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रियल एस्टेट सेक्टर को राहत, पंजाब सरकार ने तय की ये नई शर्तें

लुधियाना आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा फेस्टिवल सीजन के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है, जिसके तहत सी एल यू के साथ नक्शा पास करवाने की शर्त से छूट मिल गई है। यहां बताना उचित होगा कि लंबे समय से कोई कालोनी, बिल्डिंग, कमर्शियल प्रोजैक्ट के लिए सी.एल.यू. और नक्शा अलग-अलग पास करवाने का पैटर्न चल रहा था लेकिन 2023 के दोरान सी.एल.यू. के साथ ही नक्शा, ले आऊट पास करवाने की शर्त लगा दी गई। अब सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने के अलावा इंडस्ट्री को सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर जो लगातार मीटिंगें की जा रही है, इस दौरान रियल एस्टेट सैक्टर द्वारा सी.एल.यू. के साथ नक्शा पास करवाने की शर्त खत्म करने की मांग की गई है जिसके मद्देनजर शहरी विकास विभाग द्वारा एक बार फिर सिस्टम में बदलाव कर दिया गया है जिसके मुताबिक सी.एल.यू. के बाद अलग से नक्शा, ले आऊट पास करवाने या लाइसैंस लेने के लिए अप्लाई किया जा सकता है। इस संबंध में नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है जिसके लिए किसी भी रिहायशी या कमर्शियल प्रोजैक्ट का नक्शा पास करवाने से पहले लोन या अन्य विभागों से एन.ओ.सी. लेने के लिए सी.एल.यू. की मंजूरी जरूरी होने का हवाला दिया गया है।हालांकि सी.एल.यू. के साथ नक्शा पास करवाने का पुराना विकल्प भी खुला रखा गया है जो फॉर्मूला नगर निगम में भी लागू होगा। 4 साल की फिक्स की गई है डैडलाइन सी.एल.यू. पास करवाने के लिए 4 साल की डैडलाइन फिक्स की गई है जिसमें पहले 2 साल के लिए वैलिड होगी और फिर 20 फीसदी फीस जमा करने पर 2 साल की एक्सटैंशन मिल सकती है लेकिन यह शर्त मास्टर प्लान में बदलाव पर निर्भर करेगी। 3 महीने में देनी होगी मंजूरी सरकार द्वारा रियल एस्टेट सैक्टर के लोगों द्वारा किसी भी तरह के प्रोजैक्ट को पास करवाने के दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए 3 महीने के भीतर मंजूरी देना लाजिमी कर दिया है,जिसके तहत 23 दिन में सी.एल.यू. और नक्शा पास करवाने या लाइसेंस देने का फैसला एक महीने के अंदर करना होगा जिसके लिए यह भी तय कर दिया गया है कि किस ऑफिसर के लैवल पर मंजूरी मिलेगी और उसे कितने दिन में फाइल क्लीयर करनी होगी। 

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार, बोले – सपा का लोकतंत्र और संविधान से कोई लेना-देना नहीं

जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण सपा का राजनीतिक पाखंड, अखिलेश की राजनीति परिवारवाद और स्वार्थवाद पर आधारित लखनऊ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सपा हमेशा से लोकतंत्र के विरोध में रही है। आज वही पार्टी कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सत्ता पाने की साजिश कर रही है, यह वही कांग्रेस है जिसने देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को कुचला था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव जिस कांग्रेस के साथ मंच साझा कर रहे हैं, उसी कांग्रेस ने जयप्रकाश नारायण जी जैसे लोकतंत्र के प्रहरी को जेल में डाला था। एक तरफ आप जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं, दूसरी तरफ उन्हीं को जेल भेजने वालों से गठबंधन करते हैं, यह राजनीतिक पाखंड है। सपा का लोकतंत्र या संविधान से कोई लेना-देना नहीं ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा को लोकतंत्र या संविधान से कोई लेना-देना नहीं, उनका मकसद केवल सुर्खियां बटोरना और सत्ता की कुर्सी पर बैठना है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति परिवारवाद और स्वार्थवाद पर आधारित है, जबकि भारतीय जनता पार्टी सर्व समाज की पार्टी है, जो बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बनाए संविधान के अनुरूप काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि जयप्रकाश नारायण जी की जयंती भाजपा पूरे देश और दुनिया में मना रही है, क्योंकि इमरजेंसी के दौरान सबसे अधिक जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ता जेलों में बंद किए गए थे। वहीं कई समाजवादी भी जेल भेजे गए थे, लेकिन सपा आज उनका त्याग भुलाकर कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता की सौदेबाजी कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनता सब जानती है। सपा अब लोकतंत्र की नहीं, केवल सत्ता की पार्टी बन चुकी है। भाजपा जनता की सेवा और संविधान की रक्षा के लिए काम करती रहेगी।

