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PAK आर्मी का पुराना सहयोगी अब बना संकट! तहरीक-ए-लब्बैक की पूरी कहानी

लाहौर  पाकिस्तान में आज जो हालात हैं, वह एक पुरानी कहावत को सच साबित करते हैं – "जो बोएगा वही काटेगा." लाहौर में हिंसक झड़पें और इस्लामाबाद का किले में तब्दील होना दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी ही बनाई समस्या में फंस गया है. इसके पीछे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) नाम का एक कट्टरपंथी संगठन है, जो कभी पाक फौज का 'प्यारा' था. सबसे दिलचस्प बात यह है कि TLP को खुद पाकिस्तानी फौज ने बनाया और पाला था. मकसद था नागरिक सरकारों को दबाने के लिए एक 'सड़क की ताकत' तैयार करना. यह वही तरीका है जो पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के साथ अपनाया था. लेकिन अब यही 'पालतू कुत्ता' अपने मालिकों को ही काटने लगा है. लंदन स्थित पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ आजकिया का कहना है, "TLP, लश्कर-ए-तैयबा की तरह ही पाक आर्मी की बनाई हुई संगठन है. फौज ने इसे घरेलू राजनीति में हेरफेर के लिए बनाया था." अब वही संगठन पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गया है. शनिवार को लाहौर में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का एक विशाल विरोध प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में हजारों समर्थक शामिल हुए हैं और इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे हैं. टीएलपी के संस्थापक खादिम हुसैन रिज़वी का आरोप है कि इस प्रदर्शन के दौरान उनके 11 समर्थकों को मार दिया गया है. फौज का दोहरा खेल 2015 में बना यह संगठन बार-बार पाकिस्तान को तकलीफ़ देता रहा है. 2017 में इन्होंने इस्लामाबाद की 21 दिन की घेराबंदी की. मजेदार बात यह है कि जब भी यह संगठन उत्पात मचाता है, पाक फौज 'बिचौलिए' की भूमिका निभाती है और इनके साथ डील करती है. तहरीक-ए-लब्बैक उर्दू शब्द है. तहरीक का अर्थ – आंदोलन या मूवमेंट है और लब्बैक का अर्थ है – हाजिर हूं. 2017 के प्रदर्शनों के दौरान एक सीनियर फौजी अफसर को TLP प्रदर्शनकारियों को पैसे बांटते हुए देखा गया था – जो साफ दिखाता है कि यह सब कितना नियोजित था. उस समय तत्कालीन कानून मंत्री ज़ाहिद हामिद को इस्तीफा देना पड़ा था. इमरान खान का TLP प्रेम सबसे शर्मनाक बात यह है कि 2021 में इमरान खान की सरकार ने TLP पर से प्रतिबंध हटा दिया था. हुआ यह कि TLP के मुखिया सआद रिज़वी को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जेल में डाल दिया गया था. लेकिन हज़ारों TLP समर्थकों ने लाहौर से इस्लामाबाद तक 'लॉन्ग मार्च' निकाला. इस हिंसा में 20 से ज्यादा लोग मारे गए, जिसमें 10 पुलिसकर्मी भी शामिल थे. पाक फौज की मध्यस्थता से इमरान खान की सरकार ने TLP के साथ गुप्त समझौता किया. परिणाम – सआद रिज़वी और 2000 से ज्यादा TLP कार्यकर्ता रिहा कर दिए गए. यह वही इमरान खान था जो भारत को आतंकवाद के बारे में उपदेश देता रहता था. 2018 चुनावों में TLP का इस्तेमाल इंडियन काउंसिल ऑन ग्लोबल रिलेशंस की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के चुनावों में TLP का इस्तेमाल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (PML-N) को कमज़ोर करने के लिए किया गया था, ताकि इमरान खान का रास्ता साफ हो सके. यानी TLP ने ISI के इशारे पर काम किया. धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग TLP की रणनीति बेहद चालाकी भरी है. यह 'खतम-ए-नबुव्वत' (पैगंबर की अंतिमता) जैसे भावनात्मक मुद्दों का सहारा लेता है. पाकिस्तान में धार्मिक भावनाओं को हथियार बनाने की यह परंपरा कोई नई नहीं है – यही तो भारत के खिलाफ भी किया जाता रहा है. पाकिस्तान का आत्मघाती रास्ता अटलांटिक काउंसिल की रिपोर्ट में साफ लिखा है, "TLP ने अपनी ताकत का स्वाद चख लिया है और सीख गया है कि इसे कैसे इस्तेमाल करना है – राज्य के खिलाफ नहीं, बल्कि उनकी सेवा में जो पर्दे के पीछे से असली नियंत्रण रखते हैं." पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्ज़ा का कहना है, "आज जो अराजकता दिख रही है, वह धर्म को हथियार बनाने के दशकों का अपरिहार्य परिणाम है. पाकिस्तान अब अपने ही अंतर्विरोधों के बोझ तले दब रहा है." फ्रैंकनस्टाइन का राक्षस यह स्थिति उस फ्रैंकनस्टाइन की कहानी जैसी है जिसका बनाया हुआ राक्षस उसे ही खत्म करने पर आमादा हो गया. पाकिस्तानी फौज ने TLP को नागरिक सरकारों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए बनाया था, लेकिन अब यही संगठन पूरे पाकिस्तान को अस्थिर कर रहा है.

