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थाना अयोध्यानगर जोन-2 पुलिस की आनलाइन क्रिकेट सट्टा गिरोह पर बडी कार्यवाही, नगदी सहित लगभग 50 लाख रुपये का मसरुका जब्त

आरोपियो पकडे ना जाये इसलिये कार और रेसिडेंसियल मल्टी में सेटअप लगाकर कराते थे बेटिंग।   पुलिस की पकड से बचने के लिये फर्जी एकाउंट, फर्जी सिम का इस्तेमाल कर करते थे ट्रांजेक्सन तथा व्हाट्सएप से कांटेक्ट। पुलिस ने कराये लगभग 15 लाख रुपये आनलाईन फ्रीज । कम समय में बड़ा पैसा कमाने का लालच ने बना दिया ऑनलाइन सटोरी आरोपी । भोपाल  नगरीय क्षेत्र भोपाल में हाल ही में चल रहे एशिया कप क्रिकेट के ऊपर ऑनलाइन सट्टा खिलवाने वाले गिरोह पर सख्त एवं प्रभावी कार्यवाही करने हेतु पुलिस आयुक्त भोपाल श्री हरिनारायणचारी मिश्र (IPS) एवं अति. पुलिस आयुक्त श्री अवधेश गोस्वामी (IPS) द्वारा निर्देश दिये थे ।         उक्त दिशा निर्देशों के तारतम्य में एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान पुलिस उपायुक्त जोन-02 श्री विवेक सिंह (IPS) द्वारा आनलाईन गेबलिंग, बेटिंग तथा क्रिकेट सट्टा चलाने वाले गिरोह का पता कर उन पर सख्त कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसके पालन में अति. पुलिस उपायुक्त श्री गौतम सोलंकी के पर्यवेक्षण में सहायक पुलिस आयुक्त एम.पी.नगर संभाग श्री मनीष भारद्वाज (IPS) के मार्गदर्शन व नेतृत्व में थाना प्रभारी निरीक्षक महेश लिल्हारे सहित गठित टीम ने शातिर आनलाइन क्रिकेट सट्टा खिलाने वाले गिरोह का पर्दाफास कर आनलाईन क्रिकेट सट्टा खिलाने वाले गिरोह से मौके पर आरोपियों से नगदी 3.54 लाख रुपये, घटना में प्रयुक्त 02 कार जिसमें जगह बदल बदल कर सट्टा संचालित कर रहे थे, तथा वारदात में उपयोग किये गये 05 लेपटाप, 40 स्मार्टफोन, 80सिमकार्ड, 180 एटीएम कार्ड्स, केस काउंटिंग मशीन, वाइफाई राउटर, तथा लगभग 1.5 करोड के हिसाब किताब की जानकारी रजिस्टर तथा अन्य इलेक्ट्रानिक गेजेट्स सहित लगभग 50  लाख रुपये का मशरूका बरामद करते हुये आरोपियों द्वारा उपयोग किये जा रहे खातों में लगभग 15 लाख रुपये फ्रीज करने में भी सफलता अर्जीत की । घटना का विवरण- हाल ही के दिनों में क्रिकेट के अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट एशिया कप टूर्नामेंट मैच के दौरान मैच पर ऑनलाईन सट्टा खिलाने वाले गिरोह सक्रिय होने की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन व मार्गदर्शन में मुखबीर तंत्र सक्रिय किये गये जिनकी सूचना पर मीनाल क्षेत्र में कार में आनलाईन सट्टा संचालन कर रहे दो आरोपियों को मोबाइल, लेपटाप , फर्जी एकाउंट के एटीएम कार्ड तथा कुछ नगदी सहित पकडा गया जिनसे पुछताछ में उनके द्वारा बडे रुप में काल सेंटर (बुक) संचालित करना भी स्वीकार किया जिनकी निशादेही पर भोजपुर रोड स्थित आरआरजी टाउनशिप मल्टी में रेसिडेंसियल फ्लेट में संचालित ऑनलाइन सट्टे के काल सेंटर(बुक) पर रैड की गई जहां अन्य 05 आरोपी बुक संचालित करते हुये मिले जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बडी संख्या में मोबाइल फोन, सिम कार्ड्स, एटीएम कार्ड्स, लेपटाप, नेटवर्किंग डिवाइसेस, नगदी, केश काउंटिंग मशीन इत्यादि जब्त किये गये। आरोपियों का कृत्य संगठित रुप से आनलाईन बेटिंग/सट्टा संचालित करना पाया जाने पर आरोपियों के विरुद्ध अप.