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विंटर शेड्यूल के तहत राजाभोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गोवा डायरेक्ट फ्लाइट सेवा शुरू होगी 28 अक्टूबर से

भोपाल  राजाभोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से विंटर शेड्यूल के अंतर्गत 28 अक्टूबर से गोवा के लिए डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने जा रही है। इसी के साथ दिल्ली और हैदराबाद के लिए अतिरिक्त उड़ान सेवा की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी। एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि विंटर शेड्यूल जारी कर दिया गया है। गोवा के अलावा कई अन्य शहरों के लिए अतिरिक्त उड़ान सेवा विंटर सीजन में संचालित की जाएंगी। फिलहाल इंडिगो एयरलाइंस द्वारा इंटरनेशनल लाइट कनेक्टिविटी के लिए दुबई की घोषणा नहीं की गई है। उल्लेखनीय है की इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट से इंडिगो एयरलाइंस दुबई के लिए डायरेक्ट फ्लाइट संचालित करती है। इसे भोपाल से कनेक्टिविटी देने की लंबे समय से मांग की जा रही है। ये सुविधाएं मिलेंगी गोवा से इंडिगो की डायरेक्ट फ्लाइट 28 अक्टूबर से दोपहर बाद 2.40 पर भोपाल आएगी और 3.20 बजे वापस गोवा के लिए रवाना होगी। हैदराबाद उड़ान संख्या 6 ई-7594 हैदराबाद से शाम 6.55 बजे रवाना होगी और रात 9 बजे भोपाल पहुंचेगी। वहीं 6ई-7595 भोपाल से रात 9:20 बजे रवाना होगी और रात 11.30 बजे भोपाल पहुंचेगी। इसके शुरू होने से हैदराबाद भोपाल के लिए दो फ्लाइट्स की सुविधा हो जाएगी।

भारतीय नौसेना को मिलेगी बड़ी ताकत, ISRO 2 नवंबर को लॉन्च करेगा सबसे भारी सैटेलाइट