देश में प्राचीन काल से रही है न्याय देने की परम्परा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

न्याय पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव देश में प्राचीन काल से रही है न्याय देने की परम्परा समानता, पारदर्शिता, विनम्रता और सबको समय पर न्याय दिलाना ही है न्यायपालिका की मूल आत्मा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन्दौर में किया विधि विशेषज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ उच्चतम न्यायलय के न्यायमूर्तिगणों और विधि-विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि न्याय पाना देश के हर नागरिक का मौलिक, बुनियादी, मानवीय, नागरिक और संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत की संघीय शासन व्यवस्था का आधार ही सबके जीवन, भोजन और स्वास्थ्य के अधिकारों की समान रूप से न्यायपूर्ण रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि लोक कल्याणकारी राज्य का पहला दायित्व है कि देश का कोई भी व्यक्ति न्याय पाने से वंचित न रहे। न्याय और सुशासन न केवल राष्ट्र और समाज को मजबूत करते हैं, बल्कि शासन व्यवस्था को जवाबदेह भी बनाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का नया दौर न्याय का पथ गौरवान्वित करने वाला है। उच्चतम न्यायालय द्वारा बीते कुछ सालों में दिए गए कई निर्णयों ने देश को नई दिशा दी है। इससे न्याय व्यवस्था पर हमारी आस्था को और बल मिला है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि युग बदले, दौर बदले, परंतु न्याय की आत्मा हमेशा वही रहेगी। समानता, पारदर्शिता, विनम्रता और सबको समय पर न्याय दिलाना ही न्यायपालिका की मूल आत्मा रही है और आगे भी रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा है हमारे देश में न्याय की प्राचीन परंपरा रही है। न्याय देने की स्थापित व्यवस्था को और बेहतर बनाना हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि अब तो न्याय की देवी की आंखों की पट्ठी भी खोल दी गई है। इसका आशय यह है कि अब न्याय की देवी खुली आंखों से न्याय कर सकेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को इंदौर में आयोजित "इवोल्विंग होराइजन्स: नेविगेटिंग कॉम्प्लेक्सिटी एंड इनोवेशन इन कमर्शियल एंड आर्बिट्रेशन लॉ इन द डिजिटल वर्ल्ड" विषय पर आयोजित विधि विशेषज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस) के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्चतम न्यायलय के न्यायमूर्तिगणों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर इस संगोष्ठी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए इंदौर पधारे उच्चतम न्यायालय के सभी सम्मानीय न्यायमूर्तियों और देश-विदेश से आए विधि विशेषज्ञों, न्यायविदों तथा विद्यार्थियों का आभार जताते हुए कहा कि देश के सबसे स्वच्छतम शहर में न्याय प्रणाली के मंथन पर ऐसी विद्वत सभाओं का आयोजन हमें नई उम्मीद देता है, साथ ही और बेहतर करने की प्रेरणा भी देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार न्याय प्रणाली को और अधिक सुलभ, सरल और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। राज्य में प्रादेशिक और जिला स्तर के न्यायालयों की सुदृढ़ स्थापना के साथ-साथ मध्यप्रदेश में ग्राम न्यायालयों की व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय न्याय परम्परा का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। हम सम्राट वीर विक्रमादित्य को कैसे भूल सकते हैं, जिन्होंने अपने बाल्यकाल से ही तत्समय भारत देश में न्याय और सुशासन की व्यवस्था का सूत्रपात