लालू प्रसाद यादव ने मढ़ौरा सीट से दाखिल किया नामांकन, सफलता अब भी दूर

पटना बिहार विधानसभा चुनाव के पहले दिन नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों में एक नाम ऐसा भी रहा जिसने सभी का ध्यान खींचा है, वह लालू प्रसाद यादव है। लेकिन चौकिए मत, यह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख प्रमुख लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, बल्कि उनका हमनाम है, जो लगातार चुनाव लड़ने की अपनी आदत के लिए जाना जाता है। हालांकि अब तक सफलता उससे कोसों दूर रही है। पैंतालीस वर्षीय यह ‘हमनाम' सारण जिले के जादो रहीमपुर गांव के निवासी हैं। उन्होंने शुक्रवार को मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किया। यह विधानसभा क्षेत्र सारण लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जो लंबे समय से राजद प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के नाम से जुड़ी रही है। अपने पैतृक गांव से फोन पर बातचीत में लालू प्रसाद यादव ने बताया, ‘‘मैंने पहली बार 2001 में चुनाव लड़ा था, जब वार्ड पार्षद के पद के लिए मैदान में उतरा था।'' रहीमपुर गांव राज्य की राजधानी पटना से करीब 150 किलोमीटर दूर है। दिलचस्प बात यह है कि सारण वही लोकसभा सीट है जिसने 1977 से कई बार मशहूर लालू प्रसाद यादव को संसद में भेजा है। हालांकि, बिहार के इस कम चर्चित लालू प्रसाद यादव को उनके लगातार लेकिन असफल चुनावी प्रयासों के कारण ‘धरती पकड़' की उपाधि मिल चुकी है। वह अपने मशहूर नाम के बोझ से बेपरवाह दिखते हैं। उन्होंने गर्व से याद किया, ‘‘मैंने 2014 के लोकसभा चुनाव में राबड़ी देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस समय वह अपने पति की जगह मैदान में थीं, जिन्हें चारा घोटाला मामले में दोषसिद्धि के बाद चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया गया था।'' उस चुनाव में राबड़ी देवी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजीव प्रताप रूड़ी से हार गई थीं। वह यह भी गर्व से बताते हैं कि उन्होंने ‘‘2017 और 2022 के राष्ट्रपति चुनाव'' में भी नामांकन किया था, लेकिन यह कहे जाने पर कि दोनों बार उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था, वह मुस्कुरा देते हैं। खेती-किसानी करने वाले इस शख्स के पास चुनावी रोमांच का शौक पूरा करने के लिए खूब वक्त है। शायद इसी वजह से उन्हें याद करने में कठिनाई होती है कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव और हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में किस सीट से पर्चा भरा था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा ख्याल है कि लोकसभा में मैं महाराजगंज से उम्मीदवार था। विधानसभा उपचुनाव में या तो तरारी या रुपौली से लड़ा था।'' उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘‘मैं निर्दलीय उम्मीदवार नहीं हूं। कृपया मेरा हलफनामा देखिए। मैं जन संभावना पार्टी का उम्मीदवार हूं।'' मानो वह खुद को और दूसरों को यह यकीन दिलाना चाहते हों कि उनके जैसे लोगों के साथ भी कोई राजनीतिक धारा जुड़ी है।  

