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एडिशनल चार्ज पर मिलने लगेगा अतिरिक्त कार्य भत्ता, वित्त विभाग ने किया स्पष्ट

जयपुर राजस्थान में वित्त विभाग ने एक अहम आदेश जारी किया है। प्रदेश में एडिशनल चार्ज के भार से जूझ रहे अधिकारियों को अब इसकी एवज में स्पेशल पे मिलेगी।  वित्त विभाग ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि ऐसे अधिकारी जो 6 महीने से अधिक समय तक किसी विभाग के HOD या सचिव स्तर के पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त कार्य भत्ता (Special Pay) दिया जाएगा। राजस्थान में कई सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों में प्रमुख पद अतिरिक्त चार्ज पर चल रहे हैं। ऐसे में कई अफसर अपने मुख्य काम के साथ कई विभागों के अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे हैं। यह आदेश राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 35 और 50 के तहत जारी किया गया है। आदेश के अनुसार, जब किसी अधिकारी को अपने नियमित पद के साथ-साथ किसी अन्य रिक्त पद का चार्ज सौंपा जाता है, तो उसे पद रिक्त होने की तिथि से छह माह तक विशेष वेतन दिया जाएगा। यदि छह माह के भीतर उस पद पर नियमित नियुक्ति नहीं होती, तो उस पद को आस्थगित (Keep in Abeyance) माना जाएगा। यानी बजट तैयार करते समय वित्त विभाग इस पद की अनिवार्य नहीं मानते हुए उसे खत्म भी कर सकता है। हालांकि, यह प्रावधान सचिव, प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसे वरिष्ठ पदों पर लागू नहीं होगा। इन उच्च पदों पर यदि छह माह से ज्यादा समय तक नियुक्ति नहीं होती है, तब भी उन्हें आस्थगित नहीं माना जाएगा और पूरी अवधि तक विशेष वेतन मिलता रहेगा। फिलहाल, प्रदेश के करीब 50 विभाग, बोर्ड और कॉर्पोरेशन ऐसे हैं जिनमें विभागाध्यक्ष (HOD) और वरिष्ठ पद अतिरिक्त चार्ज पर चल रहे हैं। यह आदेश उन सभी अधिकारियों पर भी लागू होगा जो वर्तमान में इस प्रकार के पदों का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। इस फैसले को दीपावली से पहले अधिकारियों के लिए प्रोत्साहन और आर्थिक राहत के रूप में देखा जा रहा है।  

बंगाल में TMC के गुंडों ने BJP सांसद को पीटा, गजेंद्र सिंह बोले: महिलाएं भी असुरक्षित

बीकानेर राजस्थान के बीकानेर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह ने बयान दिया है। सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर देशभर में आक्रोश है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि रात में लड़कियों को कॉलेज के बाहर नहीं जाना चाहिए। इस बयान ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है और विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं के प्रति असंवेदनशील करार दिया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह ने ममता सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि राज्य में न रात में कोई सुरक्षित है और न ही दिन में, और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध इस बात का प्रमाण हैं। गजेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए ममता बनर्जी का यह बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि इससे यह संदेश जाता है कि पीड़ितों को अपने आप को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी, जबकि अपराधियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडों द्वारा भाजपा सांसद पर हाल ही में हमला किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, और इस तरह की अराजक परिस्थितियों में महिलाओं का असुरक्षित होना और उनके साथ दुराचार होना आम बात बन गई है। गजेंद्र सिंह ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की होती, तो यह स्पष्ट संदेश जाता कि भविष्य में कोई भी अपराध करने से पहले सोचेगा। गजेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि लोकतंत्र में ममता बनर्जी के इस बयान का जवाब अगले चुनाव में वहां की माताएं, बहनें और बेटियां निश्चित रूप से देंगी। वे कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी को श्रद्धांजलि देने बीकानेर पहुंचे थे।

गबन या व्यवस्थापन की कमी? 31 करोड़ खर्च के बावजूद पौधरोपण फेल, हरियाली रह गई सपनों में

