samacharsecretary.com

उत्तर प्रदेश में हड़कंप: नकली नियुक्तियों में शामिल कर्मचारियों-शिक्षकों पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई

लखनऊ  सरकारी दफ्तरों और शैक्षिक संस्थानों में अनुकंपा नियुक्तियों की आड़ में गलत तरीके से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं। शासन ने ऐसे मामलों की जांच तेज कर दी है और सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि पात्रता से बाहर जाकर नौकरी पाने वालों की पहचान कर रिपोर्ट भेजी जाए। अनुकंपा नियुक्ति का नियम साफ है कि यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाए, तो उसके आश्रित को नौकरी दी जा सकती है। लेकिन अगर पति-पत्नी दोनों ही सरकारी सेवा में हों और उनमें से किसी एक का निधन हो जाए, तो आश्रित बच्चों को यह सुविधा नहीं मिलती। इसके बावजूद कई जगह अधिकारियों की अनदेखी या मिलीभगत से ऐसे लोगों को भी नियुक्ति मिल गई जो पात्र नहीं थे।   विभागों में खलबली, विरोधियों से शिकायतें सूत्रों के मुताबिक, गलत तरीके से नौकरी पाने वालों में खलबली मची हुई है। विरोधियों द्वारा शासन स्तर पर शिकायतें पहुंचने के बाद कई मामलों का खुलासा हुआ है। हालांकि, पहले मिली शिकायतों पर विभागों ने सिर्फ फाइलें तलब कर दस्तावेज मांगे, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की। अब शासन की सख्ती के बाद मामले फिर से खंगाले जा रहे हैं। निकायों में भी उजागर हो सकती हैं गड़बड़ियां नियम कहता है कि अनुकंपा नियुक्ति केवल मृतक के पति, पत्नी या बेटे-बेटी को दी जा सकती है। इसके बावजूद कई नगर निकायों और विभागों में मृतक के भाई या अन्य रिश्तेदारों को भी नौकरी दे दी गई। यदि यहां जांच गहराई से हुई तो बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी सामने आ सकते हैं जो पात्र ही नहीं थे। अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज किसी भी अनुकंपा नियुक्ति से पहले विभागीय अधिकारियों को तथ्यों की जांच करनी होती है। ऐसे में यह भी स्पष्ट है कि यदि गलत तरीके से किसी को नौकरी मिली है, तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। हाईकोर्ट के आदेश से खुली नींद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक ऐसे मामले पर सख्त रुख अपनाया जिसमें एक व्यक्ति ने अनुकंपा नौकरी लेते समय अपनी मां के सरकारी शिक्षिका होने की बात छिपा ली थी। अदालत के आदेश के बाद शासन और विभागीय अधिकारी हरकत में आ गए हैं। अब सभी विभागों को शासन को रिपोर्ट भेजनी होगी, जिससे यह सामने आ सकेगा कि कितने कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकर नौकरी हासिल की है।

