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गरीबों के लिए खुशखबरी: सैनी सरकार बांटेगी 7000 फ्लैट

चंडीगढ़ प्रदेश सरकार पहली बार हरियाणा में गरीब लोगों को फ्लैट बनाकर देगी। पहले चरण में 509 फ्लैट दिए जाएंगे। इनके लिए 8 अक्टूबर को ड्रा होगा। यह ड्रॉ ऑनलाइन किया जाएगा। इसके लिए सोनीपत के 5 डेवलपर्स ने 509 फ्लैट ऑफर किए हैं। इन सभी में गरीबों को 17 अक्टूबर को फ्लैट मिल सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी तारीख तय होनी बाकी है। सोनीपत के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी और रोहतक में भी सर्वे किया जा रहा है, यहां भी डेवलपर्स ने करीब 6500 फ्लैट ऑफर किए हैं। इनकी प्रक्रिया दूसरे चरण में होगी। इनके लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। हाउसिंग फार आल के डीजी डॉ. जे गणेशन ने इस संदर्भ में कई बार अफसरों के साथ बैठक की है। टाउन कंट्री प्लानिंग की ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत यह फ्लैट मुहैया कराए जाएंगे।जिन लोगों ने आवेदन किया था, उन्होंने 10 हजार रुपए जमा किए थे। फ्लैट का एरिया 200 स्क्वेयर फीट होगा।   वर्ष 2023 में हुए थे आवेदन इन फ्लैट के लिए सरकार की ओर से वर्ष 2023 में आवेदन मांगे गए थे। यह आवेदन मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत हुए थे। इनके लिए 815 लोगों ने बुकिंग कराई थी, जिनमें से 794 योग्य पाए गए। हाउसिंग फॉर आल की ओर से इन सबकी वेरीफिकेशन कराई गई थी। किसे मिलेंगे फ्लैट योजना के अनुसार ड्रॉ में सबसे पहले घुमंतू जाति के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद विधवा महिला, अनुसूचित जाति के लोगों को ये फ्लैट दिए जाएंगे। यदि फ्लैट शेष रहते हैं तो उन लोगों को मिलेंगे, जिनकी आय एक लाख रुपए तक है। इसके बाद जिनकी आय एक से 1.40 लाख तक और इसके बाद 1.40 से 1.80 लाख रुपए तक आय वालों को फ्लैट दिए जाएंगे।

रेलवे ने धुंध और घने कोहरे की वजह से चंडीगढ़ आने और जाने वाली 6 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की

पंजाब सर्दियां शुरू होने में भले ही कुछ माह पड़े है, लेकिन रेलवे ने धुंध और घने कोहरे की वजह से चंडीगढ़ आने और जाने वाली 6 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा कर द है। चंडीगढ़ से चलने वाली इन 6 ट्रेनों को इस साल पहली दिसंबर से अगले साल पहली मार्च 2026 तक बंद करने की घोषणा कर दी गई है। रेलवे ने इन ट्रेनों को रद्द करने के साथ ही बुकिंग तक भी बंद कर दी है, तांकि यात्रियों को परेशानी ना उठानी पड़े। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि शहर में चल रहे सभी रिजर्वेशन काउंटरों की इन ट्रेनों की बुकिंग न करने के आदेश जारी कर दिए गए है कि पहली दिसंबर से फरवरी, 2026 तक कोई बुक न की जाए। रेलवे ट्रेनों की रिजर्वेशन 2 माह पहले शुरू कर देता है, इसलिए ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा भी लगभग 2 माह पहले ही कर दी गई है, ताकि यात्री अपनी यात्रा करने के लिए दूसरी ट्रेन या दूसरा विकल्प तलाश ले। वैष्णो देवी कटरा समेत यह ट्रेन रहेंगी रद्द कालका से चंडीगढ़ होकर जाने वाली एकमात्र ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटरा ट्रेन को भी रेलवे ने रद्द करने की घोषणा की है। अंबाला मंडल से चलने 46 ट्रेनें धुंध व कोहरे के कारण होगी बंद रेलवे की तरफ से सिर्फ चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों को ही नहीं बल्कि अंबाला मंडल से चलने वाली तकरीबन 46 ट्रेनों को पहली सूची में रद्द किया गया है। 2 ट्रेनें मार्च तक रहेंगी बंद     गाड़ी/ट्रेन: 1451-42/ चंडीगढ़ अमृतसर पहली दिसंबर से पहली मार्च, 2026 तक     गाड़ी/ ट्रेन: 14503-04/ कालका- श्री माता वैष्णो देवी 2 दिसंबर से 28 फरवरी तक     गाड़ी-ट्रेन :14629-30 चंडीगढ़-फिरोजपुर पहली दिसंबर से पहली मार्च तक  

