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युवाओं के लिए बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की भर्ती शुरू होने वाली

रायपुर सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिये खुशखरी है। छत्तीसगढ़ में पांच हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य शासन के वित्त विभाग ने 50 हजार शिक्षकों के पदों पर भर्ती की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री साय की उस घोषणा के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने प्रदेश के शैक्षणिक ढांचे को मज़बूत बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा किसी भी राज्य की प्रगति की नींव होती है और छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चे तक ज्ञान और अवसर दोनों पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह भर्ती न केवल शिक्षण व्यवस्था को गति देगी बल्कि युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी सृजित करेगी। 5000 पदों के लिये शिक्षा विभाग शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। इन पदों की पूर्ति से ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी, जिससे शिक्षण की निरंतरता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा। राज्य शासन ने पिछले कुछ महीनों में शिक्षा सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। विद्यालय भवनों के निर्माण, डिजिटल शिक्षा सामग्री के प्रसार, और शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।  प्रदेश में शिक्षकों की कमी लंबे समय से एक प्रमुख चुनौती रही है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता सीमित थी। नई भर्ती से इन क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे बच्चों को अब अपने ही गाँव और क्षेत्र में बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह पहल प्रदेश में शिक्षण के स्तर को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने में सहायक सिद्ध होगी। प्रदेश सरकार शिक्षा को सर्वांगीण विकास का आधार मानते हुए लगातार निवेश कर रही है। स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण से लेकर छात्रवृत्ति, मध्याह्न भोजन और छात्र हितैषी योजनाओं तक, सरकार का फोकस हर स्तर पर शिक्षा के दायरे को व्यापक बनाना है। शिक्षकों की यह नई भर्ती उसी दीर्घकालिक दृष्टि का हिस्सा है, जो ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विज़न को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। इस निर्णय से जहाँ शिक्षा प्रणाली को नई ऊर्जा मिलेगी, वहीं हजारों युवाओं के सपनों को साकार करने का मार्ग भी खुलेगा। यह पहल मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ‘शिक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़’ की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगी।

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की नई डेडलाइन, संत रविदास मंदिर की फिनिशिंग अधूरी