शोले की रामलीला में बड़ा मोड़! पूनम पांडे का मंदोदरी रोल रद्द, माफी का पत्र जारी

मुंबई  पूनम पांडे लवकुश रामलीला में मंदोदरी का रोल नहीं निभा सकेंगी। आज लव कुश रामलीला कमेटी ने ये फैसला लिया है और इसे लेकर कमेटी ने पूनम पांडे को पत्र लिखा है। पूनम पांडे दिल्ली में होने वाली भव्य लवकुश रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाने वाली थीं। मंदोदरी के रोल के लिए उनका नाम फाइनल होने के बाद से ही इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा था, आखिरकार विरोध को देखते हुए लवकुश रामलीला समिति ने आखिरकार उन्हें हटाना ही उचित समझा और इसे लेकर पूनम पांडे को पत्र लिखकर सूचित किया। समिति ने लिखा-हमें क्षमा कर दें समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार और महासचिव सुभाष गोयल ने बताया कि पूनम पांडे ने समिति के आमंत्रण पर मंदोदरी की भूमिका निभाने की सहमति दी थी। लेकिन उनके नाम की घोषणा के बाद अनेक संस्थानों और वर्गों से आपत्तियां सामने आईं, जिससे रामलीला के उद्देश्य प्रभु श्रीराम का संदेश समाज तक पहुंचाने में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसी वजह से गहन विचार-विमर्श के बाद समिति ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि इस वर्ष मंदोदरी की भूमिका किसी अन्य कलाकार से करवाई जाएगी। समिति ने पूनम पांडे के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वे इस निर्णय को समझेंगी और क्षमा करेंगी। पूनम पांडे ने किया था पोस्ट बता दें कि कल ही यानी सोमवार को ही पूनम पांडे ने एक वीडियो भी शेयर किया था और उसके जरिए बताया था कि वो इस किरदार को निभाने के लिए कितनी उत्साहित हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि मैं नवरात्र के लिए पूरे नौ दिनों का व्रत भी रखूंगी। मंदोदरी को रोल मिलने के बाद से ही उनके खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई जा रही थी और इस विवाद को देखते हुए ही कमेटी ने ये फैसला लिया कि उन्हें इस रोल से हटा दिया जाए। अब उनकी जगह मंदोदरी का किरदार कोई और निभाएगा।   पूनम पांडे को लेकर हुआ था विरोध पूनम पांडे के नाम को लेकर विश्व हिंदू परिषद से लेकर कंप्यूटर बाबा तक ने कड़ा विरोध जताया था। कंप्यूटर बाबा ने तो इतना कह दिया था कि पूनम पांडे को तो मंदोदरी नहीं, सूर्पनखा का रोल देना चाहिए। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि रामलीला के अध्यक्ष को इतनी बुद्धि नहीं आई कि आपको किसको क्या पात्र देना चाहिए? मैं ये अनुरोध करूंगा कि जो जैसा है उसको वैसा ही पात्र बनाया जाए।" वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने पूनम पांडे को रामलीला में लिए जाने के विरोध में एक चिट्ठी लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें इस भूमिका से हटा दिया जाना चाहिए। पत्र में लिखा गया था कि रामलीला केवल एक नाट्य-प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारतीय समाज और संस्कारों का एक जीवंत हिस्सा है। 

भारत का सबसे अमीर बनने का सपना सच होने के क़रीब: गौतम अदाणी की संपत्ति में दो दिन में 13 अरब डॉलर का उछाल

नई दिल्ली देश के दिग्गज उद्योगपति और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की संपत्ति में बीते दो कारोबारी सत्रों में 13 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। उनकी संपत्ति में बढ़ोतरी शेयरों की कीमत में तेजी आने के कारण हुई है। गौतम अदाणी की संपत्ति में इस साल 17.1 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है, जबकि मुकेश अंबानी की संपत्ति में 8.02 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। अदाणी ग्रुप के शेयरों में बढ़ोतरी की वजह सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की ओर से शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग मामले में क्लीन चिट देना है। शॉर्ट-सेलर द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित दावों के झूठे होने की पुष्टि करने वाले अपने अंतिम आदेश में, सेबी ने निष्कर्ष निकाला कि अदाणी समूह ने दो निजी फर्मों के माध्यम से धन का प्रवाह करके किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया, जिससे छिपे हुए संबंधित पक्ष लेनदेन और धोखाधड़ी के दावों को प्रभावी ढंग से खारिज कर दिया गया। बीते तीन कारोबारी सत्रों में अदाणी पावर का शेयर करीब 30 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस का शेयर भी करीब 18 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर करीब 15 प्रतिशत, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर का दाम 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है। इस दौरान अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 11 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दे चुका है, जबकि अदाणी पोर्ट्स के शेयर ने करीब 3 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। दुनिया के अरबपतियों की सूची में 452 अरब डॉलर के साथ एलन मस्क शीर्ष पर हैं। इसके बाद 388 अरब डॉलर के साथ लैरी एलिसन दूसरे, 269 अरब डॉलर के साथ मार्क जुकरबर्ग तीसरे, 250 अरब डॉलर के साथ जेफ बेजोस चौथे और 221 अरब डॉलर के साथ लैरी पेज पांचवे स्थान पर होंगे। मौजूदा में समय में अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 98.6 अरब डॉलर के साथ 18 वें स्थान पर, गौतम अदाणी 95.7 अरब डॉलर के साथ 19 वें स्थान पर हैं।