मेसी की गैरमौजूदगी में लो सेल्सो का विजयी गोल, वेनेजुएला पर अर्जेंटीना की आसान जीत

मियामी लियोनेल मेसी की गैरमौजूदगी के बावजूद, अर्जेंटीना ने मियामी के हार्ड रॉक स्टेडियम में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच में वेनेजुएला को 1-0 से शिकस्त दी। इस मुकाबले में गियोवानी लो सेल्सो जीत के हीरो रहे। जूलियन अल्वारेज और लौटारो मार्टिनेज के नेतृत्व में अर्जेंटीना का आक्रमण इस पूरे मैच में आक्रामक रहा, जबकि फुलबैक नाहुएल मोलिना ने दाहिने छोर पर अपनी ऊर्जा से फैंस को प्रभावित किया। इस मुकाबले में निर्णायक मौका 31वें मिनट में आया। अल्वारेज और मार्टिनेज ने बॉक्स के पास शानदार तालमेल दिखाया, जिसने वेनेजुएला के डिफेंडर्स को अपनी पोजीशन से बाहर खींच लिया और फिर लो सेल्सो को पास थमा दिया। मिडफील्डर ने बेहतरीन संयम दिखाते हुए बाएं पैर से सटीक शॉट लगाया, जो गोलकीपर जोस कॉन्ट्रेरास को चकमा देते हुए नेट में जा पहुंचा। इसी के साथ अर्जेंटीना ने 1-0 की बढ़त हासिल की। गियोवानी लो सेल्सो ने पहले हाफ में शानदार गोल दागकर टीम को बढ़त दिलाई। उनका यह गोल करीब 15,000 दर्शकों के सामने मौजूदा विश्व चैंपियन को आसान जीत दिलाने के लिए काफी था। बढ़त हासिल करने के बाद, लियोनेल स्कालोनी की टीम ने अपने खास अंदाज में खेल की रफ्तार पर नियंत्रण बना लिया। तेज ट्रांजिशन और छोटे-छोटे पास के जरिए अर्जेंटीना ने दबदबा कायम रखा। वहीं, वेनेजुएला कोई स्पष्ट मौका नहीं बना सकी। दूरी से किए कुछ प्रयास गोलकीपर एमिलियानो मार्टिनेज को मुश्किल में डालने में नाकाम रहे। भले ही इसके बाद अर्जेंटीना ने दूसरे हाफ में अपने गोल की संख्या में कोई इजाफा नहीं किया, लेकिन टीम किसी भी तरह की परेशानी में नजर नहीं आई। उल्लेखनीय है कि इस मैत्रीपूर्ण मैच का इस्तेमाल व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर से पहले टीम को परखने के लिए किया गया है। एलेजांद्रो गार्नाचो और एंजो फर्नांडीज जैसे युवा खिलाड़ियों की मौजूदगी ने अंतिम चरणों में और भी जोश भर दिया। लियोनेल मेसी मांसपेशियों में जकड़न के चलते एहतियातन इस मैच में नहीं खेले। हालांकि, इस दौरान उन्होंने स्टैंड से अपने साथियों का उत्साह बढ़ाया।  