दौसा दौसा जिले को हरा-भरा बनाने के लिए सरकार ने जो महत्त्वाकांक्षी पौधशाला योजना शुरू की थी, वह जिले में असफल साबित होती नजर आ रही है। योजना पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जिले की कई ग्राम पंचायतों में पौधशालाएं बनी ही नहीं, और जहां बनीं भी वहां देखभाल के अभाव में पौधे सूख गए। पंचायती राज विभाग ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जिले की 261 ग्राम पंचायतों में पौधशाला व नर्सरी विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था। इन पंचायतों को 31 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। योजना का उद्देश्य था कि हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर दो हजार पौधे तैयार हों और अगले पांच साल में हरियाली का ऐसा जाल बिछे कि जिले का चेहरा बदल जाए। लेकिन परिणाम करोड़ों खर्च होने के बाद भी उम्मीदों के विपरीत नजर आ रहे हैं। शुरुआत से ही कमजोर रही योजना योजना की शुरुआत में ही कई कमियां नजर आईं। जिन पंचायतों को बजट मिला, उनमें से अधिकांश ने न तो जगह का सही चयन किया और न ही पानी की व्यवस्था। कुछ पंचायतों ने खेतों के बीच या सुनसान मैदानों में पौधशालाएं बना दीं, जहां न बाड़बंदी थी और न ही कोई देखभाल करने वाला। लवान पंचायत समिति की कवरपूरा, हिगोटिया, दौसा की सूरजपुरा ग्राम पंचायत में बजट स्वीकृति के बाद भी पौधशाला तक तैयार नहीं की। वहीं सिगवाड़ा ग्राम पंचायत में तो हाल और भी खराब रहे। यहां पौधशाला तो बनाई गई, लेकिन देखभाल के अभाव में पौधे सूख गए। हालात इतने बिगड़े कि कई जगह पौधों के ढेर ही जला दिए गए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर शुरुआती समय में देखभाल और सिंचाई की व्यवस्था होती तो हजारों पौधे आज हरे-भरे होते। सिंगवाड़ा ग्राम पंचायत की पौधशाला पर लाखों खर्च होने के बाद भी कागजों पर ही हरी-भरी दिख रही है। वास्तविकता यह है कि वहां आज सिर्फ 2000 पौधों की जगह मात्र 100-200 पौधे ही दिखाई दे रहे हैं। पौधशाला का पूरा परिसर वीरान पड़ा है। ग्रामीणों के अनुसार शुरुआती बरसात में पौधे लगाए तो गए थे, लेकिन बाद में किसी ने ध्यान नहीं दिया। न तो पानी का इंतजाम हुआ और न ही देखभाल की गई। निगरानी का तंत्र भी नाकाम जिले में इस योजना की निगरानी के लिए ग्राम विकास अधिकारी से लेकर अधीक्षण अभियंता तक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। काम की समीक्षा के लिए प्लांटेशन आईडी तक बनाकर ट्रैकिंग सिस्टम बनाया गया। लेकिन यह पूरा तंत्र केवल कागजों तक सीमित रहा। पंचायतों को बजट मिला, काम का रिकॉर्ड तैयार हुआ, लेकिन स्थलीय निरीक्षण और देखभाल में लापरवाही होती रही। क्या कहा जिम्मेदारों ने विकास अधिकारी लवान का कहना है कि हाँ, सिगवाड़ा ग्राम पंचायत में पोधारोपण तो कराया था, लेकिन पौधे पानी में डूब गए जिसके चलते पौधे गल गए, इसलिए पौधे जीवित नहीं