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क्रिकेट मैदान पर धमाका: रोहित और कोहली की जोड़ी ने दिलाई भारत को यादगार जीत

नई दिल्ली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे वनडे में 9 विकेट से करारी शिकस्त दी। शुरुआती दो मैचों में हार का सामना करने वाली भारतीय टीम ने सिडनी में खेले गए मुकाबले में दमदार प्रदर्शन किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम 46.4 ओवर में सभी विकेट खोकर 236 रन ही बना सकी। इसके जवाब में भारत ने रोहित शर्मा (109 और विराट कोहली (68) की शतकीय साझेदारी की बदौलत 69 गेंद शेष रहते मैच अपने नाम किया। भारत ने 38.3 ओवर में एक विकेट खोकर 237 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के 237 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए भारत को पहला झटका 69 के स्कोर पर लगा। जोश हेजलवुड ने शुभमन गिल को आउट किया। इसके बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली ने विकेट नहीं गिरने दिया। दोनों के बीच 168 रन की साझेदारी हुई। रोहित शर्मा ने 125 गेंद में 13 चौके और तीन छक्के की मदद से 121 रन बनाए। विराट कोहली ने 81 गेंद में 74 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में सात चौके लगाए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जोश हेजलवुड ने एक विकेट लिया। इससे पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाई। भारतीय गेंदबाजों की कहर बरपाती बॉलिंग के आगे पूरी टीम 236 रनों पर ही सिमट गई। भारत के लिए हर्षित राणा ने सर्वाधिक 4 विकेट चटकाए, वहीं वॉशिंगटन सुंदर को 2 और कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और अक्षर पटेल को 1-1 सफलता मिली। ऑस्ट्रेलिया के लिए मैट रेनशॉ एकमात्र ऐसे बल्लेबाज रहे जो 50 रन का आंकड़ा पार करने में कामयाब रहे। उन्होंने 56 रनों की शानदार पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया 46.4 ओवर में ही ऑलआउट हो गया।   रोहित शर्मा बने प्लेयर ऑफ द मैच – सीरीज रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में दमदार प्रदर्शन किया। उन्होंने तीसरे वनडे में शतकीय पारी खेली। इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच मिला। वहीं वह सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। रोहित ने तीन पारियों में 101 के औसत से 202 रन बनाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड भी मिला। भारत ने तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को हराया भारतीय टीम ने तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को नौ विकेट से हराया। जीत के लिए 237 रनों के लक्ष्य को भारत ने 38.3 ओवर में सिर्फ एक विकेट खोकर हासिल कर लिया। रोहित ने नाबाद 121 और कोहली ने नाबाद 74 रन बनाए।