महानवमी विशेष: पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में करें कन्या पूजन, जानें शुभ समय

नई दिल्ली  आदिशक्ति मां दुर्गा के उत्‍सव का महापर्व शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से प्रारंभ हो चुका है। इस साल शारदीय नवरात्रि 10 दिन के हैं। दरअसल नवरात्र में दस दिन का योग बहुत उत्तम है। इस साल चतुर्थी तिथि दो बार होने के कारण शारदीय नवरात्र दस दिन के हैं। अब ऐसे में कन्या पूजन और महाष्टमी तिथि को लेकर कंफ्यूजन है।इस साल महाष्टमी तिथि 30 सितंबर को है। इस दिन कन्या पूजन होगा। इस दिन शोभन योग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा। इस बार नवरात्रि के 10वें दिन कन्या पूजन कर उपवास खोला जाएगा।  28 को बिलवाभिमंत्रण दो अक्टूबर को अपराजिता पूजन 28 सितंबर रविवार को बिलवाभिमंत्रण व देवी बोधन आमंत्रण पूजन की जाएगी। वहीं, 29 सितंबर को पत्रिका प्रवेश, पूजन मूर्ति स्थापन के बाद पट खुलते ही भक्त देवी दर्शन कर सकेंगे। उसी रात महानिशा पूजन की जाएगी। महाष्टमी व्रत 30 सितंबर को होगा। एक अक्टूबर को नवमी के दिन हवन और दो अक्टूबर को अपराजिता पूजन और विजया दशमी मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का प्रारंभ 29 सितंबर शाम करीब 4:31 बजे से होगा और समाप्ति 30 सितंबर शाम 6:06 बजे पर होगी। इसके अगले दिन नवमी तिथि का प्रारंभ 30 सितंबर को शाम करीब 6:06 बजे होगा और समाप्ति 1 अक्टूबर को शाम 7:01 बजे होगी। नवरात्र के आठवें दिन किसकी होती है पूजा नवरात्रि के आठवे दिन मां दुर्गा के महागौरी की पूजा की जाती है। कहीं, कहीं इस दिन कन्या पूजन होता है। इस का बहुत अधिक महत्व है, क्यों कि पौराणिक कथाओं के अनुसार महाअष्टमी के दिन ही देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन कन्या पूजन और हवन किया जाता है। छोटी कन्याओं को मां स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उनको हलवा -चने और पूरी का भोग लगाकर उपहार दिया जाता है। कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त 04:37 ए एम से 05:25 ए एम अभिजित मुहूर्त 11:47 ए एम से 12:35 पी एम विजय मुहूर्त 02:10 पी एम से 02:58 पी एम अमृत काल 02:56 ए एम, अक्टूबर 01 से 04:40 ए एम  

