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मुख्यमंत्री साय बोले – बस्तर में नए विश्वास और विकास की सुबह — माओवादी कैडर की मुख्यधारा में वापसी

रायपुर आज का दिन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। वर्षों तक हिंसा और भय की छाया में जी रहे 210 माओवादी कैडरों ने आज “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” कार्यक्रम के अंतर्गत बंदूक छोड़कर संविधान को अपनाने का निर्णय लिया है। यह छत्तीसगढ़ में शांति, विश्वास और विकास के नए युग का शुभारंभ है। मुख्यमंत्रीविष्णुदेव साय ने आज जगदलपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जो युवा कभी माओवाद की झूठी विचारधारा के जाल में उलझे हुए थे, वे आज लोकतंत्र की शक्ति, संविधान के आदर्शों और राज्य सरकार की संवेदनशील नीतियों पर विश्वास जताते हुए समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुल 210 आत्मसमर्पित माओवादी कैडरों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य, एक रीजनल कमेटी सदस्य, 22 डिविजनल कमेटी सदस्य, 61 एरिया कमेटी सदस्य और 98 पार्टी सदस्य शामिल हैं। इन पर कुल 9 करोड़ 18 लाख रुपये का इनाम घोषित था। समारोह में 210 माओवादी कैडरों ने कुल 153 हथियार समर्पित किए, जिनमें 19 AK-47, 17 SLR, 23 INSAS राइफलें, एक INSAS LMG, 36 .303 राइफलें, 4 कार्बाइन, 11 BGL लॉन्चर, 41 शॉटगन और एक पिस्तौल शामिल हैं। मुख्यमंत्रीसाय ने इस अवसर को अपने जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोषजनक क्षणों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने बंदूकें नीचे रखकर संविधान को थामा, उन्होंने छत्तीसगढ़ के भविष्य में शांति और एकता के बीज बोए हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है, भय और हिंसा से नहीं। राज्य सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025”, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी पहल आज न केवल बस्तर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में बदलाव की ठोस आधारशिला सिद्ध हो रही हैं। इन योजनाओं ने बंदूक और बारूद की जगह संवाद, संवेदना और विकास को स्थापित किया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभूतपूर्व आत्मसमर्पण केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। पुलिस, सुरक्षा बल, स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठन और नागरिक समाज — सभी ने मिलकर जिस समन्वित और निरंतर प्रयास से यह परिवर्तन संभव किया, वह बस्तर के इतिहास में मील का पत्थर है। मुख्यमंत्रीसाय ने कहा कि यह दृश्य न केवल बस्तर बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा है — कि यदि नीयत साफ हो और नीतियाँ जनसंबंधी हों, तो हिंसा का अंत और शांति की शुरुआत संभव है।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सामूहिक आत्मसमर्पण बस्तर में नक्सल उन्मूलन अभियान के इतिहास की सबसे बड़ी सफलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आत्मसमर्पण हिंसा की जड़ को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम है। “अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर, जहाँ कभी भय का शासन था, वहाँ आज विश्वास का शासन है। जो कल जंगलों में छिपे थे, आज वे समाज के निर्माण में सहभागी बन रहे हैं,”।  मुख्यमंत्रीसाय ने कहा कि डबल इंजन सरकार की यह दृढ़ प्रतिज्ञा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा — “प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्रीअमित शाह जी के नेतृत्व में हम इस लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। बस्तर का यह परिवर्तन उसी संकल्प का प्रमाण है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पित कैडरों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वरोजगार, प्रशिक्षण, आवास, शिक्षा और आजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें और समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आत्मसमर्पण “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” के उस मूल भाव का विस्तार है, जो यह संदेश देता है कि परिवर्तन का मार्ग हिंसा नहीं, बल्कि विश्वास है। यह कार्यक्रम अब पूरे बस्तर क्षेत्र में पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका सुधार की दिशा में नई ऊर्जा लेकर आएगा। मुख्यमंत्रीसाय ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना यह सिद्ध करती है कि जब सरकार की नीतियाँ संवेदनशील और जनकेंद्रित होती हैं, तब सबसे कठिन समस्याएँ भी सुलझाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा — “हमारा लक्ष्य केवल नक्सलवाद का अंत नहीं, बल्कि एक नए बस्तर का निर्माण है — जहाँ हर घर में विश्वास और हर मन में विकास का उजाला हो।” मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की जनता, जनप्रतिनिधियों, मीडिया, सुरक्षा बलों और नागरिक समाज को इस परिवर्तन के सहयोगी बनने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि शांति, विकास और समृद्धि की यह यात्रा तभी स्थायी होगी जब समाज का प्रत्येक वर्ग इस परिवर्तन की भावना को आत्मसात करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तर को नए उद्योग, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और कनेक्टिविटी के माध्यम से आत्मनिर्भर क्षेत्र में परिवर्तित करेगी। जंगलों की हरियाली के साथ यहाँ के युवाओं के जीवन में भी उजाला फैलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के इतिहास में यह वह क्षण है, जब “बंदूक की गूंज” की जगह “विकास की गूंज” सुनाई दे रही है। यह उस बस्तर का पुनर्जन्म है, जहाँ अब भय नहीं, विश्वास और बंधुत्व का शासन होगा। अंत में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा — “यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि आत्मजागरण की यात्रा है। यह छत्तीसगढ़ की नई पहचान है — शांति, विश्वास और विकास की। आने वाले समय में बस्तर न केवल नक्सल मुक्त होगा, बल्कि देश के लिए शांति और परिवर्तन का मॉडल बनेगा।   इस अवसर पर उपमुख्यमंत्रीद्वयअरुण साव औरविजय शर्मा, सांसदमहेश कश्यप, जगदलपुर विधायककिरण सिंह देव, पुलिस महानिदेशकअरुणदेव गौतम, एडीजी सीआरपीएफअमित कुमार, एडीजी बीएसएफनामग्याल, एडीजी (एएनओ)विवेकानंद झा, बस्तर रेंज के आईजीसुंदरराज पी, बस्तर के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए विराट ने अपने भाई के नाम किया 80 करोड़ का बंगला