सागर  सागर जिले के बडतूमा में निर्माणाधीन 101 करोड़ की लागत से बन रहा संत रविदास मंदिर एवं संग्रहालय का काम जारी है. जिस विधानसभा क्षेत्र में ये मंदिर बन रहा है, वहां के भाजपा विधायक प्रदीप लारिया का दावा है कि अगली रविदास जयंती यानि फरवरी माह में मंदिर का लोकार्पण करने का लक्ष्य है. उम्मीद है कि जनवरी में काम पूरा हो जाएगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे. संत रविदास मंदिर बडतूमा में निर्माणाधीन ये मंदिर सागर की नरयावली विधानसभा क्षेत्र के बडतूमा में निर्माणाधीन है. इसका करीब 70 फीसदी काम हो चुका है. निर्माण एजेंसी का वादा किया है कि मंदिर जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएगा. हालांकि बजट की कमी की चर्चा काम में देरी के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है. वहीं, विधायक प्रदीप लारिया का कहना है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है. हम चाहते हैं कि फरवरी में रविदास जयंती पर प्रधानमंत्री मंदिर का लोकार्पण करने एक बार फिर सागर आएं. 12 एकड़ में बन रहा रविदास मंदिर संत रविदास मंदिर 101 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है. मंदिर और संग्रहालय का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में किया था. संत रविदास के विचार, दर्शन और अध्यात्म्य को एक परिसर में स्थान देने मध्य प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कर रहा है. 12 एकड़ परिसर में ये भव्य मंदिर और संग्रहालय बनाया जा रहा है. राजस्थान के धौलपुर के वंशीपहाडपुर के लाल पत्थरों से मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. अगस्त 2025 में पूरा होना था निर्माण कार्य संत रविदास मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य अगस्त 2025 रखा गया था. पिछले कुछ दिनों से मंदिर का काम बंद पड़ा था. हालांकि निर्माण एंजेसी पर्यटन निगम का कहना है "मंदिर का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है और सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है." लेकिन मंदिर निर्माण अपने तय समय अगस्त माह तक पूरा नहीं हो पाया. इस मामले में विधायक प्रदीप लारिया ने पिछले दिनों निर्माण एजेंसी और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. संत रविदास मंदिर अगले साल के मार्च तक काम पूरा होगा     101 करोड़ की लागत से आकार ले रहा पीएम मोदी का सपना, राजस्थान के शाही पत्थरों से हो रही सजावट     "न राम, ना रविदास, कांग्रेस को दोनों मंदिरों से नफरत, इसलिए निर्माण का विरोध"- मोदी का चौतरफा वार क्या खास है संत रविदास मंदिर और संग्रहालय में नरयावली विधानसभा की मकरोनिया नगर पालिका के बडतूमा में 55 वर्गफीट जगह पर नागरशैली में मुख्य मंदिर बनाया जा रहा है. इसमें गर्भगृह, अंतराल मंडप और अर्धमंडप का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा यहां पर रविदास के जीवन का वर्णन दीवार पर कलाकृति (म्युरल स्कल्प्चर) के जरिए किया जा रहा है. संत रविदास के दर्शन को प्रदर्शित करने कुल 14 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में व्य़ाख्या संग्रहालय ( इंटरप्रिटेशन म्यूजियम)     प्रथम गैलरी – संत रविदास की जीवनगाथा का प्रदर्शन     द्वितीय गैलरी – संत रविदास का भक्ति मार्ग और निर्गुण पंथ में योगदान     तृतीय गैलरी – संत रविदास का दर्शन और रविदासिया पंथ     चतुर्थ गैलरी– संत रविदास के साहित्य का विवरण     विशाल जलकुंड का निर्माण, जिसके चारों तरफ शानदार बगीचा, आकर्षक  नक्काशी के साथ संत रविदास के दर्शन और जीवन से जुडी मूर्तियों की स्थापना     10 हजार वर्गफीट का पुस्तकालय, जहां संत रविदास के कृतित्व, शिक्षा, अध्यात्मय की पुस्तकें होगीं     फूलों की पंखुड़ियों की तरह संगत सभाखंड का आकर्षक भवन, जिसमें संत रविदास और अन्य धर्म के दर्शन, शिक्षा आध्यात्म्य से प्रेरित संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रवचन, आख्यान और सम्मेलन होंगे.     संत रविदास परिसर में देश-विदेश से आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए विशाल भक्त निवास 12 हजार 500 वर्गफीट में बनाया जा रहा है. 15 एसी कमरे, अटैल बाथरूम वाले और एक साथ 50 व्यक्तियों की क्षमता वाला आवासगृह भी होगा.     परिसर में 15 हजार वर्गफीट का अल्पाहार गृह का निर्माण किया जा रहा है. तंबू के आकार वाले गृह में बैठने की व्यवस्था.

इंदौर से यूरोप और अफ्रीका के लिए रोजाना कनेक्टेड फ्लाइट्स, देश के अन्य शहरों के लिए भी नई फ्लाइट्स