मालीघोरी गांव में ड्राई डे पर शराब की तस्करी पकड़ाई, पुलिस ने की कड़ी कार्रवाई

बालोद ड्राई डे पर भी अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बालोद थाना क्षेत्र के ग्राम मालीघोरी में गुरुवार देर रात पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 498 पव्वा अवैध शराब जब्त की। यह जखीरा गांव के निवासी खिलेश गौतम के घर से बरामद हुआ है। गांव में शराब पकड़े जाने के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ड्राई डे पर भी खुलेआम शराब बेची जा रही थी और बेचने वाला दबंगई कर रहा था। इस बात से नाराज होकर ग्रामीण लामबंद हो गए। देखते ही देखते गांव का माहौल बिगड़ गया और गांव छावनी में तब्दील हो गया। शिकायत मिलते ही बालोद थाने की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में किया। पुलिस ने खिलेश गौतम के घर से शराब का जखीरा जब्त कर आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की है। गांव के लोग इस कार्रवाई को लेकर संतुष्ट नजर आए, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक अवैध शराबखोरी पर रोकथाम को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद कारोबार फल-फूल रहा है।

6 अक्टूबर से इंदौर में माल ढुलाई ठप! ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने नो एंट्री नियम का किया विरोध

इंदौर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने 6 अक्टूबर से माल की बुकिग पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है। शहर के नो एंट्री क्षेत्र में संचालित करीब 500 ट्रांसपोर्ट कार्यालय और गोदामों से माल की बुकिंग और डिलीवरी बंद रहेगी। इससे बाजारों में वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित हो सकती है। ट्रांसपोर्टरों ने यह निर्णय नो एंट्री को लेकर बरती जा रही सख्ती के कारण लिया है। एसोसिएशन ऑफ पार्सल ट्रांसपोर्ट एंड फीट ऑनर्स के द्वारा सोमवार से शहर में लोहा मंडी और अन्य क्षेत्रों में संचालित अपने कार्यालय और गाेदाम में माल की बुकिंग नहीं ली जाएगी। एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बताया कि प्रशासन द्वारा लगाए गए नो एंट्री नियमों के कारण उनका कारोबार लगातार प्रभावित हो रहा है।   प्रशासन ने सुबह 6 बजे से रात ग्यारह बजे तक प्रवेश पर रोक लगा दी है। वहीं निवेदन करने पर केवल दोपहर 12 से 3 बजे तक ही ट्रकों को लोहामंडी क्षेत्र में प्रवेश की छूट दी गई है। जबकि पहले दोपहर 12 से 5 बजे तक और रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक प्रवेश मिलता था। कम समय होने से बुकिंग और सप्लाई प्रभावित हो रही है। कई शहरों तक होती है सप्लाई इंदौर से करीब 1500 ट्रक रोजाना माल लोडिंग होता है। जो प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही पडा़ेसी राज्यों के कई शहरों तक जाता है। वहीं इतने ही ट्रक माल अन्य शहरों से इंदौर पहुंचता है।इंदौर आने वाले माल को यह ट्रांंसपोर्टर ही बाजारों में सप्लाई करते है।वहीं बाहर से आने वाले व्यापारी इंदौर में खरीदे गए माल को ट्रांसपोर्ट के माध्यम ले जाते है। बुकिंग बंद होने से बाजार में सप्लाई और माल की बिक्री दोनों प्रभावित होगी।

सीएम युवा कॉन्क्लेव ने लिखी नई इबारत, 12 हजार से अधिक बिजनेस इंक्वायरी और 9,200 पंजीकरण हुए दर्ज