बेंगलुरु  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2 नवंबर 2025 को अपनी शक्तिशाली LVM3 रॉकेट से CMS-03 कम्यूनिकेशन सैटेलाइट को लॉन्च करेगा. यह LVM3 का 5वीं ऑपरेशनल फ्लाइट (LVM3-M5) होगी. CMS-03 भारत का अब तक का सबसे भारी संचार उपग्रह होगा, जिसका वजन लगभग 4,400 किलोग्राम है.  यह उपग्रह समुद्री इलाकों और भारतीय भूमि पर संचार सेवाएं देगा. पिछला LVM3 मिशन ने चंद्रयान-3 को चांद पर भेजा था, जहां भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल लैंडिंग की थी. LVM3 रॉकेट: भारत की 'बाहुबली' लॉन्च व्हीकल LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) ISRO की सबसे ताकतवर रॉकेट है, जिसे 'बाहुबली' भी कहा जाता है. यह तीन चरणों वाली मध्यम-भारी लिफ्ट रॉकेट है, जो भारी उपग्रहों को अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में भेज सकती है. क्यों खासः LVM3 भारत की स्वदेशी तकनीक का प्रतीक है. यह 4 टन तक के उपग्रह GTO में भेज सकती है, जो PSLV या GSLV Mk-II से ज्यादा है. पहले विदेशी रॉकेट्स पर निर्भरता थी, लेकिन अब ISRO खुद बड़े उपग्रह लॉन्च करता है. विकास: 2000 के दशक में शुरू. पहली सफल फ्लाइट 2014 में. अब तक 7 सफल मिशन.  पिछला मिशन: LVM3-M4 ने जुलाई 2023 में चंद्रयान-3 लॉन्च किया. विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की. इससे भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बना. LVM3 की मुख्य स्पेसिफिकेशन्स      ऊंचाईः 43.5 मीटर (14 मंजिल ऊंचा.)     लिफ्ट-ऑफ वजनः 640 टन (एक बड़े हाथी का 800 गुना वजन)     चरणः 3 (2 सॉलिड बूस्टर + 1 लिक्विड कोर + 1 क्रायोजेनिक अपर)     बूस्टर इंजनः S200 (सॉलिड फ्यूल, 205 टन HTPB ईंधन)     कोर स्टेजः L110 (लिक्विड फ्यूल, Vikas इंजन)     अपर स्टेजः CE-20 (क्रायोजेनिक, LOX/LH2 फ्यूल)     पेलोड फेयरिंगः 5 मीटर व्यास (उपग्रह को ढकने वाला ढक्कन)     GTO पेलोड क्षमताः 4 टन (CMS-03 जैसा भारी उपग्रह आसानी से.)     लॉन्च साइटः श्रीहरिकोटा (सतीश धवन स्पेस सेंटर) यह रॉकेट उड़ान के दौरान अलग-अलग चरणों में काम करता है. पहले दो मिनट में बूस्टर जलते हैं. फिर कोर स्टेज. आखिर में अपर स्टेज उपग्रह को सही कक्षा में छोड़ता है. पूरी उड़ान 20-25 मिनट की होती है. CMS-03 उपग्रह: भारत का सबसे भारी संचार सैटेलाइट CMS-03 (कम्युनिकेशन सैटेलाइट-03) एक मल्टी-बैंड संचार उपग्रह है, जो GSAT-7R या GSAT-N2 के नाम से भी जाना जाता है. यह भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है (रक्षा मंत्रालय द्वारा फंडेड), जो समुद्री इलाकों में सुरक्षित संचार देगा. वजन 4,400 किलोग्राम का यह उपग्रह भारत से GTO में लॉन्च होने वाला सबसे भारी संचार सैटेलाइट होगा. क्या करेगा? यह Ka-बैंड हाई-थ्रूपुट (HTS) तकनीक से काम करेगा. 40 बीम्स (सिग्नल कवरेज एरिया) के साथ 70 Gbps (गीगाबिट प्रति सेकंड) स्पीड देगा. भारतीय महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और भारतीय भूमि पर सेवाएं – जैसे वॉयस, डेटा, वीडियो कॉल, नेविगेशन और सैन्य कम्युनिकेशन. कब तक काम करेगा: 14-15 साल. GEO (36,000 किमी ऊंचाई) में स्थापित होगा, जहां से हमेशा एक ही जगह दिखेगा. तकनीक: एडवांस ट्रांसपोंडर (सिग्नल भेजने वाले), सोलर पैनल (बिजली के लिए) और बैटरी. यह मौसम-रोधी और सुरक्षित है. दुश्मन जैमिंग से बचेगा. महत्व: नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और तट रक्षकों को रीयल-टाइम कनेक्टिविटी. आपदा प्रबंधन, मछली पकड़ने और पर्यटन में भी मदद. LVM3-M5 मिशन: पूरी डिटेल्स स्टेप बाय स्टेप     यह मिशन LVM3 का 5वां ऑपरेशनल फ्लाइट है. कुल 8वां लॉन्च (टेस्ट सहित).     लॉन्च डेट: 2 नवंबर 2025, सुबह (सटीक समय जल्द घोषित).     लॉन्च साइट: श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश. रॉकेट को 26 अक्टूबर 2025 को असेंबल करके लॉन्च पैड पर ले जाया गया.     उद्देश्य: CMS-03 को GTO में प्लेस करना. फिर उपग्रह अपने इंजन से GEO पहुंचेगा. फ्लाइट सीक्वेंस     लिफ्ट-ऑफ: S200 बूस्टर जलेंगे, रॉकेट 126 किमी ऊंचाई पर पहुंचेगा.     स्टेज सेपरेशन: 2 मिनट बाद बूस्टर अलग, L110 कोर चलेगा.     अपर स्टेज: CE-20 इंजन उपग्रह को 5,325 मीटर/सेकंड स्पीड देगा.     पेलोड डिप्लॉयमेंट: 20 मिनट में उपग्रह अलग, पैराशूट से नीचे आएगा (अगर जरूरी).     टीम: ISRO के 500+ वैज्ञानिक. चेयरमैन वी. नारायणन के नेतृत्व में.     चुनौतियां: मौसम, इंटीग्रेशन टेस्ट. लेकिन LVM3 की सफलता दर 100% है. मिशन का महत्व: भारत के लिए क्यों बड़ा कदम?     तकनीकी: भारत अब भारी उपग्रह खुद लॉन्च कर सकता है, विदेशी मदद कम.     रणनीतिक: नौसेना की ताकत बढ़ेगी, समुद्री सीमाओं पर नजर.     आर्थिक: NSIL (New Space India Ltd) के जरिए कॉमर्शियल लॉन्च, 10,000 करोड़+ कमाई.     भविष्य: अगला LVM3 US का BlueBird-6 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. फिर गगनयान, इंडियन स्पेस स्टेशन.  

