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आदि कर्मयोगी अभियान के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में मप्र का देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 17 अक्टूबर को करेंगी मध्यप्रदेश को सम्मानित भोपाल  मध्यप्रदेश को आदि कर्मयोगी अभियान के क्रियान्वयन में देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रथम पांच राज्यों में स्थान मिला है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 17 अक्टूबर को नई दिल्ली में आदि कर्मयोगी अभियान पर आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश को सम्मानित करेंगी। प्रमुख सचिव जनजाति कार्य श्री गुलशन बामरा राज्य स्तरीय पुरस्कार ग्रहण करेंगे। वे जनजातीय समुदाय के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों पर प्रस्तुति भी देंगे। पीएम जनमन में शिवपुरी को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जायेगा। आदि कर्मयोगी अभियान में देश स्तरीय उत्कृष्ट जिलों में मध्यप्रदेश के बैतूल जिले को सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश की उत्कृष्ट मास्टर ट्रेनर श्रेणी में सहायक शोध अधिकारी श्रीमती सारिका धौलपुरिया सम्मानित होंगी। आदि कर्मयोगी अभियान में अन्य उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों में बैतूल , धार, पूर्वी निमाड़ और बड़वानी का भी विशेष उल्लेख होगा। संबंधित जिलों के कलेक्टर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। राज्य स्तरीय सुपर कोच और मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रदेश के उपायुक्त आदिवासी विकास श्री जेपी यादव को सम्मानित किया जाएगा। एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसियों बड़वानी, बैतूल और शिवपुरी को उल्लेखनीय गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए सम्मानित किया जाएगा। धरती आबा जन भागीदारी अभियान में गुना, बुरहानपुर और विदिशा को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाएगा। एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसी गुना और एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसी विदिशा को उत्कृष्टतम प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि आदि कर्मयोगी अभियान में 14 हजार गांवों के विलेज एक्शन प्लान बन चुके हैं। ग्राम सभा से इनका अनुमोदन कराया गया है। इन गांवों में 13 हजार से ज्यादा आदि सेवा केंद्र स्थापित हो चुके हैं। आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान, जन धन, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, राशन कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज जारी किए गए है। पीएम जनमन योजना के अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट कार्य हुआ है। आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज उपलब्ध कराने में 100% उपलब्धि हासिल की है। आयुष्मान कार्ड जारी करने में शिवपुऱी, मैहर, रायसेन, कटनी और भिंड ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। लंबित जाति प्रमाण पत्र जारी करने में जबलपुर, रायसेन और सिवनी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अधोसंरचनात्मक कार्य जैसे हॉस्टल निर्माण, सड़क निर्माण, आंगनवाड़ी भवन निर्माण, मल्टीपरपज सेंटर निर्माण तेजी से जारी है। राज्य में राज्य स्तरीय 12 मास्टर ट्रेनर, जिला स्तरीय 287 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए जबकि विकासखंड स्तर पर 12 हजार मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा संकुल स्तर पर 18150 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। जनजाति कार्यों के क्रियान्वयन में सहयोग के लिए 1 लाख 41 हजार से ज्यादा आदि सहयोगी तैयार किए गए हैं जिसमें आम नागरिक, युवा और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल है। साथ ही एक लाख 92 हजार आदि साथी भी सहयोग कर रहे हैं जिनमें जनजाति समाज के नेतृत्व करने वाला समुदाय शामिल है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान जनजाति समुदायों के सामाजिक आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रारंभ किया गया। इसका उद्देश्य जनजाति क्षेत्र में ग्राम स्तर पर नेतृत्व क्षमता का विकास करना, योजनाओं का प्रभावी अमल सुनिश्चित करना और शासन को और ज्यादा जवाबदेह बनाना है। यह अभियान सेवा, संकल्प और समर्पण जैसे मूल्यों पर आधारित है जो जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।  

MP में भी लागू होगा ‘SIR’ अभियान: चुनाव आयोग की निगरानी में 5.75 लाख वोटर संदेह के घेरे में