सीएम युवा कॉन्क्लेव ने युवा उद्यमियों को किया प्रोत्साहित  सीएम युवा कॉन्क्लेव ने लिखी नई इबारत, 12 हजार से अधिक बिजनेस इंक्वायरी और 9,200 पंजीकरण हुए दर्ज कॉन्क्लेव में 5 दिनों के अंदर 377 बिज़नेस-टू-बिज़नेस (B2B) मीटिंग्स और 90 बिज़नेस प्रजेंटेशंस भी दर्ज किए गए यूपीआईटीएस 2025 में युवाओं की रही अद्भुत भागीदारी, सीएम युवा मिशन को मिला “अवार्ड ऑफ ऑनर” युवाओं को नए-नए बिजनेस मॉडल्स से कराया रूबरू, उद्यमशीलता और स्वरोजगार की दिशा में नए अवसर भी खोले आयोजन के बाद बड़ी संख्या में युवा सीएम युवा योजना का लाभ उठाने के लिए कर सकते हैं आवेदन लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी सीएम युवा मिशन के तहत आयोजित सीएम युवा कॉन्क्लेव उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) 2025 का सबसे बड़ा आकर्षण बनकर उभरा। पांच दिवसीय आयोजन ने न केवल युवाओं को नए-नए बिजनेस मॉडल्स से रूबरू कराया बल्कि उद्यमशीलता और स्वरोजगार की दिशा में नए अवसर भी खोले। इस पांच दिवसीय आयोजन के दौरान कुल 12,025 बिज़नेस इंक्वायरी, 9,200 पंजीकरण, 377 बिज़नेस-टू-बिज़नेस (B2B) मीटिंग्स और 90 बिज़नेस प्रजेंटेशंस दर्ज किए गए। उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना सीएम युवा तेजी से युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रही है। ग्रेटर नोएडा में आयोजित इस कॉन्क्लेव और एक्सपो ने साबित कर दिया कि प्रदेश के युवा स्टार्टअप, उद्यमशीलता, स्वरोजगार और नवाचार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस आयोजन के बाद बड़ी संख्या में युवा इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करेंगे।  युवाओं के लिए प्रेरणा का मंच बना कॉन्क्लेव सीएम युवा के नोडल और ज्वॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्रीज सर्वेश्वर शुक्ला ने बताया कि 5 दिन के कॉन्क्लेव में कई प्रसिद्ध फ्रेंचाइज़ ब्रांड्स, मशीनरी सप्लायर्स और बिजनेस-ऑन-व्हील्स वेंचर्स ने भाग लिया। इनमें डॉक्टर मोरिंगा, एमबीए मखानेवाला, हनीमैन, चीजी क्रेजी कैफे और ओसियन एंटरप्राइज़ जैसे ब्रांड्स ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। इन प्रस्तुतियों ने युवाओं को नवाचार और टिकाऊ बिजनेस मॉडल की दिशा में प्रेरित किया। टॉप-5 ब्रांड्स रहे आकर्षण का केंद्र सबसे अधिक व्यवसायिक पूछताछ प्राप्त करने वाले ब्रांड्स में ओसियन एंटरप्राइजेज (700+), यूपीसीएस स्टोर (650+), एमबीए मक्खनवाला (550+), प्रॉस्पर ग्रुप (500+) और आईक्यूटीएम (450+) शामिल रहे। अवार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित सीएम युवा मिशन को यूपीआईटीएस 2025 की सफलता में उत्कृष्ट योगदान के लिए “अवार्ड ऑफ ऑनर” प्रदान किया गया। यह सम्मान भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री (औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन) नंद गोपाल नंदी, मंत्री (एमएसएमई, खादी, ग्रामोद्योग, रेशम एवं वस्त्र) राकेश सचान, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन आलोक कुमार और मिशन डायरेक्टर-सीएम युवा के. विजयेन्द्र पांडियन की मौजूदगी में प्रदान किया। युवाओं की अद्भुत भागीदारी कॉन्क्लेव में मेरठ, सहारनपुर, आगरा और अलीगढ़ मंडलों से 3,700 से अधिक युवाओं की सक्रिय भागीदारी रही। बड़ी संख्या में छात्र और नवोद्यमी सीएम युवा पवेलियन में पहुंचे और विभिन्न बिज़नेस मॉडल्स को समझने के साथ-साथ अपने सवालों के समाधान भी पाए।  