किस्मत बदलने के लिए आज ही करें ये माँ दुर्गा के 5 विशेष मंत्रों का जाप

शारदीय नवरात्र की शुरुआत चुकी है। यह पावन पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है और हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इन दिनों देवी की भक्ति करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। नवरात्र के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध मन से मां दुर्गा की आराधना करें। इसके बाद मां पार्वती के 108 नामों का जाप करें और अंत में माता रानी की आरती करें। ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और जीवन में सौभाग्य, धन और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। ।।मां पार्वती के 108 नाम।। ॐ पार्वतीयै नमः ॐ महा देव्यै नमः ॐ जगन्मात्रे नमः ॐ सरस्वत्यै नमः ॐ चण्डिकायै नमः ॐ लोक जनन्यायै नमः ॐ सर्वदेवादि देवतायै नमः ॐ शिवदुत्यै नमः ॐ विशालाक्ष्यै नमः ॐ चामुण्डायै नमः ॐ विष्णु सोदर्यै नमः ॐ चित्कलायै नमः ॐ चिन्मयाकरायै नमः ॐ महिषासुर मर्दन्यायै नमः ॐ कात्यायन्यै नमः ॐ काला रूपायै नमः ॐ गौरीयै नमः ॐ परमायै नमः ॐ ईशायै नमः ॐ नागेन्द्र तनयै नमः ॐ रौद्र्यै नमः ॐ कालरात्र्यै नमः ॐ तपस्विन्यै नमः ॐ गिरिजायै नमः ॐ मेनकथमजयै नमः ॐ भवन्यै नमः ॐ जनस्थानायै नमः ॐ वीर पथ्न्यायै नमः ॐ विरुपाक्ष्यै नमः ॐ वीराराधिथयै नमः ॐ हेमा भासयै नमः ॐ सृष्टि रूपायै नमः ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नमः ॐ मातृकायै नमः ॐ महागौर्यै नमः ॐ रामायै नमः ॐ रामायै नमः ॐ शुचि स्मितयै नमः ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः ॐ राज्य लक्ष्म्यै नमः ॐ शिव प्रियायै नमः ॐ नारायण्यै नमः ॐ महा शक्तियै नमः ॐ नवोदयै नमः ॐ भाग्य दायिन्यै नमः ॐ अन्नपूर्णायै नमः ॐ सदानंदायै नमः ॐ यौवनायै नमः ॐ मोहिन्यै नमः ॐ सथ्यै नमः ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः ॐ शर्वाण्यै नमः ॐ देव मात्रे नमः ॐ त्रिलोचन्यै नमः ॐ ब्रह्मण्यै नमः ॐ वैष्णव्यै नमः ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नमः ॐ ज्ञान गमयै नमः ॐ नित्यायै नमः ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नमः ॐ कमलयै नमः ॐ कमलाकारायै नमः ॐ रक्तवर्णयै नमः ॐ कलानिधाय नमः ॐ मधु प्रियायै नमः ॐ कल्याण्यै नमः ॐ करुणायै नमः ॐ हरवः समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नमः ॐ धराधारा भवायै नमः ॐ मुक्तायै नमः ॐ वर मंत्रायै नमः ॐ शम्भव्यै नमः ॐ प्रणवथ्मिकायै नमः ॐ श्री महागौर्यै नमः ॐ रामजानयै नमः ॐ यौवनाकारायै नमः ॐ परमेष प्रियायै नमः ॐ परायै नमः ॐ पुष्पिन्यै नमः ॐ पुष्प कारायै नमः ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नमः ॐ महा रूपायै नमः ॐ महा रौद्र्यै नमः ॐ कामाक्ष्यै नमः ॐ वामदेव्यै नमः ॐ वरदायै नमः ॐ वर यंत्रायै नमः ॐ काराप्रदायै नमः ॐ कल्याण्यै नमः ॐ वाग्भव्यै नमः ॐ देव्यै नमः ॐ क्लीं कारिण्यै नमः ॐ संविधेय नमः ॐ ईश्वर्यै नमः ॐ ह्रींकारं बीजायै नमः ॐ भय नाशिन्यै नमः ॐ वाग्देव्यै नमः ॐ वचनायै नमः ॐ वाराह्यै नमः ॐ विश्व तोशिन्यै नमः ॐ वर्धनेयै नमः ॐ विशालाक्ष्यै नमः ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नमः ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नमः ॐ अम्बायै नमः ॐ निखिला योगिन्यै नमः ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नमः ॐ तरोर्मुला तलंगथयै नमः।।

मोदी सरकार 25 लाख परिवारों को देगी मुफ्त LPG कनेक्शन, हर कनेक्शन पर खर्च होंगे 2,050 रुपये

