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राजनीति में सुलह: अमित शाह ने उपेंद्र कुशवाहा को मनाया, महुआ से हार बचाई, MLC का ऑफर पेश

नई दिल्ली  बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में जारी सीटों पर खींचतान के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के चीफ उपेंद्र कुशवाहा को मना लिया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कुशवाहा ने वैशाली जिले की महुआ सीट पर अपना दावा छोड़ दिया है। इसके बदले में रालोमो को दूसरी सीट दी जाएगी। साथ ही कुशवाहा की पार्टी को एक विधान परिषद (एमएलसी) सीट भी दी जाएगी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बुधवार सुबह ही कुशवाहा को शाह से मिलवाने दिल्ली ले गए थे। अब वे वापस शाम में दिल्ली से पटना वापस लौटेंगे। हालांकि, रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ स्पष्ट नहीं बताया है। नई दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। कुशवाहा ने कहा, "पटना में सुबह ही कहा था, गठबंधन में कुछ इश्यू हैं, जिस पर विमर्श की जरूरत है। इसी के लिए नित्यानंद के साथ अमित शाह से मिलने आए, इस पर चर्चा हुई। अब उम्मीद करते हैं कि आगे कोई कठिनाई नहीं होगी, एनडीए की सरकार निश्चित रूप से बनेगी और हर घटक दल इसके लिए तैयार है।" सूत्रों के अनुसार, एनडीए में महुआ विधानसभा सीट को लेकर उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के बीच खींचतान चल रही थी। बीजेपी ने यह सीट चिराग की लोजपा-आर को दे दी, लेकिन कुशवाहा महुआ से अपना कैंडिडेट उतारने पर अड़े हुए थे। एनडीए में सीट बंटवारे के बाद बीते दो दिनों से सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने नामांकन से दूरी बनाने का भी ऐलान कर दिया। इसी मुद्दे पर कुशवाहा को मनाने के लिए भाजपा ने दिल्ली बुलाया। नित्यानंद ने कुशवाहा की शाह से मीटिंग कराई। बताया जा रहा है कि शाह से मिलने के बाद कुशवाहा ने बदल दिया है। हालांकि, महुआ से अभी कैंडिडेट किस पार्टी का होगा, यह कुछ समय बाद ही पता चलेगा।

दिल्ली में सियासी हलचल: अमित शाह से मिले उपेंद्र कुशवाहा, मौजूद थे नित्यानंद राय

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) के भीतर सीट बंटवारे से असंतुष्ट उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे हैं। वहीं नित्यानंद राय भी मौके पर मौजूद हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कुशवाहा अपनी पार्टी को आवंटित छह सीटों से खुश नहीं हैं। वह महुआ सीट एनडीए के एक अन्य घटक, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अध्यक्षता वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को आवंटित किए जाने से भी खुश नहीं हैं। पटना में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा कुशवाहा को मनाने की कोशिशें नाकाम रहीं। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और राज्य के अन्य भाजपा नेताओं ने मंगलवार शाम यहां कुशवाहा से मुलाकात की। बैठक देर रात तक चली, जिसके बाद कुशवाहा ने संवाददाताओं से कहा, "इस बार एनडीए में कुछ भी ठीक नहीं है…एनडीए नेताओं ने मंगलवार को दावा किया था कि गठबंधन सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा सौहार्दपूर्ण ढंग से हो गया है और चर्चा अंतिम चरण में है। हालाँकि, इसके तुरंत बाद छोटे सहयोगियों में असंतोष सामने आ गया।

मेंबर बने बिना लुट गए लाखों युवा: यूथ कांग्रेस को दिए करोड़ों, सिस्‍टम ने छोड़ा अधर में