स्वास्थ्य सुरक्षा: राजस्थान सरकार ने खांसी की दवा पर प्रिसक्रिप्शन किया अनिवार्य

जयपुर राजस्थान में कफ सिरप अब चिकित्सकीय परामर्श से ही मिलेगी। प्रदेश में  Dextromethorphan HBr Syrup के लेने से गंभीर रूप से तबियत खराब होने तथा भरतपुर व सीकर में 2 बच्चों की मृत्यु के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।  सीकर व भरतपुर में बच्चों की मृत्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि दोनों ही बच्चों को खांसी की दवा डेक्सट्रोमैटोरफन नहीं लिखी गई थी। विभाग ने सीकर जिले में हाथीदेह पीएचसी में बच्चों के लिए खांसी की प्रतिबंधित दवा लिखे जाने पर एक चिकित्सक एवं फार्मासिस्ट को निलंबित करने की कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी है।  विभाग ने जारी की एडवाइजरी इसके साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही के साथ ही प्रिसक्रिप्शन लिखने में प्रोटोकॉल का पालन करने तथा रोगियों को प्रिसक्रिप्शन से ही दवा उपलब्ध कराने तथा रोगियों द्वारा बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा नहीं लेने के संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी चिकित्सक दवा लिखते समय एडवाइजरी की पूर्णत: पालना सुनिश्चित करें। बच्चों को दवाई लिखते समय निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। रोगी बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा का सेवन नहीं करें। निदेशक जनस्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों सहित अन्य सामान्य बीमारियों से बचाव, उपचार एवं अन्य जानकारी के राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 0141—2225624 पर किसी भी समय सम्पर्क किया जा सकता है। जांच के लिए कमेटी बैठी, दवा को क्यूी के लिए भेजा गौरतलब है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रकरण सामने आने पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले की जांच किए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद आरएमएससीएल ने संबंधित दवा के वितरण एवं उपयोग पर रोक लगा दी थी और जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया था। साथ ही, दवा का वैधानिक नमूना लेकर जांच के लिए राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी भेजा गया है। सरकारी रिपोर्ट में ये तथ्य आए निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि भरतपुर एवं सीकर में दो बच्चों की मौत के प्रकरण में प्राप्त रिपोर्ट में सामने आया है कि चिकित्सक द्वारा दोनों ही बच्चों को Dextromethorphan HBr Syrup नहीं लिखी गई है। प्रोटोकॉल के अनुसार बच्चों को यह दवा नहीं लिखी जाती है। सीकर के अजीतगढ़ ब्लॉक की हाथीदेह पीएचसी पर एक बच्चे को खांसी की यह दवा लिखे जाने का मामला सामने आया था, जिस पर चिकित्सक डॉ. पलक एवं फार्मासिस्ट पप्पू सोनी को निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार भरतपुर के कलसाडा निवासी 30 वर्षीय मोनू जोशी 25 सितम्बर, 2025 को खांसी—जुकाम व बुखार होने पर सीएचसी कलसाडा आए थे। चिकित्सक ने उन्हें अन्य दवाओं के साथ सिरप डैक्ट्रामैट्रोफन हाइड्रो ब्रोमाइड लिखी थी। मोनू जोशी ने अपने तीन वर्षीय पुत्र गगन के जुकाम व निमोनिया होने पर बिना चिकित्सक की सलाह के यह सीरप उसे पिला दी। गगन की तबीयत ज्यादा खराब होने पर वे तुरन्त चिकित्सक डॉ. अशोक जैन के पास महुआ लेकर गए। डॉ. अशोक जैन ने मरीज की गम्भीर अवस्था को देखते हुए उसे जेके लोन जयपुर के लिए रैफर कर दिया गया। 25 सितम्बर को ही दोपहर 2 बजे गगन को जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। मरीज की स्थिति में सुधार होने पर उसे 27 सितम्बर को डिस्चार्ज कर दिया गया।   भरतपुर में बच्चे की मौत की वजह निमोनिया को बताया वहीं भरतपुर में कफ सिरप पीने के बाद बच्चे की मौत की खबर को लेकर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यहां नहनी उम्र 50 साल उप केन्द्र, मलाह पर दिखाने आई थी, जिसे उप केन्द्र स्तर की पीसीएम दवाई दी गई थी। जिस बच्चे सम्राट की मौत की खबर सिरप पीने से बताई जा हरी है वह पहले से निमोनिया से ग्रसित था, जिसे भरतपुर से जयपुर रैफर किया गया था। सम्राट की मृत्यु 22 सितम्बर को हुई थी। सीकर में मौत सिरप से लेकिन परिजनों ने अपने स्तर पर ही दी दवा वहीं सीकर के ग्राम खोरी के नित्यांश पुत्र महेश कुमार शर्मा की मृत्यु के संबंध में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वस्तु स्थिति यह है कि 7 जुलाई 2025 को बच्चे को बुखार-जुकाम की शिकायत पर सीएचसी चिराना, झुंझुनूं में दिखाया गया था। रोगी की पर्ची में सिरप डैक्ट्रमैथोरफन नहीं लिखी गई थी। बच्चे की माता खूशबू शर्मा ने बताया कि 28 सितंबर 2025 को रात्रि 9 बजे बच्चे को हल्की खांसी की शिकायत हुई तब पहले से घर में रखी डैक्स्ट्रोमैथोरफन 5 एमएल कफ सिरप माता ने बच्चे को दी थी। 29 सितम्बर को रात्रि 2 बजे बच्चे ने पानी पिया और सो गया। तब तक बच्चा ठीक था। प्रातः 5 बजे मां उठी तो बच्चा बेसुध था। बच्चे को राजकीय श्री कल्याण अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस प्रकार दोनों ही बच्चों की मौत के मामले में चिकित्सक द्वारा डैक्स्ट्रोमैथोरफन दवा नहीं लिखी गई है।