नई दिल्ली  केंद्र सरकार नवरात्र के अवसर पर महिलाओं को उपहार स्वरूप प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 25 लाख मुफ्त एलपीजी कनेक्शन वितरित करेगी. इससे देशभर में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की कुल संख्या 10.6 करोड़ तक पहुंच जाएगी. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने सोमवार को बताया कि सरकार प्रत्येक कनेक्शन पर 2,050 रुपये खर्च करेगी, जिसमें एक मुफ्त एलपीजी सिलेंडर, गैस चूल्हा, रेगुलेटर और अन्य संबंधित उपकरण शामिल हैं.     हरदीप पुरी ने इसे महिलाओं के लिए नवरात्र का विशेष उपहार बताया और कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नारी शक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट में लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी देवी दुर्गा की तरह महिलाओं का सम्मान करते हैं. यह निर्णय माताओं और बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण के हमारे संकल्प को और मजबूत करता है.” मंत्री ने यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बताते हुए कहा कि उज्ज्वला योजना गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं की जीवनशैली में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मुफ्त एलपीजी कनेक्शन से घर में स्वच्छ ईंधन का उपयोग बढ़ेगा और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जीएसटी सुधारों से बढ़ेगा GDP केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि नए जीएसटी सुधारों से देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि जीएसटी सुधारों से देश की GDP में लगभग 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. नए सुधार सोमवार से लागू हो गए हैं. पुरी ने कहा कि जीएसटी दरों में कमी से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा, विशेषकर निम्न मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग. विभिन्न उपभोग वस्तुओं पर लागू कम दरें जनता की खरीदारी क्षमता बढ़ाएंगी और देश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएंगी. मंत्री ने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की ओर बढ़ते कदमों में उज्ज्वला योजना और जीएसटी सुधार दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. इन पहलों से न केवल महिलाओं का सशक्तिकरण होगा बल्कि घरेलू ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलेगी. इस नवरात्र पर 25 लाख मुफ्त एलपीजी कनेक्शन का वितरण और जीएसटी सुधार देश में समग्र विकास और सामाजिक न्याय को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

युद्ध के साए में इज़राइल का हथियार निर्यात, गाजा-ईरान तनाव के बीच 14 अरब डॉलर की बिक्री