इंदौर   इंदौर से शारजाह सहित दुबई और अन्य देशों के लिए बढ़ते एयर ट्रैफिक के चलते एयर इंडिया ने बड़ा कदम उठाया है. इंदौर से शारजाह चलने वाली फ्लाइट अब रोज उड़ेगी. रविवार 26 अक्टूबर से यह फ्लाइट अब सातों दिन उड़ान भरेगी. इसके अलावा देश के अन्य शहरों की कनेक्टिविटी के लिए भी इंदौर से लगातार फ्लाइट संख्या में वृद्धि हो रही है. विंटर शेड्यूल में अब इंदौर से जोधपुर, उदयपुर, जम्मू और नासिक के लिए भी नई फ्लाइट शुरू हो रही है. इंदौर से शारजाह फ्लाइट की टाइमिंग इंदौर से शारजाह फ्लाइट सप्ताह में 4 दिन उड़ान भरती थी. इस फ्लाइट को डिमांड के चलते विंटर शेड्यूल में सातों दिन के लिए किया गया है. इंदौर से यह फ्लाइट सुबह 9:25 बजे उड़ान भरकर 11:20 पर शारजाह पहुंचेगी. इसी तरह शारजाह से उड़ान भरकर यह फ्लाइट शाम 5:05 पर इंदौर पहुंचेगी. इंदौर एयरपोर्ट से देश के विभिन्न टूरिस्ट डेस्टिनेशन और शहरों के लिए बढ़ती फ्लाइट संख्या के साथ अब इंदौर से जोधपुर, उदयपुर, जम्मू और नासिक के लिए भी नई फ्लाइट शुरू हो रही है. इसके अलावा विंटर शेड्यूल में विभिन्न डेस्टिनेशन के लिए जो फ्लाइट पहले से चल रही हैं, उनकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है. इंदौर से जोधपुर फ्लाइट का टाइमटेबल इंदौर से जोधपुर के लिए अब प्रतिदिन हवाई सेवा उपलब्ध होगी, जो सुबह 11:40 डिपार्चर होकर 1:10 पर जोधपुर पहुंचेगी. इसी प्रकार जोधपुर से 1:30 बजे उड़ान भरकर दोपहर 2:50 पर इंदौर लैंड करेगी. इंदौर से उदयपुर के लिए फ्लाइट सोमवार, बुधवार, शुक्रवार, रविवार को रहेगी. इसकी टाइमिंग दोपहर 1:30 टेकऑफ होकर 2:30 बजे उदयपुर पहुंचेगी. उदयपुर से 2:50 को टेकऑफ होकर 4:15 बजे इंदौर पहुंचेगी. इंदौर से जम्मू हवाई सेवा इस प्रकार है इसी प्रकार जम्मू की फ्लाइट सोमवार बुधवार, शुक्रवार और रविवार को चलेगी, जो सुबह 9:00 बजे उड़ान भरकर 11:05 पर जम्मू पहुंचेगी और जम्मू से 11:30 बजे उड़ान भरकर दोपहर 1:35 पर इंदौर लैंड करेगी. नासिक की फ्लाइट मंगलवार, गुरुवार और शनिवार चलेगी, जो 1:30 बजे उड़ान भरकर 2:40 पर नासिक पहुंचेगी और नासिक से 3:00 बजे उड़ान भरकर 4:30 बजे इंदौर लैंड करेगी. यूरोपियन व अफ्रीकन देशों के लिए वाया शारजाह फ्लाइट ट्रैवल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन के मुताबिक "इंदौर से देश के विभिन्न टूरिस्ट डेस्टिनेशन के अलावा इंटरनेशनल ट्रैफिक इसलिए भी बढ़ रहा है, क्योंकि इंदौर से सीधे इंटरनेशनल फ्लाइट की व्यवस्था है. यहां से यात्री उड़ान भरकर शारजाह और दुबई के रास्ते आसानी से यूरोपीय देशों के अलावा अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका की ओर इंटरनेशनल उड़ान भर सकते हैं. इंदौर से इंटरनेशनल फ्लाइंग की सुविधा होने से यात्रियों को सीधे इंटरनेशनल बैगेज की सुविधा मिल जाती है, जिससे वह अपने 25 किलो तक का लगेज फ्लाइट के साथ ले जा सकते हैं." लगैज का डोमेस्टिक खर्च कम हो जाता है इसके अलावा यदि मध्य प्रदेश के अन्य शहरों से इंटरनेशनल फ्लाइट लेना हो तो आमतौर पर दिल्ली या मुंबई का रुख करना पड़ता है, जिस कारण यात्रियों के रूट में एक अन्य स्थान पर फ्लाइट चेंज करने से असुविधा होती है. वहीं लगैज का डोमेस्टिक खर्च भी बढ़ जाता है. इस कारण लोग इंदौर से इंटरनेशनल फ्लाइट लेकर यात्रा करना पसंद करते हैं. इंदौर सांसद एवं अध्यक्ष इंदौर एयरपोर्ट परामर्शदात्री समिति शंकर लालवानी ने बताया "नया विंटर शेड्यूल इंदौर के लिए खुशिया लेकर आया है."