डॉ. संजीव के बाद जदयू में उठी सियासी हलचल, एक और MLA पर शक

पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बिहार में राजनीति का बड़ा 'खेला' शुक्रवार को हो रहा है। कई 'पूर्व' और 'दिग्गज' पार्टियां बदल चुके हैं, लेकिन चुनावी साल में किसी चर्चित मौजूदा विधायक का पार्टी-बदल पहली बार हो रहा है। खगड़िया के परबत्ता से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के विधायक डॉ. संजीव कुमार 'आखिरकार' राष्ट्रीय जनता दल में जा रहे हैं। आखिरकार इसलिए, क्योंकि वह फरवरी 2024 से अब तक कभी भी जा सकते थे, लेकिन अब जा रहे हैं। फरवरी 2024 में बिहार विधानसभा के फ्लोर टेस्ट के समय से कई विधायक जदयू छोड़ने वाले थे, लेकिन डॉ. संजीव के बाद अब उनमें से एक और MLA को लेकर पार्टी अपना मन मजबूत कर चुकी है। फ्लोर टेस्ट के समय हुए 'खेला' का प्रभाव आज तक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले अब जो हो रहा है, उसकी नींव 11 फरवरी 2024 को पड़ गई थी। 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होने से एक दिन पहले मंत्री विजय चौधरी के आवास पर जदयू विधायकों की मीटिंग में छह विधायक नहीं पहुंचे थे- पूर्णिया के रूपौली से बीमा भारती, पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर से धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, सीतामढ़ी के सुरसंड से दिलीप राय, शेखपुरा के बरबीघा से सुदर्शन कुमार, खगड़िया के परबत्ता से डॉ. संजीव कुमार, पूर्वी चंपारण के केसरिया से शालिनी मिश्रा। तब मंत्री विजय चौधरी ने कहा था कि सभी संपर्क में हैं और जरूरी कारणों से नहीं आए हैं। लेकिन, इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की देखरेख में तेजस्वी यादव के लिए खेला हो रहा था। फ्लोर टेस्ट में इसी खेला के कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नंबर 128 से घटकर 125 रहा था। 'अमर उजाला' ने तब सबसे पहले हॉर्स ट्रेडिंग की जानकारी सामने लायी थी। इस साल आर्थिक अपराध इकाई की जांच इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है, हालांकि कुछ फाइनल नहीं सामने आया है। जहां तक फ्लोर टेस्ट का सवाल है तो उसका नुकसान ज्यादा विपक्षी महागठबंधन को ही हुआ था। नीतीश कुमार सरकार के फ्लोर टेस्ट के समय अंत में डॉ. संजीव कुमार विधानसभा पहुंच गए थे, लेकिन तब यह माना गया था कि वह राष्ट्रीय जनता दल के गेम-प्लान में शामिल थे। जब लाइव खबरों के जरिए यह पता चलने लगा कि राजद-कांग्रेस के ही कई विधायक टूटकर सत्ता पक्ष में खड़े हो गए हैं तो सरकार गिरने की आशंका नहीं, तब सत्ता पक्ष के कई गायब विधायक आननफानन में विधानसभा पहुंचे थे। उनमें डॉ. संजीव कुमार भी थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव के समय भी डॉ. संजीव खगड़िया से राजग प्रत्याशी के खिलाफ लगातार मुखर रहे थे। खुद को लोकसभा प्रत्याशी तक बता दिया था। अब वह अंतत: राजद में औपचारिक रूप से जा रहे हैं। परबत्ता सीट पर उन्होंने राजद के दिगंबर प्रसाद तिवारी को 952 मतों से हराया था। डॉ. संजीव को राजद इसी सीट से प्रत्याशी बनाएगा। पार्टी में भी उन्हें पद दिए जाने की बात चल रही है। कौन पहले छोड़ गए, कौन टिकेंगे, किनपर खतरा है अब पूर्णिया से रूपौली की तत्कालीन विधायक बीमा भारती तो लोकसभा चुनाव के पहले जदयू छोड़ गईं। पूर्णिया से राजद के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़कर हारीं। फिर रूपौली के उप चुनाव में राजद के टिकट पर उतरीं तो तीसरे नंबर पर रह गईं। पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर से धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह राजद के कुछ नेताओं से सटे नजर आए थे, लेकिन बिहार चुनाव से पहले उन्होंने लालू प्रसाद की पार्टी के कई नेताओं को जदयू में लाकर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। शेखपुरा के बरबीघा से सुदर्शन कुमार ने पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार से मिलकर इस सीट को अपने लिए सुरक्षित कर लिया है। पूर्वी चंपारण के केसरिया से शालिनी मिश्रा फ्लोर टेस्ट के समय निजी काम से दिल्ली में थीं, यह उसी समय पार्टी नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया था। वह लगातार पार्टी की तरफ से सक्रिय हैं। अब सीतामढ़ी के सुरसंड से दिलीप राय को लेकर संशय है। सीतामढ़ी में जदयू उन्हें पार्टी से बाहर मान चुका है। उन्हें पार्टी के औपचारिक कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है। इंतजार इसी बात का हो रहा है कि कब वह छोड़कर जाएं।

