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जनजातीय गौरव दिवस पर कार्यशाला: CM साय बोले – अब हर घर तक पहुंचेगी आदिवासी नायकों की गाथा

रायपुर राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आज जनजातीय गौरव दिवस को लेकर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस को भव्य और ऐतिहासिक रूप से मनाने की व्यापक योजना बनाई है। पिछले वर्ष जशपुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम बेहद सफल रहा था, जिसकी सराहना स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी, जिससे देशभर में जनजातीय समाज के योगदान को सम्मान मिला। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “हमारे जनजातीय समाज के अनेक वीर और गौरवशाली इतिहास हैं, जिन्हें इतिहास के पन्नों में उचित स्थान नहीं मिल पाया। राज्य सरकार का प्रयास है कि ऐसे सभी जननायकों के योगदान को जन-जन तक पहुंचाया जाए।” उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ष जनजातीय समाज के उत्थान के लिए विशेष बजट निर्धारित करती है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में सीधे लाभ मिल रहा है। साय ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर बोलते हुए कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। उन्होंने आदिवासी समाज को एकजुट कर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की अलख जगाई थी। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति जी 16 नवंबर तक विदेश दौरे पर हैं, इसलिए कार्यक्रम की तारीख को 1-2 दिन आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि वे स्वयं इस गौरवपूर्ण आयोजन में शामिल हो सकें।” कार्यशाला में जनजातीय विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, और विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, कला, और परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष का आयोजन केवल एक दिवस तक सीमित न रह जाए, बल्कि पूरे राज्य में जनजातीय गौरव और विरासत का उत्सव बन सके।

पारिवारिक त्रासदी: झारखंड में पति-पत्नी ने बच्ची को भी पिलाया जहर, तीनों ने दी जान

धनबाद झारखंड के धनबाद जिले में दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां के जोगता थाना क्षेत्र की सिजुआ 06/10 न्यू कॉलोनी में मंगलवार को जहर खाने से पति, पत्नी और मासूम बच्ची की मौत हो गई। यह परिवार एक सप्ताह पूर्व तेतुलमुड़ी दाऊद नगर बस्ती से यहां किराए के मकान में रहने आया था। मृतकों की पहचान दैनिक मजदूर राजा अंसारी (25 वर्ष), उसकी पत्नी अमीना खातून (20 वर्ष) और उनकी दो साल की बेटी मायरा के रूप में हुई है। पुलिस ने घटनास्थल से एक बर्तन में संदिग्ध घोल बरामद किया है। उसे जांच के लिए जब्त कर लिया गया है। क्या है पूरा मामला ? जानकारी के अनुसार राजा के पिता जमाल अंसारी और माता रजिया खातून दाऊद नगर में रहते हैं। पिता पहले रिक्शा चलाते थे। राजा कुछ दिन पहले तक माता-पिता के साथ ही रहता था, लेकिन पारिवारिक तनाव के चलते पांच दिन पहले ही वह पत्नी और बेटी के साथ आरएन चौहान के मकान में किराए पर रहने लगा था। राजा की ससुराल बोकारो जिले में है। लोगों के अनुसार मंगलवार की शाम करीब 7:15 बजे राजा कतरास से मजदूरी कर घर लौटा था। कुछ देर बाद गली से गुजर रहे लोगों ने पति-पत्नी और बच्ची को जमीन पर पड़ा देखा। जिसके बाद तत्काल जोगता पुलिस को सूचना दी गई। पति-पत्नी की मौत हो चुकी थी। बच्ची को कतरास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जोगता पुलिस ने तीनों शवों को धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है। बुधवार को शवों का पोस्टमार्टम होगा। आत्महत्या का शक इस मामले की जानकारी देते हुए जोगता के थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अमीना खातून के परिजनों को सूचना दे दी गई है। उनके पहुंचने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। पुलिस ने बरामद पीले रंग के तरल पदार्थ की जांच कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ग्वालियर के अफसर का डिजिटल कमाल: एक क्लिक में मिलेगी किसान की पूरी जानकारी, खत्म होगा खाद संकट