भोपाल  मध्यप्रदेश में यूथ कांग्रेस के चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने वाले युवा नेताओं को बड़ी निराशा हाथ लगी है। वहीं, युवा कांग्रेस के सदस्य बनने के इच्छुक 5 लाख 16 हजार युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।दरअसल, 18 अप्रैल को एमपी में यूथ कांग्रेस के चुनावों की घोषणा के साथ ही सदस्यता शुरू हुई थी। ऑनलाइन मोड पर एप के जरिए कराई गई मेंबरशिप में हर नए सदस्य को 50 रुपए सदस्यता शुल्क भी अदा करना था। 20 जून से 19 जुलाई तक चलाए गए सदस्यता अभियान में 15,37,527 युवाओं ने सदस्यता फॉर्म भरे। इनमें से 63,153 युवाओं ने सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया। सदस्यता शुल्क के साथ 14लाख 74 हजार 374 युवाओं ने मेंबरशिप के लिए फॉर्म भरे। सिर्फ 6 लाख की मेंबरशिप ही मान्य हुई 50 रुपए के सदस्यता शुल्क के साथ मेंबरशिप फॉर्म भरने वाले 14 लाख 74 हजार 374 युवाओं में मात्र 6 लाख 1,917 युवाओं की मेंबरशिप ही मान्य की गई है। 5,16,155 युवाओं की मेंबरशिप रिजेक्ट हुई है। 3,56,302 युवाओं के सदस्यता फॉर्म गलतियों के कारण होल्ड किए गए हैं। एआई से कराया मेंबरशिप वेरिफिकेशन, इसलिए रिजेक्शन युवा कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इलेक्शन अथॉरिटी ने सदस्यता का वेरिफिकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कराया है। एआई ने मामूली खामियों पर आवेदन रिजेक्ट और होल्ड कर दिए हैं।     रिजेक्शन का कारण डुप्लीकेट रिकॉर्ड, डुप्लीकेट फोटो, मोबाइल डुप्लीकेट, अवैध मेंबरशिप, इनवैलिड जन्मतिथि, उम्र सीमा पार होना, डुप्लीकेट आईडी     होल्ड के कारण: गलत नाम, पिता का नाम गलत, जन्मतिथि मिसमैच, गलत मोबाइल एमपी में युवा कांग्रेस की सदस्यता के आंकड़े     कुल सदस्यता आवेदन: 14,74,374     सदस्यता निरस्त हुई: 5,16,155     सदस्यता होल्ड हुई: 3,56,302     सदस्यता आवेदन मान्य हुए: 6,01,917 राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई शिकायत पहली बार एमपी में रिकॉर्ड मेंबरशिप होने के बाद बडे़ पैमाने पर रिजेक्शन और सदस्यता होल्ड किए जाने के मामले में युवा कांग्रेस नेता शिवराज यादव ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय चुनाव प्राधिकरण, प्रदेश प्रभारी से शिकायत की है। शिवराज का कहना है कि यदि इतने उत्साह के साथ मेंबरशिप कराई गई और 15 लाख के करीब सदस्य बने हैं तो 5 लाख से ज्यादा रिजेक्ट होना और साढ़े तीन लाख की सदस्यता होल्ड होना ये बड़ी चूक है। होल्ड आवेदनों को सुधारने के लिए मात्र 7 दिनों का समय दिया गया है। वो एप भी काम नहीं कर रहा है। मेंबरशिप के डेटा की क्रॉस चेकिंग कराकर रिजेक्शन और होल्ड को हटाना चाहिए। 2 करोड़ 58 लाख रुपए डूबे 50 रुपए प्रति सदस्य के हिसाब से जोड़ें तो जिन 5,16,155 युवाओं की मेंबरशिप रिजेक्ट हुई है। उनके द्वारा जमा किए गए सदस्यता शुल्क की राशि 2 करोड़ 58 लाख 7 हजार 750 रुपए होती है। दूसरी तरफ जिन 3,56,302 युवाओं की सदस्यता होल्ड की गई है। उनकी मेंबरशिप फीस का आंकड़ा जोड़ें तो करीब 1 करोड़ 78 लाख 15 हजार 100 रुपए होता है। गलतियां सुधारने एप ही नहीं कर रहा काम भारतीय युवा कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की ओर से होल्ड किए गए सदस्यता फॉर्म की गलतियों को सुधारने के लिए 17 अक्टूबर तक का समय दिया