गुरुग्राम भारतीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली ने गुरुग्राम स्थित अपने भव्य बंगले की जिम्मेदारी अपने बड़े भाई विकास कोहली को सौंप दी है। जानकारी के मुताबिक, कोहली ने अपने भाई विकास को जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA) प्रदान की है, जिसके तहत वे इस संपत्ति से जुड़े सभी कानूनी, प्रशासनिक और वित्तीय निर्णय ले सकेंगे। यह आलीशान बंगला गुरुग्राम के पॉश इलाके DLF सिटी फेज-1 में स्थित है और इसकी अनुमानित कीमत लगभग 80 करोड़ रुपये बताई जा रही है। लंदन में रह रहे हैं विराट, संपत्ति प्रबंधन के लिए उठाया कदम सूत्रों की मानें तो विराट कोहली इस समय अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और दो बच्चों के साथ लंदन में रह रहे हैं। भारत में मौजूद संपत्तियों की देखरेख और उससे जुड़ी कानूनी प्रक्रियाओं को आसानी से संचालित करने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है। पावर ऑफ अटॉर्नी के तहत उनके भाई विकास कोहली अब इस संपत्ति के रखरखाव, उपयोग, और आवश्यकता पड़ने पर लेन-देन जैसे अधिकार भी संभाल सकेंगे। व्यावहारिकता के आधार पर लिया गया फैसला कोहली परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि यह कदम पूरी तरह व्यावहारिक सोच के तहत उठाया गया है ताकि विराट को विदेश में रहते हुए भारत में अपनी संपत्तियों से जुड़े मामलों में किसी प्रकार की परेशानी न हो। पावर ऑफ अटॉर्नी मिलने के बाद अब विकास कोहली स्थानीय स्तर पर किसी भी आवश्यक प्रक्रिया को निर्बाध रूप से पूरा कर सकेंगे। प्रॉपर्टी से जुड़ी जिम्मेदारियों में होगा सहूलियत पावर ऑफ अटॉर्नी के तहत विकास कोहली को अब बंगले की मरम्मत, किराये पर देना, किसी प्रकार का कर भुगतान या भविष्य में संभावित खरीद-फरोख्त जैसे मामलों में पूर्ण अधिकृत अधिकार प्राप्त हैं।