ग्वालियर   मध्य प्रदेश में किसान खाद की किल्लत से परेशान हैं. कई जिलों में रात रात भर किसान लाइन में लगकर खाद लेने के लिए परेशान होते रहते हैं, तो कहीं किसान बार बार लाइन में लगकर खाद खरीदते दिखाई देते हैं, इस तरह के हालात प्रदेश में खाद संकट पैदा करते हैं. अब इस खाद की समस्या का भी हल ढूंढ लिया गया है. इसका हल ढूंढने वाला कोई आईएएस स्तर का अफसर या नेता नहीं, बल्कि प्रदेश के एक ब्लॉक में पदस्थ एक सरकारी कर्मचारी है. उसने ये करनामा अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग के बलबूते पर कर दिखाया है. किसानों को मिल सकेगा जरूरत के अनुसार खाद असल में खाद को लेकर होने वाली समस्याओं को देखते हुए कृषि विभाग के एक युवा कृषि विस्तार अधिकारी ने एक ऐसा सिस्टम डेवलप किया, जिससे हर किसान को उसकी असल जरूरत के अनुसार पर्याप्त खाद मिल सकेगी. साथ ही खाद की कालाबाजारी भी रुकेगी. ये एक तरह का वेब आधारित एप्लिकेशन है, जिसे ग्वालियर के विशाल यादव ने तैयार किया है.  कृषि विभाग का नया प्रयोग विशाल यादव ग्वालियर के डबरा ब्लॉक में कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं. उन्होंने खुद से कोडिंग कर एक वेब ऐप बनाया है. जिसे नाम दिया गया है फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन डेटाबेस. ये एक ऐसा ऐप है जिसे ऑनलाइन ही उपयोग किया जा सकता है और इसका एक्सेस सिर्फ कृषि विभाग के पास है. और यह सिस्टम ग्वालियर के डबरा और भितरवार ब्लॉक में लागू भी कर दिया गया है.  कैसे आया खाद वितरण के लिए सिस्टम बनाने का आईडिया? विशाल यादव ने बताया कि, "हम हर साल खाद की किल्लत और परेशान होते किसानों को देखते थे. कई बार कुछ किसान तो खाद ले ही नहीं पाते थे, तो कई किसान बार बार लाइन में लगकर 4 से 5 बार खाद इशू करा लेते थे. इस तरह की स्थिति ने ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि हम क्या ऐसा कर सकते हैं, जिससे जरूरतमंद किसानों को खाद मिल सके. इसके लिए हमने इस बारे में डबरा एसडीएम से बात की और उनके सहयोग से ये वेब ऐप तैयार किया."  ग्वालियर में किया लागू, प्रदेश की तैयारी इस वेब ऐप के डेवलप होने के बाद शासन ने ग्वालियर अंचल में इसे लागू भी कर दिया गया है. डबरा और भितरवार क्षेत्र में इसी सिस्टम के जरिए किसानों को खाद का वितरण भी किया जा रहा है. अगर यह ऐप इस क्षेत्र में सही से काम किया तो आने वाले समय में पूरे प्रदेश में इसे अपनाया जा सकता है.  कैसे काम करता है खाद वाला 'वेब ऐप' विशाल यादव से बातचीत में इस वेब ऐप के काम करने का तरीका भी पता चला. उन्होंने बताया कि, "ये ऐप कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम करता है. इसे किसी भी कंप्यूटर बेस्ड सिस्टम से एक्सेस किया जा सकता है. इसका सर्वर भी गूगल शीट पर आधारित है, जहां सारा डेटा सेव होता है. इस ऐप के जरिए किसानों की पहचान उनके समग्र आईडी और आधार कार्ड से की जाती है. साथ ही उसकी जमीन का रकबा भी दर्ज कर दिया जाता है, उसी के आधार पर उसकी पात्रता निर्धारित की जाती है. 2 बीघा जमीन पर किसान को एक बैग डीएपी दी जाती है और एक बीघा जमीन पर एक बैग यूरिया के हिसाब से पात्रता दर्ज होती है.  कैसे तय होगा रकबा, कितना खाद ले सकेंगे किसान? अब सवाल आता है कि "इस वेब ऐप सिस्टम में किसान का रकबा कैसे निर्धारित होगा, तो आपको बता दें कि जब खाद वितरण केंद्र पर किसान अपनी किताब लेकर पहुंचता है. उसी समय उसकी किताब में लिखा जमीन का रकबा सिस्टम में मैनुअली एंट्री कर अपलोड कर दिया जाता है. ऐसे में उसकी जमीन का जितना रकबा है. उसके हिसाब से खाद की मात्रा भी निर्धारित कर एंट्री कर दी जाती है. किसान जितनी खाद लेता है, उसकी तय पात्रता खाद पात्रता में सिस्टम घटा देता है और वह तब तक खाद ले सकता है जब तक उसका खाद कोटा पूरा नहीं होता. एक बार उसने पात्रता के हिसाब से खाद कोटा पूरा कर दिया तो फिर आगे उसे खाद नहीं दिया जाएगा.  कैसे कृषि अधिकारी बना वेब डेवलपर? एक कृषि विस्तार अधिकारी आखिर एक वेब डेवलपर का काम कैसे कर सका? तो इसका जवाब यह है कि, विशाल यादव ने मूल रूप से एग्रीकल्चर में बीएससी स्नातक किया था. इसी बीच उन्होंने केंद्र सरकार के प्रोग्राम के तहत जावा (JAVA) लैंग्वेज, जो एक तरह की सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लैंग्वेज है. वो भी सीखी थी और खाद समस्या को दूर करने में उनका यह कौशल कारगर सिद्ध हुआ है. 