क्र. 415/25 धारा 4क सट्टा एक्ट, 112(2) बीएनएस के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पुछताछ में आरोपियों ने टेलीग्राम के माध्यम से आनलाइन सट्टे का पैनल प्राप्त कर फर्जी सिम, फर्जी खाते प्राप्त कर उनके माध्यम से बुक संचालित करना तथा लाभ अर्जित करना बताया। प्रकरण में आरोपियों के कब्जे से नगदी कुल 3,54,000/- रुपये, 02 कार ( हुंडई अलकज़ार एवं आई '10),  40 मोबाइल , 80 सिम कार्ड्स,  177 एटीएम कार्ड्स, 5 लैपटॉप, राउटर वाई फाई, 180 बैंक खातें, करेंसी काउंटिंग मशीन, एकाउंट स्कैनर काउंटर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस तथा लगभग 1.5 करोड रुपये के हिसाब किताब के रजिस्टर, इत्यादि जब्त किये गये। जब्त मसरुका का कुल कीमत लगभग 50 लाख रुपये है। प्रकरण में आरोपियो से प्राप्त फर्जी खातों के एटीएम को ब्लाक कर लगभग 15 लाख रुपये फ्रीज कराये गये है। – आरोपियों द्वारा इंस्टाग्राम एडवर्टाइजमेंट के माध्यम से टेलीग्राम पर ऑनलाइन स्पोर्ट गेमिंग  गैम्बलिंग एप पैनल महादेव जैसे बैटिंग ऐप के बारे में ट्रेनिंग लेकर यूएसडीटी एवं इंडियन करेंसी में भुगतान कर अज्ञात लोगों से रुद्र डायमंड वेबसाइट पोर्टल पैनल का एक्सेस लेकर देश भर से लोगों को उक्त बैटिंग साइट पर आईडी प्रोवाइड कर लगातार क्रिकेट मैच तथा अन्य प्रतियोगिता के मैचों पर बैटिंग करवाकर लाखों का ट्रांजैक्शन किया जाता रहा। – आरोपी ग्राहकों से विभिन्न फर्जी एकाउंट्स में पैसे डलवाकर उन्हें बैटिंग प्वाइंट उपलब्ध कराते थे तथा उनकी पहचान उजागर न हो, इसलिए व्हाट्सऐप के माध्यम से आपस में कनेक्टेड होते थे।  इस अपराध में आरोपी एक-दूसरे से अपनी पहचान छुपाकर चीजों का आदान प्रदान करते थे। ताकि कोई भी बीच में पकड़ा जाए तो वह दूसरे तक पुलिस को न पहुंचा सके। – उक्त पकड़े गए सातों आरोपी में वेबसाइट पोर्टल पैनल पर बैटिंग संचालित कर पैसों का बड़े रूप में ट्रांजैक्शन का हिसाब भी डायरी में मिला है। – आरोपीगण, कॉल सेन्टर पर सेटअप फैलाकर बैटिंग ऑनलाइन सट्टा खिलाने के साथ-साथ कार से शहर की विभिन्न क्षेत्रों में जगह बदलकर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा खिलवाते थे जिसे पुलिस के द्वारा मीनाल के आस-पास से पकड़कर सख्ती से पूछताछ करने पर आरआरजी कैंपस भोजपुर रोड में चला रहे कॉल सेन्टर पर रैड कर वहां से अन्य पांच आरोपियों को लैपटॉप और अनगिनत मोबाइल और एटीएम कार्ड्स सहित पकड़ा गया । – पूर्व में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म महादेव एप को बैन कर दिया गया है जिसके बाद उसी के जैसे बनाये गये यह रुद्र ऐप के पैनल पर हर प्रकार की ऑनलाइन गैंबलिंग बैटिंग कराई जाती है। जिसका उपयोग आरोपीगण कर रहे थे। जब्त सामग्री- नगदी 3,54,000/- रुपये, 02 कार ( हुंडई अलकज़ार एवं आई 10),  40 मोबाइल , 80 सिम कार्ड्स,  177 एटीएम कार्ड्स, 5 लैपटॉप, राउटर वाई फाई, 180 बैंक खातें, करेंसी काउंटिंग मशीन, एकाउंट स्कैनर काउंटर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस तथा लगभग 1.5 करोड रुपये के हिसाब किताब के रजिस्टर, इत्यादि कुल कीमत लगभग 50 लाख रुपये का मसरुका – लगभग 50 एटीएम ब्लाक कर उनमें लगभग 15 लाख रुपये फ्रीज कराये गये। नाम आरोपीगण – 01. अरुण वर्मा पिता खिलेश्वर राव वर्मा उम्र 28 साल निवासी ग्राम कुशमी थाना पलारी जिला बालोदा बाजार छत्तीसगढ़ 02. डिगेश्वर प्रसाद वर्मा पुत्र राम प्यारे वर्मा उम्र 33 साल निवासी ग्राम खैरी थाना bhatapara जिला बालोदा बाजार छत्तीसगढ़ 03. दिव्यांशु पवार पुत्र कैलाश पवार उम्र 26 वर्ष, चंदनगाव छिंदवाड़ा 04. गोपी मणिकपुरी पुत्र रघुनाथ दास मणिकपुरी उम्र 23 साल निवासी … Read more

