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बैतूल में दो मासूमों की मौत, जहरीले सिरप से बढ़ता जा रहा संकट

बैतूल मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्च्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत के बाद अब बैतूल जिले के आमला ब्लॉक में दो मासूम बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में इन बच्चों की मौत का कारण भी किडनी फेल होना बताया जा रहा है। दोनों बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया में ही डॉ. प्रवीण सोनी के पास हुआ था। परासिया में अन्य 11 बच्चों की मौत के मामले में डॉ. सोनी को गिरफ्तार किया जा चुका है। बैतूल जिले में पहला मामला निहाल (2 वर्ष) पुत्र निखिलेश धुर्वे, निवासी जामुन बिछुआ का है। तबीयत बिगड़ने पर बच्चे को बैतूल और फिर एम्स भोपाल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दूसरा मामला कबीर (3 वर्ष 11 माह) पुत्र कैलाश यादव, निवासी राम नगर ढाना कलमेश्वरा का है। उसने भी इसी डॉक्टर से इलाज कराया था और 8 सितंबर को उसकी मौत हो गई। दोनों बच्चों के इलाज का समय अलग-अलग था, पर डॉक्टर एक ही निकला। परिजनों ने शक जताया है कि कफ सिरप के सेवन के बाद बच्चों की हालत बिगड़ी थी। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि दवा प्रतिबंधित थी या नहीं। दोनों मामलों में पोस्टमॉर्टम नहीं होने के कारण वास्तविक कारण की पुष्टि जांच रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगी। सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाड़े ने बताया कि आमला विकासखंड के जामुन बिछुआ और कमलेश्वरा गांव में दो बच्चों की मृत्यु हुई है। दोनों का इलाज परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी से कराया गया था। मामले की जांच की जा रही है, और परिजनों से चर्चा के बाद इलाज से जुड़े दस्तावेज एकत्रित किए जाएंगे। अभी यह साफ नहीं है कि दोनों बच्चों को कफ सिरप दिया गया था या नहीं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप साहू ने बताया कि निहाल को गंभीर किडनी फेल्योर की समस्या थी और उसे भोपाल रेफर किया गया था। मृतक निहाल के पिता निखिलेश धुर्वे ने कहा कि परासिया के डॉक्टर ने जो दवा दी थी, उसे देने के बाद बच्चे की हालत बिगड़ी और वह नहीं बच पाया। उन्होंने कहा कि अब वे चाहते हैं कि प्रशासन सच्चाई सामने लाए। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने संयुक्त जांच टीम गठित कर दी है। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं, इलाज के तरीके और सिरप की जांच की जा रही है।

हिंसा में मारे गए लोगों के लिए न्याय की गुहार, जेल से सोनम वांगचुक का संदेश

जोधपुर लद्दाख हिंसा के बाद जेल में बंद सोनम वांगचुक ने लेह विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई चार लोगों की मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती, वह जेल में रहने को तैयार हैं। वांगचुक वर्तमान में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस ने उन्हें 26 सितंबर को हिरासत में लिया था। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के नेता सज्जाद कारगिली ने एक्स पर पोस्ट सोनम वांगचुक का संदेश शेयर किया है। सोनम से उनके भाई कात्सेतन दोरजे ले और वकील मुस्तफा हाजी ने 4 अक्टूबर को जेल में उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कहा, मैं शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ हूं और सभी की चिंता और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं। उन लोगों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना, जिन्होंने अपनी जान गंवाई और जो लोग घायल हुए हैं और गिरफ्तार हुए हैं। हमारे चार लोगों की हत्या की एक स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए और जब तक ऐसा नहीं होता, मैं जेल में रहने के लिए तैयार हूं। सोनम ने अपने संदेश में कहा कि मैं 6ठी अनुसूची और राज्य का दर्जा पाने की हमारी वास्तविक संवैधानिक मांग में सर्वोच्च निकाय, केडीए और लद्दाख के लोगों के साथ दृढ़ता से खड़ा हूं। सर्वोच्च निकाय लद्दाख के हित में जो भी कदम उठाएगा, मैं तहे दिल से उनके साथ हूं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति और एकता बनाए रखें, और अहिंसा के सच्चे गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से अपना संघर्ष जारी रखें।   कल सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट सोमवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। इस याचिका में वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून  के तहत की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की 6 अक्तूबर की कार्यसूची के अनुसार, यह याचिका न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और एन. वी. अंजनिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख में हुए प्रदर्शन के दो दिन बाद एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह प्रदर्शन लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर किया गया था, जिसमें चार लोगों की मौत और करीब 90 लोग घायल हुए थे।

दीपक चाहर का बिग बॉस में धमाका, बहन मालती की अनकही एंट्री की उम्मीद?