महादेव सट्टा एप से जुड़े आरोपी रिहाई की राह पर, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

रायपुर महादेव सट्टा एप मामले में सभी 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सभी आरोपी बीते ढाई साल से रायपुर जेल में कैद हैं. महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में जेल में बंद रितेश यादव, भारत ज्योति, विश्वजीत राय, राहुल वकटे, नीतीश दीवान, भीम सिंह यादव, अर्जुन यादव, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर समेत सभी 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट से दस्तावेज आते ही सभी आरोपियों को जेल से छोड़ दिया जाएगा. कैसे हुई एप की शुरुआत सौरभ चंद्राकर, रवि उप्‍पल और अतुल अग्रवाल ने साल 2016 में महादेव बुक एप लॉन्‍च किया था. शुरुआत में इस एप पर ऑनलाइन सट्टेबाजी होती थी, जिस पर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन जैसे खेलों के साथ पोकर, तीन पत्‍ती, वर्चुअल गेम यहां तक की चुनाव को लेकर भी भविष्‍यवाणी पर दांव लगाया जाता था. दुबई से संचालित होने वाला यह एप जुआ गतिविधियों के लिए कुख्‍यात हो गया. कैसे बढ़ता गया कारोबार पहले तीन साल में तो एप का ग्राहक आधार 12 लाख तक पहुंचा, लेकिन साल 2020 में इसके फाउंडर्स ने हैदराबाद स्थित रेड्डी अन्ना नामक एक और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म को 1,000 करोड़ रुपए में खरीद लिया. इसके बाद तो महादेव ऐप के यूजर्स का बेस बढ़कर 50 लाख से भी पार चला गया और कमाई में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई. एप के संचालकों ने वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे प्‍लेटफॉर्म से भी अपना बिजनेस खूब बढ़ाया और हजारों करोड़ का कारोबार खड़ा कर दिया. सिंडिकेट के रूप में चलता था एप महादेव एप एक सिंडिकेट के रूप में संचालित होता था, जो विभिन्न अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को एकत्रित करता था. यह पैनल या शाखाओं को सहयोगियों को फ्रेंचाइजी बनाकर काम करता था. इन फ्रेंचाइजी के साथ 70 और 30 के अनुपात में मुनाफा बांटा जाता था. यूजर्स को कॉन्‍टैक्‍ट करने के लिए नंबर दिए जाते जिस पर संपर्क करके आईडी प्राप्‍त कर लेते और दांव लगाने के लिए पैसे जमा करते. जीतने के बाद यूजर्स को एक अलग प्रक्रिया के जरिये पैसे नकद में निकालने की सुविधा मिलती है. कितना होता था मुनाफा यूजर बेस बढ़ने के साथ ही ऐप का मुनाफा और कमाई भी बढ़ने लगी. अनुमान है कि इस ऐप से रोजाना करीब 200 करोड़ रुपए का लाभ होता था. इसकी सफलता का श्रेय यूजर अनुकूल इंटरफेस, विविध सट्टेबाजी विकल्पों और त्वरित लाभ के वादे को जाता है. हालांकि, यूजर्स के साथ हेरफेर भी खूब होता था और जो यूजर लंबे समय तक इसे खेलते उन्‍हें नुकसान पहुंचाने के लिए हेरफेर किया जाता था, ताकि कंपनी का मुनाफा सुनिश्चित हो सके. ऐसे कसा गया शिकंजा महादेव ऐप साल 2022 तक धड़ल्‍ले से चलता रहा, लेकिन इसके बाद इनकम टैक्‍स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर पड़ी. ईडी ने बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर जांच शुरू की और इसके ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई. ईडी का आरोप था कि मनी लॉन्ड्रिंग में करीब 6,000 करोड़ रुपए शामिल हैं. जांच में हवाला नेटवर्क, शेल कंपनियों और यहां तक कि राजनीतिक संरक्षण के दावों के लिंक भी खुला.