किया था। हम उन्हीं के बताए मार्ग पर चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में कानून के क्षेत्र में अनेक नवाचार हो रहे हैं, जिससे नागरिकों को अधिक अधिकार मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारों के साथ-साथ दायित्वों का पालन भी आवश्यक है उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली जितनी सहज और सरल होगी, नागरिक को उतनी ही जल्दी न्याय मिलेगा। हमारी सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक नागरिक को सुगमता से न्याय मिले और उसकी आस्था न्यायिक व्यवस्था पर सदैव बनी रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विशेष ज़ोर देकर कहा कि आज के तेज़ी से विकसित होते तकनीकी युग में, न्यायपालिका को निरंतर मूल्यांकन और अनुकूलन उपायों पर काम करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि न्याय प्रदान करना नवाचार में बाधा डाले बिना निष्पक्ष और पारदर्शी बना रहे। इससे भारत की अर्थव्यवस्था का विकास हो सके और साथ ही व्यापार करने में आसानी भी सुनिश्चित हो। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति  जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी ने कहा कि न्यायपालिका का लक्ष्य कानून का पुनर्निर्माण करना नहीं है, बल्कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के विचार को सीमित किए बिना निष्पक्षता की सीमाओं का विस्तार करना है। उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक अर्थव्यवस्था में, डेटा पर नियंत्रण केवल फर्मों या कंपनियों के स्वामित्व से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, और इसलिए, आर्थिक विकास को बाधित किए बिना पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति  अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कानूनी पेशा तकनीकी प्रगति का अपवाद नहीं रह सकता। प्रौद्योगिकी-संचालित और स्वचालित अनुबंधों के उदय के साथ, न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तकनीकी विकास के कारण न्याय से समझौता न हो और इन प्रगति के साथ विकसित होना चाहिए। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति  राजेश बिंदल ने कहा कि जैसे-जैसे व्यापार का विस्तार होता है, विवाद स्वाभाविक रूप से बढ़ते हैं और इसका समाधान न्यायपालिका में ही निहित है। चूँकि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, इसलिए हमारी मानसिकता में बदलाव लाने और सभी हितधारकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपयोगी तो है, लेकिन यह पेटेंट और पंजीकरण जैसे क्षेत्रों में नई चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति  अरविंद कुमार ने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का केवल एक भागीदार ही नहीं, बल्कि एक निर्माता भी है। न्याय से समझौता किए बिना, व्यापार में सुगमता और नवाचार को साथ-साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने न्यायनिर्णयन से सहयोग और मध्यस्थता से नवाचार की ओर बदलाव पर ज़ोर दिया और कानूनी बिरादरी के लिए तदनुसार अनुकूलन की आवश्यकता पर बल दिया। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति  संजीव सचदेवा ने "विकसित होते क्षितिज: डिजिटल दुनिया में वाणिज्यिक और मध्यस्थता कानून में जटिलता और नवाचार को नेविगेट करना" विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति  जे.के. माहेश्वरी, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण और अन्य न्यायाधीशगणों और विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत … Read more