रीवा निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम  की शुरुआत हो गई है। इसमें 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं का मिलान किया जाएगा। जिन मतदाताओं के माता-पिता के नाम उस समय की वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं थे, उनका सत्यापन किया जाएगा और उनसे जरूरी दस्तावेज मांगे जाएंगे। रीवा और मऊगंज जिले की प्रारंभिक रिपोर्ट आयोग को भेज दी गई है। कुल 5,72,250 मतदाता इस जांच के दायरे में आएंगे। घर-घर जाकर होगी जांच निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 2014 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) डोर-टू-डोर सर्वे करेंगे। रीवा जिले में 1463 और मऊगंज जिले में 518 पोलिंग बूथ शामिल हैं। 1200 से अधिक मतदाताओं वाले मतदान केन्द्रों को विभाजित किया जा रहा है, जिससे दोनों जिलों में करीब 350 नए बूथ बढ़ जाएंगे। कौन-कौन से दस्तावेज देने होंगे जिन परिवारों के नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं, उन्हें अपना नाम लिस्ट में बनाए रखने के लिए 2–3 दस्तावेज देने होंगे। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उन्हें पिता से संबंध प्रमाणपत्र के साथ कोई एक मान्य दस्तावेज देना होगा। इसके लिए आपको पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, वन अधिकार पत्र, जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST), आधार कार्ड, पारिवारिक रजिस्टर, जन्म प्रमाणपत्र, बैंक या सरकारी पहचान पत्र, भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र, पेंशन आदेश आदि देना होगा। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में बढ़े मतदाता? आयोग को भेजी रिपोर्ट के अनुसार शहरी रीवा विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 11,239 कम हुई है। वहीं ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता तेजी से बढ़े हैं जैसे…     त्योंथर: +37,287     मनगवां: +93,659     गुढ़: +50,605     सिरमौर: +36,321     मऊगंज: +59,468     देवतालाब: +78,308     2008 में अस्तित्व में आई सेमरिया विधानसभा में अब 2,27,841 मतदाता हैं। BLO का काम हुआ और कठिन पुनरीक्षण कार्य से बूथ लेवल ऑफिसरों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। वर्तमान में वे नगरीय निकायों की वोटर लिस्ट तैयार करने में भी लगे हैं, जिससे शिक्षक BLOs का शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। जल्द ही आयोग की ओर से डोर-टू-डोर सर्वे की विस्तृत कार्ययोजना जारी की जाएगी। जिला उप निर्वाचन अधिकारी सुधीर बेक का बयान निर्वाचक नामावली के गहन पुनरीक्षण में 2003 की सूची से संबंधित मतदाताओं एवं उनके माता-पिता के नामों का मिलान किया जाएगा। प्रारंभिक जानकारी आयोग को भेज दी गई है, आगे के निर्देशानुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी।  

केन्द्रीय मंत्रि-मंडल ने मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों की रेलवे मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री मोदी का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माना आभार भोपाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रि-मंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों के 18 जिलों में रेलवे की 4 मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मध्यप्रदेश को मिली इस सौगात के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानते हुए धन्यवाद किया है। पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार इन परियोजनाओं का उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाना है। ये परियोजनाएं नागरिकों, वस्तुओं और सेवाओं को निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रेलवे लाइन क्षमता में बढ़ोत्‍तरी से गतिशीलता बढ़ेगी जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। मल्टी-ट्रेकिंग (पटरियों की संख्या बढ़ाना) से रेल परिचालन सुगम होगा और यात्रियों को सुविधा होगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों का व्यापक विकास होगा, वे आत्मनिर्भर बनेंगे और उनके लिए रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। केन्द्रीय मंत्रि-मंडल समिति ने मध्यप्रदेश में 237 किलोमीटर लंबी इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन को और गुजरात एवं मध्यप्रदेश के बीच 259 किलोमीटर लंबी बढ़ोदरा-रतलाम, तीसरी और चौथी लाइन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन को तथा महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन को मंजूरी दी गई है। कुल 24 हजार 634 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली ये परियोजनाएं 2030-31 तक पूरी होंगी। स्वीकृत मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं से लगभग 3 हजार 633 गांवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85 लाख 84 हजार है तथा 2 आकांक्षी जिलों विदिशा और राजनांदगांव तक संपर्क बढ़ेगा। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों में व्‍याप्‍त इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी। मध्यप्रदेश में परियोजना खंड सांची, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य, प्रागैतिहासिक मानव जीवन के प्रमाणों और प्राचीन शैल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका शैलाश्रय, हज़ारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान आदि प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगा, जो देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। यह कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए भी आवश्यक मार्ग है। पटरियों की संख्या बढ़ाए जाने से प्रति वर्ष 78 मिलियन टन की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे के पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन देश के जलवायु लक्ष्यों और परिचालन लागत को कम करने, तेल आयात (28 करोड़ लीटर) में कमी लाने और कार्बन उत्सर्जन 139 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा जो 6 करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है।