हैं। वहीं दौसा जिला परिषद के अधिशाषी अभियंता सीताराम मीणा ने बताया कि ग्राम पंचायतों में पौधशालाएं स्थापित की गई थीं, लेकिन उनकी वर्तमान में कुछ पौधे की बढ़िया नहीं है। उनका यह बयान साफ बताता है कि मॉनिटरिंग व्यवस्था कितनी लचर रही। सूख गए पौधे, गांव के लोग मायूस योजना की विफलता का असर सीधे गांवों पर पड़ा। गांवों के लोगों ने उम्मीद की थी कि पौधशालाओं से उन्हें औषधीय और फलदार पौधे आसानी से मिलेंगे। लेकिन ज्यादातर पंचायतों में सूखे पौधों और खाली गड्ढों के अलावा कुछ नहीं बचा। सूरजपुरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन ग्राम पंचायत में लाखों खर्च दर्शाने के बाद भी पौधरोपण तक नहीं हुआ। सरपंच सविता मीणा का कहना है कि पौधरोपण के लिए गड्डे खुदवा दिए गए थे और लाखों रूपये खर्च कर पौधों की सुरक्षा के लिए तारबंदी करवा दी गई थी, लेकिन दौसा वीडियो ने पौधरोपण नहीं करने दिया। इसके चलते पौधशाला में दो हजार पौधे तैयार होने थे, लेकिन एक भी पौधा नहीं लगा। अब वहां खाली गड्डे ही नजर आ रहे हैं। गांव की महिलाओं ने बताया कि बच्चों के लिए फलदार पौधे लगाने का सपना अधूरा रह गया। हिगोटिया पंचायत के लोग भी मायूस हैं। उनका कहना है कि जिस जगह पौधशाला बनाई गई थी, वहां आज खरपतवार और झाड़ियां उग आई हैं। न पौधे हैं, न पानी की टंकी और न ही कोई चौकीदार। शुरुआत में मजदूरों से गड्ढे खुदवाए गए, पौधे लगाए गए, फोटो खिंचवाई गई और फिर सब कुछ ठप हो गया। बीज बैंक का वादा भी अधूरा योजना का एक अहम हिस्सा था, ग्राम पंचायत स्तर पर बीज बैंक बनाना। ग्रामीणों से कहा गया था कि वे आम, जामुन, पपीता जैसे फलों के बीज दान करें और उनसे पौधे तैयार हों। लेकिन जिले में एक भी पंचायत में यह बीज बैंक धरातल पर नहीं बन पाया। ग्रामीण बताते हैं कि बीज बैंक का नाम तो कई बार सुना, लेकिन कभी किसी को बीज जमा कराते नहीं देखा। जली हुई टहनियां और खाली थेलियां सूखी हुई टहनियां और खाली गड्डे पंचायत में पौधशाला योजना की असफलता की गवाही हैं। पैसे खर्च, पर काम अधूरा. प्रत्येक पंचायत को लाखों रुपए का बजट दिया गया था। शर्त यह थी कि पौधे कम से कम तीन साल तक सुरक्षित रहें। लेकिन जब जगह का सही चयन, पानी की आपूर्ति और सुरक्षा व्यवस्था ही नहीं हो पाई, तो बजट का फायदा जमीन पर दिखाई नहीं दिया। पंचायतों में बजट का उपयोग गड्ढे खुदवाने, पौधे खरीदने और नर्सरी बैग भरने तक ही सिमट गया। बाद की देखभाल के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। नतीजतन, पौधशालाएं शुरू होते ही सूख गईं। हरियाली का सपना अधूरा जिले के लिए हरियाली केवल सुंदरता नहीं बल्कि जीवन का आधार है। खेती, पशुपालन और पर्यावरण संतुलन सब कुछ हरियाली पर टिका है। पौधशाला योजना का उद्देश्य था कि गांव आत्मनिर्भर हों और पौधों की कमी कभी न हो। लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद यह सपना अधूरा रह गया।