खजुराहो से बनारस तक वंदे भारत एक्सप्रेस, बुंदेलखंड में बढ़ेगा पर्यटन और कनेक्टिविटी

 खजुराहो  मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल को इस दिवाली एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने खजुराहो से बनारस के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी है। यह घोषणा खजुराहो के सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा (वी.डी. शर्मा) की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हुई फोन पर बातचीत के बाद हुई। सांसद शर्मा ने इस निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा बुंदेलखंड को दिया गया “दीवाली गिफ्ट” बताया है। सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि खजुराहो से बनारस के बीच वंदे भारत ट्रेन की मांग लंबे समय से की जा रही थी। उन्होंने कुछ माह पूर्व रेल मंत्री से दिल्ली में मुलाकात कर इस विषय पर पत्र सौंपा था। शर्मा के आग्रह पर रेल मंत्री ने सकारात्मक पहल करते हुए इस मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की सहमति दी थी। मंगलवार को फोन पर हुई चर्चा के दौरान रेल मंत्री ने उन्हें जानकारी दी कि ट्रेन शुरू करने के आदेश एक-दो दिन में जारी कर दिए जाएंगे। सांसद शर्मा ने कहा कि यह ट्रेन बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए विकास और समृद्धि की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि बाबा मतंगेश्वर की नगरी खजुराहो से बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस को जोड़ने वाली यह वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगी, बल्कि रोजगार और व्यापार के अवसर भी बढ़ाएगी। उन्होंने आगे कहा कि खजुराहो विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। अब वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने से भारतीय यात्रियों के लिए भी खजुराहो की यात्रा अधिक सुगम और सुलभ हो जाएगी। इससे बुंदेलखंड के आर्थिक विकास में तेजी आएगी और स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने इस घोषणा पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन शुरू होने से क्षेत्र की कनेक्टिविटी मजबूत होगी और मध्यप्रदेश का गौरवशाली पर्यटन नक्शे पर और अधिक चमकेगा। सांसद वी.डी. शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री के “विकसित भारत” के संकल्प को साकार करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक ट्रेन नहीं, बल्कि बुंदेलखंड के विकास की नई रफ्तार है।    