बिहान की दीदियों ने तैयार किए संगिनी ब्रांड के आकर्षक गिफ्ट हैम्पर

 ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में सराहनीय कदम, सक्ती प्रशासन का सतत सहयोग रायपुर, दीपावली जैसे प्रमुख त्यौहार के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत कार्यरत जिला सक्ती की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई मिसाल पेश की है। ग्राम पलाड़ीखुर्द की राधा कृष्ण स्व-सहायता समूह की सदस्याएं अपने “संगिनी” ब्रांड के अंतर्गत आकर्षक गिफ्ट हैम्पर तैयार कर रही हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के सुगंधित एवं डिज़ाइनर मोम उत्पाद शामिल हैं। महिलाओं की सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल यह अभिनव पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जिला प्रशासन सक्ती द्वारा दीदियों को उत्पाद निर्माण, पैकेजिंग और विपणन के लिए निरंतर सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।  समूह की सदस्य श्रीमती पुष्पा दीदी ने बताया कि समूह द्वारा त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए राखी, रंगोली, आचार, गुलाल, तथा मोम उत्पाद जैसे विविध वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से हमें न केवल आर्थिक लाभ मिला है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है। समूह को 2 लाख रुपये तक की आय पुष्पा दीदी ने आगे बताया कि समूह की दीदियों ने पूर्व में आर-सेटी (त्ैम्ज्प्) से डिज़ाइनर कैंडल बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इसके बाद यूट्यूब वीडियो के माध्यम से गिफ्ट हैम्पर तैयार करने का विचार आया। इस समय जिले की विभिन्न इंडस्ट्रीज और संस्थानों से गिफ्ट हैम्पर के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, जिनकी आपूर्ति दीदियों द्वारा समय पर और आकर्षक पैकेजिंग में की जा रही है।  इस पहल से समूह को लगभग 1 लाख 50 हजार  से 2 लाख रुपये तक का व्यवसाय प्राप्त होने की संभावना है। इन्हें अभी तक लगभग 60 हज़ार रुपए के गिफ्ट हैंपर के ऑर्डर मिल चुके हैं । यह प्रयास ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें स्थायी आजीविका और उद्यमिता के नए अवसर प्रदान कर रहा है। बिहान मिशन के तहत संचालित यह पहल महिलाओं की सृजनशीलता, परिश्रम और नवाचार की उत्कृष्ट मिसाल है, जो अन्य समूहों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

संसद में जोरदार विवाद: निशिकांत दुबे ने राजीव गांधी को बताया स्वीडिश सैन्य कंपनी का एजेंट