है। लेकिन, यूथ कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वह एप काम ही नहीं कर रहा है। ऐसे में जिन 3,56,302 युवाओं की मेंबरशिप होल्ड है उनमें से 30% फीसदी के सुधार आवेदन दर्ज होकर मंजूर हो जाएं तो बड़ी बात होगी। तीन शहरों से प्रदेश अध्यक्ष के लिए तीन मुख्य उम्मीदवार युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की रेस में तीन बडे़ शहरों से तीन मुख्य दावेदार हैं। जबलपुर पूर्व सीट से विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया इस रेस में सबसे आगे हैं। यश को पूर्व सीएम कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का समर्थन हासिल है। वहीं भोपाल से अभिषेक परमार को दिग्विजय और जीतू पटवारी का पर्दे के पीछे से सपोर्ट मिल रहा है। ग्वालियर के शिवराज यादव अपने काम और युवाओं की दम पर प्रदेश अध्यक्ष के लिए जोर लगा रहे हैं। भोपाल जिले में सदस्यता के हाल जान लीजिए जिला विधानसभा मेंबरशिप फॉर्म भरे रिजेक्ट होल्ड वोटर बचे भोपाल ग्रामीण बैरसिया 6620 1105 1537 3978 हुजूर 5253 791 1171 3291 भोपाल शहर उत्तर 5175 1697 894 2584 दक्षिण-पश्चिम 10592 3513 1886 5193 गोविंदपुरा: 12856 7882 1678 3296 मध्य: 12586 4830 2071 5685 नरेला: 12141 4996 1857 5288 जहां से प्रदेश अध्यक्ष के उम्मीदवार, उसी विधानसभा में सबसे ज्यादा मेंबरशिप युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की रेस में जबलपुर के यश घनघोरिया पूरी ताकत लगा रहे हैं। यश के पिता लखन घनघोरिया जबलपुर पूर्व सीट से विधायक हैं। जबलपुर शहर और ग्रामीण जिले की सभी विधानसभाओं में सबसे ज्यादा 26254 मेंबरशिप जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में हुई है। हालांकि, 10259 मेंबरशिप रिजेक्ट कर दी गई है। 4220 युवाओं की मेंबरशिप होल्ड है। 11775 युवाओं की मेंबरशिप अप्रूव की गई है। जबलपुर जिले में सदस्यता के हाल जान लीजिए जिला विधानसभा मेंबरशिप फॉर्म भरे रिजेक्ट होल्ड वोटर बचे जबलपुर ग्रामीण बरगी 5348 2305 790 2253 पनागर 7387 1963 1583 3841 पाटन 5853 3692 645 1516 सिहोरा 7184 3922 1557 1705 जबलपुर शहर कैंट 6991 2969 1295 2727 उत्तर 17779 6575 2424 8780 पश्चिम 5728 3155 667 1906 पूर्व 26254 10259 4220 11775 ग्वालियर जिले में सदस्यता के हाल जान लीजिए जिला विधानसभा मेंबरशिप फॉर्म भरे रिजेक्ट होल्ड वोटर बचे ग्वालियर ग्रामीण भितरवार 13647 4138 2506 7003 ड़बरा 8834 4018 1301 3515 ग्वालियर ग्रामीण 10751 6213 1572 2966 ग्वालियर शहर ग्वालियर 16638 3364 3659 9615 पूर्व 13718 6960 2497 4261 दक्षिण 12344 6598   2469 3277 युकां प्रदेश अध्यक्ष के उम्मीदवार योगिता सिंह, जावेद पटेल, अभिषेक परमार, नीरज पटेल, गीता कड़वे, प्रमोद सिंह, विश्वजीत सिंह चौहान, विनय पांडेय, राजवीर कुडिया, प्रियेश चौकडे़, अब्दुल करीम सिद्दीकी, शुभांगना राजे जामनिया, आशीष चौबे, यश घनघोरिया, देवेन्द्र सिंह दादू, स्वीटी पाटिल, शिवराज यादव, मोनिका मांडरे। प्रदेश महासचिव के 182 उम्मीदवार किशोर सोलंकी, ऋतिक नाथ चौहान, राहुल हितेश ठाकुर राज नेमा, शुभम दुबे, अक्षय जायसवाल, सत्यम सिंह गुर्जर, अली शान मोहम्मद, इरफान खान, जयंत जोशी, आदित्य मिश्रा, गौरव विनोद दीक्षित, सुमन मौर्य, धीरज सिंह परिहार, अभिषेक पांडे, दिगंबर पारधी, अखंड प्रताप सिंह चौहान, अभिषेक जाट, … Read more