तेल अवीव इजरायल दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है, लेकिन वह जंग लड़ते हुए भी बड़ा व्यापार कर रहा है. गाजा में लंबी जंग और ईरान के साथ तनाव के बावजूद, 2024 में इजरायल ने रिकॉर्ड 14.7 अरब डॉलर (करीब 1.23 लाख करोड़ रुपये) के हथियार बेचे. सबसे हैरानी की बात ये है कि इनमें से आधे से ज्यादा यूरोपीय देशों ने खरीदे. इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने जून 2025 में यह आंकड़ा जारी किया. यह चौथा साल लगातार है जब इजरायल के हथियार निर्यात ने नया रिकॉर्ड बनाया.  2024 में हथियार बिक्री का रिकॉर्ड: आंकड़े क्या कहते हैं? इजरायल के रक्षा उद्योग ने 2024 में 13% की बढ़ोतरी के साथ 14.7 अरब डॉलर का टर्नओवर किया. यह 2023 की तुलना में 1.3 अरब डॉलर से ज्यादा है. मुख्य खरीदार यूरोप था, जिसने कुल निर्यात का 54% (करीब 8 अरब डॉलर) लिया. 2023 में यह हिस्सा सिर्फ 35% था. एशिया-पैसिफिक दूसरे नंबर पर रहा, लेकिन यूरोप ने सबको पछाड़ दिया. सबसे ज्यादा बिके हवाई रक्षा सिस्टम, जैसे आयरन डोम के हिस्से. इनकी बिक्री 48% रही. इसके अलावा मिसाइलें, ड्रोन, रडार और साइबर हथियार भी लोकप्रिय रहे. इजरायल एयर इंडस्ट्रीज (आईएआई), राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और एल्बिट सिस्टम्स जैसी कंपनियों ने बड़ा योगदान दिया. जंग के बीच व्यापार कैसे फला-फूला? गाजा में 2023 से चल रही जंग ने इजरायल को भारी नुकसान दिया. हजारों सैनिक घायल हुए, लेकिन इसने इजरायली हथियारों की ताकत दिखाई. यूरोपीय देशों को लगा कि इजरायल के हथियार असली जंग में काम करते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध से यूरोप को हथियारों की भारी जरूरत पड़ी. इजरायल ने मौका लपका और तेजी से डिलीवरी दी. ईरान के साथ तनाव ने भी मदद की. ईरान ने अप्रैल 2024 में इजरायल पर मिसाइल हमला किया, लेकिन इजरायल ने उसे रोक लिया. इससे उसके डिफेंस सिस्टम की डिमांड बढ़ी. यूरोप में भी रूस का खतरा है, इसलिए वे इजरायली तकनीक चाहते हैं. बावजूद बॉयकॉट कॉल्स के (गाजा जंग पर निंदा के कारण) बिक्री बढ़ी. यूरोपीय देश क्यों खरीद रहे? यूरोप इजरायल का सबसे बड़ा पार्टनर बन गया. जर्मनी, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन जैसे देशों ने बड़े ऑर्डर दिए. उदाहरण के लिए…     जर्मनी: आयरन डोम जैसे सिस्टम के लिए अरबों डॉलर खर्च.     पोलैंड: ड्रोन और मिसाइल सिस्टम.     रोमानिया: रडार और एयर डिफेंस. यूरोपीय संघ (ईयू) ने गाजा पर सख्त बातें कीं, लेकिन व्यापार जारी रहा. ईयू इजरायल का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, जिसने 2024 में 45.5 अरब डॉलर का व्यापार किया. हथियारों पर दबाव है, लेकिन अभी कोई बड़ा प्रतिबंध नहीं. कुछ देशों ने कहा कि अगर गाजा जंग न रुकी, तो ट्रेड बेनिफिट्स काट देंगे. इजरायल के लिए फायदे और चुनौतियां यह बिक्री इजरायल की अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है. रक्षा उद्योग 7% जीडीपी देता है. 50 हजार नौकरियां पैदा करता है. जंग के खर्च (करीब 60 अरब डॉलर) को पूरा करने में मदद मिलती है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय निंदा बढ़ रही है. संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में 'नरसंहार' का आरोप लगाया. अमेरिका ने 18 अरब डॉलर की मदद दी, लेकिन यूरोप में बॉयकॉट मूवमेंट तेज हो रहा. नेतन्याहू सरकार ने कहा कि यह आत्मनिर्भरता का सबूत है. वे और निर्यात बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, खासकर एशिया और अफ्रीका में.  दुनिया पर असर: शांति या हथियार दौड़? यह खबर दिखाती है कि जंग के बीच भी पैसा कमाया जा सकता है. लेकिन गाजा में 40000 से ज्यादा मौतें हो चुकीं हैं. ईरान तनाव बढ़ रहा है. यूरोप के हथियार खरीदने से मिडिल ईस्ट में संतुलन बिगड़ सकता है. हथियार व्यापार को नियंत्रित करने के लिए वैश्विक नियम सख्त करने चाहिए. इजरायल की यह सफलता तकनीकी ताकत दिखाती है, लेकिन नैतिक सवाल भी खड़े करती है. क्या जंग के बीच हथियार बेचना सही है?