नई दिल्ली भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज साझा किया और दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी स्वीडिश सैन्य कंपनी के एजेंट थे। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि 1970 में हथियारों की खरीद में राजीव गांधी भी दलाली में शामिल थे। निशिकांत दुबे का राजीव गांधी पर यह आरोप ऐसे समय सामने आया है, जब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशिकांत दुबे पर हमला बोला है। सुप्रिया श्रीनेत ने निशिकांत दुबे की पत्नी की संपत्ति में आए जबरदस्त उछाल पर सवाल खड़े किए। गुरुवार को कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उनकी उनके चुनावी हलफनामे के खिलाफ लोकपाल से हुई शिकायत का हवाला दिया। कांग्रेस के निशाने पर आए निशिकांत दुबे शिकायत में दावा किया गया है कि निशिकांत दुबे की पत्नी की संपत्ति साल 2009 में 50 लाख रुपये थी, जो साल 2024 में बढ़कर 32 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि भाजपा सांसद की संपत्ति में कोई खास परिवर्तन नहीं आया है। कांग्रेस नेता के अनुसार, लोकपाल ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाया कि भाजपा सांसद की आय नहीं बढ़ी है, लेकिन उनकी कुल संपत्ति में इजाफा हुआ है। ऐसे में ये पैसा कहां से आया? चुनावी हलफनामे पर कांग्रेस ने उठाए सवाल निशिकांत दुबे के साल 2024 में दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी पत्नी के पास कुल 28.94 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। वहीं उनके पास 6.48 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी है। सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद के हलफनामे में बताया गया है कि उन पर 1.2 करोड़ रुपये का कर्ज है, लेकिन कथित कर्जदाता अभिषेक झा का दावा है कि उसने दुबे की पत्नी को कोई कर्ज नहीं दिया। कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा सांसद से स्पष्टीकरण मांगा है। 

झारखंड CM हेमंत का विपक्ष को करारा संदेश: घाटशिला में दी सीधी चुनौती

घाटशिला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन के नामांकन में शामिल हुए। नामांकन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घाटशिला के सर्कस मैदान में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान हेमंत सोरेन ने दिवंगत रामदास सोरेन को याद भी किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की जनता से आह्वान किया है कि इस बार वे ऐसा वोट करें कि विरोधी दल का जमानत जब्त हो जाए। उनका खाता भी खुलने नहीं पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी मिल रही है कि घाटशिला में विभिन्न राज्यों से आए एक दर्जन मुख्यमंत्री डेरा डाले हुए हैं, लेकिन वे दो दर्जन भी मुख्यमंत्री लाएं, झारखंड का यह मुख्यमंत्री उन पर भारी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग आग का गोला छोड़ने वाले हैं, लेकिन वह गोले का छक्का छुड़ाने के लिए तैयार हैं। ऐसा छक्का छुड़ाएंगे कि जहां से गोला आएगा, वहां से भी दूर चला जाएगा। इस बार ध्यान देना है, वोट नहीं बंटने देना है मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या संयोग था कि गुरुजी के निधन के कुछ ही दिनों बाद रामदास दा भी उनके साथ चले गए। दोनों का निधन दिल्ली में हुआ। कहीं न कहीं कोई ताकत थी जिसने ऐसी परिस्थिति पैदा की। हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली बार घाटशिला की जनता ने झामुमो प्रत्याशी रामदास सोरेन को रिकार्ड मतों से विजयी दिलाई थी। 22 हजार मतों से उन्हें जिताया था। इस बार ध्यान देना है, वोट नहीं बंटने देना है।

PF नियमों पर ओवैसी की तीखी आलोचना, EPFO ने दिया जवाब

नई दिल्ली EPFO के नए नियमों पर असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए और कई तरह के सवाल उठाने लगे। ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, "बेरोज़गारी में सरकार का “बचत उत्सव”: पहले बेरोज़गारी के 1-2 महीने में आप पूरा पीएफ निकाल सकते थे। अब सरकार की “दया” से अपने ही पैसे निकालने के लिए 1–3 साल तक इंतज़ार करना होगा। PF का 25% जबरदस्ती 1 साल तक लॉक। मतलब बेरोज़गारी में आपको एक साल का इंतज़ार करना होगा और तब भी आप अपना पैसा पूरा नहीं निकाल सकते।" ओवैसी ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, "EPFO वैसे भी आपके पैसों का मालिक बना हुआ है: ₹54,658 करोड़ पीएफ “अनक्लेम्ड” पड़ा है। 25–35% पीएफ निकासी आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं।" ओवैसी के इस ट्वीट पर EPFO ने जवाब भी दिया। EPFO ने बताया कि, नौकरी छूटने पर EPF निकालने के लिए 2 महीने की जगह 12 महीने क्यो किया गया? EPFO ने अपने पोस्ट में लिखा, "नौकरी छूटने के तुरंत बाद लाभार्थी 75% अमाउंट तुरंत निकाल सकता हैं। ⁠12 महीने तक बेरोजगार रहने पे बाकी 25% राशि भी निकाल सकता हैं। 2 महीने में पूर्ण राशि निकालने से 3 महीने के बाद दूसरी नौकरी लग जाने से सर्विस continuous नहीं मानी जाती हैं और वे पेंशन पात्र नहीं होते। क्योंकि पेंशन के लिए 10 वर्ष continuous नौकरी जरूरी है। इन Reforms से EPFO के लाभार्थी को पेंशन हेतु पात्र बनाने में सुविधा होगी।"  