मुंबई तेज गेंदबाज दीपक चाहर रविवार को चर्चित रिएलिटी शो बिग बॉस 19 में पहुंचेंगे। 'वीकेंड का वार' के पहले एपिसोड (शनिवार) की समाप्ति के बाद रविवार के लिए जारी किए गए प्रोमो में शो के होस्ट और मशहूर फिल्म अभिनेता सलमान खान ने दूसरे वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट की घोषणा की। उन्होंने कहा, हमें दूसरे वाइल्ड कार्ड सदस्य का इंतजार था। बिग बॉस 19 का रोमांच प्रशंसकों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इस हफ्ते आठ कंटेस्टेंट नॉमिनेट हैं। इनमें नीलम गिरी, अशनूर कौर, तान्या मित्तल, अमाल मलिक, जीशान कादरी, कुनिका सदानंद, नेहल चुडासमा और प्रणीत मोरे शामिल हैं। 'वीकेंड का वार' के दूसरे एपिसोड में सलमान आज इस शो से बाहर होने वाले कंटेस्टेंट के नाम का खुलासा करेंगे। बिग बॉस के घर पहुंचे दीपक चाहर, बहन की होगी एंट्री! इससे पहले बिग बॉस की तरफ से जारी किए गए रविवार के प्रोमो में दूसरे वाइल्ड कार्ड सदस्य को लेकर सलमान चर्चा करते दिखे। दिलचस्प बात यह है कि वह यह चर्चा दिग्गज गेंदबाज दीपक चाहर से कर रहे हैं। फैंस आज के एपिसोड के लिए काफी उत्साहित हैं। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि दीपक अपनी बहन मालती चाहर को बिग बॉस के घर में छोड़ने आए हैं। हालांकि, शो की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। कौन हैं मालती चाहर? मालती का जन्म 15 नवंबर, 1990 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था और वह एक खेल-प्रेमी परिवार में पली-बढ़ीं। मालती न केवल एक अभिनेत्री हैं, बल्कि एक मॉडल, कंटेंट क्रिएटर और फिल्म निर्माता भी हैं। वह भारतीय क्रिकेटर दीपक चाहर की बहन हैं। मालती को पहली बार पहचान तब मिली जब उन्होंने सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। मालती फेमिना मिस इंडिया 2014 की फाइनलिस्ट थीं और उन्होंने फेमिना मिस इंडिया दिल्ली 2014 में मिस फोटोजेनिक का खिताब भी जीता। इसने मनोरंजन उद्योग में उनके करियर के लिए दरवाजे खोल दिए। इन फिल्मों में किया काम बाद में मालती ने अभिनय की ओर रुख किया और 2018 में अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म 'जीनियस' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। साल 2022 में, उन्होंने अरविंद पांडे द्वारा निर्देशित रोमांटिक ड्रामा 'इश्क पश्मीना' में अभिनय किया। अभिनय के अलावा, मालती ने फिल्म निर्माण में भी रुचि दिखाई है। उन्होंने लघु फिल्मों का निर्देशन और निर्माण किया है।  

दार्जिलिंग में बारिश ने मचाई तबाही, 18 लोगों की गई जान, राष्ट्रपति और पीएम ने जताया शोक