ट्रंप ने दिया बड़ा बयान, क्रिप्टो मार्केट में मचा तांडव, बिटकॉइन की कीमतें टूटीं

वाशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि अमेरिका आने वाले हफ्तों में चीन से आने वाले सभी ‘महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर’ पर 100% नया टैरिफ (कर) लगाएगा. ट्रंप के इस बयान के बाद क्रिप्टोकरेंसी और अमेरिकी शेयर बाजार में हाहाकार मच गया. बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम समेत अमेरिका में टेस्ला और अमेजन जैसी कंपनियों के शेयर गिर गए. ट्रंप ने यह फैसला तब लिया है जब चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स पर नए एक्सपोर्ट नियंत्रण लगाने का ऐलान किया. ये खनिज मोबाइल, कंप्यूटर चिप्स, बैटरी और सोलर पैनल जैसे टेक प्रोडक्ट्स बनाने में जरूरी होते हैं. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘1 नवंबर 2025 से (या उससे पहले अगर चीन कोई और कदम उठाता है) अमेरिका चीन पर 100% टैरिफ लगाएगा, जो मौजूदा करों से ऊपर होगा. उसी दिन से सभी क्रिटिकल सॉफ्टवेयर पर एक्सपोर्ट कंट्रोल भी लगाए जाएंगे.’ ट्रंप ने कहा कि यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि चीन ‘लगभग हर उत्पाद’ पर बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लागू करने की योजना बना रहा है. उन्होंने इसे ‘अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक खतरनाक मिसाल’ बताया. अभी अमेरिका चीन के उत्पादों पर 30% टैरिफ लगाता है. ट्रंप की नई घोषणा के बाद यह दर कुल मिलाकर 130% हो जाएगी. क्रिप्टो बाजार में झटका     ट्रंप के ऐलान के तुरंत बाद बिटकॉइन और इथेरियम जैसी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के दाम गिर गए.     बिटकॉइन 10% से ज्यादा गिरकर $1,10,000 के नीचे चला गया, बाद में हल्का सुधार होकर $1,13,096 पर पहुंचा.     इथेरियम 11.2% टूटकर $3,878 पर आ गया.     BNB, Solana और XRP जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भी 14% से 18% तक गिरावट दर्ज की गई.     विश्लेषकों का कहना है कि ट्रेड वार (Trade War) के डर से निवेशकों ने जोखिम भरे निवेश, जैसे क्रिप्टो और टेक स्टॉक्स, से पैसा निकालना शुरू कर दिया है. वॉल स्ट्रीट में भी गिरावट ट्रंप के बयानों का असर अमेरिकी शेयर बाजारों पर भी दिखा. S&P 500 इंडेक्स 2.71% गिर गया. यह अप्रैल के बाद का सबसे बड़ा नुकसान. वहीं Nasdaq 3.56% टूटा. डाउ जोन्स में भी करीब 1.9% की गिरावट आई. लंदन के FTSE 100 में भी 0.9% की गिरावट दर्ज की गई क्योंकि दुनिया भर के निवेशकों को वैश्विक मंदी की चिंता सता रही है. क्या फिर शुरू होगा ट्रेड वॉर? ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच पहले इस महीने दक्षिण कोरिया में मुलाकात तय थी, लेकिन ट्रंप ने कहा कि अब इसकी कोई जरूरत नहीं है. चीन ने भी जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी झंडे वाले जहाजों पर अतिरिक्त पोर्ट शुल्क लगाने का ऐलान किया है. अब मंगलवार से चीन पहुंचने वाले अमेरिकी जहाजों से $56.13 प्रति टन और अमेरिका पहुंचने वाले चीनी जहाजों से $80 प्रति टन शुल्क लिया जाएगा.  

सीएम योगी ने सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ परिसर में आयोजित प्रबुद्धजन संवाद संगम कार्यक्रम में लिया भाग