किसानों के लिए खुशखबरी: नीतीश सरकार बनाएगी हर प्रखंड में आधुनिक सब्जी केंद्र

पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारवासियों के लिए एक बार फिर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बिहार के 534 प्रखंडों में आधुनिक सब्जी केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस योजना से ग्रामीणों को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और शहरवासियों को ताजी और सस्ती सब्जियां सीधे उपलब्ध होंगी। दुर्गा पूजा जैसे पावन अवसर पर यह कदम प्रदेशवासियों के लिए विशेष तोहफे जैसा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पहल से हर घर तक गुणवत्तापूर्ण और शुद्ध सब्जियां पहुंचेंगी और राज्य के 38 जिलों की जनता स्वस्थ एवं सस्ती सब्जियों का लाभ उठा सकेगी। किसानों को मिलेगा फायदा किसान अब बिचौलियों के बजाय सीधे सब्जी केंद्रों पर अपनी उपज बेच सकेंगे। इससे उन्हें फसल का उचित और पारदर्शी मूल्य मिलेगा। मंडी दलालों का दखल कम होने से किसानों की आय निश्चित रूप से बढ़ेगी। सब्जी केंद्रों में आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे किसानों की सब्जियां लंबे समय तक सुरक्षित रहेंगी और फसल खराब होने की समस्या कम होगी। किसानों को इन केंद्रों के माध्यम से नई कृषि तकनीकों, क्वालिटी बीज और उन्नत खेती के गुर सिखाए जाएंगे। इससे उनकी पैदावार और गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा। सब्जी केंद्र नेटवर्क के जरिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक किसानों की उपज पहुंच सकेगी। इससे किसानों को अपनी मेहनत का सीधा लाभ मिलेगा और अधिक दाम प्राप्त होंगे। केंद्रों के माध्यम से किसानों तक सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और अनुदान की जानकारी तेजी से पहुंचेगी। इसमें प्राकृतिक आपदा में मुआवजा, बीज पर सब्सिडी आदि शामिल हैं। इन केंद्रों के संचालन, भंडारण, पैकेजिंग और मार्केटिंग से गांवों में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अब नहीं रहेगा बिचौलियों का दबदबा मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से सब्जी मंडियों में बिचौलियों और दलालों की मनमानी समाप्त हो जाएगी। सब्जियों की दरें सरकार द्वारा तय उचित मूल्य पर मिलेंगी। हर प्रखंड में बनने वाले सब्जी केंद्र बिहारवासियों को भरोसा देंगे कि अब किसी भी घर का आंगन हरी-भरी सब्जियों से वंचित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि वे सिर्फ विकास की बातें नहीं करते, बल्कि जनता के जीवन में ठोस सुधार लाने वाले निर्णय भी लेते हैं। उनका उद्देश्य है, हर घर विकास, हर हाथ को काम और हर थाली में ताजा भोजन। यही नीतीश कुमार की सोच है, जो आज पूरे बिहार की ताकत बन चुकी है।  