दार्जिलिंग उत्तर बंगाल में लगातार भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। दार्जिलिंग जिले में हुए भूस्खलन और पुल टूटने की घटनाओं में अब तक 18 लोगों की मौत हो गई है और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। मौक का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। जानकारी के मुताबिक, मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण कई लोग हताहत हुए हैं। इस हादसे के बाद दार्जिलिंग जिला पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। वहीं कालिम्पोंग में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। लगातार बारिश से कई इलाकों का संपर्क टूट गया है और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पीएम मोदी ने जनहानि पर जताया दुख प्रधानमंत्री मोदी ने दार्जिलिंग में पुल ढहने की घटना पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति ने भी हादसे पर जताया दुख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस हादसे पर दुख जताया है। एक्स पर राष्ट्रपति भवन की तरफ से किए पोस्ट में लिखा गया- पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुई दुखद जनहानि अत्यंत दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं बचाव एवं राहत कार्यों की सफलता की प्रार्थना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को वहां तैनात किया गया है और जरूरत पड़ने पर और जवानों को भेजा जाएगा। शाह ने कहा कि उन्होंने दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट से भी बात की और वहां की स्थिति का जायजा लिया। शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण हुई दुखद जान-माल की हानि से गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। गृह मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और जरूरत पड़ने पर और टीमें भी वहां भेजी जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा, भाजपा कार्यकर्ता भी जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सहायता दे रहे हैं। लोहे का पुल ढहा, आवाजाही हुई बाधित पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के कारण दुधिया में लोहे के पुल का एक हिस्सा ढह जाने के बाद सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग एसएच-12 सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। मिरिक-सुखियापोखरी रोड के पास भूस्खलन सबसे बड़ा भूस्खलन मिरिक-सुखियापोखरी रोड के पास हुआ, जिसने कई घर बहा दिए और वाहनों की आवाजाही बाधित कर दी। इससे आसपास के कई छोटे गांवों से संपर्क टूट गया। दार्जिलिंग उप-निबंधक रिचर्ड लेप्चा ने कहा कि सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि अन्य के फंसे होने की आशंका है। लगातार बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों और स्वयंसेवकों की मदद से राहत अभियान चल रहा है। कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। भाजपा सांसद ने घटना पर जताया दुख वहीं इस घटना पर भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के कई हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण हुए भारी नुकसान के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। मौतें हुई हैं, संपत्ति का नुकसान हुआ है और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है। मैं स्थिति का जायजा ले रहा हूं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं। कार्यकर्ताओं को लोगों की मदद करने का दिया निर्देश- राजू एक्स पर अपने पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा- हमने अपने भाजपा कार्यकर्ताओं को लोगों की मदद और सहायता के लिए जुटने का निर्देश पहले ही दे दिया है। हम अपने लोगों की मदद और सहायता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। मैं अपने सभी गठबंधन सहयोगियों और क्षेत्र के अन्य राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से भी समन्वय स्थापित करने की अपील करता हूं ताकि हम जरूरतमंद लोगों तक समय पर मदद और सहायता पहुंचा सकें।   अनौपचारिक रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 11 तक पहुंची जिले के अधिकारियों के अनुसार, बिश्नुलाल गांव, वार्ड 3 लेक साइड और जसबीर गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए। इस क्षेत्र से छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक व्यक्ति चाय बगान में मृत पाया गया। कई घर और चाय बगान के क्वार्टर मलबे में दब गए हैं। मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। 'भूमि खिसकने और कई घर क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट हैं। नुकसान का पूरा आकलन अभी नहीं हो पाया है।' उन्होंने यह भी कहा कि मिट्टी और मलबे में राहत कार्य करने के लिए मशीनरी और आपातकालीन वाहन पहुंचाना बेहद कठिन है। अभी तक अनौपचारिक रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 11 तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। बचाव दल मलबे और मिट्टी के भारी परतों को हटाकर और लोगों को बचाने में जुटा है। सीएम ममता बनर्जी ने जताया दुख, टोल फ्री नंबर जारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर दुख जताते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं बहुत चिंतित हूं कि कल रात कुछ घंटों के भीतर अचानक भारी बारिश के कारण उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल दोनों के कई इलाके बाढ़ में डूब गए हैं, साथ ही बाहर से हमारे राज्य में अत्यधिक नदी का पानी आ गया है… राज्य मुख्यालय और जिलों में 24×7 नियंत्रण कक्ष हैं। कृपया मेरे नबान्न आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष से +91 33 2214 3526 और +91 33 2253 5185 पर संपर्क करें, जबकि टोल फ्री नंबर +91 86979 81070 और 1070 हैं।' 6 अक्तूबर तक अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी … Read more