मध्यप्रदेश में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेन्टर

मध्यप्रदेश और फीरा बार्सिलोना इंटरनेशनल के बीच हुआ एमओयू भोपाल मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेन्टर स्थापित करने के लिये कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश और स्पेन के फीरा बार्सिलोना इंटरनेशनल के बीच एमओयू हुआ। यह केन्द्र न केवल नवाचार एवं स्मार्ट शहरी समाधानों को प्रोत्साहित करेगा बल्कि वैश्विक स्तर के आयोजनों और निवेश सम्मेलनों की मेजबानी का मंच भी बनेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के इसी साल जुलाई में स्पेन प्रवास के दौरान संस्थान के पदाधिकारियों से चर्चा हुई थी और उन्होंने निवेशकों को मध्यप्रदेश आमंत्रित किया था। इस अवसर पर स्पेन के राजदूत श्री जुआन एंटोनियो मार्च पुजोल तथा फीरा बार्सिलोना इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रिचर्ड जपाटेरो और संस्था के भारत प्रतिनिधि श्री मुकेश अरोरा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से स्पेन के राजदूत श्री जुआन एंटोनियो मार्च पुजोल ने विस्तार से चर्चा की। यह एमओयू दोनों पक्षों के बीच सांस्कृतिक-व्यापारिक रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा और मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन, एक्जीबिशन और व्यापार संबंधी संवाद, निवेश सम्मेलनों के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचना विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस साझेदारी से वैश्विक निवेशकों ओर हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। मध्यप्रदेश का लक्ष्य वैश्विक केन्द्र के रूप में अपनी पहचान को और अधिक सशक्त बनाना है। विशेष रूप से स्मार्ट शहरी समाधान, प्रौद्योगिकी और व्यापार संबंधी प्रदर्शनियों के आयोजन के क्षेत्र में राज्य अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय मानकों और अवसरों के अनुरूप विकास कर सकेगा। यह एमओयू औद्योगिक और निवेश गतिविधियों के नये क्षितिजों को जोड़ने वाला साबित होगा इससे मध्यप्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। मध्यप्रदेश को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संवाद मंचों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों का आयोजन करने वाले राज्य के रूप पहचान बनेगी। इस केन्द्र के माध्यम से दुनिया के शीर्ष उद्योगपति, निवेशक और कंपनियां भोपाल आयेंगी। मध्यप्रदेश वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा बनेगा और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और अवसरों का भी केन्द्र बिन्दु बनेगा। मध्यप्रदेश बनायेगा वैश्विक पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की केंद्रीय भौगोलिक स्थिति भविष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ना सिर्फ उद्योग, व्यापार वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए बल्कि संपूर्ण अर्थव्यवस्था की दृष्टि से मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति बेहद लाभकारी सिद्ध हुई है। मध्य प्रदेश आने वाले वर्षों में दिल्ली क्षेत्र के विकल्प की दृष्टि से भी आवश्यक अधोसंरचना का विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में इंदौर और भोपाल दो मेट्रापोलिटन क्षेत्र के बाद जबलपुर और ग्वालियर के मेट्रापोलिटन क्षेत्र के विकास की तैयारी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्पेन के बार्सिलोना शहर में विकास की विशिष्ट प्लानिंग की गई है। वहां इस वर्ष की गई अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विकास के साथ विरासत के संरक्षण का संदेश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है। स्पेन के बार्सिलोना जैसे शहर भी प्राचीन वैभव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध दिखते हैं। मध्यप्रदेश में भी प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा बताए मॉडल और बार्सिलोना के संदेश को अपनाया जा रहा है। स्पेन के राजदूत श्री पुजोल ने कहा कि अच्छी लीडरशिप और संगठन तथा प्रबंधन क्षमता से भारत और स्पेन मिलकर बेहतर कार्य करेंगे।  