खंडवा-खरगोन-बुरहानपुर इंदौर संभाग से अलग हो सकते हैं, भोपाल में हर विधानसभा में तहसील, मैहर-रीवा के गांवों पर टकराव

इंदौर  मध्य प्रदेश का प्रशासनिक और भौगोलिक नक्शा बदलने वाला है। प्रदेश में तीन नए जिले और एक नया संभाग बनाने की तैयारी है, जिससे कई जिलों की सीमाएं नए सिरे से खींची जाएंगी। इस पुनर्गठन का सबसे बड़ा असर राजधानी भोपाल, रीवा और हाल ही में गठित मैहर जिले पर पड़ेगा असर।  भोपाल में हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक तहसील बनाने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे जिले में तहसीलों की संख्या आठ हो जाएगी। वहीं, मैहर के छह गांवों को रीवा जिले में शामिल करने के प्रस्ताव ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। यह पूरी कवायद पिछले साल सितंबर में गठित प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग की देखरेख में हो रही है। आयोग का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक मैदानी काम पूरा करने का है, क्योंकि जनगणना महानिदेशालय ने प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को फ्रीज करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जनगणना का काम पूरा होने तक कोई नई प्रशासनिक इकाई नहीं बनाई जा सकेगी। आयोग ने सितंबर तक 25 जिलों में अपना मैदानी काम पूरा कर लिया है और अगले तीन महीनों में बाकी जिलों में भी यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है। सीमांकन के लिए ली जाएगी IIPA की मदद संभाग, जिला, तहसील और विकासखंडों की सीमाओं को वैज्ञानिक और सटीक तरीके से तय करने के लिए आयोग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) की तकनीकी मदद लेगा। सरकार से सहमति मिलने के बाद आयोग ने IIPA को पत्र भेज दिया है। IIPA सीमा निर्धारण के लिए ड्रोन की मदद से सैटेलाइट इमेजरी तैयार करेगा। आधुनिक माध्यमों से सर्वे कर एक विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट सौंपेगा। हालांकि, अंतिम निर्णय केवल तकनीकी रिपोर्ट पर आधारित नहीं होगा। आयोग इस रिपोर्ट का मिलान नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से मिले सुझावों के साथ करेगा। प्रशासनिक इकाइयों की वास्तविक जरूरतों और जनभावनाओं को परखने के बाद ही सरकार के सामने एक संयुक्त रिपोर्ट पेश की जाएगी। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 25 जिलों में बैठकों का दौर पूरा हो चुका है और पोर्टल के माध्यम से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं। भोपाल में होंगी अब 8 तहसील पुनर्गठन का सबसे बड़ा असर राजधानी भोपाल में देखने को मिलेगा। वर्तमान में भोपाल जिले में केवल तीन तहसील हैं- हुजूर, कोलार और बैरसिया। हुजूर तहसील का कार्यक्षेत्र बहुत बड़ा है, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र आते हैं, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होता है। अब इस व्यवस्था को बदलते हुए शहर के पांच प्रमुख नजूल सर्किल कार्यालयों को तहसील का दर्जा दिया जाएगा। इनमें शहर (पुराना भोपाल), संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़), गोविंदपुरा, टीटी नगर और एमपी नगर शामिल हैं। इन पांच नई तहसीलों और पुरानी तीन तहसीलों को मिलाकर भोपाल जिले में कुल आठ तहसील हो जाएंगी। इन तहसीलों का सीमांकन विधानसभा क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया जाएगा, ताकि प्रशासनिक और राजनीतिक इकाइयों में तालमेल स्थापित हो सके। रीवा-मैहर सीमा पर खिंची तलवारें, मुकुंदपुर बना केंद्र बिंदु पुनर्गठन की इस कवायद के बीच रीवा और मैहर जिले की सीमा पर तनाव की स्थिति बन गई है। आयोग ने मैहर जिले की अमरपाटन तहसील के छह गांवों- मुकुंदपुर, धौबाहट, अमीन, परसिया, आनंदगढ़ और पापरा को रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव का मुख्य कारण मुकुंदपुर में स्थित विश्व प्रसिद्ध 'महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी' है। भौगोलिक रूप से मुकुंदपुर रीवा से महज 20 किलोमीटर दूर है, जबकि मैहर से इसकी दूरी 65 किलोमीटर और पूर्व जिला मुख्यालय सतना से 50 किलोमीटर है। स्थानीय लोग लंबे समय से प्रशासनिक सुगमता के लिए इन गांवों को रीवा में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। आयोग के पत्र के बाद मैहर जिला प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। सांसद ने सीएम को पत्र लिखा अमरपाटन के राजस्व अधिकारियों को सरपंचों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से राय लेकर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। मैहर के अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी (विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी) ने भी इस प्रस्ताव पर जनसुनवाई करने को कहा है। हालांकि, इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है। सतना सांसद गणेश सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर इन गांवों को रीवा में शामिल करने का कड़ा विरोध किया है। उनका तर्क है कि इससे मैहर जिले का भौगोलिक और सांस्कृतिक संतुलन बिगड़ेगा। उन्होंने पत्र में लिखा कि यह किसी बड़ी साजिश के तहत हो रहा है। मुकुंदपुर की वाइट टाइगर सफारी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। मैहर जिले की यह एक पहचान है। इसे लेकर सतना-मैहर के नेता डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ लामबंद हो गए थे। हालांकि, डिप्टी सीएम शुक्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर स्थिति साफ करने की कोशिश की। सीहोरा को जिला बनाने की मांग ने फिर पकड़ा जोर जबलपुर जिले की सीहोरा तहसील के लोग पिछले 22 साल से इसे जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। पहली बार 2002 में ये मांग उठी थी। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सहमति दी थी। इसके बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो गई और प्रदेश में बीजेपी की सरकार काबिज हो गई। इसके बाद भी लगातार मांग की जा रही है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। एक बार अपनी इस मांग को लेकर सीहोरा के लोगों ने दिवाली से एक दिन पहले सीहोरा आंदोलन समिति के आह्वान पर अपने खून से दीपक जलाए। सीहोरावासियों का कहना है कि जब तक हमारी मांग मानी नहीं जाती, तब तक इसी तरह से प्रदर्शन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि इन दीयों में केवल तेल और बाती नहीं, बल्कि सिहोरा की पीड़ा और वर्षों की अनदेखी की आग जल रही है। अब जानिए, कौन से नए जिले बन सकते हैं… नर्मदापुरम से अलग होकर पिपरिया बन सकता है नया जिला पिपरिया नर्मदापुरम जिले में आता है। जिला मुख्यालय से पिपरिया की दूरी करीब 70 किमी है। पहाड़ी इलाका होने से आने-जाने में करीब 2 घंटे का समय लगता है। पिपरिया को जिला बनाने की मांग कई साल से की जा रही है। पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान पिपरिया को जिला बनाने की मांग को लेकर धरना, प्रदर्शन और हड़ताल भी की गई थी। पिपरिया को … Read more