राजस्थान को विकास की रफ्तार देंगे 9,300 करोड़, अमित शाह ने की योजनाओं की घोषणा

जयपुर  केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में 9 हजार 300 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। शाह नवीन आपराधिक कानूनों पर आयोजित राज्य स्तरीय 6 दिवसीय प्रदर्शनी 'नव विधान-न्याय की नई पहचान' के उद्घाटन के लिए जयपुर आए थे। केन्द्रीय गृहमंत्री ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से 4 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउण्ड ब्रेकिंग की। उन्होंने विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के लिए 260 करोड़ रुपये एवं दुग्ध उत्पादकों को दूध सब्सिडी के 364 करोड़ रुपये की राशि का हस्तान्तरण किया। उन्होंने 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के तहत रजिस्ट्रेशन का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने प्रदेश के दूरदर्शी विकास की संकल्पना को समर्पित ‘विकसित राजस्थान-2047 कार्ययोजना’ का विमोचन भी किया।  4 करोड़ रुपये के MPU की ग्राउंड ब्रेकिंग, मुफ्त बिजली योजना का आगाज अमित शाह ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग की। उन्होंने छात्रों को यूनिफॉर्म के लिए 260 करोड़ रुपये और दुग्ध उत्पादकों को दूध सब्सिडी के 364 करोड़ रुपये वितरित किए। इसके अलावा 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का भी शुभारंभ किया गया। विकास कार्यों का लोकार्पण शासन ने भुसावर बाईपास, सड़क निर्माण, पशु चिकित्सा उपकेंद्र, स्वास्थ्य केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, महिला पॉलिटेक्निक और आईटीआई भवनों सहित अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण किया। जल जीवन मिशन, अमृत 2.0, पीएम-कुसुम योजना और ग्रामीण जल परियोजनाओं के तहत भी कई निर्माण कार्य शुरू किए गए। लोकार्पण की सूची   योजना/कार्य रुपये लागत भुसावर बाईपास एवं सड़क निर्माण 436.54 करोड़ रुपये के 20 कार्य पशु चिकित्सा उपकेंद्र एवं पशु चिकित्सालय 1108.57 करोड़ रुपये के 57 कार्य खारा पानी एक्वाकल्चर प्रयोगशाला, चूरू 1.40 करोड़ रुपये के कार्य बीमा भवन, उप-पंजीयक एवं उप-महानिरीक्षक कार्यालय, जयपुर 179.69 करोड़ रुपये के 3 कार्य अभीम योजना के तहत ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट 615.81 करोड़ रुपये के 12 कार्य 15वां वित्त आयोग के तहत उप-स्वास्थ्य केंद्र 723.10 करोड़ रुपये के 21 कार्य एनआरएचएम के तहत ड्रग वेयर हाउस एवं लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट, चित्तौड़गढ़ 158.60 करोड़ रुपये के 2 कार्य वन स्टॉप सेंटर भवन 73.62 करोड़ रुपये के 2 कार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, भोपालगढ़ (जोधपुर) 667.65 करोड़ रुपये के कार्य डाइट, राजकीय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन 25.40 करोड़ रुपये के 9 कार्य राजकीय आयुर्वेद औषधालय भवन 350.00 करोड़ रुपये के 12 कार्य राजकीय होम्योपैथिक औषधालय भवन 32.44 करोड़ रुपये के 2 कार्य जल जीवन मिशन के पेयजल परियोजनाएँ 236.75 करोड़ रुपये के 3 कार्य स्मार्ट सिटी मिशन (कोटा शहर) जल वितरण प्रणाली 12.55 करोड़ रुपये के कार्य लव-कुश वाटिका, जोरमा, उदयपुर 136.96 करोड़ रुपये के कार्य सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक 38.83 करोड़ रुपये के 4 कार्य अकादमी भवन, इंडोर हॉल एवं जिम हॉल 23.00 करोड़ रुपये के 6 कार्य मिनी एवं इंडोर स्टेडियम 9.00 करोड़ रुपये के 2 कार्य सेक्टर-22, प्रताप नगर आवासीय योजना 25.21 करोड़ रुपये के 3 कार्य लघुवन उपज प्रशिक्षण केंद्र, उदयपुर एवं राजकीय जनजाति बालिका आश्रम, बिलिया बडगामा 4.55 करोड़ रुपये के 2 कार्य देवनारायण योजना के तहत आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास 22.49 करोड़ रुपये के 3 कार्य नर्सिंग कॉलेज, बूंदी 18.63 करोड़ रुपये के कार्य अल्पसंख्यक बालक/बालिका छात्रावास 14.35 करोड़ रुपये के 6 कार्य अल्पसंख्यक बालक/बालिका आवासीय विद्यालय 71.62 करोड़ रुपये के 5 कार्य कॉमन सर्विस सेंटर भवन 3.68 करोड़ रुपये के 2 कार्य राजकीय महिला पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, टपूकड़ा 28.50 करोड़ रुपये के कार्य पंचायत समिति, ग्राम पंचायत कार्यालय, अंबेडकर भवन, सामुदायिक केंद्र एवं नाली निर्माण 2.86 करोड़ रुपये के 5 कार्य बायोगैस प्लांट, गौशाला उदयपुर एवं पाली 0.81 करोड़ रुपये के 2 कार्य विद्यालय भवन, कक्षा कक्ष, पुस्तकालय एवं प्रयोगशालाएँ 8.54 करोड़ रुपये के 19 कार्य डूंगरपुर में नवीन जिला कारागृह 13.47 करोड़ रुपये के कार्य अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पुलिस थाना एवं चौकी 7.82 करोड़ रुपये के 7 कार्य एनिकट निर्माण एवं मरम्मत 26.96 करोड़ रुपये के 4 कार्य कमांड क्षेत्र में पक्के जलमार्ग निर्माण एवं पुनर्वास 73.99 करोड़ रुपये के 3 कार्य राजकीय महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय एवं कृषि महाविद्यालय 160.82 करोड़ रुपये के 30 कार्य जगतपुरा जोन में सड़क निर्माण 4.87 करोड़ रुपये के 8 कार्य 33/11 केवी जीएसएस निर्माण 128.98 करोड़ रुपये के 58 कार्य पीएम-कुसुम योजना 1029.44 करोड़ रुपये के 161 कार्य 220 केवी जीएसएस कारोली एवं रायला 117.52 करोड़ रुपये के 2 कार्य 132 केवी जीएसएस एवं संबंधित लाइन 258.02 करोड़ रुपये के 7 कार्य राजस्थान के दूरदर्शी विकास की दिशा, करोड़ों रुपये की लागत के विकास कार्याें का शिलान्यास अमित शाह ने 'विकसित राजस्थान-2047 कार्ययोजना' का विमोचन कर राज्य के दीर्घकालिक विकास और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की महत्वाकांक्षा जताई। इस दौरान विभिन्न जिलों में सामुदायिक भवन, छात्रावास, नर्सिंग और स्वास्थ्य केंद्रों के भी शिलान्यास हुए। शिलान्यास की सूची   योजना/कार्य रुपये लागत जवाई पुलिया, सिरोही 1405.00 करोड़ रुपये के 67 कार्य राजस्थान ग्रामीण जल प्रदाय एवं फ्लोरोसिस मिटिगेशन परियोजना फेज-2 1039.98 करोड़ रुपये के कार्य पीएम-कुसुम योजना 805.38 करोड़ रुपये के 172 कार्य 220 केवी के 5 जीएसएस, 132 केवी के 10 जीएसएस और संबंधित लाइन 961.18 करोड़ रुपये के कार्य जल जीवन मिशन, नागौर लिफ्ट परियोजना प्रथम चरण 404.41 करोड़ रुपये के 3 कार्य अमृत 2.0 योजनांतर्गत शहरी पेयजल योजना 196.00 करोड़ रुपये के 12 कार्य जिला अस्पताल, चूरू एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के भवन 172.57 करोड़ रुपये के 15 कार्य सालासर में सहायक अभियंता कार्यालय एवं 33 केवी जीएसएस 127.86 करोड़ रुपये के 46 कार्य सोलर आधारित फव्वारा पद्धति से सिंचाई सुविधा 165.81 करोड़ रुपये के 3 कार्य 15वें वित्त आयोग के तहत चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र 108.99 करोड़ रुपये के 74 कार्य राज्य मद से चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र 54.40 करोड़ रुपये के 18 कार्य राजकीय आईटीआई भवन निर्माण 37.16 करोड़ रुपये के 4 कार्य राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थान 80.15 करोड़ रुपये के 54 कार्य जल जीवन मिशन आपणी योजना फेज-प्रथम (चूरु-बिसाऊ फीडर) 99.77 करोड़ रुपये के कार्य पेयजल सप्लाई पाइपलाइन एवं उच्च जलाशय निर्माण 39.20 करोड़ रुपये के 8 कार्य जल जीवन मिशन के तहत जल योजना 77.20 करोड़ रुपये के 44 कार्य ग्रामीण जल योजना, भरतपुर, धौलपुर, जैसलमेर 58.63 करोड़ … Read more