साइबर अपराध का पर्दाफाश: मध्यप्रदेश पुलिस ने देवघर से दो बदमाशों को किया गिरफ्तार

देवघर मध्यप्रदेश के पन्ना से पहुंची एक पुलिस टीम ने झारखंड के देवघर जिले में 2 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान हसन राजा और इरफान अंसारी के रूप में हुई है जिन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों पर आरोप है कि ये खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे। मधुपुर के उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सत्येंद्र प्रसाद ने कहा, ‘‘दोनों आरोपी मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के पवई थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक सरकारी स्कूल के शिक्षक से 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने में शामिल थे। पीड़ित ने मध्यप्रदेश में पन्ना जिले के पवई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मोबाइल कॉल डिटेल और लोकेशन डेटा के आधार पर पुलिस ने पाथरोल थाना क्षेत्र के तीन युवकों की संलिप्तता की पहचान की।'' उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश से आई तीन सदस्यीय टीम ने पथरोल पुलिस की मदद से कसैया और बिलरिया गांवों में छापेमारी की तथा अमन राजा, हसन राजा और इरफान अंसारी को हिरासत में लिया गया। प्रसाद के मुताबिक, पूछताछ के बाद पुलिस ने अमन राजा को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जबकि हसन राजा और इरफान अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस ने इरफान अंसारी के घर से 3.5 लाख रुपये नकद, एक एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, एक मोबाइल फोन, एक पासबुक और एक मोटरसाइकिल बरामद की, जबकि हसन राजा के घर से पांच लाख रुपये नकद, एक लैपटॉप, एक मोबाइल फोन, एक एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, सोने और चांदी के आभूषण तथा अन्य दस्तावेज जब्त किए। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस उन्हें स्थानीय अदालत से अनुमति लेकर ट्रांजिट रिमांड पर पन्ना ले जाने की तैयारी कर रही है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने काजीरंगा नेशनल पार्क का किया भ्रमण

  चाय बागान में श्रमिकों और बहनों से किया आत्मीय संवाद भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने असम प्रवास के दौरान रविवार को विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और चाय बागान का भ्रमण किया। उन्होंने बागान में चाय उत्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन कर स्थानीय किसानों और श्रमिक बहनों से आत्मीय संवाद भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चाय उद्योग असम का गौरव और अर्थव्यवस्था का प्रतीक है। परिश्रम, अपनत्व एवं सादगी की धरती असम और मध्यप्रदेश के बीच व्यापार-उद्योग के साथ ईको-टूरिज्म, वन्य जीव पर्यटन की दिशा में भी परस्पर सहयोग, विश्वास और साझेदारी को बढ़ाने के लिए विशेष पहल होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संरक्षण की मनमोहक झलक देखी एवं हाथियों को स्नेह से गन्ना खिलाकर दुलार किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां वन्यजीवों के संरक्षण संवर्धन के लिये नवाचारों के संबंध में जानकारी प्राप्त की और उद्यान भ्रमण के दौरान अजगर को प्राकृतिक आवास में छोड़ा। उल्लेखनीय है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडे सहित पूर्वी हिमालयी जैव विविधता का केन्द्र है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व-धरोहर घोषित किया गया। यह उद्यान हाथियों, जंगली भैंसों, दलदली हिरणों और विभिन्न पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल है। यह उद्यान वन्य जीवों की बड़ी संख्या के साथ वन्य जीव संरक्षण गतिविधियों के लिए भी विख्यात है।

भिंड सहित कई जिलों में कलेक्टरों की छुट्टी: मध्यप्रदेश सरकार ने 24 IAS अफसर किए स्थानांतरित