हत्या के आरोपी को जनकपुर पुलिस ने 24 घटे के अंदर किया गिरफ्तार…

जनकपुर जनकपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत लाखनटोला में  दिनांक 29 सितंबर की सुबह रोड के किनारे युवक की लाश मिली थी। मृतक का नाम बृज कुमार यादव पिता जगजीवन यादव उम्र 39 वर्ष निवासी ग्राम पंचायत लाखनटोला के हरिजनपारा का था। जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा जनकपुर पुलिस को दी गई। इसके बाद जनकपुर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मृतक के पिता जगजीवन यादव जाति अहीर ने पुलिस को सूचना दी की इनका लड़का बृज कुमार यादव को कोई अज्ञात व्यक्ति ने धारदार कल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दिया है।  जिसकी सूचना जनकपुर पुलिस द्वारा एसडीओपी भरतपुर और पुलिस अधीक्षक एमसी बी को दिया गया। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर थाना प्रभारी जनकपुर एवं चौकी प्रभारी कवांरपुर कि पृथक पृथक टीम गठित कर विवेचन किए जाने एवं अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने का आदेश दिया गया। जहांपलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध धारा 194 बीएनएसएस तथा अपराध धारा 103(1) बीएस का कायम कर विवेचना में लिया गया। जांच में एफएसएल टीम एवं डॉग स्कॉर्ट मौके पर उपस्थित रही। परिजनों एवं आम ग्रामीणों से बातचीत कर साक्ष्य एकत्र किए गए एवं आरोपी का पता तलाश करने का हर संभव प्रयास किया गया जिस पर घटना के 24 घंटे के अंदर ही आंधी कत्ल की गुत्थी सुलझाने में थाना जनकपुर पुलिस कामयाब हो सकी। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 सितंबर 2025 को बृज कुमार पुरुषोत्तम ननकू बंटी तीर्थ और राजेश सभी मुर्गा खाने और शराब पीने का कार्यक्रम तरतोरा बांध के किनारे बनाए थे जहां रात्रि 8:00 बजे खाना पीना खाकर सभी अपने-अपने घर की ओर चल दिए। जहां पुरुषोत्तम बैगा अपनी मोटरसाइकिल में बृज कुमार को बैठक घर की ओर चल दिया। तभी रास्ते में पुरुषोत्तम बैगा ने बृज कुमार से बोला कि तुम लोग मेरे बाप दादा की जमीन में जबरन कब्जा कर लिए हो इसी बात पर नाराज होकर बृज कुमार यादव ने पुरुषोत्तम बैगा को मां बहन की गाली देने लगा। इसी बात पर नाराज होकर पुरुषोत्तम बैगा अपने घर के पास पहुंचकर बृज कुमार यादव को अपने घर जाने के लिए कहां । मगर बृज कुमार यादव घर ना जाकर लगातार गालियां देता रहा जिस पर पुरुषोत्तम बैगा अपने घर से टांगी लेकर आया और टांगी से तीन चार हमला बृज कुमार के ऊपर कर दिया। पुरुषोत्तम ने इतनी जोर से टांगी चलाया की टांगी का बेट टूटकर दूर फेका गया। इसके बाद पुरुषोत्तम ने बृज कुमार यादव के शव को घसीटकर रोड के दूसरी तरफ लगभग 30 मीटर दूर ले गया और अपनी मोटरसाइकिल को घर के अंदर परछी में खड़ा कर दिया। और घटना के समय पहने कपड़ा को घर के अंदर एक कमरे में छुपा दिया वही टांगी का टूटा हुआ बेट को दूसरे कमरे में छुपा कर जंगल की ओर चला गया। जहां जनकपुर पुलिस द्वारा गहन परिश्रम एवं लगातार दबिश देकर आरोपी पुरुषोत्तम बैगा को गिरफ्तार किया। घटना में उपयोग की गई टांगी का बेट , घटना के समय पहने आरोपी के कपड़े तथा आरोपीक मोटरसाइकिल को जप्त कर लिया गया है।

ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, म्यूल अकाउंट के तीन शातिर आरोपी पकड़े गए

दुर्ग छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पुलिस ने साइबर क्राइम पर शिकंजा कसते हुए म्यूल अकाउंट का उपयोग कर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने अपने बैंक खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी की रकम जमा करने के लिए किया था. इन खातों में कुल 99,700 रुपये, 4,36,200 रुपये और 98,000 रुपये की ठगी की राशि जमा की गई थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 26 सितंबर को समन्वय पोर्टल से म्यूल अकाउंट से जुड़े इन मामलों की जानकारी मिलने पर एसीसीयू और थाना सुपेला पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की.     पहले मामले में, गनेश्वर दास मानिकपुरी (25 वर्ष), निवासी कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी सुपेला ने बैंक ऑफ इंडिया, सुपेला शाखा में खाता खोलकर साइबर ठगी से प्राप्त 99,700 रुपये अपने खाते में जमा किए. आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है.     दूसरे मामले में, अमनदीप सिंह (19 वर्ष), निवासी जवाहर नगर ने अपने बैंक खाते में 4,36,200 रुपये ठगी की रकम जमा की. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.     तीसरे मामले में, विवेक अवचट (24 वर्ष), निवासी नेहरू भवन सुपेला ने 98,000 रुपये की ठगी की रकम अपने खाते में जमा की. आरोपी को भी गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया. दुर्ग पुलिस ने स्पष्ट किया है कि साइबर क्राइम में संलिप्त किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. लगातार चल रहे अभियान के तहत ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.

धार्मिक उत्सव में सुरक्षा सख्त, रांची में दुर्गा पूजा के लिए 2500 पुलिसकर्मी तैनात

रांची झारखंड की राजधानी रांची में बीते शुक्रवार से सभी बड़े पंडाल श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं, जहां बड़ी संख्या में भक्त-जन उमड़ रहे हैं। इस भीड़ को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि पर्व शांति और सुरक्षा के साथ मनाया जा सके। इस बार दुर्गा पूजा के दौरान कुल मिलाकर लगभग 2500 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें जिला पुलिस के साथ-साथ जैप, रैप, सीआरपीएफ और रैफ भी शामिल हैं। हर पंडाल और आसपास के इलाकों में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो मनचलों, उचक्कों और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी ऐसे संदिग्धों को तुरंत पहचानकर पकड़ेंगे। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा टीमों को लगाया गया है। शाम के बाद भी पुलिस चौक-चौराहों और मैदानों में सतत गश्त करेगी। शहर के सुनसान इलाकों में भी पेट्रोलिंग जारी रहेगी, ताकि कहीं भी किसी श्रद्धालु को परेशानी न हो। रांची एसएसपी राकेश रंजन स्वयं सड़कों पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं और पीसीआर टीमों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। श्रीरंजन ने थानों को स्पष्ट आदेश दिया है कि दुर्गा पूजा के दौरान माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। राजधानी के प्रमुख पंडालों के आस-पास आसमान से ड्रोन निगरानी भी की जाएगी, ताकि किसी भी असामाजिक गतिविधि पर नजर रखी जा सके। सभी डीएसपी और थानेदारों को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह सख्त बनाएं। वहीं एसएसपी राकेश रंजन ने कहा, 'दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सोशल मीडिया और असामाजिक तत्वों पर हमारी पैनी नजर रहेगी। माहौल बिगाड़ने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।'  

10 महीने की कवायद के बाद भी काम अधूरा: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट केवल 10 लाख वाहनों में लगी, अब पुलिस करेगी चालानिंग