मध्य प्रदेश में मोंथा साइक्लोन का कहर, कई जिलों में बारिश और ठंड का अलर्ट जारी

भोपाल दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना डीप डिप्रेशन धीरे-धीरे और मजबूत हो रहा है.  मंगलवार के बीच यह डीप डिप्रेशन घातक समुद्री तूफान में बदलने की संभावना है. इससे मौसम में हवा की रफ्तार बढ़ जाएगी और तटीय इलाकों में रेड अलर्ट की चेतावनी दी गई है. वहीं इससे मध्य प्रदेश में भी अगले 4 दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि तूफान मोंथा मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से टकराएगा, जिससे बारिश की रफ्तार और बढ़ेगी. दिन के तापमान में 5 से 8 डिग्री की गिरावट अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने वेदर सिस्टम की वजह से प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पिछले 36 घंटे से बारिश का दौर जारी है. इस सिस्टम का असर 30 अक्टूबर तक रहेगा. पिछले 24 घंटे में प्रदेश के 70 से अधिक स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है. जिससे मध्य प्रदेश के शहरों में दिन के तापमान में 5 से 8 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. तापमान में गिरावट होने से दिन भी अब रात की तरह ठंडे हो गए. मध्य प्रदेश में नौगांव रहा सबसे ठंडा मध्य प्रदेश में अधिकतर शहरों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया. दिन में सबसे अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस खजुराहो में दर्ज किया गया. जबकि दिन का सबसे न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस धार में दर्ज हुआ. सोमवार की दरमियानी रात न्यूनतम तापमान नौगांव में 16.6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस खजुराहो में दर्ज किया गया. मौसम में नमी से जारी रहेगा बारिश का दौर मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई सुरेंद्रन ने बताया कि "बंगाल की दक्षिणपूर्व खाड़ी के ऊपर बना डीप डिप्रेशन मजबूत होकर पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है. 12 से 24 घंटे में दक्षिण-पश्चिम व उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान मोंथा में बदलने की संभावना है. यह 28 अक्टूबर की शाम या रात के दौरान आंध्र प्रदेश तट के मछलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के आसपास, लगभग 90-100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्थायी हवा की गति और 110 किमी प्रति घंटे तक की झोंकों के साथ एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है. वहीं एक ट्रफ अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग के ऊपर बने डिप्रेशन से जुड़े ऊपरी वायु चक्रवातीय परिसंचरण से लेकर पश्चिम मध्य प्रदेश तक बनी हुई है. इस प्रणाली से प्रदेश में नमी और अस्थिरता बढ़ रही है. इससे बारिश का दौर जारी है. आज 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर और भिंड में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. यहां 4.5 से 8 इंच तक बारिश होने की संभावना है. इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और बिजली चमकने की संभावना भी है. इनके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की गई है. 28 को हल्की बारिश, 29 को 6 जिलों में अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार 28 अक्टूबर को कहीं भी भारी बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है. हालांकि इस दौरान प्रदेश में कहीं-कहीं हल्की बारिश के साथ गरज चमक और तेज हवाएं चलने की संभावना है. वहीं 29 अक्टूबर को सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है. 30 को 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी 30 अक्टूबर को बारिश का सिस्टम एक बार फिर स्ट्रांग होगा और प्रदेश के आधे हिस्से में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग ने 30 अक्टूबर को भिंड, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और मउगंज जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.