महर्षि वाल्मीकि जयंती : सीएम योगी का कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी व जनसहभागिता पर जोर

महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर, चित्रकूट में होगा वृहद आयोजन इस वर्ष भी स्थानीय कलाकारों को आध्यात्मिक मंच देगी योगी सरकार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने किया कलाकारों का चयन सभी देव मंदिरों व महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों पर होंगे महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण पाठ, सांस्कृतिक आयोजन, भजन-कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन/दीपदान आदि कार्यक्रम लखनऊ,  योगी सरकार 7 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में धूमधाम से वाल्मीकि जयंती मनाएगी। इस दौरान अनेक भव्य कार्यक्रम होंगे। सभी देव मंदिरों, महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों में महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण पाठ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन आदि कराए जाएंगे। महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली चित्रकूट में वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। योगी सरकार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय कलाकारों को आध्यात्मिक मंच देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृति विभाग को निर्देश दिया है कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ जनसहभागिता पर विशेष जोर रहे।   यूपी के सभी जनपदों में होंगे आयोजन योगी सरकार के निर्देशानुसार 7 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी। सभी देव मंदिरों, महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों आदि पर दीप प्रज्ज्वलन, दीपदान के साथ-साथ रामायण पाठ कराए जाएंगे। यह कार्यक्रम जनपद, तहसील व विकास खंड स्तर पर होंगे। सीएम योगी ने हर आयोजन स्थल पर साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि, प्रकाश व सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था का निर्देश दिया है। महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर चित्रकूट में होगा वृहद आयोजन योगी सरकार महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर चित्रकूट में वृहद आयोजन कराएगी। उप निदेशक (पर्यटन) आरके रावत को कार्यक्रम का नोडल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि लालापुर में महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ सुबह 11 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत विराट महाराज व संस्कृत के अध्ययनरत बच्चों द्वारा रामायण पाठ होगा। दयाराम रैकवाड़ व टीम की तरफ से आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पूजन-हवन, भजन, वाल्मीकि रामायण पाठ, लवकुश प्रसंग समेत अन्य कार्यक्रम भी होंगे। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी और जनसहभागिता भी रहेगी। इसके अलावा तुलसीदास आश्रम राजापुर चित्रकूट, वाल्मीकि आश्रम बिठूर कानपुर, वालमीकि आश्रम श्रावस्ती, अयोध्या, प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश में आयोजन होगा। स्थानीय कलाकारों को आध्यात्मिक मंच देगी योगी सरकार देव मंदिरों में होने वाले रामायण पाठ समेत अन्य कार्यक्रमों में योगी सरकार स्थानीय कलाकारों को आध्यात्मिक मंच उपलब्ध कराएगी। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जनपद में चयनित मंदिरों व स्थलों पर कार्यक्रम के लिए कलाकारों का चयन किया गया है। इसका समन्वय संस्कृति विभाग, सूचना-जनसंपर्क विभाग, जिला पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा किया जाएगा। हर जनपद में आयोजन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। योगी सरकार का कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जनसहभागिता पर जोर है।

बोले मुख्यमंत्री, फील्ड में वही अधिकारी तैनात हों जिनकी छवि साफ और लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट हो

जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ से बाजार में तेजी, आने वाले महीनों में दिखेगा सकारात्मक असर: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री का निर्देश, धनतेरस व दीपावली पर अनावश्यक छापेमारी या जांच से बचें सितम्बर तक राज्य कर विभाग को ₹55,000 करोड़ की प्राप्ति बोगस फर्मों व फर्जी आईटीसी पर कार्रवाई जारी, अब तक ₹873.48 करोड़ के फर्जी दावे पकड़े गए लखनऊ,   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य कर विभाग में तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’ होगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि फील्ड में वही अधिकारी तैनात किए जाएं जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों और जिनकी छवि पूरी तरह साफ हो। मुख्यमंत्री रविवार को राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से दिखाई देंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि धनतेरस और दीपावली के अवसरों पर अनावश्यक जांच अथवा छापेमारी की कार्रवाई से बचा जाए। व्यापारियों और उद्यमियों के उत्पीड़न की शिकायत कहीं से भी नहीं आनी चाहिए। बैठक के दौरान जोनवार समीक्षा में अवगत कराया गया कि बरेली (64.2%), सहारनपुर (63.7%), मेरठ (63.0%), गोरखपुर (62.5%) और झांसी (62.1%) जैसे जोनों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। वहीं कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही, जहां सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने वाराणसी प्रथम व द्वितीय, गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ प्रथम व द्वितीय, कानपुर प्रथम व द्वितीय, इटावा, झांसी, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद प्रथम व द्वितीय, गौतमबुद्ध नगर और सहारनपुर सहित सभी जोनों की संभागवार और खंडवार समीक्षा की। उन्होंने सभी जोनल अधिकारियों से कहा कि 50 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह वाले खंडों की स्थिति का कारण स्पष्ट करें और सुधार की कार्ययोजना तत्काल तैयार करें। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहीं है, जो संतोषजनक है। वहीं, असंतोषजनक प्रदर्शन करने वालों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वृद्धि राज्य की आर्थिक प्रगति का प्रमुख आधार है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति का संकल्प लेकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मार्केट मैपिंग करें, सामान्य रूप से बाजार में जाएं, व्यापारियों से मिलें और उनकी अपेक्षाओं को समझें। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों को राहत और राजस्व में वृद्धि दोनों हुई हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि पारदर्शी और सरल कर प्रणाली हमेशा लाभकारी होती है। उन्होंने व्यापारियों से संवाद बनाए रखने पर बल देते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण बढ़ाने और समय से रिटर्न फाइल कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितम्बर माह तक राज्य कर विभाग को कुल ₹55,000 करोड़ की प्राप्ति हुई है। इसमें ₹40,000 करोड़ जीएसटी तथा ₹15,000 करोड़ वैट/नॉन-जीएसटी से प्राप्त हुए हैं। गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि में ₹55,136.29 करोड़ की प्राप्ति हुई थी। चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य कर विभाग को ₹1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के ₹1,56,982 करोड़ की तुलना में लगभग ₹18,700 करोड़ अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जीएसटी संग्रह में अग्रणी योगदान देना चाहिए और इसके लिए नियोजित प्रयास किए जाएं। बैठक में बोगस फर्मों और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के मामलों पर विशेष चर्चा हुई। विभाग द्वारा अब तक 104 फर्मों में ₹873.48 करोड़ के फर्जी आईटीसी की पहचान की गई है, जिन पर जांच एवं कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और ईमानदारी सर्वोपरि है। जहां कमी दिखाई दे, वहां कारणों की समीक्षा कर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। उन्होंने बकाया वसूली, फर्जी आईटीसी की रोकथाम और लंबित जीएसटी/वैट मामलों के त्वरित निस्तारण पर विशेष बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि करदाताओं की सुविधा और विश्वास अर्जन ही स्थायी राजस्व वृद्धि का आधार है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि करदाता-मित्रवत वातावरण तैयार करते हुए ई-गवर्नेंस प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि “राजस्व वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का आधार है। विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में राज्य कर विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि कर संग्रह का प्रत्येक रुपया प्रदेश के विकास में योगदान दे।” उन्होंने विभागीय अधिकारियों को राजस्व सृजन की गति और पारदर्शिता, दोनों पर समान ध्यान देने तथा करदाता जनसहजता बढ़ाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रानी दुर्गावती की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अदम्य शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति वीरांगना रानी दुर्गावती की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि अपनी वीरता, दृढ़ता और साहस से अमर शौर्य गाथा लिखने वाली, नारी शक्ति की अद्वितीय प्रतिमूर्ति, महान वीरांगना रानी दुर्गावती का मातृभूमि व स्वाभिमान की रक्षा के लिए मुगलों के विरुद्ध संघर्ष और उनका बलिदान हम सबके लिए सदैव प्रेरणास्पद रहेगा।

एक की मौत, दूसरे की नई सांस — इतिहास का सबसे विवादित दिल प्रत्यारोपण!