रायपुर  छत्तीसगढ़ सरकार की सुरक्षा के मद्देनजर सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की कवायद पर ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ वाली कहावत सटीक बैठती है. छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के 10 महीने बाद तक प्रदेश के करीबन 80 फीसदी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) नहीं लगा है. इस बीच पुलिस ने एक अक्टूबर से चालान काटने की तैयारी कर ली है. मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 52 लाख 48 हजार 478 वाहन हैं. इनमें से अब तक सिर्फ 7 लाख 31 हजार वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाए जा सके हैं. वहीं 3 लाख 40 हजार नंबर प्लेट बनाने का ऑर्डर हुआ है. इस तरह से 45 लाख से ज्यादा वाहनों में HSRP नंबर प्लेट नहीं लगाए जा सके हैं. जानकार बताते हैं कि जिन 7.31 लाख वाहनों में नंबर प्लेट लगे हैं, इनमें से 30 फीसदी ऐसे हैं, जिन्हें आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की टीम ने सड़क पर रोक-रोक फार्म भरवाया था. आरटीओ की ओर से 30 सितंबर तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने लोगों को अल्टीमेटम दिया गया है. अब अक्टूबर से जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा होगा इनका 1000 रुपए का चालान कटेगा, इसके साथ ही मौके पर एचएसआरपी के लिए फार्म भी भरवाया जाएगा. रायपुर जिले की बात करें तो यहां 13 लाख 34 हजार पंजीकृत गाड़ियां हैं. इनमें से सिर्फ 2 लाख 36 हजार गाड़ियों में नंबर प्लेट लगाए जा सके हैं. वह करीब एक लाख लोगों ने नंबर प्लेट बनवाने के लिए आवेदन किया है. 10 महीने में सिर्फ 17 फीसदी वाहनों में नंबर प्लेट लगाए जा सके हैं. छत्तीसगढ़ में 6 हजार से ज्यादा पंजीकृत वाहन ऐसे हैं, जो 15 साल पुराने हैं. इन वाहनों को स्क्रैप करने के निर्देश हैं. इन 6 हजार वाहनों में से 1200 दोपहिया हैं. 3 हजार से ज्यादा चारपहिया और शेष 1800 मालवाहक गाड़ियां हैं. रायपुर जिले की बात करें तो 300 से ज्यादा पंजीकृत वाहन 15 से ज्यादा पुराने हैं. वहीं शहर में ऐसे वाहन भी घूम रहे हैं, जो अपंजीकृत हैं. वाहनों को स्क्रेप करने में भी पिछड़ा विभाग रायपुर शहर में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने दो करोड़ की लागत से धनेली में प्लांट बनाया गया है. अब तक यहां सिर्फ 1 हजार वाहनों को स्क्रैप किया जा सका है. जबकि यहां 600 से ज्यादा वाहन स्क्रैप होने के लिए खड़े हैं. यानी की परिवहन विभाग पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाने और एचएसआरपी लगवाने दोनों में पिछड़ता दिख रहा है. चालकों को रोक-रोककर भरवाया फार्म परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की टीम ने मिलकर दो महीने तक एचएसआरपी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया था. वाहन चालकों को सड़कों पर रोक-रोक कर एचएसआरपी के लिए फार्म भरवाया गया था. तब जाकर प्रदेशभर में 7 लाख लोगों ने वाहनों में एचएसआरपी लगवाया है.

CBI का बड़ा एक्शन: MP के दो पुलिसकर्मियों पर कस रहा शिकंजा, इनाम घोषित

गुना  सीबीआई ने मध्य प्रदेश के गुना जिले के म्याना थाना क्षेत्र में देव पारधी की हिरासत में मौत के मामले में दो फरार पुलिसकर्मियों संजीत सिंह मावई और उत्तम सिंह कुशवाहा की घेरेबंदी तेज कर दी है। सीबीआई ने इन दोनों की जानकारी देने वालों को दो-दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सीबीआई का यह कदम इस केस में सुप्रीम कोर्ट की कठोर टिप्पणियों के बाद सामने आया है। अधिकारियों ने बताया कि मावई घटना के समय नगर निरीक्षक और कुशवाहा सहायक उप निरीक्षक के पद पर थे। दोनों को देव पारधी की हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में आरोपी बनाया गया है। बता दें कि देव पारधी को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया था। सीबीआई पहले ही इस मामले में उप निरीक्षक देवराज सिंह परिहार, नगर निरीक्षक जुबैर खान और एक निजी व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुकी है। इन आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया जा चुका है। मावई और कुशवाहा अब भी फरार हैं। सीबीआई की प्रवक्ता ने कहा कि इन दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं। इन दोनों को भगोड़ा अपराधी घोषित किया जा चुका है। देव पारधी को चोरी के आरोप में उसके चाचा गंगाराम के साथ हिरासत में लिया गया था। देव पारधी की मां का आरोप है कि उसके बेटे को आरोपियों ने टॉर्चर कर के मार डाला। वहीं पुलिस का दावा है कि आरोपी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में फरार पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं करने पर CBI को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने एजेंसी से पूछा कि अप्रैल से फरार चल रहे संजीव सिंह मावई और उत्तम सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार करने में क्या दिक्कत आ रही है। अदालत ने CBI को चेतावनी दी थी कि यदि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं की गई तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