टैरिफ की राजनीति में भारत ने दिखाया कमाल, चीन को निर्यात बढ़ा 22%

नई दिल्ली एक ओर जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ-टैरिफ (Trump Tariff) खेल रहे हैं, तो वहीं भारत ने अपने निर्यातक देशों की लिस्ट में विविधता लाई है. इसका असर भी देखने को मिला है. अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ (US Tariff On India) का बड़ा असर झींगा निर्यात से लेकर टेक्सटाइल सेक्टर तक पर देखने को मिला. लेकिन भारतीय निर्यातकों ने अमेरिकी बाजार में दबाव के बीच दूसरे देशों के बाजारों का रुख किया. रिपोर्ट के मुताबिक, US Tariff Tension के बीच India-China के व्यापार संबंध सुधरे हैं और वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में भारत का चीन को निर्यात करीब 22% बढ़ा है.  टैरिफ टेंशन के बीच बढ़ा चीन से कारोबार रिपोर्ट्स की मानें तो India-China Trade में सुधार के चलते अप्रैल-सितंबर 2025 में चीन को भारत का निर्यात 8.41 अरब डॉलर रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2024 के 6.90 अरब डॉलर से 22 फीसदी के आसपास की बढ़त दर्शाता है. खास तौर पर अमेरिकी टैरिफ के असर से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स के प्रोडक्ट्स की चीन में अच्छी खासी डिमांड देखने को मिली है. इनमें झींगा और एल्युमिनियम प्रमुख हैं. इसके अलावा और भी कई क्षेत्रों ने चीन को निर्यात में तेजी दिखाई है.  झींगा समेत इन सेक्टर्स को लगा था झटका बीते दिनों आईं अन्य रिपोर्ट्स पर नजर डालें, तो अमेरिका द्वारा भारत पर 50% का टैरिफ लगाने के बाद से भारतीय झींगा निर्यात पर बुरा असर देखने को मिला है. ग्लोबल डेटा के हवाले से ट्रंप के इस टैरिफ अटैक के चलते भारत से अमेरिका को एयर कार्गो निर्यात में 14 फीसदी की तगड़ी गिरावट दर्ज की गई है, तो आंध्र प्रदेश की झींगा इंडस्ट्री करीब 25,000 करोड़ रुपये के भारी नुकसान का अनुमान लगाया गया था. इनमें कहा गया था कि अमेरिका को झींगा निर्यात के 50 फीसदी ऑर्डर 50% टैरिफ के बाद से रद्द हुए. इसके अलावा अन्य सबसे प्रभावित सेक्टर्स में एल्युमिनियन और टेक्सटाइल रहा, जिनके लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार रहा है. बीते दिनों कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री यानी CITI के एक सर्वे में इसके प्रभाव देखने को मिले थे. सर्वे के निष्कर्षों में सामने आया था कि निर्यात पर 50% टैरिफ के चलते कपड़ा और परिधान क्षेत्र कम ऑर्डर और कारोबार में करीब 50% की गिरावट से जूझ रहा है.  चीनी राजदूत बोले- 'भारतीय वस्तुओं का स्वागत' भारत में चीन के राजदूत श फीहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (पहले X) पर एक पोस्ट के जरिए भी India-China Trade बढ़ने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि, 'वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में चीन को भारत का निर्यात 22% बढ़ा है. बीजिंग ज्यादा से ज्यादा भारतीय वस्तुओं का स्वागत करता है और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने में मदद के लिए तैयार है.' ट्रंप ने भारत पर टैरिफ किया था दोगुना बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ पॉलिसी के तहत शुरुआत में भारत पर 25 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था. लेकिन बाद में रूसी तेल और हथियारों की खरीद को मुद्दा बनाया और भारत पर इसकी खरीद बढ़ाकर यूक्रेन युद्ध में पुतिन की मदद करने का आरोप लगाया था. इसके चलते अमेरिका की ओर से भारत पर लागू टैरिफ को दोगुना करते हुए 50% कर दिया गया था, जो 27 अगस्त से लागू है. 

