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सड़क निर्माण में अब नहीं चलेगा समझौता, गुणवत्ता के लिए कड़े कदम : मंत्री सिंह

सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ठोस प्रयास : लोक निर्माण मंत्री सिंह भोपाल  लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उठाए जा रहे प्रभावी कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए विभाग तकनीकी नवाचार, पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली और सख्त गुणवत्ता मानकों को अपनाते हुए कार्य कर रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि इंदौर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का कार्य पूर्णतः स्वीकृत तकनीकी डिज़ाइन और मानकों के अनुरूप प्रगति पर है। यह ओवरब्रिज रेलवे और लोक निर्माण विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण और डिज़ाइन प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया गया है। वर्तमान में निर्माणाधीन इस आरओबी की लंबाई 1027.60 मीटर और चौड़ाई 12.00 मीटर निर्धारित की गई है। इसका डिज़ाइन तीन दिशाओं में यातायात सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई स्टेशन और भागीरथपुरा की ओर जाने वाली तीन भुजाएँ इसमें सम्मिलित हैं। मंत्री सिंह ने बताया कि ओवरब्रिज में कुल पाँच टर्न (वक्र) हैं, जिनका निर्माण भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। आईआरसी मानकों के अनुसार कर्व का न्यूनतम रेडियस 15 मीटर होता है, जबकि इस आरओबी के सभी टर्न का रेडियस लगभग 20 मीटर है, जिससे यह डिज़ाइन और संरचनात्मक दृष्टि से पूरी तरह संतुलित और सुरक्षित है। निर्माण कार्य के सभी आयाम — जैसे कि रेडियस ऑफ कर्वेचर, डिज़ाइन स्पीड और सुपर एलीवेशन — को मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किया गया है। यह आरओबी इंदौर शहर के तीन प्रमुख क्षेत्रों को यातायात की निर्बाधता और सुविधा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निर्माण स्थल की स्थिति और डिज़ाइन ड्रॉइंग का तुलनात्मक अवलोकन इस बात की पुष्टि करता है कि कार्य स्वीकृत तकनीकी योजनाओं के अनुसार ही किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कार्यों को पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ पूरा कर रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि गड्ढे रहित सड़कें संधारण विभाग की प्राथमिकता हैं, परंतु अत्यधिक वर्षा और ट्रैफिक लोड के कारण कभी-कभी सड़कों की क्षति होती है। इनके सुधार कार्य के लिये विभाग तकनीकी प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर रहा है, जिससे अभियंता नवाचारों और आधुनिक तकनीकों से अपडेट रह सकें। लोकपथ मोबाईल ऐप पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण हेतु 7 दिवस की समय-सीमा को कम करने पर भी विचार किया जा रहा है। मानसून के दौरान सड्कों की मरम्मत के लिये आधुनिक मशीनों से पेच रिपेयर की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। उन्होने बताया कि अभी हाल ही मे 8 से 10 जून के बीच विभाग के 1500 से अधिक इंजीनियरों को एक अभियान के रूप में सड्कों के निरीक्षण के लिये भेजा गया था और 20 जून तक सभी मरम्मत कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया गया था। मंत्री सिंह ने यह कहा कि सड़कों की एक उम्र होती है, यदि इससे पहले सड़क खराब होती है तो यह जाँच का विषय है और दोषियों पर कार्यवाही होगी। कई मामलों में सडकों पर यातायात दवाब और वाहनों के बोझ पर भी क्षति का होना निर्भर करता है। मंत्री सिंह ने बताया कि प्रदेश की सभी 13 मण्डल स्तरीय प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर दिया गया है, जिससे निर्माण सामग्री की जांच अब और अधिक सटीक और प्रभावी हो सकेगी। प्रत्येक जिले में मोबाइल प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रथम चरण में 13 मण्डलों के लिए निविदा जारी कर दी गई है, जिससे निर्माण स्थलों पर त्वरित जांच और सुधार की प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए तेलंगाना और गुजरात की तर्ज पर एक स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण इकाई की स्थापना कर दी गई है, जो केवल गुणवत्ता निगरानी के लिए समर्पित होगी। सड़क निर्माण में प्रयुक्त डामर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके अंतर्गत डामर केवल सार्वजनिक उपक्रम रिफाइनरियों – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से ही खरीदा जाएगा। इसके परिवहन हेतु जीपीएस आधारित ई-लॉकिंग सिस्टम से युक्त टैंकरों का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें निर्माण स्थल पर केवल विभागीय अभियंता ओटीपी के माध्यम से खोल सकेंगे। औचक निरीक्षण की पारदर्शी और तकनीकी प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग ने एक सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली विकसित की है, जिसमें निरीक्षण स्थल, दल और सैंपल का चयन पूरी तरह रैंडम तरीके से होता है। संग्रहीत सैंपल को गोपनीय कोड के साथ प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है और रिपोर्ट सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जाती है। इसके बाद अगले ही दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर आवश्यक होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की 5 और 20 तारीख को नियमित रूप से यह औचक निरीक्षण किया जा रहा है। विगत 5 माह में 70 चरणों में 348 निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर 21 ठेकेदारों, 14 अधिकारियों और 4 कंसल्टेंट्स पर कार्यवाही की गई है। मंत्री सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा विकसित ‘लोकपथ ऐप’ की सफलता इसकी जनभागीदारी और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली का प्रमाण है। ऐप पर प्राप्त शिकायतों की मॉनिटरिंग और श्रेणीकरण प्रणाली को और अधिक सटीक और जिम्मेदार बनाया जा रहा है, जिससे वास्तविक शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर गुणवत्ता में कमी पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उत्कृष्ट कार्य करने वाले ठेकेदारों और अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा रहा है, जिससे विभाग में गुणवत्तापूर्ण कार्य हेतु सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार हो रहा है। मंत्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में विभाग द्वारा ‘लोक कल्याण सरोवर’ और रिचार्ज बोर जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। सड़क निर्माण से निकलने वाली मिट्टी से 500 स्थायी जल स्रोतों का निर्माण अंतिम चरण में है, जिन्हें जियो टैग और सूचना पटल के माध्यम से चिन्हित किया जाएगा। इनकी निगरानी भी रैंडम निरीक्षण प्रणाली से की जाएगी। मंत्री सिंह ने कहा, “लोक निर्माण विभाग केवल सड़क और भवन नहीं बनाता, … Read more

गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में होंगे शामिल डॉ. यादव आज 10 जुलाई को भोपाल में मनाएंगे गुरु पूर्णिमा, महोत्सव में लेंगे भाग गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में होगा कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तात्या टोपे नगर के कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे और विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरण का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वरामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री और भगवान दास सबनानी उपस्थित रहेंगे। नि:शुल्क साइकिल वितरण प्रदेश में इस वर्ष 2025-26 में नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में करीब 4 लाख 30 हजार पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जायेंगी। इस योजना में 195 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। सांदीपनि विद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव शासकीय कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के सर्व-सुविधायुक्त भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन 36 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। भवन में सर्व-सुविधायुक्त प्रयोगशालाएँ, लायब्रेरी तथा ऑडिटोरियम निर्मित हैं। इसके अलावा उत्कृष्ट शिक्षा के लिये स्माल डिजिटल कक्षाएँ, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग, कॅरियर काउंसिलिंग और इण्डोर-आउटडोर खेल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विद्यालय के आसपास के 10 किलोमीटर दूरी से आने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के समस्त विद्यालयों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा के दौरान गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरु-शिष्य संस्कृति पर जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों को प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने पर दी बधाई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एन्सेंट बिल्विट्सचिआ मिराबिल्स"(The Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis') मिलने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान भारत-नामीबिया के मध्य सशक्त होते संबंधों की अद्वितीय अभिव्यक्ति है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि समस्त राष्ट्रवासियों को भारत की इस उपलब्धि पर अत्यंत गर्व हो रहा है।  

स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम, बच्चों की जांच के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान

इंदौर  स्वास्थ्य विभाग इंदौर में हाल ही में जन्मे नवजातों से लेकर पिछले 5 साल में पैदा हुए बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु दस्तक अभियान प्रारंभ करने जा रहा है। यह अभियान 22 जुलाई से शुरू होकर 16 सितंबर तक जिलेभर में चलेगा। टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, इंदौर जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 4 लाख से अधिक है, जिनका इस अभियान के तहत स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। मंगलवार और शुक्रवार को विशेष जांच व्यवस्था जिला टीकाकरण अधिकारी तरुण गुप्ता ने जानकारी दी कि यह अभियान न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में संचालित किया जाएगा। सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को नवजात एवं 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों की विशेष रूप से हिमोग्लोबिन सहित कई तरह की बाल रोगों से संबंधित जांच की जाएगी। साथ ही बच्चों की माताओं को डायरिया और अन्य बीमारियों के लक्षणों की पहचान और बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। घर-घर जाकर होगी जांच टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, जो बच्चे किसी कारणवश टीकाकरण केंद्र या आंगनवाड़ी तक नहीं पहुंच पाते, उनके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जांच करती हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि कोई भी बच्चा जांच और उपचार से वंचित न रह जाए। अभियान के अंतर्गत 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा। बाल मृत्यु दर कम करने की दिशा में प्रयास यह दस्तक अभियान स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से संचालित किया जा रहा है। इसमें एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बीमारियों की समय पर पहचान कर उनका इलाज करना और बाल मृत्यु दर को प्रभावी रूप से कम करना है। 

सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम, जिलों में चलाया जाएगा जीरो फेटेलिटी प्रोग्राम

सड़क हादसों पर लगेगा ब्रेक, जिलों में शुरू होगा जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम दुर्घटना मुक्त जिले बनाने की पहल, शुरू होगा जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट अभियान सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम, जिलों में चलाया जाएगा जीरो फेटेलिटी प्रोग्राम परिवहन विभाग ने सभी कमिश्नर्स एवं जिला कलेक्टर्स को जारी किये निर्देश भोपाल केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के 100 ऐसे जिले जहां अधिक संख्या में घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन्हें "सेफ लाईफ फाउण्डेशन" के सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया है। देश के चिन्हित इन 100 जिलों में मध्यप्रदेश के 6 जिले चिन्हित किये गये हैं। ये जिले धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर एवं खरगोन हैं। धार जिले में वर्ष 2023 के आकलन अनुसार सबसे अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इन सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा "जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम" के तहत सभी जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इन सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को चिन्हित करते हुए योजना तैयार की जाये। इसके बाद आवश्यक कार्य किए जाएं जिससे इन सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। आईआईटी मद्रास के "Center of Exellence for Road Safety" द्वारा ऐसी रणनीति पर कार्य किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक स्थल एवं सड़क कॉरिडोर जहाँ दुर्घटनाएं अधिक संख्या में हो रही हैं, वहां कम लागत वाले अति स्थानीय कार्यों को चिन्हित किया गया है। उन कार्यों के लिये जिला प्रशासन को सहयोग दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन के परिवहन विभाग की ओर से सभी कमिश्नर एवं जिला कलेक्टर्स को विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी इस कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है। कार्य योजना के तहत सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में एडीएम अथवा एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा यह नोडल अधिकारी जिले की सड़क एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके संभावित दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर की जानकारी संकलित करें। ऐसे स्थल अथवा सड़क कॉरिडोर जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं उन्हें एनआईसी e-DAR पोर्टल से चिन्हित किया जा सकेगा। कुछ ऐसे स्थल, जहां संभावित घातक दुर्घटना हो सकती हैं तथा वर्तमान में छुटपुट दुर्घटनाएं निरंतर हो रही हैं, ऐसे स्थलों की जानकारी जैसे स्थानीय पुलिस, स्थानीय निकायों, आमजन आदि से एकत्रित करने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं। जिले के ऐसे चिन्हित सड़क दुर्घटनाओं के स्थल एवं सड़क कॉरिडोर का निरीक्षण सभी संबंधित सड़क एजेंसी के जिला अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जायेगा तथा दुर्घटना के तकनीकी और इंजीनियरिंग कारणों को आंकलित कर लेखबध्द किया जाएगा। मौका निरीक्षण के बाद तकनीकी कारण जिनकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं उनकी जानकारी लेने के बाद निराकरण के लिये अतिस्थानीय एवं कम लागत के उपाय भी संबंधित सड़क एजेन्सी के इंजीनियर करेंगे। जिला कलेक्टर, नोडल अधिकारी एवं सड़क एजेन्सी के इंजीनियर के माध्यम से जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इनकी प्रस्तुतीकरण की जायेगी। इन कम लागत से होने वाले व्यय के लिये लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक जिले में समुचित बजट प्रावधान सुनिश्चित किया जाये। इस पर होने वाले व्यय के लिये राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि, सांसद एवं विधायक निधि से प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे।