कनाडा कनाडा ने चिकित्सा इतिहास में एक भयंकर और विवादास्पद मील का पत्थर तय किया है। देश में पहली बार Medically Assisted Death (MAiD) यानि चिकित्सकीय सहायता से मृत्यु  के माध्यम से मृत घोषित व्यक्ति का हृदय सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। इस घटना में 38 वर्षीय ALS (अमायलोट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) रोगी को पहले इच्छा मृत्यु दी गई फिर उसकी मृत्यु के सिर्फ सात मिनट बाद उसका हृदय "पुनर्जीवित" किया गया और अमेरिका ले जाकर प्रत्यारोपित किया गया। यह घटना बेशक Organ Donation after Euthanasia (ODE) के क्षेत्र में कनाडा को विश्व में अग्रणी बनाती है लेकिन इसने एक नई बहस भी छेड़ दी है। 2021 तक वैश्विक ODE मामलों में 286 में से 136 कनाडा में हुए। 2024 में कनाडा में हुए सभी अंग प्रत्यारोपणों में 5% अंग MAiD से आए। इसका मतलब यह है कि अब कनाडा मृत्यु और अंगदान के बीच एक नई, विवादास्पद कड़ी स्थापित कर रहा है। कनाडा के ओंटारियो प्रांत के 38 वर्षीय व्यक्ति, जो एएलएस (Amyotrophic Lateral Sclerosis) नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, ने टोरंटो जनरल हॉस्पिटल में मेडिकल असिस्टेंस इन डाइंग (MAiD) प्रक्रिया के तहत स्वेच्छा से जीवन समाप्त करने का निर्णय लिया। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, उनका हृदय एयरलिफ्ट कर पिट्सबर्ग (अमेरिका) भेजा गया, जहां यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर में एक 50 वर्षीय हृदय रोगी में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित (ट्रांसप्लांट) किया गया।  कनाडा आज विश्व में MAiD के बाद अंगदान करने वाले देशों में अग्रणी बन चुका है। केवल 2023 में ही 13,000 से अधिक MAiD मामले दर्ज किए गए। हालांकि, इस प्रथा को लेकर देश में नैतिकता और मानवाधिकारों पर गंभीर बहस छिड़ गई है। आलोचकों का कहना है कि ऐसी प्रक्रियाओं में सहमति (consent) की पारदर्शिता और कमजोर मरीजों पर संभावित मानसिक दबाव जैसे मुद्दे गहराई से जांच के योग्य हैं। विशेषज्ञों की चेतावनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रणाली मानवाधिकारों और नैतिकता पर गंभीर सवाल उठाती है। ऐसे रोगी जो खुद को समाज या परिवार के लिए बोझ मानते हैं, वे “अर्थपूर्ण योगदान देने” के बहाने मृत्यु को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। अंगदान की इच्छा कभी-कभी मौत का निर्णय प्रभावित कर सकती है, जिससे कमजोर व्यक्तियों पर अप्रत्यक्ष दबाव बन सकता है। कनाडा की स्वास्थ्य नीति अब एक ऐसी स्थिति में पहुंच चुकी है जहां सबसे कमजोर