पहली बार लिंक रोड का कांक्रीटिंग काम शुरू, PWD की योजना 80% सड़कें सीसी बनाने की

भोपाल   पीडब्ल्यूडी की 80 फीसदी सड़कें एक से डेढ़ साल में सीमेंट कंक्रीट में बदल जाएंगी। विभाग की 560 किमी. की सड़कें हैं, इनमें से करीब 300 किमी. को पहले ही सीसी किया जा चुका है। 100 किमी. की डामर रोड को सीसी में बदलने के लिए अगले एक माह में काम होगा। हालांकि एक्सपर्ट्स से आपत्ति जताते हुए कहा कि सीसी रोड से प्रदूषण व तापमान बढे़गा। चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी संजय मस्के का कहना है कि सीसी रोड को लंबी गारंटी के साथ तैयार किया जा रहा है। ये 10 साल से 25 साल तक की गारंटी वाली सड़कें हैं। बारिश के दौरान गड्ढों से मुक्ति मिलेगी। यहां भी होगा निर्माण पहली बार लिंक रोड को सीसी करने का काम शुरू हुआ। लिंक रोड नंबर को सीसी किया जा रहा। इसी तरह लिंक रोड नंबर एक और नंबर दो को भी पीडब्ल्यूडी अब सीसी करने की योजना बना रहा है। विभाग के पास 20 रोड की सूची है जिन्हें सीसी करने का काम अगले एक से डेढ़ माह में शुरू कर किया जाएगा। यह हैं सीसी रोड -पीडब्ल्यूडी ने प्रदेश की पहली सीसी सिक्सलेन रोड कोलार में 15 किमी लंबाई में तैयार की है। -कोलार में ही सीआइ तिराहा से दानिश चौराहा होते हुए मनीषा मार्केट, देवी अहिल्या देवी तिराहा तक सात किमी. लंबाई की सीसी रोड अंतिम चरण में है। -हमीदिया रोड को करीब साढ़े पांच किमी लंबाई में मोतिया तालाब से पहले से लेकर रेलवे स्टेशन, करोद तक सीसी किया है। -भेल से लेकर प्रभात चौराहा, अशोका गार्डन, रेलवे स्टेशन तक करीब छह किमी लंबी पहली चार लेन सीसी रोड पीडब्ल्यूडी ने सबसे पहले बनाई थी। घरों से ऊंची हुई रोड तो सीएम से की शिकायत अरेरा कॉलोनी के रहवासियों ने मुख्यमंत्री समेत पीडब्ल्यूडी मंत्री, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी से सीसी रोड का निर्माण रोकने को लेकर पत्र लिखा है। यहां बताया गया घरों से आठ इंच ऊंचाई में रोड बना रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में सीसी से बढ़ने वाली दिक्कत बताकर काम रोकने का आह्वान किया। शिकायत में मैहर में एक सीसी रोड को बिना अध्ययन बनाने पर हाइकोर्ट की टिप्पणी का उल्लेख भी किया। नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से भी एक शिकायत पत्र लिखकर सीसी रोड, इसकी ऊंचाई को नुकसानदायक बताते हुए रोकने की अपील की है।

सिंहस्थ 2028 को लेकर बड़ा फैसला, उपयोग न हुई जमीन दो साल बाद किसानों को लौटाई जाएगी