लोकमंगल और राष्ट्रीय एकता के साथ ही अध्यात्म का केंद्र है सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ- मुख्यमंत्री राम मंदिर के निर्माण से भारत की आध्यात्मिक अस्मिता को मिली नई ऊंचाई, साकार हुआ सनातन संकल्प- सीएम योगी गाजीपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की पहचान उसकी आध्यात्मिक चेतना में है और जब तक भारत का नागरिक अपनी आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता के भाव से कार्य करेगा, तब तक देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने से कोई नहीं रोक सकता। सीएम योगी शनिवार को गाजीपुर स्थित सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ परिसर में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता विषयक प्रबुद्धजन संवाद संगम’ में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें भगवती मां परम्बा बुढ़िया देवी के दर्शन और 900 वर्ष पुरानी संन्यासी परंपरा के इस सिद्ध पीठ में पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज के सानिध्य में उपस्थित होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि यह पीठ न केवल अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि लोकमंगल और राष्ट्रीय एकता का भी सशक्त माध्यम है। राम मंदिर से भारत की आध्यात्मिक अस्मिता को मिली नई ऊँचाई- सीएम योगी मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर निर्माण केवल एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब करोड़ों रामभक्तों ने संकल्प लिया था ‘राम लला हम आएँगे, मंदिर वहीं बनाएँगे’, तब लोगों ने इसे असंभव माना था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पूज्य संतों के आशीर्वाद से यह संकल्प अब साकार है। सीएम योगी ने कहा कि 2020 में राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने से लेकर 2024 में भगवान श्रीराम के अपने गर्भगृह में विराजमान होने तक की यात्रा भारत की आस्था, एकता और संकल्प शक्ति की मिसाल है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में चारों द्वारों का नाम चार प्रमुख आचार्यों  शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य और माधवाचार्य के नाम पर रखा गया है। दक्षिण से उत्तर तक, भारत एक ही आध्यात्मिक सूत्र में बंधा है- सीएम योगी सीएम ने रामायण की कथाओं से प्रेरणा लेते हुए अयोध्या के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को महर्षि वाल्मीकि के नाम, राम मंदिर परिसर में सप्त ऋषियों व तुलसीदास की प्रतिमाएं, गिद्धराज जटायु की मूर्ति और निषादराज के नाम पर रैन बसेरा बनाने का भी उल्लेख किया। वनवास के दौरान सबसे पहले सहयोग करने वाले निषादराज को सम्मान मिला है। मतंग ऋषि की शिष्या शबरी ने राम भक्ति के लिए जीवन समर्पित किया, जिनके नाम पर भोजनालय बन रहे हैं। ऋषि परंपरा की भविष्यवाणी से प्रेरित होकर हम गाजीपुर मेडिकल कॉलेज को विश्वामित्र के नाम पर समर्पित किया है। यह भारत की एकता में विविधता की झलक है। यह दिखाता है कि दक्षिण से उत्तर तक, भारत एक ही आध्यात्मिक सूत्र में बंधा है। मठ-मंदिर ही राष्ट्र की आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र- मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे मठ और मंदिर केवल उपासना के स्थान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता के आधार स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि जब समाज में जाति या संप्रदाय के नाम पर वैमनस्य फैलाने की कोशिश होती है, तब यही मठ और संत समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। इतिहास उठाकर के देखिए कि जब भी हम बंटे थे तो कटे थे, और जब एक थे तो नेक थे। सीएम योगी ने मंच से वीर अब्दुल हमीद और महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पांडेय के परिवारों का सम्मान करते हुए कहा कि गाजीपुर की धरती ने देश को असंख्य वीर सपूत दिए हैं। गहमर गांव देश का सबसे बड़ा सैनिक ग्राम है यह इस जनपद का गौरव है। डबल इंजन सरकार ने जो कहा है, वही किया है- सीएम योगी सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने जो कहा है, वही किया है और जो कहा है, उतना ही बोला है। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के प्रसार, धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और गाजीपुर को पर्यटन व अध्यात्म केंद्र के रूप में विकसित करने की योजनाएं तेजी से प्रगति पर हैं। संतों की साधना भूमि पर विकास कार्यों का उद्देश्य केवल भौतिक नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान भी है। सीएम योगी ने कहा कि सरकार की नीति ‘परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्’ के सूत्र पर आधारित है। सज्जनों का संरक्षण और दुष्ट प्रवृत्तियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस ही सरकार का धर्म है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत तभी सशक्त बनेगा, जब हर नागरिक अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत रखे और भौतिक प्रगति को उसी आधार पर जोड़े। उन्होंने कहा कि आस्था और विकास का संगम ही नया भारत बनाएगा। हमारी परंपरा हमें केवल भक्ति नहीं, बल्कि कर्म और राष्ट्रधर्म की शिक्षा देती है। सीएम योगी परमपूज्य ब्रह्मलीन श्री महंथ रामाश्रय दास जी की प्रतिमा का किया अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गाजीपुर के श्री मंहत रामाश्रय दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भुड़कुड़ा में पहुँचकर परमपूज्य ब्रह्मलीन श्री महंथ रामाश्रय दास जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया और विद्यार्थियों से राष्ट्र एवं संस्कृति के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया।