भोपाल की छात्राओं की आंखों पर खतरा! AIIMS जांच में 22% में पाई गई बीमारी

भोपाल एम्स भोपाल द्वारा आयोजित एक स्वास्थ्य शिविर में भोपाल की स्कूली बालिकाओं में आंखों की बीमारी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कक्षा 8वीं से 12वीं तक की 22% बालिकाओं में आंखों की विभिन्न बीमारियां पाई गई हैं। दरअसल एम्स ने 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान' के अंतर्गत शासकीय आदर्श आवासीय कन्या संस्कृत विद्यालय, गार्गी, भोपाल में नेत्र स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया। इस शिविर में 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग की 100 छात्राओं की जांच की गई, जिसमें 18% छात्राओं में आंखों की समस्याएं पाई गईं। आंखों की समस्याएं रिफ्रेक्टिव एरर: 17 छात्राओं में रिफ्रेक्टिव एरर पाया गया, जिसमें मायोपिया (निकट दृष्टि दोष), हाइपरमेट्रोपिया (दूर दृष्टि दोष) और एस्टिग्मेटिज्म (अनियमित दृष्टि) शामिल हैं। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस: 2 छात्राओं में एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस पाया गया, जो आंखों की एलर्जी के कारण होता है। एब्लियोपिया: 2 छात्राओं में एब्लियोपिया पाया गया, जो एक आंख की दृष्टि कमजोर होने के कारण होता है। नाइट ब्लाइंडनेस: 1 छात्रा में नाइट ब्लाइंडनेस पाया गया, जो विटामिन ए की कमी के कारण होता है। आंखों की समस्याओं के मुख्य कारण 1- स्क्रीन टाइम: बढ़ता स्क्रीन टाइम और डिजिटल डिवाइसों का उपयोग आंखों की समस्याओं का एक मुख्य कारण है। 2- अपर्याप्त प्रकाश: अपर्याप्त प्रकाश में पढ़ाई या काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है। 3- पोषण की कमी: विटामिन ए और अन्य पोषक तत्वों की कमी से आंखों की समस्याएं हो सकती हैं। 4- आनुवंशिक कारक: कुछ आंखों की समस्याएं आनुवंशिक हो सकती हैं। 34 छात्राओं ने नेत्रदान की ली शपथ इस कैंप के दौरान केवल स्क्रीनिंग ही नहीं हुई, बल्कि जागरूकता भी फैलाई गई। 34 छात्राओं ने नेत्र दान फॉर्म भी भरा। नेत्र स्वास्थ्य पर जूनियर रेजिडेंट डॉ. सौरभि ने मौजूद स्टूडेंट्स को जानकारी दी। उनके साथ सीनियर नर्सिंग ऑफिसर महेश मीणा ने आंख दान पर व्याख्यान दिया। ऑप्टोमेट्रिस्ट टीम ने व्यक्तिगत और मासिक धर्म स्वच्छता पर भी छात्राओं को जागरूक किया। जिससे ना केवल नेत्र बल्कि संपूर्ण स्वास्थ के प्रति छात्राओं को जागरूक किया जा सके। आंखों के लिए सावधानी  – हर 20 मिनट पर स्क्रीन से ब्रेक लें। – 20-20-20 रूल: हर 20 मिनट बाद 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकेंड देखें। – रोज कम से कम 1 घंटे आउटडोर खेलकूद जरूरी। – संतुलित आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, दूध और फल शामिल करें। – आंखों में जलन या धुंधलापन हो तो तुरंत जांच कराएं। 

Nokia की बाजार में वापसी तय, क्या एक बार फिर जीत पाएगा यूज़र्स का भरोसा?