उज्जैन   उज्जैन सिंहस्थ वाले प्लान से सरकार ने लैंड पुलिंग को बाहर कर दिया है। सिंहस्थ 2028 के लिए इसी आधार पर प्लानिंग की थी, इस पर आगे बढ़ने से पहले कई बाधाएं आई, जिसका नए सिरे से परीक्षण कराया गया और लोगों से फीडबैक लिए। केंद्रीय नेतृत्व से भी राय ली, उसके बाद तय किया कि पहले की तरह ही मेला क्षेत्र में काम होंगे। इसके लिए दो साल के लिए ही जमीन ली जाएगी, उस पर अस्थाई काम होंगे। सिंहस्थ खत्म होने के बाद जमीन लौटा दी जाएगी। 2016 के सिंहस्थ के लिए करीब 3200 हेक्टेयर जमीन ली थी, इसमें से कुछ हेक्टेयर का उपयोग नहीं हुआ था। इस बार भी इतनी ही जमीन ली जाएगी और उसका 100 फीसद क्षेत्रफल उपयोग किया जाएगा। बन गई सहमति सरकार पूर्व की तरह अखाड़ों, धार्मिक संस्थाओं व साधु-संतों को पूरी तरह विकसित करके अस्थाई प्लाट देगी, लेकिन किसी को स्थाई तौर पर जमीन नहीं दी जाएगी। हालांकि इनके पास पूर्व से मौजूद निजी जमीन में से कुछ हिस्से पर स्थाई निर्माण की अनुमति विशेष शर्तों के तहत दी जाएगी। सरकार बीच का रास्ता निकाल रही है। किसानों व जमीन मालिकों को निराश नहीं किया जाएगा, जो जमीन प्लानिंग के लिए बहुत उपयोगी होगी, उसे ही आम अधिग्रहण की तरह लिया जाएगा। सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने उसी तर्ज पर काम किया और लगभग सहमति बन गई है। सरकार के सामने ये चुनौतियां बरकरार अस्थाई निर्माण में बांस: बल्लियों का उपयोग होता है। बड़ी मात्रा में टीन की चादरें लगती हैं। चूंकि सिंहस्थ का आयोजन गर्मियों में होता है, तब कई बार चक्त्रस्वात की स्थिति बनती है और अस्थायी निर्माण में शेड के लिए उपयोग किए टीन के चादर हवा के साथ उड़ जाते हैं, आम श्रद्धालुओं को नुकसान पहुंचने की आशंका बनी रहती है। खानपान व स्वास्थ्य सुविधा: इसके लिए पक्के भवनों की जरुरत है। अस्थाई शेड व निर्माण स्थलों पर कई तरह का खतरा रहता है। आग लगने जैसी संभावित अप्रिय स्थिति पैदा होने का प्रबल खतरा रहता है। प्रयागराज कुंभ में आग लगने जैसी घटना हो चुकी है। ऐसे अस्थाई निर्माणों को तेजी से नुकसान पहुंचता है। सुझाव: कम से कम जमीन पर स्थाई निर्माण हो। जब इस फार्मूले पर अमल होगा तो स्वाभाविक है कि जमीन की जरुरत कम से कम होगी। सरकार ने ये किया: सरकार इसी दिशा में बढ़ी। किसानों की जमीन पर जबरन की प्लानिंग को हटा दिया है। सुझाव: अभी जो प्लानिंग खाली खेतों पर निर्माण को लेकर की थी, उसका स्थान बदला जाए। ताकि सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीन की जरुरत कम से कम पड़े। सरकार ने ये किया: स्थाई निर्माण शिप्रा नदी के किनारों और श्रद्धालुओं के आवागमन क्षेत्र तक। सुझाव: सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए आसपास के जिलों में भी प्रबंध हों, वहां से सिंहस्थ क्षेत्र तक आवागमन के ज्यादा विकल्प दिए जाएं। ताकि भीड़ प्रबंधन में आसानी हो। सरकार ने ये किया: उज्जैन से सटे जिलों में श्रद्धालुओं के लिए बड़े स्तर पर सुविधाएं विकसित करने का निर्णय लिया।

आज का राशिफल 28 अक्टूबर 2025: सिंह और तुला राशि की किस्मत चमकेगी, जानें सभी राशियों का हाल