देर रात जारी गाइडलाइन: मध्य प्रदेश में अब कार्बाइड गन पूरी तरह से बैन

भोपाल  बच्चों की रोशनी छीनने वाली कार्बाइड गन को अब तक मध्यप्रदेश में खिलौने के तौर पर लिया जाता था। अब इसे घातक हथियार माना गया है। खरीदी, बिक्री गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगी। प्रदेश में जो भी अवैध कारोबार करता पाएगा जाएगा, उसके खिलाफ गैर जमानती गंभीर धाराओं में एफआइआर होगी। अपराध साबित होने पर तीन साल से सात साल तक की सजा हो सकती है। बच्चों के लगातार जख्मी होने के मामले सामने आने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव, सीएस अनुराग जैन और डीजीपी कैलाश मकवाना के बीच शुक्रवार को चर्चा हुई। इससे पहले सीएस जैन ने मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक ली। देर रात गाइडलाइन भी जारी कर दी। जानिए धाराएं पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी परिपत्र में कार्बाइड गन के वैज्ञानिक स्वरूप, कानूनी स्थिति, दंडात्मक प्रावधानों व कार्रवाई की प्रक्रिया तय की गई। यह विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 4 (घ), 5, 6(क) (III), शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 2 (ख) (III), 2 (ग), 9 (ख) के तहत दंडनीय अपराध है। बीएनएसएस की धारा 163 के तहत आदेश पारित कर कार्बाइड गन के निर्माण, विक्रय, स्वामित्व और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। कार्बाइड गन चलाने से कांग्रेस नेता की आंखें घायल अशोकनगर क्षेत्र में पटाखों से झुलसने के अब तक 16 मामले हो चुके हैं। वहीं कार्बाइड गन चलाने से शहर में कांग्रेस नेता पवन पाल की आंखों में नुकसान हो गया। बढ़ते मामलों को देख अब प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर ने अब जिले में कार्बाइड गन के निर्माण, भंडारण, विक्रय व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अशोकनगर क्षेत्र में पटाखों से झुलसने के अब तक 16 मामले हो चुके हैं। वहीं कार्बाइड गन चलाने से शहर में कांग्रेस नेता पवन पाल की आंखों में नुकसान हो गया। बढ़ते मामलों को देख अब प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर ने अब जिले में कार्बाइड गन के निर्माण, भंडारण, विक्रय व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।  कलेक्टर ने जारी किया आदेश अपर कलेक्टर देवकी नंदन सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जिले में यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में कार्बाइड गन के उपयोग से लोग घायल हो रहे है। साथ ही गंभीर बीमारी हो रही है। प्रतिबंधात्मक पटाखा, आतिशबाजी लोहा स्टील अथवा पीवीसी पाइपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संसोधित पटाखे (कार्बाइड गन) तैयार कर विक्रय किए जा रहे है। जिससे आम नागरिकों की सुरक्षा, शांति और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अपर कलेक्टर ने आदेश में चेतावनी भी दी है कि यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करते पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।  मंगवाने, बनाने और बेचने वालों पर भी एक्शन मध्यप्रदेशमें कार्बाइड गन व उसके अवशेष, उपयोग होने वाले केमिकल को मंगवाने, असेंबल करने और बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन ने संभाग के कमिश्नर, कलेक्टरों और एसपी को निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है, थाना क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई करें। किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं। उच्च स्तरीय बैठक में संभागों के कमिश्नर, पुलिस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के पीएस, गृह विभाग के अधिकारी प्रत्यक्ष व वीसी के जरिए शामिल हुए। मुख्य सचिव ने पूछा कि पहले से कार्रवाई क्यों नहीं की। एक अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की थी। सीएस ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब सब नियमों के विपरित है तो सीधे कार्रवाई करनी थी। अभी भी समय है, ठीक से कार्रवाई करें। जंगली जानवरों को भगाने गांवों में ज्यादा इस्तेमाल सिर्फ दीपावली पर ही नहीं, जिले में बड़े स्तर पर इन संसोधित पटाखों का इस्तेमाल होता है। हिरण, सुअर और नीलगायों से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए ग्रामीण इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए प्लास्टिक व लोहे एवं स्टील के पाइपों से बनाकर जिलेभर में बड़े स्तर पर यह बिक रही हैं। जंगली जानवरों को भगाने तेज धमाका करने के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि प्रशासन के इस प्रतिबंध से इसके इस्तेमाल पर अब रोक लग चुकी है। प्रतिबंध के लिए जारी यह आदेश     कोई भी व्यक्ति, संस्थाएं या व्यापारी प्रतिबंधात्मक पटाखा आतिशबाजी, लोहा स्टील या पीवीसी पाइपों में विस्फोटक भरकर अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने अवैध संसोधित पटाखे (कार्बाइड गन) का निर्माण, भंडारण व क्रय-विक्रय नहीं करेगा।     किसी प्रकार के अवैध प्रतिबंधात्मक पटाखा, आतिशबाजी, लोहा स्टील अथवा पीवीसी पाइपों में विस्फोटक भरकर अत्यधिक उत्पन्न करने वाले अवैध संसोधित पटाखे (कार्बाइड गन) की बिक्री, वितरण या प्रदर्शन भी पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।     अपर कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि जिले में सभी एसडीएम, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी एवं संबंधित विभाग इस आदेश का सख्ती से पालन कराएंगे। इतने केस दर्ज भोपाल– 6, विदिशा- 8, ग्वालियर- 1 देव उठनी ग्यारस से पहले करें तहस-नहस — यह अवैध कारोबार तहसनहस करें। एक भी नया मामला नहीं आना चाहिए। — कार्बाइड गन व केमिकल को प्रदेश से हटाने अभियान चलाएं। प्रत्येक चेन तक जाएं। — स्टॉक सीज करें। कार्रवाई ग्यारस के पहले पूरी करें। — कर्मचारियों के भरोसे कार्रवाई न छोड़ें, खुद मैदान में जाएं। — जिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदी-बिक्री हो रही है, उनके खिलाफ साइबर अपराध दर्ज किया जाए। — जो भी इस कारोबार में शामिल हैं, उन्हें सूचीबद्ध करें। — जिन बच्चों को नुकसान पहुंचा, उनकी सतत निगरानी करें। जरूरत पूरी करें। — उन बच्चों को भी खोजें, जो अब तक प्रशासन के संज्ञान में नहीं है। — लोगों में इसका उपयोग रोकने जन जागरुकता लाई जाए। हमीदिया पहुंचे सीएम, बच्चों और अभिभावकों का जाना हाल सीएम डॉ. मोहन यादव शुक्रवार रात हमीदिया अस्पताल पहुंचे। बच्चों और अभिभावकों का हाल जाना। अफसरों से कहा, इलाज में कसर नहीं रहनी चाहिए। बच्चों को शिफ्ट करने की जरूरत हो तो भेजें। इलाज पर खर्च की भरपाई मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से की जाएगी। पीएस संदीप यादव को निर्देशित किया कि प्रदेश में ऐसे जितने भी बच्चे व प्रभावित हैं, उनका ठीक से इलाज हो।

नगर निगम मुख्यालय में बैठक, चौपाटी में परंपरागत व्यंजनों की दुकानों की अनुमति तय, सैंडविच और चाइनिज स्टॉल को सूची में शामिल करने पर चर्चा

इंदौर  सराफा चाट-चौपाटी की व्यवस्था सुधारने को लेकर बनाई गई कमेटी की शुक्रवार दोपहर निगम मुख्यालय में बैठक हुई। इसमें चौपाटी में लगाई जाने वाली परंपरागत दुकानों को लेकर चर्चा होना थी, लेकिन बैठक अधूरी रही। वहीं चाट-चौपाटी एसोसिएशन अध्यक्ष राम गुप्ता ने बैठक में 70 दुकानों की सूची सामने रखी। पूर्व में बनाए गए दिशा-निर्देश के हिसाब से परंपरागत दुकानों को सूची में शामिल करना था लेकिन इसमें परंपरागत व्यंजनों के दुकानदार शामिल नहीं थे। सूची में सैंडविच की एक दुकान भी शामिल थी। इस पर राजस्व प्रभारी ने सवाल उठाया कि सैंडविच कब से परंपरागत व्यंजन हो गया। बैठक में सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकम सोनी, नगर निगम राजस्व प्रभारी निरंजनसिंह चौहान और अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया इसमें शामिल हुए। अपर आयुक्त सिसोनिया ने सूची में तीन दर्जन से ज्यादा ऐसी दुकानें चिह्नित कीं। उन्होंने चौपाटी अध्यक्ष से कहा कि पूर्व में ही यह तय हुआ था कि परंपरागत व्यंजनों को ही अनुमति दी जाएगी, इसके बावजूद सैंडविच और चाइनिज व्यंजनों की दुकानों को सूची में शामिल किया। अपर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि सराफा चाट-चौपाटी में आग जलाने की अनुमति नहीं रहेगी। चौपाटी में बेचे जाने वाले व्यंजनों की गुणवत्ता का भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने चौपाटी अध्यक्ष से कहा कि वे दोबारा सूची तैयार करें। दो दिन में वे खुद सराफा चौपाटी आकर वास्तविकता जांचेंगे।

चार नवंबर को कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सजेगा हरि-हर मिलन महोत्सव

सीहोर सीहोर के निकट चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर धाम परिसर में इस वर्ष 4 नवंबर को हरि-हर मिलन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन अत्यंत भव्य रूप में संपन्न होगा। निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में इन दिनों तैयारियों का दौर तेजी पर है। मंच साज-सज्जा, प्रसादी व्यवस्था और भक्तों के ठहरने हेतु विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सान्निध्य में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में हर वर्ग के श्रद्धालु भाग लेते हैं। सुबह से ही बाबा कुबेरेश्वर महादेव की आरती, अभिषेक और भोग लगाने के बाद नि:शुल्क भंडारा आरंभ हो जाता है। भक्तों की भीड़ में उमंग और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई देता है। पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर कार्तिक मास में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दीपदान करने कुबेरेश्वरधाम पहुंच रहे हैं। दीप ज्वलन और दान को इस पवित्र महीने में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इन दिनों चारों ओर जलते दीपक और हरि-हर के जयघोष से मंदिर परिसर अलौकिक आभा से भर उठता है। इस वर्ष भी गुरुदेव के आदेश अनुसार 29 अक्टूबर को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। यह आयोजन हर बार भक्तों के लिए सेवा और समर्पण की प्रेरणा लेकर आता है। भोग प्रसादी के रूप में हजारों श्रद्धालु खाद्यान्न वितरण में सहभागी बनते हैं। यह परंपरा गांव-गांव में संस्कारों का विस्तार करती है। चार नवंबर को होने वाला हरि-हर मिलन उस क्षण का प्रतीक है, जब भगवान विष्णु और भगवान शंकर का आध्यात्मिक मिलन दर्शाया जाता है। यह दृश्य भक्तों को जीवन में एकता, प्रेम और सहअस्तित्व का संदेश देता है। मंदिर के प्रांगण में गूंजते शंखनाद और भजन इस मिलन को दिव्यता के चरम पर पहुंचाते हैं। महोत्सव के दौरान देशभर से आने वाले श्रद्धालु यहां अपने परिवार सहित उपस्थित रहेंगे। निरंतर चलने वाले भंडारे, कथा वाचन, मंत्र उच्चारण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब जाएगा। कुबेरेश्वर धाम एक बार फिर जीवंत साक्षी बनेगा उस दिव्य अनुभूति का, जो केवल आस्था से संभव है। 

MP के अकेले सांसद वी.डी. शर्मा करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेंगे

खजुराहो   मध्यप्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में शामिल होने के लिए नामित किया है। यह सत्र 27 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक न्यूयॉर्क (अमेरिका) में आयोजित होगा। इस दौरे में देशभर से कुल 15 सांसद संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में शामिल होंगे, जिनमें मध्यप्रदेश से केवल विष्णुदत्त शर्मा को प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है। इस चयन को राज्य के लिए गर्व का विषय माना जा रहा है।   जानकारी के अनुसार, इस अंतरराष्ट्रीय दौरे के लिए सांसदों का चयन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया है। माना जा रहा है कि दिल्ली द्वारा खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा को यह जिम्मेदारी सौंपना, उनके प्रति केंद्र सरकार के विश्वास और भरोसे को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) विश्व के सबसे प्रतिष्ठित कूटनीतिक मंचों में से एक है, जहां सदस्य देशों के प्रतिनिधि वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और अपने देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करना किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि माना जाता है। बता दें भारत समय-समय पर अपने सांसदों और प्रतिनिधियों को विभिन्न वैश्विक मंचों पर भेजता रहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत किया जा सके और वैश्विक नीतिगत चर्चाओं में भारत की सक्रिय भूमिका बनी रहे।   मध्य प्रदेश से एकमात्र प्रतिनिधि इस दौरे की खास बात यह है कि विष्णुदत्त शर्मा 15 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में मध्य प्रदेश से शामिल होने वाले एकमात्र सांसद हैं। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक गौरव का विषय माना जा रहा है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके अनुभव और संगठनात्मक कौशल को देखते हुए इस चयन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएमओ ने दी जिम्मेदारी सूत्रों के अनुसार, इस दौरे के लिए सांसदों का चयन सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की देखरेख में हुआ है। निश्चित तौर पर दिल्ली द्वारा वीडी शर्मा को यह जिम्मेदारी देना उनके ऊपर विश्वास का प्रतीक है। संयुक्त राष्ट्र महासभा दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंचों में से एक है, जहाँ विभिन्न देशों के प्रतिनिधि वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और अपने देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। इस मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना एक बड़ी उपलब्धि है। यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय सांसद यूएन के कार्यक्रमों में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भारत समय-समय पर अपने सांसदों और प्रतिनिधियों को वैश्विक मंचों पर भेजता रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूती दी जा सके और वैश्विक नीति-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई जा सके।