कफ सिरप की बिक्री पर बैन, बच्चों की मौत से दहशत में मेडिकल स्टोर वाले

इंदौर  शहर में जेनेरिक कफ सिरप की बिक्री में भारी गिरावट आई है। बच्चों की मौत की खबरों के बाद लोगों ने इन दवाओं से दूरी बना ली है। इस वजह से कई आम कफ सिरप की मांग लगभग खत्म हो गई है। इंदौर केमिस्ट एसोसिएशन के मुताबिक, जेनेरिक कफ सिरप की मांग बहुत कम हो गई है। वहीं, मौसमी सर्दी-खांसी के कारण ब्रांडेड कफ सिरप की बिक्री में थोड़ी कमी आई है। कई माता-पिता अब दवाइयों की जगह घरेलू नुस्खे अपना रहे हैं। बोतलों पर लग रही वार्निंग राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने इन दवाओं पर एक खास चेतावनी लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस चेतावनी में लिखा है, 'चार साल से कम उम्र के बच्चों को न दें।' FDA ने 4 अक्टूबर को एक पत्र जारी कर यह भी कहा है कि इन दवाओं को डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं बेचा जा सकता। माल वापस कर रहे दुकानदार दवा बाजार के एक थोक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'छोटे दुकानदार कम मांग के कारण बिना बिका माल वापस कर रहे हैं। डॉक्टर भी जब तक बहुत जरूरी न हो, कफ सिरप नहीं लिख रहे हैं।' बिना पर्चे के नहीं मिल रही कफ सिरप केमिस्ट भी डॉक्टर के पर्चे के बिना कोई भी कफ सिरप नहीं बेच रहे हैं। अशोकनगर केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव शरद गुप्ता ने कहा, 'हमने FDA के निर्देशों के अनुसार क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फेनिलेफ्रिन हाइड्रोक्लोराइड वाले सभी सिरप पैक कर दिए हैं और अपने वितरकों को वापस भेज रहे हैं।'  

मिशन शक्ति 5.0 : शक्ति संवाद कार्यक्रम से बालिकाओं और महिलाओं की आवाज़ को मंच दे रही योगी सरकार

 संवाद के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं और बालिकाओं ने रखी अपनी बातें  विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से 14.70 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा मिशन शक्ति का संदेश लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत शनिवार को पूरे प्रदेश में एक विशेष पहल “शक्ति संवाद – बालिकाओं और महिलाओं की आवाज़ को मंच” के रूप में आयोजित की गई। यह कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह की थीम पर आधारित रहा। सप्ताह के समापन के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेशभर में 2,000 से अधिक लाभार्थियों से सीधा संवाद किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से योगी सरकार यह साबित करने में कामयाब रही कि यदि शासन और समाज एक साथ काम करें, तो हर महिला और बालिका के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। मिशन शक्ति की इस नई पहल ने उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। महिला एंव बाल विकास विभाग ने महिलाओं और बालिकाओं की वास्तविक जरूरतें, चुनौतियां और अनुभव सीधे प्रशासन तक पहुंचाने और शासन योजनाओं का लाभ अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता के साथ उपलब्ध कराने के लिए इस कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में आयोजित किया। इस मौके पर जनपदों में जिलाधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और विभागीय प्रतिनिधि स्वयं लाभार्थियों से जुड़े। संवाद श्रृंखला में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड एवं सामान्य), पति की मृत्यु उपरांत महिला पेंशन योजना सहित कई प्रमुख योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं और बालिकाओं ने अपनी बातें रखीं। बालिकाओं ने बताया कि योजनाओं के माध्यम से उन्हें न केवल आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना भी विकसित हुई। वहीं अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि लाभार्थियों की समस्याओं का समयबद्ध और संवेदनशील समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान “शक्ति संवाद” ने शासन और समाज के बीच एक मजबूत साझेदारी के पुल के रूप में काम किया। लाभार्थियों ने कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत मिले अवसरों ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब वे स्वयं और अपने परिवारों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि शक्ति संवाद केवल योजनाओं की जानकारी या समीक्षा का मंच नहीं है, बल्कि यह उन बालिकाओं और महिलाओं की आवाज़ को सम्मान देने का प्रयास है, जो चुनौतियों के बावजूद आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर हैं। मिशन शक्ति के अंतर्गत हमारी प्राथमिकता है कि हर लाभार्थी तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित किया जाए।” 14.70 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा मिशन शक्ति का संदेश विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 22 सितम्बर से 11 अक्टूबर 2025 के बीच मिशन शक्ति के पांचवें चरण में कुल 14.70 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं सभी शामिल रहे। इस दौरान विभिन्न जनपदों में शक्ति संवाद, कार्यशालाएं, संवाद श्रृंखलाएं और जागरूकता अभियान के माध्यम से समाज में महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का संदेश दिया गया।