राजधानी भोपाल में आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों की सक्रियता, पिछले 3 साल में कई विदेशी संदिग्ध गिरफ्तार

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी अब आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों का पनाहगाह बनती जा रही है। बीते तीन वर्षों में भोपाल से सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के कई संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे। आशंका है कि सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठन यहां से अपने नेटवर्क का विस्तार करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।  राजधानी को शांति का टापू माना जाता है, लेकिन अब यह आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों का पनाहगाह बनती जा रही है। पिछले तीन साल में शहर से सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के कई संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे। अब यह साफ है कि भोपाल आतंकियों के लिए एक सेफ जोन बनता जा रहा है। जेएमबी और एचयूटी के आतंकी पकड़े गए सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठनों ने भी यहां अपने नेटवर्क फैलाए। जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों ने भोपाल में पनाह ली, लेकिन इंटेलिजेंस की सक्रियता से उनका मॉड्यूल ध्वस्त किया गया। इसके बाद एनआईए ने शाहजहांनाबाद से पीएफआई और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सदस्यों को गिरफ्तार किया। पुलिस और एजेंसियों की जांच में यह भी सामने आया कि कुछ युवक सीधे आईएसआईएस से संपर्क में थे। भोपाल से ISIS आतंकी कैसे हुआ गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS (इस्लामिक स्टेट) के एक खतरनाक मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए भोपाल के करोंद इलाके से 21 वर्षीय आतंकी सैयद अदनान उर्फ अबू (अदनान खान) को गिरफ्तार किया, जबकि दिल्ली के सादिक नगर से 20 वर्षीय अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब को पहले ही पकड़ लिया गया था। दोनों ने मिलकर दिल्ली के भीड़भाड़ वाले मॉल और पब्लिक पार्क में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से फिदायीन (सुसाइड) हमला करने की प्लानिंग की थी। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि अदनान (भोपाल वाला) के लैपटॉप से फिदायीन ट्रेनिंग के वीडियो बरामद हुए, जिसमें सीरियाई-तुर्की बॉर्डर पर बैठे एक हैंडलर के निर्देश थे।  अदनान ने पहले भी ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के जज को सोशल मीडिया पर धमकी दी थी। यह गिरफ्तारी न केवल दिल्ली को बचाने वाली है, बल्कि ISIS की ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन की गहराई को उजागर करती है। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी परतें खोलते हैं-गिरफ्तारी से लेकर साजिश, खुलासे और पुलिस की कार्रवाई तक। साजिश का खुलासा: 'दिवाली पर IED ब्लास्ट', दिल्ली के मॉल-पार्क थे निशाना दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 16 अक्टूबर 2025 को खुफिया इनपुट मिला कि ISIS का एक छोटा मॉड्यूल दिल्ली में बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। शुरुआत दिल्ली के सादिक नगर से हुई, जहां 20 वर्षीय अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब (जिसका पिता सरकारी कर्मचारी है) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने भोपाल कनेक्शन उजागर किया, जिसके बाद 18 अक्टूबर सुबह 4 बजे स्पेशल सेल की टीम भोपाल पहुंची। निशातपुरा थाना क्षेत्र के इंडस रीजेंसी अपार्टमेंट के मकान नंबर A-46 पर छापा मारा गया, जहां 21 वर्षीय सैयद अदनान उर्फ अबू को उसके परिवार के साथ सोते हुए पकड़ा गया। अदनान भोपाल में CA की तैयारी कर रहा था, लेकिन छह साल से परिवार के साथ रहते हुए ISIS की गतिविधियों में लिप्त था। पुलिस की बड़ी चूक आतंकियों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क नहीं दिखीं। सबसे बड़ी विफलता यह रही कि शहर में किरायेदारों का सत्यापन ठीक से नहीं हुआ। इसी कमी का फायदा आतंकियों ने उठाया और घनी बस्तियों में पनाह ले ली। ऐशबाग और करोंद में ठिकाना मार्च 2022 में एटीएस ने ऐशबाग से जेएमबी के आतंकियों को पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि ऐशबाग की घनी बस्ती में किराए पर मकान लेना आसान है और वहां नजर रखना मुश्किल है। यहां तीन साल तक आतंकी छिपे रहे, लेकिन पुलिस और इंटेलिजेंस को भनक तक नहीं लगी। अब तक ऐशबाग से करीब दस संदिग्ध गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं करोंद इलाके में जेएमबी के मददगारों और आईएसआईएस से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।  

मध्य प्रदेश में भावांतर योजना के तहत सागर की मंडियों में सोयाबीन खरीदी, CCTV से होगी मॉनिटरिंग