तांत्रिक क्रिया के लिए कब्रों से छेड़छाड़ करने वाला बदमाश गिरफ्तार

खंडवा  खंडवा से निकलकर प्रदेशभर में सनसनी फैलाने वाला कब्रिस्तान छेड़छाड़ कांड आखिरकार सुलझ गया है। पुलिस ने इस घिनौने कृत्य के आरोपी तांत्रिक प्रवृत्ति के अपराधी अयूब खान (50) को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मूलतः जावर थाने के अंतर्गत आने वाले मुंडवाड़ा गांव का रहने वाला है और पहले से ही निगरानी शुदा बदमाश है। पुलिस पूछताछ में अयूब ने स्वीकार किया कि वह कब्रों को खोदकर तंत्र क्रिया करता था। जानकारी मिली है कि इंदौर सेंट्रल जेल में सजा काटते समय उसने कुछ अपराधियों से तांत्रिक मंत्र-क्रियाएं सीखीं। इसी झूठी धारणा के चलते वह कब्रों पर छेड़छाड़ कर अपनी "शक्ति" बढ़ाने की कोशिश करता था। इसी साल 15 मई 2025 को वह जेल से बाहर आया था, जहां वह अपनी दोनों पत्नियों की हत्या के मामले में सजा काट रहा था। जेल से छूटने के महज चार दिन बाद यानी 19 मई की रात उसने खंडवा के बड़ा कब्रिस्तान और सिहाड़ा गांव में कब्रें खोदी थीं। हाल ही में 21 सितंबर को फिर से बड़ा कब्रिस्तान में कब्रों को नुकसान पहुंचाया गया। जब मुस्लिम समुदाय ने शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और उसी में आरोपी की पहचान हुई। अयूब खान के खिलाफ पहले से ही हत्या, चोरी और दहेज प्रताड़ना समेत करीब 13 गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। दो पत्नियों की हत्या के मामलों में उसे उम्रकैद की सजा मिल चुकी थी और इसी दौरान वह जेल में तांत्रिक क्रियाओं से प्रभावित हुआ। खंडवा पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने जानकारी दी कि आरोपी को हरसूद इलाके से गिरफ्तार किया गया। आरोपी का जुर्म स्वीकार करने के बाद अब उसके खिलाफ न केवल आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी का आपराधिक इतिहास और कब्रिस्तान में की गई वारदातें समाज में भय और असुरक्षा का कारण हैं, इसलिए उस पर कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई जरूरी है।

इंदौर पुलिस की नई पहल: विजय नगर और लसुड़िया थानों में दो-दो प्रभारी तैनात

इंदौर  शहर में लगातार हो रहीं आपराधिक घटनाओं को देखते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर ने एक थाने में 2 थाना प्रभारियों की पोस्टिंग की है. इसको लेकर एक आदेश में जारी किया गया है ताकि शहर में आपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम लगाई जा सके. इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू हुए 2 साल से अधिक हो चुके हैं. लेकिन अभी भी शहर में आपराधिक घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. जिससे एक थाने में 2 थाना प्रभारियों की पोस्टिंग की गई है. 2 थानों में 2 टीआई की नियुक्ति इंदौर शहर में अपराध के ग्राफ को कम करने के लिए करीब 2 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया था. लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी इंदौर में अपराध के ग्राफ में लगातार इजाफा हो रहा है. इसी कड़ी में इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने आपराधिक घटनाओं पर लगाम कसने के लिए इंदौर के 2 स्थानों पर 2 थाना प्रभारी की नियुक्ति की है. काफी बड़ा है इन दोनों थाना क्षेत्र का एरिया इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया गया है कि, शहर में अपराध पर रोक लगाने के लिए 2 थाना प्रभारी नियुक्त किए गए हैं. जिसमें इंदौर के लसूडिया और विजयनगर थाने पर 2 थाना प्रभारी को तैनात किया गया है. इंदौर के विजय नगर और लसुड़िया थाने का एरिया काफी बड़ा है. इन क्षेत्रों में काफी रहवासी क्षेत्र आते हैं. इसी के चलते दोनों थानों पर सबसे पहले 2 थाना प्रभारी को इंदौर पुलिस कमिश्नर के द्वारा तैनात किया गया है. इन थानों के टीआई बदले गए इंदौर के विजय नगर और लसुड़िया थाना के अलावा द्वारकापुरी, आजाद नगर, हीरानगर, छत्रीपुरा, और सराफा समेत कई थानों के टीआई बदले गए हैं. विजयनगर में टीआई चंद्रकांत पटेल की पोस्टिंग है. वहीं, उनकी मदद के लिए मीना बौरासी को भी विजयनगर थाने में नियुक्त किया गया है. वहीं, लसूड़िया थाना में नीतू सिंह की नियुक्ति हुई है. तारेफ सोनी पहले से यहां टीआई हैं. लॉ एंड ऑर्डर पर रखेंगे निगरानी इन दोनों थाने का मूल काम क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर पर निगरानी रखने और आपराधिक घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से करवाई करना रहेगा. 2 थाना प्रभारी की तैनाती होने के बाद क्षेत्र में अपराध के ग्राफ में कमी आने की पूरी संभावना है. इसके साथ ही इंदौर प्रदेश का ऐसा जिला बन गया है, जहां एक थाने पर 2 थाना प्रभारियों को नियुक्त किया गया है.  