नए आपराधिक कानूनों की प्रदर्शनी का शुभारंभ: अमित शाह ने कहा, न्याय तक पहुंचेगा पारदर्शी मार्ग

जयपुर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को अपने तीसरे राजस्थान दौरे पर जयपुर पहुंचे। यहां उन्होंने जयपुर एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर, सीतापुरा में तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर आधारित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी एक जुलाई 2024 से लागू इन नए कानूनों के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। इस अवसर पर शाह ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम विकास और न्याय दोनों का समन्वय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की न्याय व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है। इन तीनों कानूनों के माध्यम से आम नागरिकों की न्याय तंत्र तक तेजी से, सुलभ और पारदर्शी रूप में पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को अब औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त कर आधुनिक भारत की जरूरतों के अनुरूप बनाया गया है। शाह ने बताया कि देशभर में इन नए कानूनों के सफल क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार लगातार निगरानी और सुधार कर रही है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से जनसामान्य को कानूनों की बारीकियों और उनके व्यवहारिक उपयोग से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन केवल न्याय व्यवस्था के नवाचार का नहीं बल्कि राजस्थान के विकास के नए अध्याय की शुरुआत का भी प्रतीक है। उन्होंने बताया कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए थे, जिनमें से 3 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट जमीन पर उतर चुके हैं और 4 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का भूमिपूजन आज इसी मंच से किया गया। इसके अलावा उन्होंने लगभग 9,600 करोड़ रुपए के 1100 विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर पीएम सूर्य घर योजना के तहत 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल की भी शुरुआत की गई। शाह ने कहा कि यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम में उपस्थित डीजीपी राजीव शर्मा ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों का लागू होना देश के लिए ऐतिहासिक कार्य है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इतने बड़े पैमाने पर आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव पहली बार हुआ है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश ने धारा 370 हटाने और नक्सली समस्या के समाधान जैसे ऐतिहासिक निर्णय देखे हैं। वहीं राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने कहा कि यह प्रदर्शनी आमजन के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इससे नागरिकों को नए कानूनों की उपयोगिता और प्रावधानों की जानकारी सरल भाषा में प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि कानून केवल दंड का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देने का सशक्त आधार भी है। कार्यक्रम में केंद्रीय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, न्याय पालिका के सदस्य, पुलिस विभाग, विधि विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में छात्र एवं नागरिक उपस्थित रहे।

अमित शाह बोले जयपुर में: 2027 से सुप्रीम कोर्ट तक न्याय तीन साल में संभव

जयपुर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जयपुर के JECC (जयपुर एग्जिबिशन एंड कंवेंशन सेंटर) में तीन नए आपराधिक कानूनों पर आधारित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पूरी तरह लागू होने में अभी दो वर्ष और लगेंगे, लेकिन 2027 से देशभर में दर्ज होने वाली एफआईआर पर तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिलने की व्यवस्था इन कानूनों से सुनिश्चित की जाएगी। शाह ने कहा कि यह केवल कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि देश की न्याय व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन है। उन्होंने इसे ईज ऑफ लिविंग के साथ-साथ ईज ऑफ जस्टिस की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पहले पुलिस द्वारा पकड़े गए 100 में से केवल 42 अपराधियों को सजा मिलती थी, जो अब बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है, और कानूनों के पूर्ण क्रियान्वयन के बाद यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा। गृह मंत्री ने डीजीपी की तारीफ की उन्होंने कहा, "हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली अब दंड से नहीं, न्याय से प्रेरित होकर काम करेगी। देश की जनता को समय पर और सुलभ न्याय मिल सके, इसके लिए गृह मंत्रालय राज्यों को मार्गदर्शन और सहयोग दे रहा है।"शाह ने राजस्थान पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इन कानूनों को लागू कराने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने प्रदर्शनी के विस्तार की मांग करते हुए कहा कि इसे दीपावली के बाद तक जारी रखा जाए, ताकि पुलिसकर्मी, वकील और विधि छात्र इसमें आकर नए कानूनों की जानकारी ले सकें। 9600 करोड़ के कामों का शिलान्यास इस अवसर पर गृहमंत्री ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के अंतर्गत मिले निवेश प्रस्तावों में से 4 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स की नींव रखी और करीब 9600 करोड़ रुपए के 1100 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विकास और न्याय का समन्वय है। कार्यक्रम में पीएम सूर्य घर योजना के तहत 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के रजिस्ट्रेशन की भी शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि नए कानून स्वतंत्र भारत की न्याय प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक हैं और आज भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी शर्तों पर बोलता है। राजस्थान के डीजीपी राजीव शर्मा ने इसे आज़ादी के बाद देश का एक ऐतिहासिक कदम बताया और गृहमंत्री अमित शाह को देश का सबसे लंबे समय तक कार्यरत गृह मंत्री बताते हुए उनके नेतृत्व में धारा 370 और नक्सल समस्या के समाधान को रेखांकित किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश  बोले- प्रदर्शनी से उपयोगी जानकारी मिलेगी प्रदर्शनी से आमजन को होगा फायदा राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने कहा- इस प्रदर्शनी से आमजन को नए कानूनों की उपयोगिता के संबंध में जानकारी प्राप्त होगी। कानून केवल दंड का माध्यम नहीं बल्कि समाज को सही दिशा देने का मजबूत आधार भी है।