16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के 233 स्थानों की 1000 एकड़ भूमि पर होगा पौधरोपण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पर्यावरण और जल संरक्षण अवधारणा पर अमल हरियाली की चादर ओढ़ेंगे मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थल 16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के 233 स्थानों की 1000 एकड़ भूमि पर होगा पौधरोपण 43 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लगभग 7.50 लाख पौधे लगाए जाएंगे भोपाल  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूरे देश में चलाए जा रहे एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान को प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मिशन के रूप में चला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रकृति, पर्यावरण और जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश के 16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण करेगी और मनरेगा परिषद ने तैयारी भी शुरू कर दी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पौधरोपण के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। 233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर किया जाएगा पौधरोपण मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर स्थित आश्रय स्‍थलों के लगभग 233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर 43 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लगभग 7.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। पौधरोपण का कार्य 15 जुलाई से शुरू होगा जो 15 अगस्त तक चलेगा। इन क्षेत्रों में पौध-रोपण के लिए बकायदा अभियान चलाया जाएगा। 16 जिलों में मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर होगा पौधरोपण मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर जिन जिलों में पौधरोपण किया जाएगा, उन 16 जिलों में अनूपपुर, डिंडोरी, मण्‍डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा एवं खरगोन शामिल हैं। ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से की जाएगी निगरानी मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य सही ढ़ग से हो रहा है या नहीं पौधे कहां पर लगे हैं या नहीं। मनरेगा परिषद द्वारा संपूर्ण पौध-रोपण कार्य की ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से बकायदा निगरानी भी की जाएगी। आश्रय स्थलों पर भूमि की उपलब्धता के अनुसार दो श्रेणियों में पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। प्रदेश में 136 ऐसे स्थान हैं जहां पर 2 एकड़ से अधिक भूमि है। यहां पर 2.15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसी तरह 97 ऐसे स्थान हैं जहां पर 1 एकड़ से अधिक और 2 एकड़ से कम भूमि है वहां पर 5.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। पौधरोपण की खासियत पौधरोपण के आश्रय स्थलों का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर से किया जाएगा। साथ ही यदि सिपरी सॉफ्टवेयर पौधरोपण के लिए जगह को उपयुक्‍त नहीं बताता है तो उस स्थान पर पौधरोपण नहीं किया जाएगा। सॉफ्टवेयर से यह भी देखा जाएगा कि जिस जगह पर पौधरोपण किया जा रहा है उस जगह पर पानी का स्‍थायी स्रोत हो।     ऐसे स्‍थल जहां पर 2 एकड़ या अधिक भूमि उपलब्‍ध है, वहां पर सामान्य पद्धति से पौधरोपण का कार्य किया जाएगा।     2 एकड़ से कम एवं 1 एकड से अधिक भूमि उपलब्‍ध है वहां मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया जाएगा।     जहां पौधरोपण किया जाना है, वहां पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग की जाएगी।     14 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा गड्ढे की खुदाई और तार की फेंसिंग का कार्य मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य शुरू होने से पहले गड्‌ढे की खुदाई, तार की फेंसिंग, सिपरी सॉफ्टवेयर द्वारा प्रस्तावित भूमि का स्थल निरीक्षण, भौतिक सत्यापन, तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति जैसे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। 15 जुलाई से पौधरोपण का कार्य शुरू होगा।  

