजपा के लक्ष्मण टुडू से यह सीट हार गए थे, लेकिन 2019 में उन्होंने इस पर जीत हासिल की थी।  

धर्मेंद्र प्रधान बोले—NDA में सीट बंटवारे पर 99 प्रतिशत सहमति, कुछ सीटों पर चर्चा जारी

पटना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच 99 प्रतिशत सीटों पर यह तय हो गया है कि कौन-सी पार्टी किस सीट से चुनाव लड़ेगी। उनके अनुसार, शेष सीटों पर बहुत जल्द निर्णय लिया जाएगा। NDA के पांचों घटक दलों के बीच बातचीत जारी प्रधान ने यहां एक होटल में भाजपा के मीडिया सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, “राजग के पांचों घटक दलों के बीच बातचीत जारी है। लगभग सभी सीटों पर सहमति बन चुकी है।” उन्होंने यह बातें तब कही हैं जब राजग में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के स्वर उभरने लगे हैं। जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी के हिस्से में गई कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह दे दिया है। सूत्रों का कहना है कि राजग में सीट बंटवारे को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है, कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। हालांकि राजग में एक जुटता दिखाने के लिए जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के उपेंद्र कुशवाहा ने ‘एक्स' पर यह जानकारी दी है कि “सीटों की संख्या तय हो गई है, कौन दल किस सीट पर लड़ेगा, इसकी सकारात्मक बातचीत अंतिम दौर में है। मोदी जी और नीतीश जी के नेतृत्व में राजग के सभी दल एकजुटता के साथ पूरी तरह तैयार हैं।” प्रधान ने दावा किया कि विपक्षी दलों को अपनी हार साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा “14 नवंबर के बाद एक बार फिर बिहार में राजग की सरकार बनेगी।” प्रधान ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट मानना है कि पूर्वोत्तर भारत के विकास का मार्ग बिहार से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा, “बिहार देश की राजनीतिक पाठशाला है। बिना बिहार की राजनीति को समझे, कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हो सकता।”

RJD में हलचल: बिहार चुनाव से पहले नेता का अचानक इस्तीफा

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के अगले ही दिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पार्टी के मधुबनी प्रभारी अनिसुर रहमान ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि पार्टी में टिकट बंटवारे को उनकी नाराजगी चल रही थी, जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया। RJD नेतृत्व की टेंशन बढ़ी अनिसुर रहमान ने पार्टी पर उनको किनारे कर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मधुबनी सहित कई जिलों में टिकट तय करने में स्थानीय कार्यकर्ताओं और जिला इकाई से कोई राय नहीं ली गई। वहीं मधुबनी प्रभारी के इस्तीफे ने RJD नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अनिसुर रहमान पिछले कुछ दिनों से पटना में नेतृत्व से मुलाकात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बात नहीं बन पाई। बता दें कि सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेंस कॉन्फ्रेस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने तारीखों की घोषणा की है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आगामी छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी।

टिकट बंटवारे में बदलाव, BJP इन वर्तमान विधायकों को सकती है अलविदा

पटना बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव समिति की लगातार दो दिन बैठक हुई, जिसमें चुनावों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, बढ़िया प्रदर्शन न करने वाले या विवादों में घिरे मौजूदा विधायकों के टिकट पर कैंची चलना तय माना जा रहा है। उन विधायकों को टिकट नहीं देने की चर्चाएं जोरों पर है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री एवं बिहार चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने की। बैठक में उनके कैबिनेट सहयोगी एवं चुनावों के सह-प्रभारी सीआर पाटिल और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी मौजूद थे। बिहार विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को मिलेगा मौका भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि चर्चा ‘‘हमारी बची हुई मौजूदा सीटों के साथ-साथ पिछली बार हारी हुई सीटों'' पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा था कि ‘‘जिन उम्मीदवारों का प्रदर्शन अच्छा रहा है और जिनका कोई मजबूत विरोधी नहीं है, उन्हें दूसरी बार मौका दिया जा सकता है, लेकिन बाकी को नए चेहरों से बदलना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक,  कमजोर प्रदर्शन करने वाले या विवादों में घिरे 20 से अधिक विधायकों का टिकट काटा जा सकता है। बताया जा रहा है कि रामनगर से भागीरथी देवी, छपरा से विधायक डॉ. सीएन गुप्ता, लोरिया के विनय बिहारी , आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह, नरकटियागंज की रश्मि वर्मा, अलीपुर के मिश्रा लाल यादव जैसे कुछ अन्य विधायकों के टिकटें कटना तय माना जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के कई राजनीतिक दिग्गजों के भविष्य पर सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है! पार्टी द्वारा विधायकों के प्रदर्शन को लेकर भी सर्वे करवाया गया। जिन विधायकों को लेकर लोगों ने अच्छा फीडबैक दिया है, पार्टी उनको ही दोबारा मौका देने का फैसला किया है। वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले विधायकों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। आज होगा चुनाव की तारीखों का ऐलान बता दें कि पार्टी ने 2020 के चुनावों में 110 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 75 पर जीत हासिल की थी, और अन्य दलों के दलबदल और उपचुनावों में जीत के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसकी ताकत बढ़ी है। जानकारी हो कि निर्वाचन आयोग सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। निर्वाचन आयोग शाम चार बजे संवाददाता सम्मेलन करेगा। बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