सागर   मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी भावांतर योजना के तहत किया जाना है. पहली बार भावांतर योजना से सोयाबीन की खरीदी को लेकर किसानों के मन में तरह-तरह की आशंकाएं हैं. इन सब आशंकाओं को ध्यान रखते हुए कलेक्टर संदीप जी आर ने जिले की सभी कृषि मंडियों में तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगाने और स्मार्ट सिटी के सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से मॉनीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को तत्काल सीसीटीवी लगाने को कहा. गड़बड़ी करने वालों पर सख्त होगी कार्यवाही भावांतर योजना के तहत पहली बार सोयाबीन की खरीदी हो रही है. जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और आशंकाएं किसानों ने समय-समय पर कलेक्टर के समक्ष अपनी बात रखी. इन बातों को ध्यान रखते हुए कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा है कि, ''किसानों की सुविधा के लिए भावांतर योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है. योजना के तहत किसानों को कोई समस्या का सामना न करना पड़े और समय पर सोयाबीन का खरीदी के साथ सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सके, इसके लिए सभी कृषि मंडियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहे और गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.'' किसान सोयाबीन लेकर मंडी आएं कलेक्टर संदीप जी आर ने किसानों से अपील की है कि, वह अपने सोयाबीन की उपज को बेंचने के लिए कृषि उपज मंडियों में पहुंचे और भावांतर योजना के अंतर्गत फसल बेंचे. समय-समय पर किसानों ने अपनी आशंकाओं और समस्याओं के बारे में बताया था. जिनको लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं करने की कोशिश की है. पात्र किसानों ने पंजीयन कराये जाने के बाद भावांतर योजना के माध्यम से खरीदी शुरू हो चुकी है. किसान मंडी में अपना पंजीयन क्रमांक, आधार क्रमांक लेकर आए. क्या है भावांतर योजना मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए भावांतर योजना शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके उत्पाद, खासकर सोयाबीन, का सही मूल्य मिले. केंद्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5328 प्रति क्विंटल तय किया है. यानी किसानों को उनकी उपज का इतना दाम तो निश्चित रूप से मिलेगा ही. अब तक 61,970 किसान इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. पहले सरकार गेहूं और अन्य फसलों के किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के प्रयास कर चुकी है, और अब विशेष ध्यान सोयाबीन उत्पादक किसानों पर दिया जा रहा है ताकि उन्हें बाजार में उचित लाभ मिल सके.

6 नवंबर से बदलेंगे इंदौर के चेकिंग पॉइंट, पुलिस एक्शन में पेश करेगी बॉडी कैमरा और POS मशीन

इंदौर प्रदेश भर में इस सप्ताह से हेलमेट जागरूकता और यातायात नियमों के पालन को लेकर 15 दिवसीय विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में, इंदौर यातायात पुलिस ने हेलमेट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक बाइक रैली का आयोजन किया। 5 नवंबर तक चलने वाले इस जागरूकता अभियान के बाद, 6 नवंबर से नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त रुख अपनाएगी। पुलिस अधिकारियों ने खुद संभाली कमान अभियान के तहत इंदौर में एक हेलमेट बाइक रैली निकाली गई, जो पलासिया से शुरू होकर रीगल होते हुए राजबाड़ा पहुंची और फिर पलासिया लौट आई। इस रैली में प्रभारी डीसीपी यातायात आनंद कलादगी, एडिशनल डीसीपी पश्चिम संतोषकुमार कौल, एडिशनल डीसीपी पूर्व नरेश अन्नोटिया, एसीपी जोन 2 मनोजकुमार खत्री समेत कई थाना प्रभारी, निरीक्षक, सूबेदार और आरक्षक शामिल हुए। अधिकारियों ने खुद बाइक चलाकर और बैनर-पोस्टर दिखाकर दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों से नियम पालन की अपील की। 5 नवंबर तक जागरूकता, फिर सख्ती सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट (PTRI) ने यह अभियान शुरू किया है। 5 नवंबर तक शैक्षणिक संस्थानों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाजार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दौरान सीएसआर एक्टिविटी के जरिए मुफ्त हेलमेट वितरण भी किया जा सकता है। 6 नवंबर से नई व्यवस्था: पुलिसकर्मी भी होंगे जिम्मेदार जागरूकता अभियान खत्म होने के बाद 6 नवंबर से सख्त चेकिंग की जाएगी और इसके लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं: * चेकिंग पॉइंट पर पर्याप्त स्टॉपर रखे जाएंगे। * पारदर्शिता के लिए चेकिंग टीम बॉडी वॉर्न और वेब कैमरों से लैस होगी। * सभी चालान पीओएस (POS) मशीन के जरिए बनाए जाएंगे। * नियमित रूप से नियम तोड़ने वाले चालकों का लाइसेंस अमान्य करने के लिए परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजे जाएंगे। * यदि चेकिंग के दौरान कोई पुलिसकर्मी बिना हेलमेट वाले वाहन चालक को बिना कार्रवाई के छोड़ता है, तो इसके लिए उक्त पुलिसकर्मी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। * हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट गूगल शीट के जरिए पीटीआरआई को भेजनी होगी। 

दिल्ली में बदलेंगे स्कूल एडमिशन के नियम, 2026 से 6 साल पर होगा कक्षा 1 में प्रवेश

नई दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में पहली में दाखिले की उम्र को एक समान करने का फैसला लिया है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2026-27 से पहली कक्षा में प्रवेश केवल उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनकी उम्र 31 मार्च तक छह वर्ष या उससे अधिक होगी। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप किया गया है। दाखिले की अधिकतम और न्यूनतम आयु तय नई नीति के तहत प्रारंभिक शिक्षा को और व्यवस्थित करने के लिए फाउंडेशनल स्टेज की पूरी संरचना को फिर से तय किया गया है। अब नर्सरी, लोअर केजी और अपर केजी को बालवाटिका-1, बालवाटिका-2 और बालवाटिका-3 कहा जाएगा। नई व्यवस्था के अनुसार, नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम चार वर्ष होनी चाहिए।   मौजूदा सत्र के विद्यार्थी रहें अप्रभावित लोअर केजी के लिए चार से पांच वर्ष, अपर केजी के लिए पांच से छह वर्ष और पहली कक्षा के लिए छह से सात वर्ष की आयु तय की गई है। विद्यालय प्रमुख विशेष परिस्थितियों में एक माह तक की उम्र में छूट दे सकेंगे। नई आयु संरचना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि मौजूदा सत्र के विद्यार्थियों पर इस बदलाव का कोई असर न पड़े। उम्र मानदंड से छूट दी जाएगी परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई बच्चा किसी स्कूल से कोई पिछली कक्षा पास कर चुका है और उसके पास स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र या अंकपत्र है तो उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश के लिए उम्र मानदंड से छूट दी जाएगी। यानी वह बच्चा अपनी पिछली कक्षा के अनुरूप अगली कक्षा में प्रवेश पा सकेगा। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि तीन से आठ वर्ष की उम्र के बच्चे खेल और गतिविधियों के माध्यम से बुनियादी सीख विकसित करें, ताकि आगे की पढ़ाई के लिए मजबूत नींव रखी जा सके।

UP में बिजली कनेक्शन अभियान तेज, हर गांव में लगेंगे 11 हजार वोल्टेज के ट्रांसफार्मर

अंबेडकरनगर नव वर्ष 2026 विद्युतीकरण से वंचित घर और 500 आबादी से अधिक वाले मजरे जनवरी तक रोशन हो जाएंगे। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (नेफ्ट ओवर हाउसहोल्ड) योजना के अंतर्गत यह कार्य किया जाएगा। अवर अभियंता ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य से संपर्क करके विद्युतीकरण से वंचित घरों को एवं मजरे चिन्हित करेंगे और रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता को सौंपेंगे। इसके बाद लखनऊ निदेशालय टीम सत्यापन शुरू करेगी। अकबरपुर, जलालपुर, टांडा, आलापुर चारों सबडिवीजन के 41 विद्युत उपकेंद्र के अधीन विद्युतीकरण से वंचित गांवों में 11 हजार वोल्टेज एवं एलटी लाइन एवं नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। परियोजना के पूरा होने के बाद शत-प्रतिशत मजरे घर बिजली से जुड़ जाएंगे। बांस-बल्ली के सहारे चल रहे आपूर्ति से छुटकारा मिलेगा। हर गांव-गली व प्रत्येक घर को रोशन करने की योजना को धरातल पर दिखने लगा है। तीन चरण में यह कार्य पूरा होगा पहले चरण में खंभे लगाए जाएंगे दूसरे में केबल व तीसरे में बिजली आपूर्ति एवं कनेक्शन दिया जाएगा। काम पूरा होने के बाद कोई भी गांव या मजरा बिजली से वंचित नहीं रह जाएगा। शत प्रतिशत घर बिजली कनेक्शन से जुड़ जाएंगे। संतोष, दीपक वर्मा ने बताया कि गांव में विद्युतीकरण न होने से ई-रिक्शा, मोबाइल, चार्जिंग के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है। लो-वोल्टेज,बिजली कटौती व ओवरलोड समस्या खत्म के साथ निर्वाध बिजली आपूर्ति मिलेगी।  