एबी रोड को मिलेगा नया लुक, इंदौर में 90 करोड़ की लागत से होगा सौंदर्यीकरण

 इंदौर  इंदौर शहर से गुजरने वाला एबी रोड जल्द ही 60 मीटर चौड़ा होगा। नगर निगम ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। चौड़ीकरण पर 90 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। सब कुछ योजनानुसार हुआ तो एक वर्ष में इंदौरियों को एबी रोड नए स्वरूप में नजर आने लगेगा। चौड़ीकरण में साइकिल ट्रेक और सर्विस लेन को शामिल किया जाएगा। बिजली के खंभों और स्टार्म वाटर लाइन को एक लाइन में लाया जाएगा। नगर निगम जल्द ही इस काम के लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा। यातायात के बढ़ते दबाव के चलते एबी रोड चौड़ीकरण की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। पिछले दिनों कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में एबी रोड को 60 मीटर चौड़ा करने पर सहमति बनी थी। इसके बाद नगर निगम ने इस संबंध में सर्वे करवाने के बाद डीपीआर तैयार कर ली है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अनुमान है कि एबी रोड चौड़ीकरण पर 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एबी रोड चौड़ीकरण की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार सर्विस लेन और साइकिल ट्रेक को एबी रोड में शामिल करने की बात कही है। चौड़ीकरण के तहत बिजली के पोल, स्टार्म वाटर लाइन को एक लाइन में लाया जाएगा। स्मार्ट सिटी मद से होगा खर्च निगमायुक्त शिवम वर्मा के मुताबिक एबी रोड चौड़ीकरण पर आने वाला 90 करोड़ रुपये का खर्चा स्मार्ट सिटी मद से किया जाएगा। एबी रोड चौड़ीकरण के बाद यातायात में सुगमता होगी। जाम से मुक्ति मिलेगी। बीआरटीएस हटाने के बाद शुरू होगा काम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को बीआरटीएस भी हटाना है। इसके अलावा एबी रोड पर डिवाइडर बनाने और एबी रोड के चौड़ीकरण का काम भी होना है। इस काम को पूरा करने के लिए नगर निगम ने एक वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया है। जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि बीआरटीएस तोड़ने वाली एजेंसी 14 जुलाई को तय हो जाएगी। अन्य मार्गों के मुकाबले आसान होगा एबी रोड का चौड़ीकरण शहर के अन्य मार्गों के मुकाबले नगर निगम के लिए एबी रोड का चौड़ीकरण आसान होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि इस चौड़ीकरण के लिए नगर निगम को बीआरटीएस के अतिरिक्त दोनों ओर करीब 15-15 मीटर का हिस्सा लेना है। एलआईजी से नौलखा के बीच पुलिस अधिकारियों के बंगले, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, पीसी सेठी अस्पताल सहित ज्यादातर शासकीय इमारतें हैं। जो निजी भवन इस चौड़ीकरण की जद में आएंगे, वे भी पीछे हटकर बने हैं। ऐसी स्थिति में अधिकारियों का अनुमान है कि चौड़ीकरण के लिए बाधाएं हटाने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।

लाड़ली बहना योजना की अगली किस्त का ऐलान, तय दिन पर मिलेंगे 1500 रुपये

भोपाल  मध्य प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं के लिए खुशखबरी है। लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त की तारीख का ऐलान हो गया है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव 12 जुलाई को खाते में 1500 रुपये ट्रांसफर करेंगे। इसके अलावा रक्षा बंधन के शगुन के तौर पर 250 रुपये भी खाते में आएंगे।कैबिनेट ने इस तोहफे के तौर पर 250 रुपये की अतिरिक्त राशि को भी मंजूरी दे दी है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने  कैबिनेट की बैठक से मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्‍यमंत्री उज्‍जैन से इस बार लाडली बहना योजना की 26वीं क‍िस्‍त ट्रांसफर करेंगे। लाडली बहना योजना जून 2023 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता देना है। शुरुआत में हर महीने 1,000 रुपये दिए जाते थे। रक्षा बंधन 2023 के दौरान इसे बढ़ाकर 1,250 रुपये कर दिया गया। इस नए बदलाव के साथ, राज्य महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सीएम यादव ने योजना की 25वीं किस्त के रूप में लाभार्थियों के बैंक खातों में 2,080 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। उन्होंने लाडली बहना योजना को एक परिवर्तनकारी पहल बताते हुए कहा था कि इस योजना के तहत शुरुआत से अब तक 28,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं। प‍िछले महीने मुख्‍यमंत्री ने लाडली बहना योजना की 25वीं क‍िस्‍त को 16 जून को ट्रांसफर क‍िया था। दिवाली से हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे मुख्यमंत्री मोहन यादव घोषणा कर चुके हैं कि अक्टूबर से लाडली बहना योजना के तहत सभी लाभार्थी महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे। यही नहीं इस राशि में हर साल बढ़ोतरी की जाएगी और 2028 से इसे बढ़ाकर 3000 रुपये हर महीने कर दिया जाएगा। हालांकि यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब मध्य प्रदेश सरकार कर्ज में डूबी हुई है। लगातार तीसरे महीने लिया जाएगा कर्ज इस बीच मध्य प्रदेश सरकार लगातार तीसरे महीने कर्ज लेने जा रही है। मंगलवार को 4800 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए सरकार ने औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं। पिछले महीने भी सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। राज्य पर पहले से ही 4,21,032 करोड़ का कर्ज हो चुका है।  

निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम, मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे प्रमुख सेक्टरों के निवेशकों से मुलाकात

मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव-इंदौर मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री एवं टूरिज्म सेक्टर के निवेशकों से संवाद CM डॉ. यादव रियल एस्टेट, होटल और टूरिज्म सेक्टर के निवेशकों से करेंगे संवाद निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम, मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे प्रमुख सेक्टरों के निवेशकों से मुलाकात रियल एस्टेट व टूरिज्म सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, CM डॉ. यादव करेंगे निवेशकों से सीधा संवाद शहरी विकास के ब्लू प्रिंट पर होगा मंथन भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 जुलाई को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में "मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव” में होटल इंडस्ट्री, पर्यटन, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों के निवेशकों से संवाद करेंगे। इस उच्चस्तरीय आयोजन में देशभर के संबंधित सेक्टर्स के निवेशकों, उ‌द्योगपतियों, कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। कॉन्क्लेव में देशभर से 1500 से अधिक उद्‌द्योगपति, रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री और टूरिज्म सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधि, निवेशक आदि शामिल होंगे। आयोजन के दौरान एक भव्य प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। आयोजन में क्रेडाई, होटल इंडस्ट्री, टूरिज्म, नगर निगम, आईडीए, स्मार्ट सिटी, मैट्रो, हुडको, एलआईसी, हाउसिंग बोर्ड आदि की व्यापक भागीदारी रहेगी। प्रदर्शनी में इनसे संबंधित योजनाएं व प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए जाएंगे। यह कॉन्क्लेव प्रदेश में शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आयोजन से इंदौर और मध्यप्रदेश को निवेश का नया आयाम मिलेगा। निवेश और विकास के प्रमुख क्षेत्र प्रदेश में विकास और निवेश शहरी परिवहन (मेट्रो, ई-बस, मल्टीमॉडल हब), किफायती आवास, स्लम पुनर्विकास, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, जलापूर्ति, सीवेज नेटवर्क, झील संरक्षण, डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस, भवन स्वीकृति प्रणाली और स्वच्छ ऊर्जा, हरित भवन, रिन्यूएबल इनफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। निवेशक इन क्षेत्रों में निवेश कर भविष्य में होने वाले लाभ के सहभागी हो सकते हैं। हाउसिंग सेक्टर में बेहतर निवेश की संभावना प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की अच्छी संभावना है। अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके है। प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जा रहे है। इनमें 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। रियल इस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में मानव संसाधन की गुणवत्तापूर्ण वर्क फोर्स उपलब्ध है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 6 हजार किलोमीटर सड़क, 80 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शत् प्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई है। नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाईज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है।    

18 लाख एमएसएमई इकाइयों में 56 हजार करोड़ का निवेश, 94 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार

विशेष समाचार मुख्यमंत्री के युवाओं को रोजगार संपन्न बनाने की घोषणा पर अमल एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित कर उपलब्ध कराई जा रही है सहायता : मंत्री  काश्यप 18 लाख एमएसएमई इकाइयों में 56 हजार करोड़ का निवेश, 94 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार भोपाल  सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि प्रदेश में रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिये राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रभावी पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्योग और रोजगार वर्ष की घोषणा के अनुरूप विभाग लगातार एमएसएमई की स्थापना और रोजगार सृजन के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और स्व-सहायता समूहों को ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। मंत्री श्री काश्यप ने बताया कि प्रदेश में 18 लाख पंजीकृत एमएसएमई इकाइयों द्वारा 56 हजार करोड़ रूपये से अधिक निवेश कर 94 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। इसी तरह 5,342 स्टार्टअप, 72 इनक्यूबेटर और 2,542 महिला स्टार्टअप्स के माध्यम से 54 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 10,352 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। मंत्री श्री काश्यप ने बताया कि रोजगार सृजन के इस सबसे सशक्त माध्यम को और प्रभावी बनाया गया है। एमएसएमई विकास नीति 2025, स्टार्टअप नीति 2025 और औद्योगिक भूमि आवंटन नियम 2025 के माध्यम से प्राथमिकता क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। स्टार्टअप नीति का लक्ष्य 10 हजार डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान करना है। हाल ही में रतलाम में संपन्न हुई रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एण्ड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव इसका उदाहरण है, जहां वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश में अभी तक लाभान्वित हुए 2.37 लाख से अधिक लोगों को जिन्हें लगभग 2400 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से मिला है, उनकी उपलब्धि को प्रदर्शित किया गया। साथ ही विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत प्रदेश के 4 लाख से अधिक हितग्राहियों को 3861 करोड़ रूपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया है। इसी तरह 880 एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को 269 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई है। इन प्रयासों की अनेक सफल कहानियां भी नवउद्यमियों को प्रेरित कर रही है। राइस मिल के मालिक बने रवि को 53 लाख सब्सिडी पन्ना जिले के गांव गिरवारा निवासी रवि पाठक ने अर्चना राइस मिल नाम से अपना व्यवसाय आरंभ किया। इससे धान प्रसंस्करण के क्षेत्र में उन्हें विशिष्ट पहचान मिली है। रवि ने यह व्यवसाय एमएसएमई प्रोत्साहन योजना की सहायता से प्रारंभ किया। इसमें उन्होंने 133.83 लाख रूपये का निवेश किया, योजना के तहत उन्हें 53.53 लाख रूपये की सहायता मिली। इस योजना के लाभ से रवि का व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा है। 7 जरूरतमंद को रोजगार से जोड़ा इस व्यवसाय के शुरू होने से न सिर्फ रवि ने प्रगति की है बल्कि उन्होंने सात अन्य जरूरतमंद लोगों को रोजगार से जोड़ा है। रवि बताते हैं कि हमारी इकाई में गुणवत्ता का खास खयाल रखा जाता है जिससे कि ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस पहल से वे आत्मनिर्भर हुए हैं साथ ही गांव के युवाओं को प्रेरणा भी मिली है। अब रवि गांव के अन्य लोगों को योजना की जानकारी दे रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर वे युवाओं को व्यवसाय प्रारंभ कराने में मदद भी कर रहे हैं। उद्यम क्रांति – 50 लाख का टर्नओवर धार जिले के धानमंडी निवासी राकेश गहलोत ने पेंट और हार्डवेयर शॉप प्रारंभ की और आज वे अपने परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर रहे हैं। राकेश ने बताया कि शॉप शुरू करने के लिए उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से एमसएसएमई विभाग की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का लाभ लिया। इसमें उन्हें 25 लाख रूपये का ऋण स्वीकृत हुआ जिससे उन्हें रोजागार स्थापित करने में सहयेाग मिला। धीरे-धीरे व्यवसाय ने गति पकड़ ली। अब उनके व्यवसाय से लगभग 50 लाख रूपये प्रतिवर्ष टर्नओवर मिल रहा है। श्री राकेश बताते हैं, एक समय था जब मैं बहुत हताश हो चुका था। अपने साथियों को जीवन में आगे बढ़ते देख में भी चाहता था कि मेरा भी अच्छा रोजगार स्थापित हो जाए। परिवार की जरूरतें पूरी करना, बच्चों की पढ़ाई और उनके शौक पूरे करना चाहता था। मेरा एक ही उद्देश्य था कि सभी प्रकार की आर्थिक परेशानियों से परिवार को मुक्त करना। इसके बाद मैंने शासन की योजना की सहायता लेकर समस्याओं का समाधान किया। आज श्री गहलोत अपने क्षेत्र में 'आईकान' बन गए हैं।