यात्रा होगी आसान, स्पेशल ट्रेनें कल से शुरू, जानें टाइम टेबल

 सिरोही रेलवे प्रशासन द्वारा आगामी त्योहारों पर अतिरिक्त यात्री भार को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए भिवानी-अजमेर-भिवानी अनारक्षित स्पेशल, उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी और मैसूरू-जयपुर-मैसूरू स्पेशल रेलसेवाओं का संचालन किया जाएगा। इन ट्रेनों से यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकेगी। उत्तर पश्चिम रेलवे अजमेर मंडल के पीआरओ अशोक चौहान ने बताया कि यह ट्रेनें 18 से 28 अक्तूबर 2025 तक चलेंगी। इसकी समय सारणी निम्नानुसार है। गाड़ी संख्या 04733, भिवानी-अजमेर अनारक्षित स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25, 19.10.25, 22.10.25, 23.10.25, 24.10.25 व 25.10.25 को (06 ट्रिप) भिवानी से 08.20 बजे रवाना होकर 16.55 बजे अजमेर पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 04734, अजमेर-भिवानी अनारक्षित स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25, 19.10.25, 22.10.25, 23.10.25, 24.10.25 व 25.10.25 को (06 ट्रिप) अजमेर से 17.30 बजे रवाना होकर रात्रि 02.40 बजे भिवानी पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग मेें चरखी दादरी, झाडली, कोसली, जाटूसाना,  रेवाडी, अटेली, नारनौल, डाबला, नीमकाथाना, कावंट, श्रीमाधोपुर, रींगस, रेनवाल, फुलेरा, नरेना व किशनगढ़ स्टेशनों पर ठहराव करेंगी। इस रेलसेवा में 10 साधारण श्रेणी व 02 गार्ड डिब्बों सहित कुल 12 डिब्बे होंगे। गाड़ी संख्या 09601, उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25 व 26.10.25 को (02 ट्रिप) उदयपुर सिटी से 10.30 बजे रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर 19.15 बजे आगमन और 19.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन दिल्ली सराय 02.20 बजे पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09602, दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी स्पेशल रेलसेवा दिनांक 19.10.25 व 27.10.25 को (02 ट्रिप) दिल्ली सराय से 05.00 बजे रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर 11.30 बजे आगमन व 11.40 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 21.20 बजे उदयपुर सिटी पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग में राणाप्रतापनगर, मावली, फतेहनगर, कपासन, चंदेरिया, गंगरार, भीलवाड़ा, मांडल, बिजयनगर, नसीराबाद, अजमेर, किशनगढ़, नरेना, फुलेरा, आसलपुर जोबनेर, कनकपुरा, जयपुर, गांधीनगर जयपुर, गैटोर जगतपुरा, खातीपुरा, बस्सी, दौसा, बांदीकुई, राजगढ़, मालाखेड़ा, अलवर, खैरथल, रेवाड़ी, गुड़गॉव और दिल्ली कैंट स्टेशनों पर ठहराव करेगी। इस रेलसेवा में 02 थर्ड एसी, 08 द्वितीय शयनयान, 04 साधारण श्रेणी और 02 गार्ड डिब्बों सहित कुल 16 डिब्बे होंगे। गाडी संख्या 06231, मैसूरू-जयपुर स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25 एवं 25.10.25 को (02 ट्रिप) मैसूरू से शनिवार को 23.55 बजे रवाना होकर सोमवार 18.40 बजे जयपुर पहुॅचेगी। इसी प्रकार गाडी संख्या 06232, जयपुर-मैसूरू स्पेशल रेलसेवा दिनांक 21.10.25 व 28.10.25 को (02 ट्रिप) जयपुर से मंगलवार को 04.00 बजे रवाना होकर गुरूवार को 03.30 बजे मैसूरू पहुॅचेगी। इस रेलसेवा में 02 सैकण्ड एसी, 12 थर्ड एसी, 02 द्वितीय शयनयान व 02 पॉवर गार्ड डिब्बो सहित कुल 18 डिब्बे होंगे।