उद्योगों की स्थापना के साथ-साथ योगी सरकार का हरियाली पर भी विशेष फोकस

पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बनेगा पीएम मित्र पार्क- मुख्यमंत्री योगी उद्योगों की स्थापना के साथ-साथ योगी सरकार का हरियाली पर भी विशेष फोकस लखनऊ में बन रहे पीएम मित्र पार्क में 11% भूमि होगी हरियाली और फलदार वृक्षारोपण को समर्पित विकास और पर्यावरण में संतुलन को लेकर योगी सरकार की प्रतिबद्धता का बनेगा प्रतीक   प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन बेल्ट, बफर जोन और वाटर रिजर्वायर से होगा प्राकृतिक संतुलन 55% भूमि पर होगी इंडस्ट्रियल यूनिट्स की स्थापना, 3 फीसदी भूमि पर बनेंगे रेसीडेंस पीएम मित्र पार्क के माध्यम से 1000 करोड़ से अधिक निवेश और एक लाख रोजगार का लक्ष्य   लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार एक नए औद्योगिक युग की दिशा में कदम बढ़ा रही है। राज्य में प्रस्तावित पीएम मित्र (पीएम मित्र) पार्क न केवल उद्योगों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी एक आदर्श उदाहरण बनेगा। सरकार की नीति “विकास के साथ पर्यावरण” को साकार करने की दिशा में यह पार्क एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी औद्योगिक विकास परियोजना में हरियाली और पारिस्थितिक संतुलन से कोई समझौता नहीं होगा। यही कारण है कि लखनऊ और हरदोई जिलों में प्रस्तावित पीएम मित्र पार्क का लेआउट प्लान पर्यावरणीय दृष्टि से पूरी तरह संतुलित रखा गया है। 11 फीसदी भूमि होगी ग्रीनरी को समर्पित ड्राफ्ट लेआउट प्लान के अनुसार, 55 फीसदी भूमि पर इंडस्ट्रियल यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। वहीं, 3 फीसदी भूमि को रेसीडेंशियल उपयोग, 4 फीसदी इंस्टीट्यूशनल, 2 फीसदी ट्रांसपोर्ट हब, और 4 फीसदी यूटिलिटीज व एमेनिटीज के लिए आरक्षित किया गया है। सबसे खास बात यह है कि पूरे पार्क की 11 फीसदी भूमि ग्रीनरी और फ्रूट प्लांटेशन के लिए सुरक्षित रखी गई है, जिसमें ग्रीन एरिया, ग्रीन बेल्ट और बफर जोन विकसित किए जाएंगे। यह कदम न केवल प्रदूषण कम करेगा बल्कि स्थानीय जैव विविधता को भी संरक्षित रखेगा। इसके अलावा, 13 फीसदी क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जबकि 0.1 फीसदी हिस्से में मौजूदा सड़कों को सुदृढ़ किया जाएगा। जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 2 फीसदी भूमि नाला और वाटर रिजर्वायर के लिए और 0.5 फीसदी भूमि रीक्रिएशनल उपयोग के लिए निर्धारित की गई है। प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 1680 करोड़ रुपए सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1,680 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। यह पार्क कुल 100 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा, जिसमें एक लाख से अधिक रोजगार सृजन और 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है। पार्क में पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री, ऊर्जा-संवेदनशील डिजाइन, वर्षा जल संचयन, सोलर पावर और ई-वेस्ट मैनेजमेंट जैसे प्रावधान भी शामिल किए जाएंगे। इस पहल के माध्यम से उत्तर प्रदेश न सिर्फ“भारत का ग्रोथ इंजन” बनेगा, बल्कि“ग्रीन स्टेट मॉडल” के रूप में भी विकसित होगा।   

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बृहस्पति कुंड में दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों की मूर्तियों का करेंगी अनावरण

अयोध्या में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भव्य स्वागत  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बृहस्पति कुंड में दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों की मूर्तियों का करेंगी अनावरण  उत्तर-दक्षिण संस्कृति का संगम बनेगी अयोध्या, योगी सरकार ने संवार दिया बृहस्पति कुंड परिसर अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या बुधवार को एक बार फिर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षण की साक्षी बनी, जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचीं। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्रीय मंत्री का गरिमामय स्वागत किया। स्वागत के दौरान वाद्ययंत्रों की पारंपरिक धुनों ने अयोध्या की सांस्कृतिक आत्मा को स्पंदित कर दिया। एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्रीय मंत्री का काफिला सिविल लाइन्स स्थित होटल रेडिशन पहुंचा, जहां कुछ देर विश्राम के बाद वह अपने निर्धारित कार्यक्रमों के लिए रवाना हुईं। बृहस्पति कुंड में होगा सांस्कृतिक आयोजन निर्मला सीतारमण का यह दौरा टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड में आयोजित एक विशेष सांस्कृतिक आयोजन के लिए है। इस अवसर पर वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त रूप से दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों संत त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियों का अनावरण करेंगी। संगीत और भक्ति का संगम बनेगा बृहस्पति कुंड बृहस्पति कुंड परिसर में स्थापित की गई ये मूर्तियां भारतीय संगीत, भक्ति और कला परंपरा का जीवंत प्रतीक हैं। इन संत संगीतज्ञों ने भक्ति संगीत को भारतीय संस्कृति का आत्मस्वर बनाया। अब उनकी मूर्तियों का अयोध्या की पावन भूमि पर स्थापित होना उत्तर-दक्षिण सांस्कृतिक एकता का अनुपम उदाहरण है।