लोगों की मृत्यु का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए किया जा रहा है। कनाडा की स्वास्थ्य एजेंसियों और नैतिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अंगदान की प्रक्रिया को MAiD के साथ जोड़ने से समाज में नैतिक और कानूनी जोखिम पैदा हो सकते हैं। कुछ आलोचकों का कहना है कि यह प्रणाली मौत को केवल उपयोगी साधन बनाने की ओर जा रही है। वैश्विक स्तर पर, विशेषज्ञों ने पूछा है कि क्या कनाडा की यह नीति मानवाधिकारों के लिए खतरा नहीं है। मानवाधिकार और नैतिकता पर बहस गरम   इस मुद्दे पर सोशल मीडिय पर तीखी बहस छिड़ गई है।  Jason Gregor ने लिखा, “आप इस पोस्ट में कई अनुमान लगा रहे हैं। जब तक आप उनकी स्थिति में नहीं रहे, आपको अंदाजा नहीं है कि वे कैसा महसूस करते हैं। MAiD का उपयोग करने के लिए उन्हें स्वस्थ मानसिक स्थिति में होना जरूरी है। मृत्यु के बाद किसी की मदद करने का विकल्प होना उनके लिए स्वागतयोग्य हो सकता है। MAiD एक अविश्वसनीय विकल्प है।” Sreliata ने लिखा, “ALS का कोई इलाज नहीं है और पीड़ा निश्चित है। मैं नहीं समझता कि जब तक व्यक्ति अपने सही मानसिक हाल में है, वह इस रास्ते को क्यों नहीं चुन सकता? असिस्टेड ‘सुसाइड’ के विरोधी वही होते हैं जिन्होंने कभी शारीरिक कष्ट नहीं झेला।”वहीं Tybernicus ने सवाल उठाया, “क्या कनाडा में किसी को उस समय दिल की ज़रूरत नहीं थी या उसे सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेचा गया? उस दिल के लिए कनाडा को कितना मिला? वह पैसा मृतक के परिवार को क्यों नहीं मिला?” Chokic ने लिखा, “मैंने भी असहनीय शारीरिक कष्ट झेला है, लेकिन मैं इसके खिलाफ हूं।”   Monica P ने कहा, “अगर ALS इतनी हालत बना दे कि जीना असंभव हो जाए, तो यह व्यक्ति का अधिकार है कि वह क्या करे। अगर वह अंगदान भी करना चाहे तो यह उसका निर्णय है। गूगल सर्च से पता चलता है कि इस बीमारी का अंत कितना भयानक होता है।” Van K Tran ने कहा, “इलाज खोजने की बजाय आप असिस्टेड सुसाइड चुनते हैं और अब इसमें एक ‘इंसेंटिव’ भी जुड़ गया है। इलाज शायद कभी न मिले, लेकिन यह रास्ता सवाल खड़े करता है।” कनाडा का यह कदम केवल चिकित्सा उपलब्धि नहीं है, बल्कि समाज और नैतिकता के लिए एक बड़ा सवाल भी है।     क्या अंगदान के नाम पर मौत को "उपयोगी" बनाना सही है?     क्या कमजोर रोगियों को अप्रत्यक्ष दबाव में जीवन समाप्त करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है?     यह बहस अब केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं रही।     यह मानवाधिकार, नैतिकता और समाज की संवेदनशीलता पर गहराई से सवाल उठा रही है।  

फोन ओवरहीट हो रहा है? ठंडा रखने के लिए करें ये 4 जरूरी काम

आजकल स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो गए हैं। शायद ही कोई ऐसा हो जो घर से बाहर निकलते हुए मोबाइल अपने साथ लेकर ना जाए। लेकिन कई बार स्मार्टफोन्स में ओवरहीटिंग की समस्या देखने को मिलती है। फोन के गरम होने से बैटरी की लाइफ कम हो सकती है, डिवाइस धीमा हो सकता है और कभी-कभी तो आग लगकर फटने का खतरा भी होता है। इसलिए जरूरी है कि फोन जैसे ही ओवरहीट होने लगे, कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। लापरवाही बरतने से फोन के फटने का डर भी रहता है। इतने से अधिक तापमान में फोन यूज न करें रिपोर्ट बताती है कि कुछ स्मार्टफोन में टेंपरेचर को कंट्रोल करने के लिए सेफ्टी फीचर्स होते हैं। अगर फोन ज्यादा गर्म हो जाए, तो यह खुद-ब-खुद स्टैंडबाई मोड में चला जाता है या अपने आप बंद हो जाता है। ऐपल, सैमसंग और गूगल जैसे ब्रांड्स कहते हैं कि 35 डिग्री सेल्सियस (95 डिग्री फारेनहाइट) से ज्यादा तापमान में फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप फोन को बंद करके रख रहे हैं, तो यह 45 डिग्री सेल्सियस तक सह सकता है, लेकिन इससे ज्यादा गर्मी खतरनाक हो सकती है। स्मार्टफोन कब गर्म होने लगता है? स्मार्टफोन के गर्म होने के कई कारण हो सकते हैं। यदि अगर आप वीडियो कॉल कर रहे हैं, गेम खेल रहे हैं या फोन को चार्जर पर लगाकर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह गर्म होने लगता है। खासकर सस्ते चार्जर या मोटे कवर का इस्तेमाल करने से हीट और बढ़ सकती है। इंसानों की तरह फोन पसीना नहीं बहा सकते, इसलिए गर्मी अंदर ही जमा होती रहती है। स्क्रीन की ब्राइटनेस ज्यादा रखने या कई ऐप्स एक साथ चलाने से भी फोन गर्म हो सकता है। फोन का कवर हटा दें फोन गर्म हो जाए तो तुरंत इसके मोटे कवर को निकाल दें, फिर इसे ऐसी जगह पर रखें, जहां हवा चल रही हो। हवा का प्रवाह फोन को ठंडा रखने में मदद करता है। इसके अलावा, फोन को मोटे कवर में रखने से भी बचना चाहिए। ब्राइटनेस कम करें, लो पावर मोड ऑन करें आप जितना अधिक फोन का इस्तेमाल करते हैं, उतनी ही ज्यादा गर्मी पैदा होगी। जरूरत न हो तो फोन का इस्तेमाल कम करें। स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम करें और लो पावर मोड चालू करें। इससे फोन पर कम दबाव पड़ेगा और गर्मी भी कम होगी। बैकग्राउंड में चल रहे ऐप्स बंद करें बैकग्राउंड में चल रहे ऐप्स फोन को गर्म करती हैं। iPhone में स्क्रीन के नीचे से ऊपर स्वाइप करें और अनचाही ऐप्स को बंद करें। एंड्रॉयड में मेन्यू आइकन पर टैप करके या स्क्रीन के नीचे से ऊपर स्वाइप करके ऐप्स बंद करें। इससे फोन के प्रोसेसर को आराम मिलेगा। फोन को बंद कर दें अगर फोन बहुत गर्म हो रहा है, तो उसे बंद कर देना सबसे अच्छा है। इससे हीट कम होगी और डिवाइस को नुकसान होने से बचेगा। कुछ मिनटों बाद डिवाइस को छूकर देखें, यदि यह नॉर्मल तापमान पर आ गया है तो इसे यूज कर सकते हैं।

CEC ने बताया बिहार में वोटर लिस्ट सुधार और भाषा-अभिवादन नियम, जानें क्या कहा

पटना मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में बिहार के बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) के काम की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार के 90217 BLOs ने अपने-अपने क्षेत्र में वोटर लिस्ट को सफलतापूर्वक अपडेट किया है। उन्होंने BLOs के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनके प्रयासों ने न केवल मतदाता सूची को दुरुस्त किया, बल्कि पूरे देश के अन्य BLOs को भी ये काम करने के लिए प्रेरित किया है। भोजपुरी-मैथिली में अभिवादन CEC ने स्थानीय भाषाओं के प्रति सम्मान दिखाते हुए भोजपुरी और मैथिली में बिहार के लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने राज्य के सभी मतदाताओं से लोकतंत्र के पर्व को उसी उत्साह से मनाने का आह्वान किया, जिस उत्साह से वे छठ पूजा और अन्य त्योहार मनाते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं और अनिवार्य रूप से वोट डालें। बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर यह चुनाव होना है, क्योंकि प्रदेश की वर्तमान सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। CEC ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में 16 सदस्यीय टीम दो दिनों से बिहार के दौरे पर थी और उसने चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजनीतिक दलों, प्रशासन, चुनाव अधिकारियों और पुलिस विभाग के साथ विस्तृत बैठकें कीं। 15 दिन में मिलेगा वोटर आईडी कार्ड भोजपुरी और मैथिली में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कीस शुरुआत की। उन्होंने कहा कि बिहार के सब मतदाता के अभिवादन करत बानी, बिहार के सभी मतदाता के अभिवादन करई छी। जैसे हम महापर्व छठ को आस्था और उत्सव की तरह मनाते हैं, उसी तरह लोकतंत्र के महापर्व को भी मनाएं, अपना भागीदारी पक्का करीं, जिम्मेदारी निभाईं और वोट जरूर करीं। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार बड़ी पहल की गई है। CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सुनने में आता था कि वोटर आईडी कार्ड मिलने में देरी होती थी लेकिन अब चुनाव आयोग ने ऐसी व्यवस्था की है कि वोटर को 15 दिन के अंदर उनका वोटर आईडी कार्ड मिल जाएगा।