तीन और दो लोगों ने मिलकर दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा पर किया हमला, मां ने बताया दर्दनाक सच

दुर्गापुर  पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। घटना शुक्रवार रात की है, जब सेकंड ईयर की स्टूडेंट अपने कॉलेज कैंपस के बाहर दोस्त के साथ खाना खाने गई थी। पुलिस के अनुसार, शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है। आसनसोल-दुर्गापुर शहर पुलिस के अधिकारी ने बताया, 'हमें घटना को लेकर शिकायत मिली थी। जांच शुरू हो चुकी है और हमारी टीमें तैनात हैं। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।' पीड़ित छात्रा मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली है। उसने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ कैंपस के बाहर खाना खाने गई थी, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उन्हें रोका। उसने आरोप लगाया कि उसका दोस्त मौके से भाग गया, जिसके बाद उन लोगों ने उसे जबरदस्ती पास के जंगल में ले जाकर रेप किया। छात्रा की मां ने मीडिया को बताया, 'मेरी बेटी अपने दोस्त के कहने पर खाना खाने गई थी। तीन लोग उनका पीछा करने लगे। उसका दोस्त उसे छोड़कर भाग गया। मेरी बेटी भी भागी, लेकिन वह अपने दोस्त को नहीं ढूंढ सकी।' कुछ संदिग्ध हिरासत में छात्रा की मां ने आगे बताया, 'तीन लोगों ने मेरी बेटी को अकेला पाकर पास के जंगल क्षेत्र में ले गए। वहां दो और लोग उनके साथ शामिल हो गए। उनमें से एक ने अपराध को अंजाम दिया और उसका मोबाइल भी छीन लिया। उसे धमकी दी गई कि अगर उसने शोर मचाया तो उसे जान से मार दिया जाएगा।' इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और छात्रा के परिवार ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। अधिकारी ने बताया, 'हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। रास्ते और आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।'

भोजपुरी पावरस्टार पवन सिंह ने चुनावी मैदान से दिया किनारा, पारिवारिक विवाद बना कारण

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह को लेकर चल रही राजनीतिक अटकलों पर अब उन्होंने खुद विराम लगा दिया है. पवन सिंह ने अपने भोजपुरी समाज को स्पष्ट कर दिया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए पार्टी नहीं जॉइन किया था. अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्होंने खुद को पार्टी (बीजेपी) का सच्चा सिपाही बताया. पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर किया ऐलान पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोटो पोस्ट कर लिखा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और ना ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा.” अमित शाह और जेपी नड्डा से की थी मुलाकात बता दें कि पवन सिंह ने बीते दिनों बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और ऋतुराज सिन्हा के साथ उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी. उसके बाद उन्होंने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की. जिसके बाद राजनीति गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि पवन सिंह आरा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन अब उनके खुद के पोस्ट ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया है. पत्नी ज्योति सिंह के साथ विवाद सुर्खियों में इसी बीच, पवन सिंह का अपनी पत्नी ज्योति सिंह के साथ विवाद लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. उनका यह निजी और कानूनी टकराव पिछले काफी समय से चर्चा में है. हाल ही में ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि, चुनावी मोर्चे पर पवन सिंह ने खुद को पूरी तरह से निष्क्रिय रखते हुए अपने राजनीतिक इरादों को साफ कर दिया है. 

इतिहास रचने वाली पहल: पंजाब सरकार ने शुरू की नई Policy, जानें पूरा विवरण

पंजाब  पंजाब सरकार लगातार नागरिकों की भलाई और कल्याण के लिए नई पहलें कर रही है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब में स्टेट मेंटल हेल्थ पॉलिसी की शुरुआत की गई है। यह घोषणा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर की। इस पहल को मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और मानसिक विकारों, विशेषकर डिप्रेशन, से निपटने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। नई नीति का मुख्य उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है। डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इस नीति के माध्यम से पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने का अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें नागरिकों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि अक्सर मानसिक रूप से प्रभावित व्यक्ति अपनी समस्याओं को अकेले झेलते हैं, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शामिल किया जाएगा, ताकि जरूरतमंदों को तुरंत और प्रभावी इलाज मिल सके।