कोलार में पानी में मिली लाश के अंग, हत्या कर बोरे में फेंकने का मामला सामने आया

भोपाल राजधानी भोपाल के कोलार थाना क्षेत्र में मंगलवार दोपहर बाद एक खाली पड़े प्लाट में मानव अंग मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जिस खाली प्लाट में भरे पानी के अंदर मानव अंग मिले हैं, उससे 100 मीटर की दूरी पर ही पूरी कॉलोनी बसी हुई है। लाश किसकी है, किसने और कब हत्या की, इसका खुलासा नहीं हो सका है। कोलार पुलिस के अनुसार डी मार्ट के पास पुलिस हाउसिंग की कॉलोनी के पास एक खाली प्लाट में पानी के अंदर एक पैर दिखा। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो पैर निकाला तो किसी मनुष्य का निकला। इसके बाद तलाशी शुरू हुई तो एक बोरी के अंदर कुछ और मानव अंग मिले हैं। लेकिन सिर और धड़ देर रात तक नहीं मिला था। प्लॉट का पानी खाली करा रही पुलिस कोलार पुलिस के अनुसार प्लॉट में पानी अधिक होने के कारण तलाशी अभियान नहीं चलाया जा सका था। इसलिए मोटर लगाकर पानी बाहर फेंका जा रहा है। पानी निकालने के बाद बुधवार सुबह से प्लॉट के अंदर मानव अंगों की तलाश शुरू की जाएगी। फिलहाल पुलिस इतना ही बता पा रही है कि किसी व्यक्ति की हत्या करने के बाद उसकी लाश को बोर में भरकर पानी के अंदर करीब 25 से दिन पहले फेंका गया होगा। क्योंकि शव पूरी तरह से डिकंपोज हो चुका है। सिर्फ हड्डियां बची हैं, जो नहीं गल सकी थीं। पुलिस का मानना है कि हत्या को किसी दूसरे स्थान पर अंजाम देने के बाद शव को यहां छिपाया गया होगा। क्योंकि जिस क्षेत्र में घटना हुई है वहां से कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं है। हालांकि घटना स्थल के आसपास करीब दो किलोमीटर के अंदर बड़ी संख्या में बाहरी मजदूर भी रहते हैं। पुलिस उन मजदूरों से भी पूछताछ कर जानकारी जुटाने में लगी है कि कोई व्यक्ति उनका परिचित लापता तो नहीं है।

श्याम बिहारी जायसवाल का पलटवार: सीएम साय और भूपेश बघेल के दौरे गिन लें, तब बात करें कांग्रेस वाले

रायपुर राज्यपाल रमेन डेका के जिलों के दौरे पर सवाल उठाए जाने पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कांग्रेस को चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि राज्यपाल सर्वेसर्वा होते हैं, अच्छा है वे दौरा कर रहे हैं. रहा सवाल मुख्यमंत्री के दौरे का तो कांग्रेस नेता निकाल कर देख लें कि बीते दो सालों में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कितना दौरा किया. मुख्यमंत्री कहीं ज्यादा दौरे कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. बिरनपुर मामले में सुनवाई को लेकर कांग्रेस के बयान पर कहा कि कांग्रेस को लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है. मामला न्यायालय में हैं, इस पर कांग्रेस कैसे टिप्पणी कर सकती है. न्यायालय जो भी तय करेगा वो मान्य होना चाहिए. वहीं ट्रिपल आईटी में छात्राओं की AI से बनाई गई अश्लील फोटो पर मंत्री ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यजनक है. ऐसी हरकतें न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि हतोत्साहित करने वाली भी हैं. कॉलेज प्रबंधन ने आरोपी छात्र को निलंबित किया है. छात्र पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है. मैं इस मामले में शिक्षा मंत्री से बात करूंगा. इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई जरूरी है. जिसने भी यह दुस्साहस किया, उसे बख्शा नहीं जाएगा. युवा पीढ़ी को सबक देने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है. धान का एक-एक दाना खरीदने प्रतिबद्ध वहीं कांग्रेस ने 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की मांग पर मंत्री जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस जब सरकार में थी, जो भी करती थी सब जायज. फसल की स्थिति और मौसम को देखकर ही खरीदी की तारीख तय होगी. अगर 1 नवंबर उपयुक्त हुआ तो उसी दिन से खरीदी, नहीं तो 15 नवंबर से. रिपोर्ट लेकर ही फैसला लिया जाएगा. सरकार अच्छी क्वालिटी का धान खरीदना चाहती है, ताकि भंडारण और रखरखाव बेहतर हो. राज्य सरकार एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है. सारे चमचे, घोड़े और गधे कांग्रेस में कांग्रेस में जिला अध्यक्ष बनने के लिए जमकर हो रही लॉबिंग पर श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस दिशाहीन और व्यक्तिवादी पार्टी है. दो साल हो गया कांग्रेस संगठन चुनाव नहीं करा सकी. अब होटलों में पार्टी चल रही है, लोग लॉबिंग कर रहे हैं. कांग्रेस जब भी चुनाव कराती है, विवाद हो जाता है. सारे चमचे, घोड़े और गधे कांग्रेस में पाए जाते हैं. कांग्रेस के नेता इसकी व्याख्या अच्छे से कर सकते हैं. जहां-जहां भूपेश के पैर पड़े, वहां सूपड़ा साफ वहीं कांग्रेस ने बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार में शामिल नहीं किए जाने पर भाजपा नेताओं को अयोग्य बताए जाने पर मंत्री ने कहा कि जब-जब संतों के पैर पड़ते है, तब वहां उद्धार हो जाता है. जहां-जहां भूपेश बघेल के पांव पड़े, वहां सूपड़ा साफ हो गया. राहुल गांधी ने भी कई जगह पदयात्रा की. जहां-जहां राहुल गांधी गए, वहां से साफ हो गए.