भोपाल  मध्यप्रदेश में मंगलवार शाम को बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की गई है। सरकार ने 24 आईएएस (IAS) अफसरों के तबादले करते हुए 14 जिलों के कलेक्टर बदल दिए हैं। जिन जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं उनमें भिंड, पन्ना, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, डिंडौरी, रतलाम, मुरैना, निवाड़ी, सिंगरौली, अलीराजपुर, पांढुर्णा और सिवनी शामिल हैं। अपर कलेक्टर इंदौर और अपर कलेक्टर जबलपुर का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। इस बड़े फेरबदल में सिंगरौली, छिंदवाड़ा, रतलाम, मुरैना और डिंडोरी के कलेक्टर हटा दिए गए हैं. सबसे अधिक चर्चा में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का तबादला रहा, जिन्हें भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा से हुए सार्वजनिक विवाद के बाद हटाया गया है. महत्वपूर्ण नियुक्तियों में, भोपाल नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को छिंदवाड़ा का नया कलेक्टर बनाया गया है, जबकि श्रम आयुक्त रजनी सिंह अब नरसिंहपुर की कलेक्टर होंगी. गौरव बेनल को सिंगरौली कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह तबादला आगामी प्रशासनिक और राजनीतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. पूरी लिस्ट देखें.. क्र. अधिकारी का नाम, बैच तथा वर्तमान पदस्थापना नवीन पदस्थापना 1. श्री सुरेश कुमार (2010), कलेक्टर, जिला पन्ना वि.क.अ.-सह-आयुक्त, चम्बल संभाग, मुरैना 2. श्री शीलेन्द्र सिंह (2010), कलेक्टर, जिला छिंदवाड़ा अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग 3. श्रीमती नेहा मारव्या सिंह (2011), कलेक्टर, जिला डिण्डोरी संचालक, विमुक्त घुमन्तु एवं अर्धघुमन्तु जनजाति, भोपाल 4. श्री संजीव श्रीवास्तव (2011), कलेक्टर, जिला भिण्ड अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग 5. श्रीमती ऊषा परमार (2011), अपर आयुक्त (राजस्व), भोपाल संभाग, भोपाल कलेक्टर, जिला पन्ना 6. श्री शिवराज सिंह वर्मा (2011), अपर सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग अपर आयुक्त (राजस्व), भोपाल संभाग, भोपाल 7. श्री राजेश बाथम (2012), कलेक्टर, जिला रतलाम अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग 8. श्रीमती रजनी सिंह (2013), वि.क.अ.-सह-श्रम आयुक्त, मध्यप्रदेश, इंदौर कलेक्टर, जिला नरसिंहपुर 9. श्री नीरज कुमार वशिष्ठ (2013), संचालक, विमुक्त घुमन्तु एवं अर्धघुमन्तु जनजाति, भोपाल कलेक्टर, जिला पांढुर्णा 10. श्रीमती शीतला पटले (2014), कलेक्टर, जिला नरसिंहपुर कलेक्टर, जिला सिवनी 11. श्री अंकित अस्थाना (2014), कलेक्टर, जिला मुरैना उप सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग तथा अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश स्टेट इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) 12. श्री लोकेश कुमार रामचन्द्र जांगिड (2014), कलेक्टर, निवाड़ी कलेक्टर, जिला मुरैना 13. श्री चन्द्रशेखर शुक्ला (2014), कलेक्टर, जिला सिंगरौली उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग 14. डॉ. अभय अरविन्द बेडेकर (2014), कलेक्टर, जिला आलीराजपुर अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड, भोपाल 15. श्री अजय देव शर्मा (2014), कलेक्टर, जिला पांढुर्णा उप सचिव, राजस्व विभाग तथा अतिरिक्त आयुक्त, भू-संसाधन प्रबंधन, भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) 16. श्रीमती नीतू माथुर (2014), अपर आयुक्त (राजस्व), रीवा संभाग, रीवा कलेक्टर, जिला आलीराजपुर 17. श्रीमती अंजू पवन भदौरिया (2014), मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला रायसेन कलेक्टर, जिला डिण्डोरी 18. श्रीमती जमुना भिडे (2014), सचिव, जनजातीय प्रकोष्ठ, राजभवन, भोपाल कलेक्टर, जिला निवाड़ी 19. श्रीमती संस्कृति जैन (2015), कलेक्टर, जिला सिवनी आयुक्त, नगर पालिक निगम, भोपाल तथा अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) 20. श्रीमती बिदिशा मुखर्जी (2015), अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड, भोपाल उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग 21. श्री किरोड़ी लाल मीना (2016), अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल कलेक्टर, जिला भिण्ड 22. श्री गौरव बैनल (2016), अपर कलेक्टर, जिला इंदौर कलेक्टर, जिला सिंगरौली 23. श्री हरेन्द्र नारायण (2016), आयुक्त, नगर पालिक निगम, भोपाल कलेक्टर, जिला छिंदवाड़ा 24. सुश्री मिशा सिंह (2016), अपर कलेक्टर, जिला जबलपुर कलेक्टर, जिला रतलाम