निकाय चुनाव से पहले शरद पवार ने मुंबई में की रणनीति बैठक, फैसले ने सबका ध्यान खींचा

मुंबई  ​आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनावों की पृष्ठभूमि में आज मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरद पवार गुट की एक अहम बैठक हुई. बैठक में राकांपा शरद पवार गुट के अध्यक्ष शरद पवार भी शामिल हुए. यह बैठक छत्रपति संभाजीनगर और पुणे स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनावों की रणनीति पर मंथन हुआ. इसके साथ-साथ इस बैठक में शरद पवार ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले चुनावों में पार्टी का पूरा फोकस ज्यादा से ज्यादा युवाओं को उम्मीदवार बनाने पर रहेगा. बैठक का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के साथ-साथ पदवीधर (Graduates) और शिक्षक मतदार संघों के चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक मजबूती और आगामी रणनीति तय करना था. मीटिंग में पार्टी के पदवीधर और शिक्षक सेल के पदाधिकारियों से सुझाव लेकर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की गई. 50 फीसदी से ज्यादा युवा लड़ेंगे चुनाव इस बीच, इस बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में, कुल सीटों में से 50 प्रतिशत सीटों पर उन युवाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है. शरद पवार ने इस बैठक में अपने पदाधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कैसे मौका दिया जा सकता, इस गौर करने का निर्देश दिया. बैठक में यह भी बताया गया है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन कैसे बनाया जाए, इस पर चर्चा के लिए कल महाविकास अघाड़ी नेताओं की एक अहम बैठक होगी.​ अजित पवार गुट के विधायक के बयान पर भी दी प्रतिक्रिया शरद पवार ने इस बैठक में इस बात पर भी प्रतिक्रिया दी है कि एनसीपी अजित पवार गुट के विधायक संग्राम जगताप के विवादित बयान से माहौल गरमा गया है. उन्होंने कहा कि एक समय में एक विधायक हमारे साथ थे, लेकिन अब उनकी हर बात मीडिया में आ रही है, इसलिए हम सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना नहीं चाहते, बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे कुछ नेता इस समय विवादित बोल रहे हैं, लेकिन अपनी पार्टी के नेता से उन्होंने प्रेम की भाषा प्रयोग करने की हिदायत भी दी है. मीटिंग में शामिल रहे ये नेता इस बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक शशिकांत शिंदे, विधायक और विधानमंडल में पार्टी के नेता जयंत पाटिल, पूर्व मंत्री राजेश टोपे,बालासाहेब पाटिल, पुणे, सातारा, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, छत्रपति संभाजी नगर, जालना, हिंगोली, परभणी, नांदेड़, बीड, धाराशिव और लातूर जिलों के सांसद और विधायक मौजूद थे.  

भाजपा का वार: तेजस्वी यादव की ‘जमीन के बदले नौकरी’ नीति पर फिर उठे सवाल

नई दिल्ली बिहार विधानसभा चुनाव के विमर्श में जगह बना रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर महागठबंधन के विरुद्ध बाजी सजाने का मौका भाजपा को मिल गया है। आईआरसीटीसी के होटलों को लीज पर देने के मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर आरोप तय होते ही भाजपा ने लालू परिवार को निशाने पर ले लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद रविशंकर प्रसाद ने सत्ता में आने पर युवाओं को नौकरी देने के तेजस्वी यादव के वादे पर कटाक्ष किया कि बिहार की जनता झांसे में न आए, तेजस्वी यादव जमीन तो ले लेंगे, लेकिन नौकरी नहीं देंगे। यह इनका टेस्टेड मॉडल है। अदालत ने तय किए आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज अदालत ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए हैं। ये आरोप बहुत गंभीर हैं, जिनमें सरकारी संपत्ति के आवंटन में भ्रष्टाचार, षड्यंत्र रचना और बेईमानी से सरकार की निर्णय प्रक्रिया में गड़बड़ी करने जैसे अपराध शामिल हैं। इन मामलों में आईपीसी की धारा 120-बी और 420 दोनों शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार बदलने निकले हैं, जबकि उन्हीं के खिलाफ 420 का आरोप अदालत ने तय किया है। सवाल यह है कि जब किसी की ऐसी छवि और ऐसे आरोप हों, तो वह बिहार को कैसे बदल सकता है? 'जमीन ले लेंगे, लेकिन नौकरी नहीं देंगे' अपने प्रहार को धार देते हुए प्रसाद ने कहा कि अगर लालू प्रसाद के पूरे शासनकाल को तीन वाक्यों में कहा जाए तो वह होंगे- चारा खाना, अलकतरा पीना और सरकारी संपत्ति तथा टेंडर में हेराफेरी कर जमीन हड़पना। इसमें एक चौथा मॉडल भी जोड़ना चाहिए, 'जमीन दो, नौकरी लो।' यह चारों मॉडल लालू राज की पहचान रहे हैं। इस मॉडल की सबसे खास बात यह रही कि इसका सारा लाभ सिर्फ परिवार तक सीमित रहा, बाहर किसी को नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि जमीन दो, नौकरी लो योजना का सबसे बड़ा शिकार गरीब लोग हुए हैं। यह जमीन मजदूरों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से ली गई। नौकरी देने से पहले उनसे जमीन छीनी गई। यही कांग्रेस और राजद का तथाकथित सामाजिक न्याय है। मुकदमे की चार्जशीट में दर्ज तथ्यों को दोहराने के साथ ही सांसद रविशंकर प्रसाद ने तेजस्वी यादव का वर्ष 2020 के चुनाव का हलफनामा भी दिखाया। सवाल उठाया कि 17 साल की उम्र में तेजस्वी के पास 11 संपत्ति कैसे हो गईं? राबड़ी देवी के नाम पद दर्ज संपत्तियों का ब्योरा साझा करते हुए प्रश्न किया कि राबड़ी देवी ऐसा क्या कार्य करती हैं? और आय का स्रोत क्या है? आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में दाखिल चार्जशीट की बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि लालू परिवार के भ्रष्ट आचरण की पोल एक बार फिर खुल गई है। यह विषय बिहार में बड़ा मुद्दा है और जनता इस पर जरूर विचार करेगी।  