मुंबई  Nokia एक बार फिर मार्केट में वापसी कर रही है. कंपनी ने HMD ग्लोबल के साथ अपने ब्रांड लाइसेंस एग्रीमेंट को बढ़ा दिया है. इसका मतलब है कि HMD अगले कुछ सालों तक Nokia की ब्रांडिंग वाले फोन्स बेच पाएगी. हालांकि, ये एग्रीमेंट सिर्फ फीचर फोन्स के लिए है. यानी मार्केट में आपको नोकिया के स्मार्टफोन नहीं मिलेंगे.  दोनों कंपनियों के बीच साल 2016 में ब्रांड लाइसेंसिंग एग्रीमेंट हुआ था, जो 2026 में एक्सपायर होने वाला था. हालांकि, लाइसेंस एक्सपायर होने से पहले ही HMD ने नोकिया ब्रांड का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था.  कौन-से फोन होंगे लॉन्च? कंपनी पिछले कुछ वक्त से HMD ब्रांड नेम के तहत स्मार्टफोन और फीचर फोन्स मार्केट में बेच रही है. रिपोर्ट्स की मानें, तो कंपनी ने नोकिया के साथ अपने लाइसेंस को अगले दो से तीन साल के लिए बढ़ा लिया है. इसकी वजह से हमें मार्केट में नोकिया ब्रांडिंग वाले फीचर फोन्स एक बार फिर देखने को मिल सकते हैं.  HMD ने नोकिया ब्रांडिंग के साथ कई क्लासिक फोन्स को मार्केट में दोबारा लॉन्च किया था. इन फोन्स को अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला, लेकिन स्मार्टफोन के जमाने में फीचर फोन्स कहां तक मुकाबला करते. वहीं दूसरी तरफ नोकिया की ब्रांडिंग के बाद भी HMD के स्मार्टफोन्स मार्केट में कोई कमाल नहीं कर पाए.  अब तक कंपनी को नहीं हुआ फायदा पिछले कुछ वक्त से कंपनी HMD ब्रांडिंग के साथ स्मार्टफोन को लॉन्च कर रही है. मगर इसका भी कोई फायदा होते ब्रांड को नहीं दिख रहा है. नोकिया ब्रांड की फीचर फोन मार्केट में वापसी कंपनी को राहत पहुंचा सकती है. खासकर भारत और चीन जैसे मार्केट में जहां आज भी फीचर फोन्स की मांग है.  भारत की बात करें, तो फीचर फोन्स की डिमांड यहां सबसे ज्यादा है. IDC के डेटा के मुताबिक, HMD ग्लोबल भारतीय फीचर फोन मार्केट में एक मजबूत प्लेयर है. साल 2024 में कंपनी का मार्केट शेयर लगभग 22 फीसदी था. लाइसेंस एक्सटेंशन से HMD को मजबूती मिलेगी. ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस पारी में नोकिया और HMD की जोड़ी कोई कमाल करेगी.

ट्रेड डील के बाद भारत आएंगे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, द्विपक्षीय संबंधों पर होगा फोकस

नई दिल्ली अगले महीने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर भारत का दौरा कर सकते हैं. यह दौरा 7 से 9 अक्टूबर तक मुंबई में होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के दौरान होगा. भारत दौरे के दौरान कीर स्टारमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. यह यूके के पीएम बनने के बाद उनका पहला भारत दौरा होगा. दिलचस्प बात यह है कि यह दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच FTA पर हस्ताक्षर होने के लगभग दो महीने बाद हो रहा है, जिससे दोनों देशों के व्यापार और आर्थिक संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद है. इस यात्रा से पहले ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को मान्यता दी है. वहीं भारत और अमेरिका के बीच में टैरिफ को लेकर तनाव देखा जा रहा है. साथ ही भारत और ब्रिटेन ने जुलाई 2025 में ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता इसलिए अहम है क्योंकि यह किसी पश्चिमी देश के साथ भारत का पहला बड़ा व्यापारिक समझौता है. इस FTA के तहत ब्रिटेन भारतीय उत्पादों पर लगने वाले औसत 15% टैरिफ को घटाकर लगभग 3% तक लाएगा. इससे कृषि, समुद्री उत्पाद, प्लास्टिक, केमिकल और इंजीनियरिंग गुड्स जैसे सेक्टर्स के भारतीय निर्यातकों को बड़ा फायदा होगा. अनुमान है कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार हर साल 33 अरब डॉलर तक बढ़ेगा. इन क्षेत्रों में भी साथ होंगे भारत-यूके इसके साथ ही, दोनों देशों ने डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन पर भी सहमति जताई है. इससे भारतीय कर्मचारियों और नियोक्ताओं को ब्रिटेन में तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी. भारतीय कंपनियों के लिए यह समझौता करीब 4,000 करोड़ रुपये की बचत कराएगा. भारत-यूके रिश्तों में केवल व्यापार ही नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी भी अहम है. जुलाई 2024 में दोनों देशों ने टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव (TSI) की घोषणा की थी. इसका मकसद क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिटिकल मिनरल्स, एडवांस्ड मटीरियल्स और सेमीकंडक्टर्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना है. यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार पर तनाव बना हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कई सेक्टरों में 50% तक टैरिफ लगा दिया है. साथ ही, नए H-1B वीजा पर 88 लाख रुपये की फीस और ईरान के चाबहार बंदरगाह पर छूट हटाने जैसे फैसलों ने भारतीय चिंताएं बढ़ा दी हैं.