BJP को चुनावी झटका: मिश्री लाल यादव ने छोड़ी पार्टी, RJD में एंट्री तय

पटना  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक और तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, अब दरभंगा की अलीनगर विधानसभा सीट से विधायक मिश्रीलाल यादव ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन में दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों को उनका हक नहीं मिल रहा है। दरअसल, मिश्री लाल यादव ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की और आरोप लगाया कि संगठन में दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों को उनका हक नहीं मिल रहा है। दरभंगा ज़िले की अलीनगर सीट से विधायक यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वह पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को अपना इस्तीफ़ा सौंपेंगे। पार्टी ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यादव इन अटकलों से नाराज हैं कि इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा और भाजपा अलीनगर से गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतार सकती है। राजद में होंगे शामिल! विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर 2020 का चुनाव लड़ने वाले मिश्री लाल यादव ने कहा, "मैंने पहली बार एनडीए के लिए अलीनगर सीट जीती है। पहले, कई अन्य उम्मीदवार, जिनके पास बहुत पैसा और बाहुबल था, ऐसा करने में नाकाम रहे थे।" यादव ने अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन समझा जाता है कि वह राजद नीत विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के संपर्क में हैं।

वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन: कार्ल लुईस ने बताया क्यों है यह दृढ़ता और समावेशिता का प्रतीक

नई दिल्ली नौ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन (वीडीएचएम) 2025 के अंतर्राष्ट्रीय इवेंट एम्बेसडर कार्ल लुईस ने आगामी विश्व एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रोड रेस के लिए अपना उत्साह साझा किया और साथ ही प्रतिभागियों को खेल की परिवर्तनकारी शक्ति को दर्शाने वाले शब्दों से प्रेरित किया। यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, लुईस ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन सिर्फ़ प्रतिस्पर्धा से कहीं बढ़कर है – यह बाधाओं को तोड़ने और एक सांस्कृतिक बदलाव लाने के बारे में है जो सभी क्षेत्रों के लोगों को एक साथ लाता है। लुईस ने कहा, “बाधाओं को तोड़ना ही वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन का मूल है। इसे विशिष्ट बनाने वाली बात सिर्फ़ बाधाएं तोड़ना ही नहीं है, बल्कि खेल के माध्यम से प्रेरित सांस्कृतिक बदलाव भी है। जब शौकिया धावक ओलंपिक चैंपियनों के साथ दौड़ते हैं, तो यह दर्शाता है कि दौड़ना कैसे सभी क्षेत्रों के लोगों को एकजुट कर सकता है। हर धावक कह सकता है, ‘मैं उसके साथ दौड़ा, मैं उसके साथ दौड़ा,’ और यह अनुभव वाकई प्रेरणादायक है। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन समावेशिता, दृढ़ता और हर कदम के साथ बदलाव लाने की शक्ति के बारे में है।” युवा और उभरते एथलीटों का मार्गदर्शन करते हुए, लुईस ने अपनी यात्रा से एक गहन सलाह साझा की और कहा, “सफलता के लिए त्याग और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। मैं ध्यान केंद्रित रखने के लिए पार्टियों में शामिल नहीं होता था। बेहतर कल के लिए आज आपको बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। अक्सर, बच्चे दीर्घकालिक लक्ष्यों के बजाय तात्कालिक पुरस्कारों के मोह में पड़ जाते हैं। मैंने एक कठिन रास्ता चुना और बदलाव को अपनाया क्योंकि मुझे पता था कि महानता इसकी मांग करती है। हर किसी को कुछ न कुछ सुधार करना होता है, और अपने लक्ष्य तक पहुंचने में समय लग सकता है, लेकिन तात्कालिक संतुष्टि के पीछे न भागें। अपनी नजर अपने अंतिम सपने पर रखें।” कार्ल लुईस का अभूतपूर्व करियर एथलीटों और प्रशंसकों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रेरित करता रहा है। उन्होंने 1984 से 1996 तक चार ओलंपिक खेलों में भाग लिया और असाधारण नौ स्वर्ण पदक जीते – आधुनिक ओलंपिक इतिहास में किसी भी ट्रैक और फ़ील्ड एथलीट द्वारा जीते गए सबसे ज़्यादा पदक। लॉस एंजेलिस में 1984 में उनके प्रदर्शन ने जेसी ओवेन्स के 1936 के शानदार प्रदर्शन की याद दिला दी, जिसमें उन्होंने 100 मीटर, 200 मीटर, लंबी कूद और 4×100 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीते। लुईस ने सोल 1988 के 100 मीटर फ़ाइनल में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा, लंबी कूद में 8.67 मीटर की छलांग लगाई और बार्सिलोना 1992 में अमेरिकी विश्व रिकॉर्ड 4×100 मीटर रिले टीम का नेतृत्व किया, और अटलांटा 1996 में लगातार चौथे अभूतपूर्व लंबी कूद स्वर्ण पदक के साथ अपने करियर का समापन किया। कार्ल लुईस की विरासत खेल से परे है और उनके शब्द वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन की भावना को दर्शाते हैं। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन समावेशिता और दृढ़ता के बारे में है: कार्ल, जो हर साल कई श्रेणियों में हजारों प्रतिभागियों को आकर्षित करती है और भारत में धीरज दौड़ की संस्कृति का जश्न मनाती है। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन 12 अक्टूबर, 2025 को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से शुरू होने वाली है और इसका सुंदर मार्ग दिल्ली के प्रतिष्ठित स्थलों – लोधी गार्डन से इंडिया गेट तक – से होकर गुजरता है, इस प्रकार धावकों को एक विश्व स्तरीय रेसिंग अनुभव प्रदान करता है जो भारत के जीवंत दौड़ने वाले समुदाय को एकजुट करता है। कार्ल लुईस के एक बार फिर प्रतिभागियों को प्रेरित करने के साथ, 2025 की दौड़ संस्कृति को ऊंचा उठाने और सभी स्तरों के एथलीटों को सीमाओं को चुनौती देने और दौड़ने के आनंद का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित करने का वादा करती है।  