तेज प्रताप का देसी ग्लैमर: चुनावी माहौल में धोती-कुर्ता में रैंप वॉक

मुजफ्फरपुर बिहार की राजनीति में अपने बयानों और अनोखे अंदाज से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में हैं। कभी महादेव तो कभी भगवान कृष्ण का रूप धारण करने वाले तेज प्रताप का नया लुक सामने आया है, जिसमें वे पूरी तरह ठेठ बिहारी रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। उन्होंने धोती-कुर्ता, बंडी और टोपी पहनकर रैंप वॉक किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनका ये 'देसी' अवतार बिहार के लोगों के साथ सीधा जुड़ाव पैदा कर रहा है। 'तेजू भैया' के नाम से मशहूर तेज प्रताप यादव, पार्टी से निकाले जाने के बाद से ही आरजेडी और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को लगातार चुनौती दे रहे हैं। 'देसी' अंदाज में तेज प्रताप का रैंप वॉक वायरल हो रहे वीडियो में तेज प्रताप यादव पूरे आत्मविश्वास के साथ रैंप पर चलते दिख रहे हैं। जैसे ही उन्होंने मंच पर कदम रखा, दर्शकों ने तालियों और शोर से उनका स्वागत किया। धोती-कुर्ता में उनका ये जलवा सोशल मीडिया पर 'बवाल' मचा रहा है। लोगों की 'वन्स मोर' की मांग पर उन्होंने शो की मैनेजमेंट टीम के साथ दोबारा रैंप वॉक किया, जिसमें एक पुराने खिलाड़ी वाला कॉन्फिडेंस साफ झलकता है। ये वीडियो इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ट्रेंडिंग में है। यूजर्स ने बताया 'बिहार का देसी स्टार तेज प्रताप के इस 'देसी अवतार' को सोशल मीडिया यूजर्स खूब सराहा रहे हैं। वीडियो पर जमकर लाइक्स और पॉजिटिव कमेंट्स आ रहे हैं। यूजर्स ने हार्ट इमोजी की बौछार कर दी है। कई लोग इसे उनके अच्छे संस्कारों से जोड़कर देख रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट किया है, 'जय यादव जय माधव जय सनातन संस्कृति को बचाने को लिए धन्यवाद।' दूसरे यूजर्स उन्हें 'बिहार का देसी स्टार' बताकर उनकी तारीफ किया। उनका यह लुक चुनाव से पहले बिहार के लोगों से जुड़ने की कोशिश मानी जा रही है। धोती-कुर्ता में सभा को किया संबोधित धोती-कुर्ता में तेज प्रताप ने मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट विधानसभा के पीरौंछा में जन संवाद यात्रा के तहत भारी बारिश में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, 'हजारों की संख्या में जनता जनार्दन ने भारी बारिश के बीच हमें सुनने का जो का काम किया उसके लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूं। जनशक्ति जनता दल का विस्तार प्रतिदिन बहुत ही तेज गति से हो रहा है, ये सब आपलोगों के प्रेम, सहयोग और समर्थन के कारण ही संभव हो पा रहा है।'

चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, बदला काउंटिंग का क्रम

नई दिल्ली भारतीय चुनाव आयोग (इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया) ने पोस्टल बैलेट और ईवीएम की गिनती के नियमों में बदलाव किया है। अब पोस्टल बैलेट (postal ballot) की काउंटिंग के बाद ही ईवीएम (EVM) के वोट गिने जाएंगे। ईवीएम की गिनती का दूसरा अंतिम दौर पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही शुरू होगा, जिससे मतगणना प्रक्रिया में एकरूपता और स्पष्टता सुनिश्चित हो सके। बता दें कि पहले, ईवीएम की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने से पहले भी खत्म हो सकती थी। यह बदलाव पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। वोटिंग के दिन, पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू होती है, और ईवीएम की गिनती 8:30 बजे शुरू होती है। पहले, ईवीएम की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती के किसी भी चरण में जारी रह सकती थी और इसके पहले पूरी होने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता था। हालांकि, अब आयोग ने फैसला किया है कि ईवीएम/वीवीपैट की गिनती का दूसरा अंतिम दौर केवल तभी शुरू होगा, जब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो जाएगी। ‘एकरूपता और स्पष्टता…’ आयोग ने बताया कि यह कदम मतगणना प्रक्रिया में एकरूपता और अत्यधिक स्पष्टता लाने के लिए उठाया गया है। यह विशेष रूप से उन काउंटिंग सेंटर्स पर लागू होगा, जहां पोस्टल बैलेट की गिनती की जाती है। इस बदलाव से यह तय होगा कि सभी वोटों की गिनती सही तरीके से और बिना कोई फैलाए पूरी हो सके।