दूसरी लिस्ट में 65 सीटों के प्रत्याशी शामिल, जनसुराज की नई घोषणा

पटना चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने पहले ही कहा था कि समाज में जिसकी जितनी हिस्सेदारी है, उन्हें उतनी ही हिस्सेदारी मिलेगी। बिहार में अतिपिछड़ा समाज के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इसीलिए हमलोगों ने अब तक एक तिहाई सीटों पर इन्हें ही टिकट दिया है। आज दूसरी लिस्ट में 65 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है। इससे पहले 51 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई थी। अब तक 116 प्रत्याशी के नाम की घोषणा की गई है। इसमें सबसे अधिक संख्या अतिपिछड़ा समाज के लोगों की है। पीके ने कहा कि बिहार के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राजनीतिक दल ने इतने अधिक संख्या में अतिपिछड़ों को टिकट दिया है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने 65 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। इससे पहले जनसुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने पहले 51 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में 7 सुरक्षित और 44 सामान्य सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। पार्टी ने जातीय संतुलन का ध्यान रखते हुए अति पिछड़ा वर्ग से 17 (16 हिंदू और 1 मुस्लिम), अन्य पिछड़ा वर्ग से 11, सामान्य वर्ग से 9 और अल्पसंख्यक वर्ग से 7 उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा, वाल्मीकिनगर विधानसभा सीट से एक अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार को टिकट दिया गया है।

छत्तीसगढ़ में एनडीए उम्मीदवारों की घोषणा आज, दिलीप जायसवाल ने जताया एकजुटता का भरोसा

पटना बिहार विधानसभा चुनाव के अंतर्गत एनडीए आज (सोमवार) की शाम अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगा। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी। उन्होंने रविवार को घोषित सीट बंटवारे को लेकर एनडीए के भीतर किसी तरह के मतभेद होने से इनकार किया और कहा कि गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। दिलीप जायसवाल ने पत्रकारों से कहा कि एनडीए ने पहले ही सीट बंटवारे की घोषणा कर दी है। अब भाजपा समेत राजग के सभी घटक दलों के उम्मीदवारों की घोषणा शाम में की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में राजग के पांच घटक दल ‘पांच पांडव’ की तरह हैं और सभी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तथा भारी बहुमत से सरकार बनाएंगे। बता दें कि सीट बंटवारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष 243 सीटें छोटे सहयोगी दलों को दी गई हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की एलजेपी (राम विलास) 29 सीटों पर, जबकि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम छह-छह सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। हम और आरएलएम ने सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई है। सुबह दिल्ली से लौटने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि सीट बंटवारे की व्यवस्था आपसी सहमति से तय की गई है। उन्होंने दावा किया कि हम पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे।  