अमित शाह का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे सीएम, JECC में करेंगे प्रदर्शनी का उद्घाटन

जयपुर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज जयपुर पहुंचे। शाह के जयपुर आगमन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर एयरपोर्ट पर उनका हार्दिक स्वागत किया। शाह नए आपराधिक कानूनों के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जेईसीसी में आयोजित 6 दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन करने जयपुर पहुंचे हैं। गौरतलब है कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार लाने वाली तीन नवीन आपराधिक संहिताओं के क्रियान्वयन को एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 13 से 18 अक्तूबर, 2025 तक जयपुर एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC), सीतापुरा में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जिसके शुभारंभ अवसर पर शाह जयपुर पहुंचे हैं। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री  दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, पूर्व विधायक सतीश पूनिया, मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

दस साल बाद पकड़े गए पूर्व सरपंच और पूर्व सचिव, 78 लाख रुपये गबन का मामला

भीलवाड़ा पुलिस थाना शाहपुरा ने 78 लाख रुपये की सरकारी राशि के गबन के मामले में एक दशक से फरार चल रहे तत्कालीन ग्राम सेवक एवं सरपंच को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर थाना प्रभारी सुरेशचंद के निर्देशन में गठित विशेष टीम द्वारा की गई। आरोपी दस वर्ष से फरार थे तथा एक आरोपी पर 5 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है। पूर्व सरपंच गणपत खटीक का पारिवारिक सदस्य वर्तमान में ढीकोला में सरपंच हैं तथा वो भाजपा से जुड़े हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शाहपुरा पंचायत समिति की फुलियाखुर्द पंचायत के तत्कालीन ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव श्यामलाल जाट पुत्र छीतरमल जाट निवासी जाटों का मोहल्ला माण्डल तथा तत्कालीन सरपंच गणपतलाल खटीक पुत्र मागीलाल खटीक निवासी कल्याणपुरा ढिकोला शामिल हैं। श्यामलाल जाट पर पुलिस ने 5 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। दोनों आरोपियों को पुलिस ने क्रमशः कोटड़ी और ढिकोला क्षेत्र से गिरफ्तार किया। एएसपी राजेश आर्य ने बताया कि यह प्रकरण वर्ष 2016 का है, जब तत्कालीन शाहपुरा के पंचायत प्रसार अधिकारी की रिपोर्ट पर ग्राम पंचायत फुलिया खुर्द के रिकॉर्ड की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। जांच के दौरान यह पाया गया कि वर्ष 2010 से 2015 तक का रिकॉर्ड अधूरा था तथा इस अवधि में ग्राम पंचायत के विभिन्न खातों में कुल ₹83,98,700 जमा हुए थे, जिनमें से ₹78,60,973 की राशि निकाली गई, परंतु उसका कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं था। नये पंचायत चुनाव के बाद हुई शिकायत पर की जांच में तत्कालीन सरपंच गणपतलाल खटीक और ग्राम सेवक श्यामलाल जाट पर सरकारी धन के गबन का आरोप सिद्ध हुआ। प्रकरण संख्या 53/2016 धारा 409 भादंसं के अंतर्गत शाहपुरा थाने में मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। दोनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार स्थान बदलते रहे। श्यामलाल जाट वर्तमान में ग्राम पंचायत बन का खेड़ा, पंचायत समिति कोटड़ी में पदस्थ था और पिछले कई वर्षों से फरार चल रहा था। शाहपुरा थाना पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी कोटड़ी सर्किल में दिखाई दिया है। इस पर गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे दबोच लिया।पूछताछ में उसके साथी तत्कालीन सरपंच गणपतलाल खटीक का नाम सामने आया, जिसे भी पुलिस ने ढिकोला क्षेत्र से गिरफ्तार किया। जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने शाहपुरा थाना पुलिस टीम की तत्परता और सतर्कता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि फरार अपराधियों की धरपकड़ और गंभीर अपराधों के आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाना पुलिस की प्राथमिकता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है तथा शेष गबन राशि की वसूली और अन्य संबंधित व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है।