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में युवाओं को मिलेगा निःशुल्क प्रशिक्षण और पाठ्य सामग्री

प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत 20 अक्टूबर तक शुरू होगा कौशल प्रशिक्षण राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में युवाओं को मिलेगा निःशुल्क प्रशिक्षण और पाठ्य सामग्री उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने प्रशिक्षण प्रदाताओं को आवंटित किए लक्ष्य  योगी सरकार की पहल पर युवाओं को मिलेगा रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत पूरे प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण प्रारम्भ कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने इसके लिए प्रशिक्षण प्रदाताओं को लक्ष्य आवंटित किए हैं। 20 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से शुरू होंगे बैच कौशल विकास मिशन की ओर से निर्देश दिया गया है कि प्रशिक्षण प्रदाता नियमानुसार प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई की अनुमोदन प्रक्रिया के बाद 20 अक्टूबर 2025 तक अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण बैच प्रारम्भ करें। इस अवसर पर पंजीकृत प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क पाठ्य सामग्री वितरित की जाएगी। वितरण की प्रक्रिया जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में होगी। ऑनलाइन मॉनिटरिंग और पारदर्शिता यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रशिक्षण प्रदाताओं को पाठ्य सामग्री वितरण और बैच प्रारम्भ संबंधी न्यूनतम तीन फोटोग्राफ तथा वितरण पावती रसीद को जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई से सत्यापित कराकर मिशन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। शिक्षा के साथ कौशल विकास पर जोर योगी सरकार का मानना है कि पारंपरिक शिक्षा के साथ रोजगारोन्मुख कौशल युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा। प्रोजेक्ट प्रवीण इसी सोच का हिस्सा है, जिसके तहत न केवल माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण बल्कि आवश्यक अध्ययन सामग्री भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।   इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता-2025 के पंजीकरण की तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ी  उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह ने शुक्रवार को इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता-2025 के अंतर्गत चल रहे पंजीकरण की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयों (डीपीएमयू) के साथ बैठक कर युवाओं के पंजीकरण की गति तेज करने के निर्देश दिए। अपर मिशन निदेशक ने कहा कि प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों को विशेष अभियान चलाना होगा। उन्होंने कहा  कि युवाओं को कौशल प्रतियोगिता से जोड़ने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार, परामर्श शिविर और संस्थागत समन्वय की कार्यवाही शीघ्र बढ़ाई जाए। पंजीकरण की अंतिम तिथि अब 15 अक्टूबर 2025 तक बढ़ने पर उन्होंने सभी जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयों को निर्देशित किया कि वे लक्षित युवाओं से सीधे संवाद स्थापित करें तथा पंजीकरण संख्या में  वृद्धि सुनिश्चित करें। प्रतियोगिता से जुड़ी विस्तृत जानकारी एवं पंजीकरण की सुविधा https://www.skillindiadigital.gov.in पर उपलब्ध है।  

बालको प्लांट हादसा: पुराना ESP संयंत्र ढहने से उठी सुरक्षा की बड़ी चिंता

कोरबा कोरबा जिले के बालको एल्यूमिनियम प्लांट में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां करीब 20 साल पुराना इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ESP) संयंत्र अचानक गिर गया। गनीमत रही कि घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि नहीं हुई। हादसे के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के मुताबिक यह संयंत्र 2004-05 में सेपको कंपनी द्वारा बनाया गया था। कर्मचारियों का आरोप है कि उद्योगपतियों के दबाव में श्रम विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। गौरतलब है कि बालको प्लांट में इससे पहले भी 2009 में निर्माणाधीन चिमनी गिरने का बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 45 मजदूरों की मौत हुई थी। उस हादसे में भी सेपको कंपनी जिम्मेदार ठहराई गई थी और मामला अब भी अदालत में लंबित है। फिलहाल इस ताज़ा घटना पर विभागीय स्तर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन हादसे ने एक बार फिर से प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था और श्रम विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।