6 वर्षों से चुनावी मैदान से दूर 27 पार्टियों से जवाब तलब, आयोग ने मांगा स्पष्टीकरण

नई दिल्ली  दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 27 पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इन पार्टियों को पिछले छह सालों से कोई भी चुनाव न लड़ने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निर्वाचन आयोग ने कहा, यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है। आगे इन पार्टियों को चुनाव आयोग की लिस्ट से हटाया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि इन पार्टियों के अध्यक्षों और महासचिवों को लिखित में जवाब देने और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सामने पेश होने का समय दिया गया था, लेकिन सिर्फ चार पार्टियों ने जवाब दिया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर. एलिस वाज ने कहा कि वे 27 जुलाई तक चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज देंगे। 27 पार्टियों ने 2019 से नहीं लड़ा कोई चुनाव अधिकारी के अनुसार, चुनाव आयोग में राजनीतिक पार्टियों जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29 के तहत रजिस्टर होती हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद वह चुनाव में भाग ले सकती हैं। इन पार्टियों को विशेष प्रकार की छूटें भी दी जाती है। जिसमें टैक्स में छूट, चुनाव चिह्न और स्टार प्रचारक जैसी सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन दिल्ली में 27 पार्टियों ने 2019 से कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है। राजनीतिक पार्टियों की लिस्ट से हटाया जा सकता है नोटिस में कहा गया है, पिछले छह सालों से चुनाव न लड़ने से साफ है कि पार्टी ने धारा 29A के तहत राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करना बंद कर दिया है। इसलिए, आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29A के तहत इन राजनीतिक पार्टियों को लिस्ट से हटाने का प्रस्ताव रखता है। निर्वाचन आयोग द्वारा जिन पार्टियों को नोटिस भेजा गया है, वही सभी पार्टियां लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम के चुनावों में हमेशा दिखती है लेकिन कुछ खास वोट नहीं पाती हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और उसके साथियों को 47.2 प्रतिशत वोट मिले, आप को 43.6 प्रतिशत और कांग्रेस को 6.3 प्रतिशत वोट मिले। बाकी राष्ट्रीय पार्टियों, गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों को मिलाकर सिर्फ 2.4 प्रतिशत वोट मिले। इन पार्टियों को भेजा गया नोटिस जिन पार्टियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें भारतीय रोजगार पार्टी, जन आंदोलन मोर्चा, मानव जागृति मंच, नवयुग पार्टी, ओजस्वी पार्टी, राष्ट्रीय जन कल्याण पार्टी, जनता सरकार पार्टी, ऑल इंडिया वीमेन यूनाइटेड पार्टी और आजाद भारत कांग्रेस शामिल हैं। चुनाव अधिकारी ने पार्टियों को 18 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया था।  

MP पंचायत चुनाव में तकनीकी कदम: IPBMS से होगा सरपंच व जनपद सदस्य चयन

मतदान 22 जुलाई को सुबह 7 बजे से दमोह पंचायत उप निर्वाचन-2025 में त्रि-स्तरीय पंचायतों में रिक्त पद के लिये 22 जुलाई को सुबह 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक मतदान होगा। सरपंच पद के लिये 49 और जनपद पंचायत सदस्य के 5 पदों के लिये मतदान होगा। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग अभिषेक सिंह ने जानकारी दी है कि इनमें से सागर जिले की 4 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिये 9 मतदान केन्द्रों और दमोह जिले के वार्ड-16 के जनपद सदस्य के निर्वाचन के लिये 9 मतदान केन्द्रों में इंटीग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीबीएमएस) से मतदान कराया जायेगा। इन मतदान केन्द्रों की मतदान प्रकिया का सीधा प्रसारण भी किया जायेगा। इसके लिये राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय के सामने तथा सागर और दमोह में एक-एक स्क्रीन लगाई जायेगी। सागर जिले के जनपद पंचायत जैसीनगर की ग्राम पंचायत अगरा, औरिया, जनपद पंचायत खुरई की ग्राम पंचायत मुहासा और जनपद पंचायत राहतगढ़ की ग्राम पंचायत सेमरालहरिया के मतदान केन्द्रों में इंटीग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम से मतदान कराया जायेगा। शेष पदों पर पूर्व की भांति मतदान कराया जायेगा।   इंटीग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पेपरलेस बूथ की नवीन पहल की गई है। इसमें मतदान केन्द्रों में मतदाता और मतदानकर्मियों द्वारा किये जाने वाला पूरा काम डिजिटल माध्यम से किया जाता है। उल्लेखनीय है कि इस नवीन पहल के तहत वर्ष 2024 में भोपाल जिले के बैरसिया तहसील की ग्राम पंचायत रतुआ रतनपुर और रीवा जिले के अतरैला ग्राम पंचायत के सरपंच पद के लिये मतदान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। जनपद पंचायत सदस्य के लिये पहली बार इंटीग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम से मतदान करवाया जा रहा है।