46 वर्षों बाद अपने आध्यात्मिक स्वरूप में लौट रहा संभल, सांस्कृतिक धरोहर को मिल रही पहचान

सीएम योगी के प्रयासों से पुनः शुरू हुई संभल की पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा 46 वर्षों बाद अपने आध्यात्मिक स्वरूप में लौट रहा संभल,  सांस्कृतिक धरोहर को मिल रही पहचान एक बार फिर संभल अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा   – 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा अब योगी सरकार के प्रयासों से फिर शुरू – संभल में मजबूत हुआ कानून का इकबाल, अवैध कब्जों से मिली मुक्ति, धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार  – सीएम योगी के प्रयासों से मालामाल हो रहा संभल, ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ हासिल किया प्रदेश में 10वां स्थान  लखनऊ  संभल में इतिहास फिर से करवट ले रहा है। जहां कभी दंगों, पलायन और अवैध कब्जों की छाया थी, वहीं अब आस्था, अध्यात्म और सुरक्षा का सूर्योदय दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं। 2017 के बाद बदला संभल का परिदृश्य  1978 के दंगों के बाद सम्भल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धर्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। परंतु 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया। सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशें हुईं और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए विवश किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया। अवैध कब्जों से मिली मुक्ति, धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए, जिसमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं। संभल में मजबूत हुआ कानून का इकबाल  संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपये की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है।  ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