प्रीति ज़िंटा बनीं स्व डायमंड्स की ब्रांड एंबेसडर

मुंबई,  बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा को स्व डायमंड्स का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। जानी-मानी बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा अब स्व डायमंड्स के साथ मिलकर भारत और संयुक्त अरब अमीरात में ब्रांड की उपस्थिति को और मजबूत करेंगी। स्व डायमंड्स की ब्रांड एंबेस्डर बनीं प्रीति ज़िंटा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे स्व डायमंड्स के साथ जुड़कर बेहद खुशी हो रही है। यह एक ऐसा ब्रांड है, जो वास्तविकता, शालीनता और सदाबहार खूबसूरती का पर्याय है। मेरे लिए ज्वेलरी हमेशा से ही जीवन के सच्चे पलों को जीने का ज़रिया रही है, और स्व का 'एज़ रियल एज़ यू' कैंपेन यही बात दिल से महसूस कराता है। मैं मानती हूँ कि हर महिला उस ज्वेलरी की हकदार है, जो उसकी आत्मविश्वास से परिपूर्ण, सधी हुई और मजबूत व्यक्तिगत एवं वास्तविक पहचान दर्शाए।" स्व डायमंड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, अब्दुल गफूर अनादियान ने कहा, "भारत में ज्वेलरी सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि भावनाओं को व्यक्त करने और जीवन के खास लम्हों को जीने का तरीका भी है। इसी सोच के साथ, स्व डायमंड्स में हम सिर्फ आईजीआई, जीआईए सर्टिफाइड नेचुरल डायमंड्स की पेशकश करते हैं, जिनकी वीवीएस क्लैरिटी और ईएफ कलर हमारे ग्राहकों के भरोसे और सच्चे प्यार के प्रतीक हैं। हमारा नया कैंपेन 'एज़ रियल एज़ यू' इसी वास्तविकता को दर्शाता है, क्योंकि हर भावना उतनी ही सच्ची होती है, जितनी कि आपकी मुस्कान।"  

बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक दिन, बंदूक छोड़ संविधान अपनाने वालों का स्वागत : मुख्यमंत्री साय

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो युवा कभी माओवाद के झूठे विचारधारा के जाल में फंसे थे, उन्होंने आज संविधान, लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज का दिन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जिन युवाओं ने वर्षों तक अंधेरी राहों पर भटककर हिंसा का मार्ग चुना, उन्होंने आज अपने कंधों से बंदूक उतारकर संविधान को थामा है। यह न केवल आत्मसमर्पण का क्षण है, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और नये जीवन की शुरुआत है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में बंदूकें छोड़कर सुशासन पर विश्वास जताने वाले इन युवाओं से मेरी मुलाकात मेरे जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोष देने वाले पलों में से एक रही। यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी योजनाएँ विश्वास और परिवर्तन का आह्वान हैं। इन्हीं नीतियों के प्रभाव से नक्सल प्रभावित इलाकों में बंदूक छोड़कर लोग शासन की विश्वास और विकास की प्रतिज्ञा को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है। यह छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य का शिलान्यास है। हमारी सरकार आत्मसमर्पितों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्रतिज्ञा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में यह प्रतिज्ञा पूर्ण हो रही है। छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के नए युग की ओर अग्रसर है।