फर्जी दस्तावेज़ से भर्ती: इंदौर पीटीसी में बड़ा खुलासा, 14 नवआरक्षक हिरासत में

इंदौर   पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) इंदौर में प्रशिक्षण ले रहे 14 नवआरक्षकों ने परीक्षा देने की अनुमति लेने के लिए फर्जीवाड़ा किया। इनमें 13 महिलाएं शामिल हैं। नवआरक्षकों ने किसी और के स्वीकृत आवेदन में फर्जी तरीके से अपना नाम जोड़कर प्रस्तुत किया, जो मंजूर भी हो गया। यह मामला लगभग डेढ़ माह पहले सामने आया, जब पीटीसी प्रभारी एसपी ने गड़बड़ी पकड़ी और इसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी। जांच एडीजी प्रशिक्षण राजाबाबू सिंह के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय के एआइजी से कराई गई। जांच में गड़बड़ी साबित होने पर सभी 14 नवआरक्षकों को प्रशिक्षण से बाहर कर उनके संबंधित जिलों में भेज दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने के बाद एफआईआर दर्ज कर सेवा समाप्त भी की जा सकती है। विभागीय जांच इधर, ट्रेनिंग स्कूल में पदस्थ दो डीएसपी समेत पांच अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी विभागीय जांच की जा रही है। इन पर आरोप है कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े को अनदेखा किया। जांच में यह साफ होगा कि उन्होंने किस स्तर पर लापरवाही की।

SC-ST के खिलाफ अपराध रोकने MP पुलिस का बड़ा एक्शन: 23 जिलों में कड़ी निगरानी, 63 थाना क्षेत्र सेंसिटिव घोषित