कृषि से औद्योगिक प्रगति की नई कहानी लिख रहा उत्तर प्रदेश

योगी सरकार में प्रॉसेसिंग हब बन रहा उत्तर प्रदेश कृषि से औद्योगिक प्रगति की नई कहानी लिख रहा उत्तर प्रदेश ग्लोबल ट्रेड रिसर्च रिपोर्ट में यूपी-गुजरात को बताया गया भारत का ‘फूड प्रोसेसिंग पावरहाउस’  आगरा और फर्रूखाबाद में बन रहे अत्याधुनिक संयंत्र, किसानों को मिल रहा दोगुना लाभ प्रदेश में लगभग 65,000 फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स से करीब 2.5 लाख को मिल रहा रोजगार योगी सरकार ने हर जिले में 1,000 नई प्रॉसेसिंग यूनिट्स लगाने का रखा है लक्ष्य बरेली, बाराबंकी और वाराणसी में एग्रो पार्क दे रहे विकास को गति लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को औद्योगिक शक्ल दे रहा है। राज्य तेजी से भारत का फूड प्रोसेसिंग हब बनकर उभर रहा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में गुजरात और उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख प्रोसेसिंग केंद्रों के रूप में रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आपूर्ति पक्ष पर जहां गुजरात के मेहसाणा और बनासकांठा में आधुनिक डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) संयंत्र विकसित हुए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा और फर्रूखाबाद जिलों में नए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट्स स्थापित हो रहे हैं। इन संयंत्रों को कांट्रैक्ट फार्मिंग और कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का मजबूत आधार प्राप्त है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल रहा है। योगी सरकार का यह मिशन न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक ‘कृषि से उद्योग’ परिवर्तन मॉडल के रूप में स्थापित कर रहा है—जहां खेत से लेकर फैक्ट्री तक हर स्तर पर विकास की गूंज सुनाई दे रही है। 2.55 लाख युवाओं को रोजगार  राज्य में फिलहाल 65,000 से अधिक फूड प्रोसेसिंग इकाइयां संचालित हैं, जिनसे करीब 2.55 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। सरकार का लक्ष्य हर जिले में कम से कम 1,000 नई प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करना है, जिससे खेती को मूल्य संवर्धन (Value Addition) और रोजगार दोनों के अवसर मिलेंगे। योगी सरकार ने अब तक 15 से अधिक एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग पार्क विकसित किए हैं, जिनमें बरेली, बाराबंकी, वाराणसी और गोरखपुर प्रमुख हैं। बरेली में बीएल एग्रो द्वारा करीब ₹1,660 करोड़ की इंटीग्रेटेड एग्रो प्रोसेसिंग हब की स्थापना प्रस्तावित है, जिसमें चावल मिलिंग, तेल निष्कर्षण और पैकेजिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। निर्यात और नवाचार के नए आयाम गढ़ रहा उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश सरकार का विशेष फोकस अब फल-सब्जी प्रसंस्करण, हाई-वैल्यू क्रॉप्स और निर्यात-उन्मुख उद्योगों पर है, ताकि राज्य की कृषि उत्पादकता वैश्विक बाजार से सीधे जुड़ सके। इसी दिशा में आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की योजना बनाई गई है, जहां आलू और अन्य ट्यूबर फसलों पर अत्याधुनिक अनुसंधान होगा। यह पहल कानपुर, आगरा, लखनऊ और फर्रूखाबाद जैसे प्रमुख आलू उत्पादक जिलों के लिए बड़ा अवसर साबित होगी, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी कीमतें और निर्यात संभावनाएं मिलेंगी। वर्तमान में अमेरिका, बांग्लादेश, यूएई और वियतनाम जैसे देश भारत से बड़े पैमाने पर प्रॉसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स का आयात कर रहे हैं, जिससे भारतीय प्रसंस्करण उद्योग को नई पहचान मिल रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत का उपभोक्ता व्यय $6 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा, जो उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए इस क्षेत्र में निवेश, रोजगार और निर्यात के अभूतपूर्व अवसर लेकर आएगा। नीति से मिल रही नई रफ्तार उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को गति देने के लिए योगी सरकार ने एक स्पष्ट और सशक्त वित्तीय व नीतिगत वातावरण तैयार किया है। राज्य की ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023’ इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है, जिसके तहत 19 नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। नीति के तहत उद्यमियों को उत्पादन-आधारित सब्सिडी, ब्याज सहायता, भूमि उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी और विकास शुल्क में छूट जैसी आकर्षक रियायतें दी जा रही हैं। इसके अलावा, सौर ऊर्जा, कोल्ड-चेन, क्लस्टर मॉडल और तकनीकी उन्नयन को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नीति का मुख्य फोकस “कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता” पर है, ताकि किसानों, प्रोसेसर्स और उद्यमियों के बीच त्रिस्तरीय वैल्यू चेन बन सके। बड़े बाजार, उत्पादन की कम लागत और दक्ष मानव संसाधन जैसी खूबियों के कारण उत्तर प्रदेश आज देश के सबसे आकर्षक फूड प्रोसेसिंग निवेश केंद्रों में गिना जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया की महिला खिलाड़ियों पर इंदौर में हमला, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

इंदौर आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप चल रहा है. इंदौर में शनिवार को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच मुकाबला होगा. जिसको लेकर दोनों टीमें इंदौर आई हुए हैं. दोनों टीमें होटल में रुकी हुई हैं. ऑस्ट्रेलिया की 2 खिलाड़ी होटल से बाहर गईं तो एमआईजी थाना क्षेत्र में उनके साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ शुरू कर दी है. पैदल टहल रही महिला खिलाड़ियों से छेड़छाड़ इंदौर में आईसीसी महिला वर्ल्ड कप के मैच का आयोजन होगा. जिसमें भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम इंदौर आए हुई थी. शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया की दो महिला खिलाड़ी होटल से एक कैफे जा रही थी. जब वह खजराना रोड पर पैदल टहलते हुए जा रही थी इस दौरान एक बाइक सवार युवक उनके पास आया और उनके साथ छेड़छाड़ करने लगा. तुरंत महिला खिलाड़ियों ने अपने सुरक्षा अधिकारी डैनी सिमस को एक मैसेज भेजकर सारी बात बताई. खिलाड़ियों को गलत तरह से छूने की कोशिश महिला खिलाड़ियों ने बताया कि, एक युवक उनके साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दे रहा है और लगातार छूने का प्रयास कर रहा है. सुरक्षा अधिकारी के पास जैसे ही लाइव लोकेशन भेजी तो डैनी सिमस ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया. तभी वहां एक कार चालक पहुंचा और दोनों महिला खिलाड़ियों से बातचीत की और पूरे मामले की सूचना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी. महिला खिलाड़ियों के सुरक्षा अधिकारी डैनी सिमस ने एमआईजी पुलिस से शिकायत की. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर तलाश शुरु कर दी. आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने खजराना थाना क्षेत्र में रहने वाले अकिल नामक युवक को गिरफ्तार किया है. अकील से पुलिस पूछताछ कर रही है. एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया का कहना है कि, ''प्रारंभिक तौर पर आरोपी अकील को महिला खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है.'' इंदौर में जिस तरह से महिला खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ की घटना घटित हुई है उससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. 