तत्काल आवेदन करें! राजस्थान में जमादार ग्रेड-2 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी

रायपुर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने जमादार ग्रेड-2 के पदों के लिए भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस भर्ती में कुल 72 पद भरे जाएंगे, जिनमें 64 नॉन-टीएसपी और 8 टीएसपी क्षेत्र के पद शामिल हैं। यह भर्ती उन उम्मीदवारों के लिए है जिन्होंने 12वीं स्तर की सीईटी परीक्षा पास की हो। आवेदन प्रक्रिया 17 अक्तूबर 2025 से शुरू हो चुकी है और अंतिम तिथि 15 नवंबर 2025 है। भर्ती परीक्षा 27 दिसंबर 2025 को आयोजित की जाएगी। 12वीं पास करें आवेदन इस भर्ती के लिए उम्मीदवार 12वीं पास होना अनिवार्य है। इसके साथ ही किसी मान्यता प्राप्त कंप्यूटर कोर्स या सर्टिफिकेट का होना आवश्यक है। इसमें O-Level (DOEACC) कोर्स, NIELIT कंप्यूटर कॉन्सेप्ट सर्टिफिकेट कोर्स, कोपा, या भारत में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से कंप्यूटर साइंस/कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट शामिल हैं। इसके अलावा, देश के किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट, जिसमें कंप्यूटर साइंस/कंप्यूटर एप्लीकेशन एक विषय हो, या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी पॉलिटेक्निक संस्थान से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, या Rajasthan Knowledge Corporation Limited के तहत संचालित RSCIT कोर्स किया हुआ होना भी योग्यता में गिना जाएगा। आयु सीमा में इतनी मिलेगी छूट     उम्मीदवार की आयु 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।     राजस्थान की एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस पुरुष उम्मीदवारों को 5 साल की छूट।     राजस्थान की एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस महिला उम्मीदवारों को 10 साल की छूट।     सामान्य (अनारक्षित) वर्ग की महिला उम्मीदवारों को 5 साल की छूट। आवेदन शुल्क इस भर्ती के लिए सामान्य वर्ग और कीमलेयर श्रेणी के OBC/अति पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को 600 रुपये, राजस्थान के नॉन-कीमलेयर OBC/अति पिछड़ा वर्ग, EWS, SC/ST आवेदकों को 400 रुपये, और सभी दिव्यांगजन आवेदकों को 400 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा। एग्जाम पैटर्न     परीक्षा 2 घंटे की होगी और इसमें कुल 100 सवाल (100 अंक) होंगे।     गलत उत्तर पर 1/3 अंक की कटौती होगी।     प्रश्नों में सामान्य ज्ञान, सामाजिक अध्ययन, भूगोल, इतिहास, कला एवं संस्कृति, दैनिक विज्ञान, गणित, और राजस्थान राज्य से जुड़े समसामयिक मामलों के उच्च माध्यमिक स्तर के सवाल शामिल होंगे। ऐसे करें आवेदन     सबसे पहले आप  rssb.rajasthan.gov.in या rssb.rajasthan.gov.in पर जाकर लॉगिन करें।     अब Jamadar Grade-2 भर्ती नोटिफिकेशन खोलें और ऑनलाइन फॉर्म भरें।     इसके बाद आवश्यक दस्तावेज (शैक्षिक प्रमाण पत्र, फोटो, हस्ताक्षर, जाति प्रमाण पत्र आदि) अपलोड करें।     आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा करें।     अंत में फॉर्म सबमिट करें और प्रिंट आउट अपने पास रख लें।