एनएचआरसी ने मांगा जवाब: MP के मदरसों में 556 हिंदू बच्चों के धर्मांतरण का आरोप

भोपाल  राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के पास पहुंची शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों के मतांतरण का रैकेट चल रहा है। प्रदेश के 27 मदरसों में 556 हिंदू बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने मामले में एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली एनएचआरसी की पीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से 15 दिन में जवाब मांगा है। प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में आयोग ने कहा है कि मदरसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर हैं। ऐसे में यह समझ से परे है कि हिंदू बच्चों को वहां कैसे और क्यों प्रवेश दिया जाता है।  NHRC ने मांगी रिपोर्ट, कानूनगो बोले-सरकार बंद करें ग्रांट एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने बताया कि आयोग को 26 सितंबर को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि प्रदेश में अवैध धर्मांतरण का गिरोह सक्रिय है, जो 556 हिन्दू बच्चों को 27 अवैध मदरसों में दाखिला देकर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। शिकायत में यह भी कहा गया कि ये मदरसे मुरैना, इसलामपुरा, जौरा, पोरसा, अंबाह, कैलारस, संबलगढ़ और अन्य क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। बिना सरकारी अनुमति के ये संस्थान हिन्दू बच्चों को कुरान और हदीस की शिक्षा दे रहे हैं, जो किशोर न्याय (देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 का उल्लंघन है। सरकार ग्रांट देना तुरंत बंद कर दें  प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछली कई वषों से समस्या चल रही है। मध्य प्रदेश में मदरसा संचालक हिंदू बच्चों को प्रवेश देते है और कुरान पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा केंद्र नहीं है। यह धार्मिक परंपरा सीखाने के केंद्र हैं। राज्य सरकारों को मदरसों को ग्रांट देने का काम तुरंत बंद कर देना चाहिए। यह सरकार का काम नहीं है।   शिकायतकर्ता का आरोप एनएचआरसी को 26 सितंबर को भेजी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मुरैना, इस्लामपुरा, जौरा, पौरसा, अंबाह, कैलारस, संबलगढ़ और अन्य क्षेत्रों में स्थित ये मदरसे, किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 का उल्लंघन करते हुए, बिना उचित सरकारी अनुमति के हिंदू नाबालिगों को कुरान और हदीस पढ़ा रहे हैं। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 28(3) और 16 अगस्त 2024 को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है, जिसमें गैर-इस्लामी बच्चों को इस्लामी मदरसों में पढ़ने से रोक दिया गया है। इसके अलावा यह आरोप भी लगाया गया कि इस रैकेट का अवैध विदेशी फंडिंग और राष्ट्र-विरोधी तत्वों से संबंध हो सकता है। 