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रवास की तैयारियों का लिया व्यापक जायज़ा : सभी तैयारियाँ निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करने अधिकारियों को दिए निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का प्रवास प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण अवसर : मुख्यमंत्री साय ने दी त्रुटिरहित व्यवस्थाओं के निर्देश रायपुर प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के आगामी छत्तीसगढ़ प्रवास के मद्देनज़र मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में विभिन्न कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण कर तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी का छत्तीसगढ़ आगमन राज्य के लिए गौरव का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस दौरान प्रत्येक व्यवस्था उत्कृष्टता का प्रतीक बने और प्रदेश की संस्कृति, आत्मगौरव एवं प्रगति की झलक हर स्थल पर दृष्टिगोचर हो। मुख्यमंत्री  साय ने प्रधानमंत्री  मोदी के प्रवास की तैयारियों का लिया व्यापक जायज़ा मुख्यमंत्री  साय ने प्रधानमंत्री  मोदी के प्रवास की तैयारियों का लिया व्यापक जायज़ा मुख्यमंत्री  साय ने विभिन्न स्थलों का किया निरीक्षण मुख्यमंत्री  साय ने सबसे पहले नवा रायपुर स्थित  सत्य साईं हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा, सभागार व्यवस्था, मंच और आमंत्रित अतिथियों के बैठने की व्यवस्था का जायजा लिया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री  साय प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ध्यान केंद्र पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने ध्यान केंद्र के सभागार, मेडिटेशन रूम एवं बाहरी परिसर का निरीक्षण करते हुए सभी व्यवस्थाओं को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री  साय ने प्रधानमंत्री  मोदी के प्रवास की तैयारियों का लिया व्यापक जायज़ा ट्राइबल म्यूज़ियम बनेगा जनजातीय अस्मिता का अमर प्रतीक मुख्यमंत्री  साय ने शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय जनजातीय समाज की वीरता, बलिदान और अस्मिता का अमर प्रतीक बनेगा।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि संग्रहालय के प्रत्येक अनुभाग को इस प्रकार तैयार किया जाए कि वह आगंतुकों को छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली अध्याय से गहराई से परिचित करा सके। उन्होंने प्रदर्शनी दीर्घाओं, मल्टीमीडिया गैलरी, स्मृति कक्ष और बाहरी परिसर की व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री  साय ने प्रधानमंत्री  मोदी के प्रवास की तैयारियों का लिया व्यापक जायज़ा राज्योत्सव स्थल बनेगा छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों का दर्पण मुख्यमंत्री  साय ने नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव स्थल का भी दौरा किया और तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने मुख्य मंच, पार्किंग क्षेत्र, विभागीय डोम, प्रदर्शनी दीर्घा, वीआईपी दीर्घा और आमजन के लिए बनाए गए मार्गों का निरीक्षण किया।उन्होंने कहा कि राज्योत्सव छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों, संस्कृति और आत्मविश्वास का उत्सव है, इसलिए यह आयोजन उत्कृष्टता की नई मिसाल बने। मुख्यमंत्री  साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरे किए जाएँ और सुरक्षा, स्वच्छता तथा आमजन की सुविधा से जुड़े सभी बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस अवसर पर वन मंत्री  केदार कश्यप, मुख्य सचिव  विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव  सोनमणि बोरा, पुलिस महानिदेशक  अरुण देव गौतम, सचिव  राहुल भगत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