प्रतापगढ़ में पुलिस का शिकंजा! 11 फर्जी जमानतदार गिरफ्तार, खुलासा हुआ अपराधियों के पूरे नेटवर्क का

प्रतापगढ़ मुल्जिम ने क्या किया है, कौन है, कितना बड़ा अपराधी है, किस जुर्म में पकड़ा गया है…। इन सवालों का जवाब खोजे बगैर पैसे की खातिर जमानतदार बनने वाले पेशेवरों के खिलाफ कार्रवाई की पहल हुई है। पुलिस ने 33 पर केस दर्ज करके शनिवार को 11 पेशेवरों को पकड़ा है। पेशेवर जमानतदारों की मदद से जेल से छूट रहे बदमाश पुलिस मुठभेड़ व अन्य तरीकों से बदमाशों को पकड़ती है, लेकिन बदमाश पेशेवर जमानतदारों की मदद से कुछ ही दिन में जेल की सलाखों से आजाद हो जाते हैं। ऐसे में जिले में पुलिस द्वारा पेशेवर व फर्जी जमानतदारों के विरुद्ध विशेष अभियान शुरू किया गया है।   इन जमानतदारों ने पुलिस के समक्ष खोले कई राज शनिवार को एसपी दीपक भूकर ने पत्रकारों को बताया कि अभियान के तहत पकड़े गए पेशेवर जमानतदारों से पूछताछ में कई बातों का पता चला है। एसपी ने कहा कि कुछ वकील भी इसमें शामिल बताए गए हैं। पकड़े गए पेशेवर जमानतदारों ने बताया कि वह अपनी जमीन के कागजात, परिचय पत्र आदि अधिवक्ताओं को दे देते थे। अधिवक्ता उनका प्रयोग करते रहते थे। मुल्जिमो को छुड़ाने में दो से तीन हजार रुपये मिलते थे पकड़े गए अधिकांश जमानतदारों ने पांच से अधिक मुल्जिमों की जमानत ली है। हर बार इनको दो से तीन हजार रुपये मिलते थे। साथ ही न्यायालय में जो शपथ पत्र दिया है, उसमें फर्जी तरीके से बताया कि हमारे द्वारा अन्य किसी की जमानत नही ली गई है। शामिल लोगों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई  एसपी ने कहा कि इसमें शामिल वकील या अन्य जो भी लोग पाए जाएंगे उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दर्ज कराए गए केस की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है। इसमें दाे इंस्पेक्टर व चार सब इंस्पेक्टर रखे गए हैं।  

सीडी कांड में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर बढ़ा दबाव, इनेलो के आरोपों के बाद चार्जशीट पेश

चंडीगढ़ हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो गुरुग्राम ने नारनौल अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।  टीम ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हर्षाली चौधरी की अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। मामला वर्ष 2014 का है जब राव कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। उस समय आरोप लगा था कि पलवल क्षेत्र में 30 एकड़ जमीन की सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) मंजूरी के लिए 30 से 50 करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी। इस मामले में रुपये की डिमांड का एक स्टिंग ऑपरेशन धर्मेंद्र नामक व्यक्ति ने किया था, जिसकी सीडी बाद में जांच का हिस्सा बनी।  मामले की शिकायत लोकायुक्त हरियाणा को दी गई थी। लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव ने मामले को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप दिया था। इसके बाद 29 जनवरी 2016 को एसीबी गुरुग्राम थाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13(1)(डी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच पूरी होने के बाद अब 23 अक्तूबर 2025 को एसीबी ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। बता दें कि राव नरेंद्र सिंह को हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। अब जिला के साथ साथ प्रदेश की राजनीति में भी चर्चा शुरू हो गई है।