राजस्थान में ठंड का जोर, जानें कब तक जारी रहेगा असर और मिलेगी राहत

सीकर राजस्थान में पिछले चार-पांच दिनों से उत्तरी हवाओं के सक्रिय रहने के कारण सुबह और रात के समय लोगों को गुलाबी सर्दी का एहसास हो रहा है। आज सुबह भी कई जगहों पर इस गुलाबी सर्दी का असर देखा गया। मौसम विभाग के अनुसार, कल से राजस्थान में इन उत्तरी हवाओं का प्रभाव कम हो जाएगा। इससे मौसम में ठंडक भी घटेगी और लोगों को गुलाबी सर्दी से थोड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही, राजस्थान में एक सप्ताह तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी भी दर्ज की जाएगी। पिछले 24 घंटे में राजस्थान का सबसे ठंडा क्षेत्र उदयपुर का डबोक एयरपोर्ट रहा, जहाँ न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त, पिलानी में 16.6 डिग्री, सीकर में 16.7 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। सबसे अधिक तापमान की बात करें तो जैसलमेर में 35.3, जोधपुर में 33.8, चित्तौड़गढ़ में 33, और फलोदी में 34.4 डिग्री अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजस्थान में गुलाबी सर्दी के प्रभाव की बात करें तो शेखावाटी और मेवाड़ क्षेत्रों में इसका असर अधिक है। वहीं, हाड़ौती और मरुस्थलीय इलाके, जैसे जैसलमेर और जोधपुर, में गुलाबी सर्दी का असर अपेक्षाकृत कम देखा गया है।

बेटों ने पिता के अपमान का बदला लेने उठाया हिंसक कदम, कांग्रेस नेता पर हमला

भीलवाड़ा शहर में शनिवार शाम मेन मार्केट में एक भयंकर घटना ने हड़कंप मचा दिया, जब कुछ बदमाशों ने कांग्रेस नेता और पूर्व सरपंच हरफूल जाट पर तलवार, सरिए और गोली से हमला कर दिया। घटना के कुछ ही घंटों में पुलिस ने भाजपा नेता और पूर्व सरपंच बालूलाल आचार्य, उनके दोनों बेटे गोपाल व अक्षय आचार्य और एक साथी मनीष को गिरफ्तार कर लिया। हमले में हरफूल गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस जांच में यह सामने आया कि हमले की जड़ एक पुरानी रंजिश थी। लगभग तीन महीने पहले हरफूल जाट ने हलेड़ गांव में सार्वजनिक रूप से बालूलाल आचार्य को थप्पड़ मारा था, जिसका वीडियो वायरल हो गया था। अपमान का बदला लेने के लिए बालूलाल के बेटों ने यह हमला प्लान किया। शनिवार शाम करीब 7 बजे हरफूल जाट मेन मार्केट में पहुंचे ही थे कि गोपाल, अक्षय और मनीष हथियारों से लैस होकर वहां पहुंचे। उन्होंने तलवार और सरिए से उन पर हमला कर दिया और फायरिंग भी की। स्थानीय लोगों के बीच-बचाव करने पर हमलावर भाग गए। घटना की सूचना मिलते ही सीओ सिटी मनीष बड़गुर्जर और कोतवाल गजेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे, जहां पुलिस ने तलवार और लाठी बरामद की। इसके बाद एसपी धर्मेंद्र सिंह ने विशेष जांच टीम का गठन किया। टीम ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों का पीछा किया और देर रात चारों को गिरफ्तार किया। हमलावर पुलिस से बचने की कोशिश में गिर गए और पैर फ्रैक्चर कर लिया, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। पूछताछ में गोपाल और अक्षय ने कबूल किया कि उनके पिता के साथ हुए थप्पड़ ने उन्हें मानसिक रूप से झकझोर दिया था और उन्होंने बदला लेने का मन बना लिया था। उल्लेखनीय है कि 2 जुलाई को तेज बारिश के बाद बालूलाल आचार्य हलेड़ गांव निरीक्षण के लिए गए थे, तब कांग्रेस नेता हरफूल जाट ने उन्हें थप्पड़ मारा और भीड़ ने भी उन पर हमला किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। अब तीन महीने बाद इस पुरानी रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया, जिसका परिणाम ये वारदात रही। पुलिस ने चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। घायल हरफूल जाट की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। एसपी धर्मेंद्र सिंह ने कहा- किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। हमलावरों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। भीलवाड़ा में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।