ट्रम्प का बड़ा बयान और प्रतिबंध, राष्ट्रपति पेट्रो पर कार्रवाई से लैटिन अमेरिका में अमेरिकी नीति पर असर

वाशिंगटन अमेरिका ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो (Gustavo Petro) पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. यह कदम ट्रंप प्रशासन और अमेरिका के पुराने सहयोगी इस लैटिन अमेरिकी देश के बीच बढ़ते तनाव को और गहरा कर सकता है. अमेरिका ने ये प्रतिबंध उस समय लगाए, जब ट्रंप ने पेट्रो पर आरोप लगाया कि उन्होंने कोलंबिया से अमेरिका में कोकीन की तस्करी रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. पिछले कुछ हफ्तों से वॉशिंगटन और लैटिन अमेरिकी देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी सेना ने दक्षिण कैरेबियन क्षेत्र में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं और अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में संदिग्ध जहाजों पर हमले किए हैं, जिन पर अमेरिका का दावा है कि वे ड्रग्स लेकर जा रहे थे. हालांकि, उसकी ओर से अब तक इसका कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने पेट्रो को बताया 'ड्रग लीडर' गुस्तावो पेट्रो ने अमेरिका पर कै​रेबियन सागर में एयरस्ट्राइक करके निर्दोष लोगों की 'हत्या' करने का आरोप लगाया था. जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबियाई राष्ट्रपति को 'अवैध ड्रग लीडर' और 'बुरा आदमी' कहकर संबोधित किया था. पेट्रो, जिनका अब सिर्फ 10 महीने का कार्यकाल बाकी है, लंबे समय से इन अमेरिकी सैन्य हमलों के विरोधी रहे हैं. वह कोलंबिया में छह दशकों से चल रहे संघर्ष को शांति वार्ताओं और आत्मसमर्पण समझौतों के जरिए खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है. अमेरिका ड्रग तस्करी बर्दाश्त नहीं करेगा अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बयान जारी करते हुए कहा, 'जब से राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो सत्ता में आए हैं, कोलंबिया में कोकीन का उत्पादन दशकों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. इससे अमेरिका में ड्रग्स की बाढ़ आ गई है और हमारे नागरिक इस जहर के शिकार हो रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'राष्ट्रपति पेट्रो ने कोलंबिया में ड्रग कार्टेल्स को फलने-फूलने का भरपूर मौका दिया है और इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका की सुरक्षा के लिए कड़ा कदम उठाया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि हम ड्रग तस्करी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.' कोलंबिया किसी के दबाव में नहीं झुकेगा ट्रंप ने 23 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा था कि 'पेट्रो न सिर्फ असफल नेता हैं बल्कि एक अवैध ड्रग डीलर हैं, जिन्होंने अपने देश को अपराधियों के हवाले कर दिया है.' कोलंबिया सरकार ने एक बयान जारी करके अमेरिका के इस कदम को 'गंभीर कूटनीतिक आक्रमण' बताया है. राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने कहा,'अमेरिका की कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है. कोलंबिया कभी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा. हमने अपने देश में शांति और न्याय के लिए संघर्ष किया है.' कोलंबिया के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिकी राजदूत को तलब कर राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है और कहा है इस तरह की बयानबाजी से दोनों देशों के बीच सहयोग पर गंभीर असर पड़ेगा. कैरेबियन सागर में अमेरिका की लगातार बढ़ती सैन्य तैनाती पर लैटिन अमेरिका के देशों ने चिंता जताई है. ब्राजील और चिली ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि 'कूटनीतिक समाधान' ही किसी भी समस्या को हल करने का सबसे उपयुक्त रास्ता है, जबकि मेक्सिको ने ट्रंप प्रशासन के क्षेत्र में एयरक्राफ्ट कैरियर 'यूएसएस जेराल्ड फोर्ड' तैनात करने के फैसले को 'एकतरफा और असंतुलित' कदम बताया.