भोपाल मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। गृह विभाग ने 23 जिलों के 63 थाना क्षेत्रों और लगभग 100 वार्डों एवं गांवों को अत्याचार प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। इन क्षेत्रों में अब विशेष सतर्कता और निगरानी रखी जाएगी। सरकार का मानना है कि प्रदेश के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां SC-ST वर्ग के लोगों पर अत्याचार की घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक सामने आती हैं। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर कड़ी निगरानी की जरूरत है। इसी उद्देश्य से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 एवं उसके नियमों के तहत यह अधिसूचना जारी की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि चिह्नित थाना क्षेत्रों में SC-ST वर्ग के लोगों के साथ होने वाले अत्याचार पर तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाएगी। विशेष निगरानी के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन को संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें पुलिस चौकियों की स्थापना, जागरूकता के कार्यक्रम, पुराने विवादों को हल कराने जैसे प्रयास होंगे। घटनाओं को लेकर पुलिस को त्वरित कार्यवाही करने के लिए भी कहा गया है। गृह विभाग ने केंद्र सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित किया है। जिन थाना क्षेत्रों को संवेदनशील माना गया है उनमें मंडला जिले का कोतवाली, बालाघाट का कोसमी, भरवेली, विदिशा का कोतवाली, गंज बासौदा, सिविल लाइन, धार का कोतवाली, खंडवा का पदम नगर, मांधाता, पंधाना, इंदौर का सिमरोल, मुरैना कोतवाली, स्टेशन रोड, सिविल लाइन, बामनोर, भिंड में देहात, देवास में औद्योगिक क्षेत्र, पिपलावा, शाजापुर में शुजालपुर सिटी, शुजालपुर मंडी, मंदसौर का वायडीनगर, नर्मदापुरम के देहात, इटारसी, कोतवाली, पिपरिया और शिवपुर, बैतूल में सारणी, आमला, रायसेन में औबेदुल्लागंज, जबलपुर में गोराबाजार, गुना में कोतवाली, कैंट, विजयपुर, आरोन, मधुसूदनगढ़, शिवपुरी में सिरसोद, दिनारा, आमोला, इंमदौर, भौंती, अशोकनगर में कोतवाली, देहार, बहादुरपुर, ग्वालियर में जनकगंज, झांसी रोड, विश्वविद्यालय, ठाठीपुर, बहोड़ापुर, ग्वालियर, डबरा, सागर में कैंट, बहेरिया, बंडा, राहतगढ़, दमोह में कोतवाली, छतरपुर में सिविल लाइन, लवकुशनगर, जुझारपुर और टीकमगढ़ जिले का कोतवाली थाना क्षेत्र शामिल है। 4 केस से समझिए थाना क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित करने की वजह केस-1: सागर दलित युवक हत्या, मां को निर्वस्त्र कर पीटा ये मामला 24 अगस्त 2023 का है। सागर जिले के खुरई देहात थाना क्षेत्र के बरोदिया नौनागिरी गांव में दबंगों ने दलित युवक लालू उर्फ नितिन अहिरवार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बेटे को बचाने गई मां को भी निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा गया। दरअसल, लालू की बहन से दबंगों के छेड़छाड़ की थी। जिसकी शिकायत थाने में की गई थी। दबंग पीड़ित परिवार पर राजीनामा करने का दबाव बना रहे थे। जब परिवार ने इनकार किया, तो इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में 9 नामजद और 4 अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, मारपीट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। खास बात ये है कि नितिन अहिरवार के इस केस में घटना के चश्मदीद उसके चाचा और बहन की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। जिसकी जांच अभी भी चल रही है। केस-2: 30 हमलावरों ने महिला की गोली मारकर हत्या की ये मामला मंदसौर जिले के गरोठ थाना क्षेत्र के ढाकनी गांव का है। 6 दिसंबर 2024 को करीब 30 हमलावर 5 गाड़ियों में सवार होकर गांव में ही रहने वाले बलराम के घर पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें बलराम की पत्नी 45 साल की सुगना बाई की मौत हो गई, जबकि बलराम सहित 3 लोग घायल हो गए थे। ये विवाद सरकारी जमीन पर गाय बांधने को लेकर हुआ था। घटना के बाद आक्रोशित परिजन और गांववालों ने शव रखकर बोलिया, शामगढ़ भानपुरा और खड़ावदा रोड पर करीब 5 घंटे तक चक्काजाम किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के बाद ही प्रदर्शन खत्म हुआ। उस समय पुलिस ने 7 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की थी। केस-3: गैंगरेप के बाद आरोपियों ने घर में लगाई आग भिंड जिले के आरोली गांव में इसी साल 13 जनवरी 2025 को गांव के दबंगों ने दलित युवती के साथ गैंगरेप किया था। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने गैंगरेप के आरोपी सोनी गुर्जर और धर्मेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मगर, कोर्ट में बयान दर्ज कराने से पहले ही आरोपियों ने पीड़िता और उसके परिवार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। समझौते से इनकार करने पर आरोपी बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पीड़िता के घर पहुंचे और परिवार से मारपीट की। इसके बाद घर में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। इस आगजनी में परिवार के दो लोग झुलस गए थे। केस-4 : गैंगरेप पीड़िता की आंत-बच्चेदानी बाहर थी खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला के साथ दरिंदगी हुई। घटना 23 मई की रात हुई जब महिला शादी समारोह से लौट रही थी। आरोपी हरी और सुनील ने शराब के नशे में महिला के साथ बर्बरता की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि महिला की आंत 6 फीट शरीर से बाहर निकली थी। उसके प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटें भी थीं। इन्हीं चोटों की वजह से महिला की मौत हो गई थी। महिला का पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर सीमा सूटे के मुताबिक उसके गर्भाशय और रेक्टम तक को गंभीर चोटें लगी थीं।। उन्होंने कहा, "मैंने अपने पूरे करियर में इतनी क्रूरता नहीं देखी।" रिपोर्ट के अनुसार, महिला के शरीर से खून बहुत अधिक बहा और इसके कारण उसकी मौत हो गई। पीड़िता ने मरने से पहले अपने बेटे को आरोपियों के नाम बताए थे, जिन्होंने पुलिस को बयान भी दिया। क्या होगा आइडेंटिफाई एरिया में.. गृह विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक ये कदम केंद्र सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत उठाया है। 23 जिलों के 63 थानों को संवेदनशील घोषित किया है और इन थानों के तहत आने वाले क्षेत्र को 'आइडेंटिफाई एरिया' के रूप में चिह्नित किया गया है। एक्सपर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार किसी थाना क्षेत्र को आइडेंटिफाई एरिया घोषित करती है तो इसका मतलब है कि वहां और ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहां की … Read more