सीट बंटवारे पर एनडीए में अब तक सहमति नहीं, चिराग पासवान ने पिता की सीख दिलाई याद

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अब तक तय नहीं हुआ है। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को 35 सीटों से कम मंजूर नहीं है। इधर, भाजपा 28 देने तक ही देने के लिए तैयार है। मंगलवार को बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से बातचीत की। उन्हें समझाने की कोशिश लेकिन बात नहीं बन पाई। बुधवार को चिराग पासवान ने सीट शेयरिंग के सवाल पर कहा कि अभी बातचीत चल रही है। बात फाइनल होने पर आपको जानकारी दे दी जाएगी। इन सब के बीच चिराग पासवान का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। उन्होंने अपने पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तस्वीर को शेयर करते हुए उन्हें याद किया। कहा कि पापा हमेशा कहा करते थे। जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो। कदम-कदम पर लड़ना सीखो। अब चिराग पासवान के इस पोस्ट के बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। इससे पहले चिराग पासवान ने एक और पोस्ट लिखा। उन्होंने कहा कि पापा आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन “बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फर्स्ट” को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं। बिहार के समग्र और सर्वांगीण विकास का जो सपना आपने देखा था, अब समय आ गया है उसे धरातल पर उतारने का। आपने मेरे कंधों पर जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है। चिराग बोले- इस चीज के लिए मैं दृढ़ संकल्पित हूं बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू होने जा रहा है। आगामी चुनाव आपके संकल्प को पूरा करने का अवसर है। बिहार को नई दिशा देने, हर बिहारी के सपनों को साकार करने का अवसर है। आपके द्वारा बनाई गई लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए मैं दृढ़ संकल्पित हूं। पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का सपना है कि आगामी चुनाव में आपके सपनों को पूरा किया जा सके। पापा आपकी प्रेरणा, आशीर्वाद और आदर्श सदैव मेरे मार्गदर्शक रहेंगे। एनडीए में चिराग-मांझी की जिद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का काम 80 फीसदी तक हो चुका है। भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय चिराग पासवान की पार्टी को 28, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आठ और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी को करीब पांच सीटें  भाजपा और जदयू देना चाहती है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मानने को तैयार नहीं। चिराग 40 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वहीं जीतन राम मांझी का तर्क है कि राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए आठ विधायक चाहिए। हमारे पास पहले से चार विधायक हैं। ऐसे में 10 से 12 सीटों से कम पर चुनाव हमलोग नहीं लड़ कसते हैं। दोनों पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर अपनी-अपनी बात रख दी है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दावा किया है कि एनडीए के घटक दलों के कहीं कोई मतभेद नहीं है। सबलोग एकजुट हैं। जल्द ही सीट बंटवारे का एलान कर दिया जाएगा।