मेष राशि- आज का दिन नई ऊर्जा और आत्मविश्वास लेकर आएगा। कार्यस्थल पर आपकी परफॉर्मेंस दूसरों को प्रभावित करेगी। किसी पुराने अटके काम के पूरे होने की संभावना है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, लेकिन खर्चों पर नज़र रखें। प्रेम संबंधों में ईमानदारी और स्पष्टता ज़रूरी रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के साथ बातचीत दिल को सुकून देगी। सेहत के मामले में लापरवाही न करें। सही खानपान और नींद जरूरी है। वृषभ राशि- आज धन लाभ के संकेत हैं। निवेश या किसी बिजनेस डील में फायदा हो सकता है। काम के सिलसिले में दिन उपयोगी रहेगा और वरिष्ठ अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। प्रेम संबंधों में पारदर्शिता बढ़ेगी। हेल्थ को लेकर थोड़ा ध्यान रखें, खासकर गले या पेट से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है। शाम का समय परिवार के साथ बिताना मन को शांति देगा। मिथुन राशि- आज दिमाग बेहद सक्रिय रहेगा। नई योजनाओं पर काम करने का सही समय है। जो लोग मीडिया, कम्युनिकेशन या लेखन से जुड़े हैं, उनके लिए दिन खास रहेगा। रिश्तों में ईमानदारी और संतुलन बनाए रखें। छोटी बातों पर प्रतिक्रिया न दें। आर्थिक रूप से दिन स्थिर रहेगा। शाम का समय अपने लोगों के साथ बिताना आपको भावनात्मक संतुलन देगा। कर्क राशि- सुबह का समय थोड़ा धीमा रहेगा, मन कुछ बेचैन रहेगा, लेकिन दोपहर के बाद हालात बदल जाएंगे। ऑफिस या कामकाज में किसी सहकर्मी से सहयोग मिलेगा। परिवार में किसी की सलाह काम आ सकती है। पुरानी यादें मन को इमोशनल बना सकती हैं, लेकिन खुद को वर्तमान पर केंद्रित रखें। सेहत में हल्की थकान रह सकती है। जल तत्व से जुड़े कामों या सफर से बचें। सिंह राशि- आज का दिन सफलता देने वाला रहेगा। आपकी लीडरशिप स्किल्स लोगों को प्रभावित करेंगी। नौकरी या व्यवसाय में तरक्की के संकेत हैं। प्रेम जीवन में रोमांस बढ़ेगा और पुराने मतभेद सुलझ सकते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी, लेकिन दिखावे में खर्च करने से बचें। परिवार के साथ समय बिताने से मन प्रसन्न रहेगा। कन्या राशि- दिन की शुरुआत सामान्य रहेगी, लेकिन दोपहर के बाद कामकाज में तेजी आएगी। ऑफिस में आपका प्रयास नोटिस किया जाएगा। बॉस या सीनियर की तरफ से तारीफ मिल सकती है। किसी पुराने दोस्त से संपर्क मन को हल्का करेगा। सेहत में सुधार होगा, लेकिन नींद पूरी न होने से थकान रह सकती है। किसी भी तरह के बड़े निर्णय में जल्दबाजी न करें। तुला राशि- सूर्य आपकी ही राशि में है, इसलिए आज आत्मविश्वास उच्च रहेगा। जो भी काम करेंगे, उसमें सफलता के संकेत हैं। लोगों से जुड़ने और नेटवर्क बढ़ाने के लिए दिन बेहतरीन है। प्रेम जीवन में नई शुरुआत संभव है। जो अविवाहित हैं, उनके लिए रिश्ता आने के योग हैं। आर्थिक रूप से दिन स्थिर रहेगा। सेहत अच्छी रहेगी, लेकिन ओवरथिंकिंग से बचें। वृश्चिक राशि- आज भावनात्मक रूप से गहराई महसूस करेंगे। किसी पुराने रिश्ते की याद या अधूरी बात मन में आएगी, पर खुद को उस भावनात्मक दौर में अटकने न दें। कामकाज में सोच-समझकर निर्णय लें। जो लोग नौकरी या कारोबार बदलने का विचार कर रहे हैं, उनके लिए समय अनुकूल है। आध्यात्मिकता और ध्यान से मन को शांति मिलेगी। शाम को कोई अच्छी खबर मिल सकती है। धनु राशि- दिन सामाजिक और व्यावसायिक दृष्टि से सक्रिय रहेगा। दोस्तों या टीम के साथ जुड़ाव मजबूत होगा। जो लोग ट्रैवल, मीडिया या शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। रिश्तों में संवाद और समझदारी बनाए रखें। आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत हैं। लंबी दूरी की यात्रा का योग भी बन रहा है। मकर राशि- आज करियर में कोई बड़ा अवसर मिल सकता है। मेहनत का सही फल मिलने वाला है। सीनियर से तारीफ मिल सकती है या प्रमोशन की चर्चा हो सकती है। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर रह सकता है, इसलिए आराम जरूर करें। दिन के अंत में मानसिक सुकून महसूस होगा। कुंभ राशि- भाग्य का साथ मिलेगा। जो लोग विदेश या उच्च शिक्षा से जुड़े काम कर रहे हैं, उनके लिए दिन लाभदायक है। किसी पुराने विवाद का समाधान मिल सकता है। रिश्तों में संतुलन बनाए रखें और जल्दबाज़ी में कोई बात न कहें। परिवार से जुड़ा कोई शुभ कार्य तय हो सकता है। यात्रा के योग भी बन रहे हैं। मीन राशि- आज इन्ट्यूशन स्ट्रॉन्ग रहेगी। किसी पुराने काम से लाभ मिलने की संभावना है। अटका हुआ पैसा वापस आ सकता है। प्रेम जीवन में स्पष्टता और सच्चाई बनाए रखें। स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न करें। सही दिनचर्या अपनाएं। शाम का समय शांति और आत्ममंथन के लिए शुभ है।