कर्नाटक से बिहार चुनाव में धन वर्षा? कांग्रेस पर BJP के गंभीर आरोप

पटना  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की बुलाई कैबिनेट बैठक को लेकर अटकलों का दौर जारी है। कहा जा रहा है कि यह बैठक राज्य कैबिनेट में होने वाले संभावित बदलाव से जुड़ी हो सकती है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को होने वाली इस मीटिंग के तार बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़े हैं। भाजपा का कहना है कि कर्नाटक कांग्रेस ने बिहार चुनाव में खर्च की जिम्मेदारी उठाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक को बिहार चुनाव के लिए एटीएम बना दिया है। उन्होंने कहा, 'मुझे जानकारी मिली है कि उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूरे खर्च की जिम्मेदारी उठाई है। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने इस पर चर्चा करने के लिए डिनर मीटिंग बुलाई है।' उन्होंने कहा है कि कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र ने चुनाव में इस्तेमाल के लिए कथित तौर पर 40 किलो सोना बिहार भेजा है। खास बात है कि वीरेंद्र को हाल ही में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। अशोक ने संकेत दिए हैं कि कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व स्तर पर बदलाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर में सिद्धारमैया को बदला जा सकता है। उन्होंने कहा, 'मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री की डिनर मीटिंग, शिवकुमार के सीएम बनने को लेकर विधायकों के बयान और जल्दबाजी में जातिगत जनगणना से कांग्रेस में राजनीतिक क्रांति के संकेत मिल रहे हैं।' कांग्रेस क्या बोली इधर, कांग्रेस के जिला प्रभारी मंत्री एन चालूवरयस्वामी ने कहा कि डिनर का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने इसे अफवाह बताया है। उन्होंने कहा है कि बिहार चुनावों के बाद कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है, लेकिन नेतृत्व में बदलाव का फैसला पार्टी आलाकमान पर है। उन्होंने कहा, '34 मंत्री हैं। अन्य के लिए कुछ और वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।' कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को राज्य में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलों को खारिज करते हुए इसे मीडिया में चल रही एक 'अफवाह' बताया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा कि पार्टी हाईकमान इस पर फैसला करेगा। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि नवंबर में जब कांग्रेस सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल की आधी अवधि पूरी कर लेगी तो राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है, जिसे कुछ लोग 'नवंबर क्रांति' के रूप में मान रहे हैं। एक सवाल के जवाब में शिवकुमार ने संवाददाताओं को बताया, 'कोई मंत्रिमंडल फेरबदल नहीं, कुछ नहीं। ये सब मीडिया में चल रही अफवाहें हैं, कुछ लोगों की बातें सुन रहा हूं। बातें मीडिया में हैं। या तो मुझे या मुख्यमंत्री को इस बारे में बोलना होगा। जब हम दोनों ने ही कुछ नहीं कहा, तो इसमें क्या है?' उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों को (मंत्री बनने की) जल्दी है। अगर उनके नाम मीडिया में आ गए, तो वे (नेताओं के) घर-घर जाएंगे। इसकी कोई संभावना नहीं है। सब कुछ आलाकमान तय करेगा।' पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उनका खेमा फेरबदल पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाना, जब सरकार अपने कार्यकाल के ढाई साल पूरे करने वाली है, इस संदेश के रूप में देखा जाएगा कि सत्ता की कमान उनके हाथ में है और आगे भी वही नेतृत्व करते रहेंगे। यह कदम शिवकुमार के लिए एक झटका साबित हो सकता है, जो मुख्यमंत्री पद पर दावा करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्य के राजनीतिक हलकों में, विशेषकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में, इस वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री परिवर्तन के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का दावा किया जा रहा है। पिछले कुछ समय से, मंत्री पद के इच्छुक कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग की ओर से भी मंत्रिमंडल में फेरबदल करके उन्हें शामिल करने की मांग उठ रही है। कुछ विधायकों ने तो खुले तौर पर मंत्री बनने की इच्छा भी व्यक्त की है।