आमेर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, आदेश की पूरी जानकारी

जयपुर राजस्थान पुलिस विभाग को बड़ी राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट की पीठ जिसमें जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने आज जयपुर के आमेर स्थित पुलिस विभाग की विशाल भूमि पर वर्तमान स्थिति बनाए रखने (status quo) का आदेश दिया है, जहाँ वर्तमान में पुलिस प्रशिक्षण एवं अन्य विभागीय सुविधाएं संचालित हो रही हैं। राज्य की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने यह दलील दी कि यह भूमि वर्ष 1992 से पुलिस विभाग के निरंतर उपयोग और कब्जे में है तथा यह कानून-व्यवस्था एवं प्रशिक्षण के लिए आवश्यक सरकारी ढांचे का अभिन्न अंग है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सरकारी भूमि है, जिस पर प्रतिवादियों और उनके पूर्वजों द्वारा झूठे दावे प्रस्तुत किए गए हैं, जो आरटीआई से प्राप्त कुछ फोटो कॉपी दस्तावेजों के आधार पर किए गए हैं, जिनकी न तो कोई कानूनी वैधता है और न ही स्वामित्व का कोई ठोस आधार। माननीय न्यायालय ने इन दलीलों पर गौर करते हुए, निचली अदालत के उस आदेश के अनुपालन में चल रही सभी निष्पादन कार्यवाहियों (execution proceedings) पर रोक लगा दी, जिसके तहत भूमि को निजी डिक्री धारकों को सौंपे जाने का निर्देश दिया गया था, जिसे उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था। इस अंतरिम संरक्षण के साथ, पुलिस विभाग अब आमेर परिसर पर अपना कब्जा बनाए रखेगा और वहीं से अपना कार्य संचालन जारी रखेगा, जब तक कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आगे कोई आदेश पारित नहीं किया जाता।

WTC में इतिहास रचा शुभमन गिल ने, रोहित शर्मा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा

नई दिल्ली  भारतीय कप्तान शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में शानदार फॉर्म दिखा रहे हैं. शुभमन ने 11 अक्टूबर (शनिवार) को वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट मैच के दूसरे दिन शतक जड़ दिया. शुभमन ने भारत की पहली पारी के 130वें ओवर में खैरी पियरे की पांचवीं गेंद पर तीन रन लेकर अपना 10वां टेस्ट शतक पूरा किया. शुभमन ने 13 चौके और एक सिक्स की मदद से 176 गेंदों पर अपनी ये सेंचुरी कम्पलीट की. शुभमन गिल का कप्तान के रूप में 12 पारियों में पांचवां टेस्ट शतक है. केवल एलिस्टेयर कुक (9 पारी) और सुनील गावस्कर (10 पारी) ने बतौर कप्तान शुभमन से कम पारियों में इतने शतक बनाए. शुभमन ने ये पांचों टेस्ट शतक इस साल बनाए हैं. एक कैलेंडर ईयर में बतौर कप्तान 5 टेस्ट शतक जड़ने वाले वो दूसरे भारतीय हैं. शुभमन से पहले विराट कोहली ही ऐसा कर पाए थे. विराट ने दो बार ये उपलब्धि हासिल की थी. शुभमन गिल अब वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) में सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज बन चुके हैं. शुभमन ने रोहित शर्मा को पछाड़ दिया, जिन्होंने डबल्यूटीसी में 9 शतक जड़े थे. शुभमन गिल ने डब्ल्यूटीसी में अब तक 71 पारियों में 43.47 की औसत से 2826 रन बनाए हैं, जिसमें 10 शतक शामिल रहे. शुभमन डब्ल्यूटीसी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बन चुके हैं. शुभमन ने इस मामले में भी रोहित शर्मा को पछाड़ा, जिन्होंने 2716 रन बनाए थे. एक कैलेंडर वर्ष में पांच टेस्ट शतक (भारतीय कप्तान) 2017- विराट कोहली 2018- विराट कोहली 2025- शुभमन गिल यशस्वी जायसवाल ने भी लगाया था शतक शुभमन गिल ने इस इनिंग्स के दौरान बतौर भारतीय कप्तान टेस्ट क्रिकेट में हजार रन भी पूरे कर लिए. शुभमन गिल ने 196 गेंदों का सामना करते हुए 129* रन बनाए, जिसमें 16 चौके और दो छक्के शामिल रहे. शुभमन गिल का घर पर ये सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर रहा. इससे पहले शुभमन का घर पर बेस्ट स्कोर 128 रन था, जो उन्होंने साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद में बनाया था. दिल्ली टेस्ट में भारत की ओर से पहली पारी में शुभमन से पहले यशस्वी जायसवाल ने भी शतक (175 रन) जड़ा था. शुभमन-यशस्वी के शतकों के दम पर भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 518/5 के स्कोर पर घोषित कर दी. 5 टेस्ट शतक बनाने के लिए सबसे कम पारियां (भारतीय कप्तान) 10- सुनील गावस्कर 12- शुभमन गिल 18- विराट कोहली

शर्मनाक वीडियो वायरल: राम मंदिर के सामने युवक ने किए आपत्तिजनक इशारे, पुलिस ने दर्ज की FIR

हांसी  हांसी में एक युवक ने महिला का सलवार-सूट पहनकर अश्लील वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया । युवक बाइक पर विश्वकर्मा चौक और राम मंदिर के पास पहुंचा। यहां उसने गंदे इशारे किए। साथ ही सपाटे भी मारे। इसके बाद कुछ देर तक अश्लील डांस भी किया। वीडियो सामने आने के बाद जागड़ा समाज के लोगो ने युवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हांसी पुलिस को शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।     वीडियो में हांसी शहर में एक युवक ने भगवान विश्वकर्मा चौक और राम मंदिर के पास सार्वजनिक रूप से भद्दे इशारे किए। युवक ने निजी अंगों को छूते हुए आसपास जाते हुए लोगों की तरफ भी इशारे किए। युवक ने राम मंदिर के सामने भी अभद्र हरकतें कीं। इस चौक के पास तोरण द्वार और श्री श्याम मंदिर भी स्थित हैं, जिनसे लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं। महिलाएं और बच्चे भी रोजाना मंदिर में आते हैं।  