IAS ट्रांसफर अपडेट: मध्य प्रदेश में बड़े फेरबदल, निधि सिंह को नई जिम्मेदारी

भोपाल प्रदेश सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के आठ अधिकारियों के बाद 18 आइएएस अधिकारियों के तबादले शनिवार देर रात कर दिए। इसमें अधिकतर अधिकारियों को जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ किया गया है। संयुक्त आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर निधि सिंह अब अपर श्रम आयुक्त इंदौर होंगी। वहीं, सृष्टि देशमुख गौड़ा को अपर कलेक्टर खंडवा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना संजना जैन को अपर कलेक्टर मैहर बनाया है। संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के उपसचिव जगदीश कुमार गोमे को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिंगरौली, अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल हरसिमरनप्रीत कौर को कटनी, अंजली जोसेफ जोनाथन उप सचिव तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार को हरदा, सोजान सिंह रावत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम को ग्वालियर, हिमांशु जैन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शिवपुरी को नर्मदापुरम, अपर कलेक्टर जबलपुर सर्जना यादव को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीहोर, वैशाली जैन अनुविभागीय अधिकारी हुजूर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा अपर कलेक्टर रतलाम, दिव्यांशु चौधरी अनुविभागीय अधिकारी डबरा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा अपर कलेक्टर डिंडौरी। सृजन वर्मा अनुविभागीय अधिकारी सिंगरौली को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा अपर कलेक्टर बुरहानपुर, अर्चना कुमारी अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा अपर कलेक्टर अनूपपुर, शिवम प्रजापति अनुविभागीय अधिकारी पुनासा खंडवा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत। अपर कलेक्टर शहडोल सौम्या आनंद सहायक कलेक्टर शहडोल को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा अपर कलेक्टर श्योपुर, आकिप खान सहायक कलेक्टर मंडला को अनुविभागीय अधिकारी पिपरिया नर्मदापुरम, पंकज वर्मा सहायक कलेक्टर जिला सिवनी को अनुविभागीय अधिकारी पुनासा खंडवा और सपना अनुराग जैन अपर कलेक्टर बुरहानपुर को अपर संचालक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इंदौर प्रदेश किया गया है।

दिल्ली में आयोजित हिंदी ग्रंथ अकादमी बैठक में मध्यप्रदेश की सक्रिय भागीदारी

दिल्ली में हिंदी ग्रन्थ अकादमियों की बैठक में मध्यप्रदेश ने की सहभागिता दिल्ली में आयोजित हिंदी ग्रंथ अकादमी बैठक में मध्यप्रदेश की सक्रिय भागीदारी हिंदी साहित्य के मंच पर मध्यप्रदेश की उपस्थिति, दिल्ली में हुई अकादमियों की बैठक भोपाल  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो. धनंजय सिंह की अध्यक्षता में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालकों की बैठक तकनीकी शब्दावली आयोग मुख्यालय दिल्ली में संपन्न हुई। बैठक में मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के प्रतिनिधि राम विश्वास कुशवाह सहायक संचालक एवं महेंद्र सिंह सिसोदिया सम्मिलित हुए। सहायक संचालक कुशवाहा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत नवीन पुस्तकों के प्रकाशन के लिए अकादमियों को न्यूनतम 15 लाख से लेकर 40 लाख रुपए तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में मप्र हिंदी ग्रन्थ अकादमी के प्रतिनिधियों ने तकनीकी शब्दावली आयोग को मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित 40 विषयों की 275 से अधिक शीर्षक की प्रकाशित पुस्तकों की सूची तथा प्रत्येक विषयों की एक-एक पुस्तकों की प्रति सौंपी। इस अवसर पर मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी से प्रकाशित द्विमासिक मासिक "रचना" पत्रिका के वर्तमान अंक तथा मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के स्थापना के अवसर पर तैयार किया गया 55 वर्ष की यात्रा पर आधारित प्रकाशित "विकास गाथा" ब्रोशर भी आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य राज्यों के अकादमियों के संचालकों को भेंट किया गया। बैठक में प्रोफेसर रूपेश चतुर्वेदी ,जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, प्रोफेसर मोहम्मद शरीफ, जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली, डॉ. अनूप कोकसल, वित्त अधिकारी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली सहित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पंजाब, गुजरात, उड़ीसा, केरल, हरियाणा आदि विभिन्न राज्यों की हिंदी ग्रंथ अकादमी तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय दिल्ली के संचालक/ प्रतिनिधि उपस्थित थे।