राजद नेता का दावा: महागठबंधन की सीटें तय, ऐलान सिर्फ कल बाकी

पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूला का ऐलान कल (सोमवार, 13 अक्टूबर) को होगा। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी के वरीय नेता एवं विधायक भाई वीरेंद्र ने यह बात कही है। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन में सब ठीक है और सब हो गया है। कल प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी और सब कुछ साफ हो जाएगा। राजद, कांग्रेस, लेफ्ट समेत सभी घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी। राजद नेता भाई वीरेंद्र ने रविवार को पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने महागठबंधन में सीटों को लेकर घटक दलों के बीच मतभेद की अटकलों से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन में किसी भी मुद्दे पर कोई पेच नहीं है। सब ऑल इज वेल है। लालू परिवार के दिल्ली दौरे पर उन्होंने कहा कि कोर्ट का मामला है, इसलिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लैंड फॉर जॉब केस में जानबूझकर सरकार लालू एवं तेजस्वी यादव को तंग करना चाहती है। वहीं, अब तक महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार राजद, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट पार्टियों में सीटों की संख्या को लेकर अभी हल नहीं निकल पाया है। मुकेश सहनी को राजद 15 के आसपास सीटें देने को राजी है लेकिन वे डिप्टी सीएम पद की घोषणा पर अड़े हुए हैं। पशुपति पारस की रालोजपा भी महागठबंधन से अलग रहकर ही चुनावी मैदान में उतरती नजर आ रही है। दूसरी ओर, सीट शेयरिंग के ऐलान से पहले ही महागठबंधन में शामिल पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को नामांकन का इशारा कर दिया है। खबर है कि राजद ने 50 प्रत्याशियों को सिंबल देकर तैयार रहने को कहा है। वहीं, वाम दल सीपीएम ने दो सीटिंग विधायकों को नामाकंन की हरी झंडी दे दी है। सीपीआई माले के भी कुछ विधायकों ने नामांकन का ऐलान कर दिया है।  

Bihar Chunav में बड़े बदलाव की तैयारी, पुराने चेहरों की जगह युवाओं को तरजीह

नई दिल्ली बिहार भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रत्याशियों की सूची (Bihar Chunav BJP Candidate List 2025) लगभग तैयार कर ली है और अब बस दिल्ली में अंतिम स्वीकृति का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक, रविवार शाम को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चुनाव समिति एवं संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। इसी बैठक में सूची पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। दिल्ली में दो दिनों तक चली बैठकें पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में बीते दो दिनों से बिहार चुनाव को लेकर लगातार बैठकें हो रही थीं। अब सूची को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश चुनाव समिति और केंद्रीय चुनाव समिति के बीच उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बन चुकी है। भाजपा नेतृत्व की स्वीकृति के बाद यह सूची आधिकारिक रूप से इंटरनेट मीडिया पर जारी की जाएगी। वहीं, NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीटों के बंटवारे पर भी लगभग सहमति बन चुकी है। राजग के सभी घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और शीर्ष नेता दिल्ली में ही मौजूद हैं। संभव है कि सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा रविवार रात या सोमवार सुबह तक हो जाए। युवा और नए चेहरों पर भाजपा का फोकस भाजपा इस बार युवा और नए चेहरों को अवसर देने के मूड में है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि जनता अब नए नेतृत्व की ओर देख रही है। इसलिए, कई मौजूदा विधायकों का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। उम्मीदवार चयन में सामाजिक संतुलन, स्थानीय समीकरण और जीत की संभावना को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश स्तर पर भाजपा संगठन ने पहले ही संभावित उम्मीदवारों का पैनल दिल्ली भेज दिया था। वहीं, कुछ नामों पर अभी भी अंतिम विचार चल रहा है, खासकर उन सीटों पर जहां गठबंधन के अंदर खींचतान बनी हुई है। प्रत्याशियों को मिले नामांकन की तैयारी के निर्देश दिल्ली से लौटे भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी ने कुछ संभावित उम्मीदवारों को पहले ही नामांकन की तैयारी शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। भाजपा प्रदेश संगठन बूथ स्तर पर चुनावी तैयारियों में जुटा हुआ है, ताकि टिकट घोषणा के तुरंत बाद उम्मीदवार मैदान में सक्रिय हो जाएं।   NDA में तालमेल की स्थिति स्पष्ट राजग के अन्य घटक दलों- जदयू, एलजेपी(राम विलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के साथ सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन चुकी है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व के अनुसार, गठबंधन को मजबूत बनाए रखते हुए हर क्षेत्र में सामंजस्यपूर्ण वितरण सुनिश्चित किया गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेता सोमवार सुबह तक पटना लौट सकते हैं। इसके बाद प्रदेश स्तर पर प्रत्याशियों की घोषणा और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू होगी। बिहार भाजपा अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है, और दिल्ली में मुहर लगने के बाद प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी और तेज़ होने की संभावना है।