उपचुनाव से पहले सुरक्षा समीक्षा: झारखंड पुलिस ने पड़ोसी राज्यों के साथ की बैठक

रांची झारखंड में 11 नवंबर को होने वाले घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा प्रबंधों को अंतिम रूप देने में पुलिस सक्रिय हो गई है। इस कड़ी में आईजी अभियान ने बीते शुक्रवार को रांची स्थित पुलिस मुख्यालय सभागार में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक अहम समीक्षा बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में चुनाव से पहले सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत बनाना था। बैठक में तीनों राज्यों के बीच अंतररज्यीय समन्वय को बढ़ावा देने और संयुक्त कारर्वाई पर जोर दिया गया। विशेष रूप से अवैध शराब, मादक पदार्थों, अवैध हथियारों और अवैध धन की आवाजाही को रोकने की रूपरेखा पर चर्चा हुई। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में मिरर चेक पोस्ट स्थापित करने और उनकी सक्रियता बढ़ाने का निर्णय लिया गया। घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र के आसपास के जिलों जैसे पश्चिम बंगाल के झारग्राम और पुरुलिया तथा ओडिशा के मयूरभंज में विशेष मिरर चेक पोस्ट बनाए जाएंगे और उन्हें चौबीसों घंटे सक्रिय रखा जाएगा। यह कदम न सिर्फ अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगा, बल्कि सीमा पार से अपराधियों और नक्सलियों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखने में सहायक होगा। बैठक में अंतररज्यीय वांछित अपराधियों, वारंटियों और हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई करने और खुफिया जानकारी साझा करने पर भी सहमति बनी। इससे प्रभावी और तेज पुलिसिया कार्रवाई सुनिश्चित होगी और संगठित अपराधियों की सक्रियता को कम करने में मदद मिलेगी। इन सभी तैयारियों का उद्देश्य उपचुनाव के दौरान एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करना है, ताकि सभी मतदाता भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।  

पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

पराली को लेकर सीएम योगी सख्त, शून्य घटनाओं का लक्ष्य तय पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश  सेटेलाइट से की जाएगी निगरानी, अन्नदाता किसानों को किया जाएगा जागरूक फसल अवशेष जलाने पर लगेगी पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति, नोडल अधिकारी करेंगे निगरानी लखनऊ उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पराली जलाने की घटनाओं को ‘शून्य’ किया जाए। इस संबंध में शासनादेश के तहत विस्तृत दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है और जनस्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसलिए किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक किया जाए। सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गई है वो सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं की लगातार निगरानी करें और संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। जारी निर्देशों के अनुसार, फसल अवशेष जलाने पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाई जाएगी। दो एकड़ से कम क्षेत्र पर ₹2,500, दो से पांच एकड़ तक ₹5,000 और पांच एकड़ से अधिक पर ₹15,000 का जुर्माना निर्धारित किया गया है। प्रत्येक 50 से 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी इस अभियान में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि संयुक्त प्रयासों से ही स्वच्छ पर्यावरण और प्रदूषण मुक्त प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। निर्देशों के अनुसार, जिलाधिकारियों से कहा गया है कि हॉटस्पाट चिन्ह्ति करते हुए 50/100 किसानों पर एक नोडल अधिकारीकी नियुक्ति किया जाए। नोडल अधिकारी को पराली जलाने की घटनाओं को शून्य करने के लिए विशेष हिदायत दी जाए। इसके साथ ही, राजस्व, पुलिस, कृषि, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों के जनपद, तहसील, विकासखण्ड एवं क्षेत्रीय कर्मियों के माध्यमसे फसल कटने के समय निगरानी करते हुए, फसल अवषेश जलाने की घटनाओं को शून्य करना है। यदि कोई कृषक फसल अवषेश जलाता हुआ पाया जाता है तो मौके पर उसको रोकना तथा उस पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की धनराषि अधिरोपित करते हुए कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए।