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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- विकास के हर क्षेत्र आगे बढ़ रहा जनजातीय समुदाय

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय की समृद्धि के लिए संकल्पित है। सरकार के रणनीतिक प्रयासों से विकास के हर क्षेत्र में जनजातीय समुदाय आगे बढ़ रहा है। जनजातीय कल्याण की योजनाओं के लिए बजट बढ़ाकर 47 हजार 295 करोड़ किया गया है जो पिछले वर्ष से 6,491 करोड़ रूपये ज्यादा है। सरकार के सतत् प्रयासों से मध्यप्रदेश आज जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में देश का अग्रणी प्रदेश बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समुदायों को आर्थिक विकास के भरपूर अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'सबका साथ-सबका विकास' दर्शन अपनाते हुए जनजातीय समुदायों योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विशेष रूप से पिछ़डी और कमजोर जनजातियों (पीवीटीजी) के समग्र विकास और कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई ऐतिहासिक प्रयास और नवाचार किए हैं। जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने और देशज संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए समर्पित प्रयास किए गए हैं। परिणामस्वरूप जनजातीय समुदाय को न केवल अपने अधिकार मिले हैं, बल्कि संस्कृति की भी रक्षा हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा के लोकव्यापीकरण के जरिए जनजातीय युवाओं को चयन प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के अवसर दिए जा रहे हैं। उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए आजीविका के नए-नए विकल्प और जरूरी साधन भी दिए जा रहे हैं। आदि संस्कृति को आजीविका से जोड़ने की पहल की गई है। जनजातीय समुदायों के जन, जल, जंगल, जमीन और वन्यप्राणियों की नैसर्गिक सुरक्षा के अधिकार से लेकर वन अधिकार पत्र और इनकी आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी सरकार ने व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। पेसा नियमों से सशक्त हुई ग्राम सभाएं मध्यप्रदेश में पेसा नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन से जनजातीय ग्राम सभाओं को अपने जैविक संसाधनों, भूमि, जल, वन और पारम्परिक व्यवस्थाओं पर अधिकार प्राप्त हुए हैं। अब ग्राम सभाएं विकास योजनाओं में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं, जिससे जनजातीय अंचलों में स्वशासन की दिशा में एक सशक्त आधार स्थापित हुआ है। वे अपने गांवों की विकास योजनाएं खुद बना रही हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों का बढ़ा पारिश्रमिक जनजातीय समुदाय की आजीविका से जुड़े लाखों तेंदूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक बढ़ाकर अब 4,000 रुपये प्रति मानक बोरी कर दिया गया है। इस निर्णय से संग्राहकों की आय बढ़ी है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। तेंदू पत्ता व्यापार बढ़ने से उन्हें लाभ हुआ है। ‘पीएम जनमन’ और ‘धरती आबा’ योजनाओं से विकास को गति प्रदेश में प्रधानमंत्री जन-मन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष जैसी योजनाओं के अंतर्गत 68 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। साथ ही, जनजातीय अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिये 21 जिलों में 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) प्रारंभ की गई हैं। सिकलसेल उन्मूलन मिशन का विस्तार मध्यप्रदेश में सिकलसेल हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन सभी 89 जनजातीय विकासखंडों में लागू किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कर-कमलों से प्रदेश में हाल ही में एक करोड़वां सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं काउंसिलिंग कार्ड वितरण का ऐतिहासिक क्षण भी दर्ज हुआ है। शिक्षा एवं छात्रवृत्ति में उल्लेखनीय कार्य जनजातीय वर्ग के सभी विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए इन्हें छात्रवृत्ति देने की अवधि साल में 10 माह से बढ़ाकर अब पूरे 12 माह कर दी गई है। उनके छात्रावासों को सुविधा संपन्न बनाया गया है।जनजातीय वीर नायकों की शौर्य कथाएं और गौरवगाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं। भगवान बिरसा मुंडा जी की जीवनी अब विद्यालयीन शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी। प्रदेश के सभी जनजातीय कन्या आवासीय शिक्षा परिसरों को अब ‘माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर’ नाम दिया गया है। यह जनजातियों को सम्मान देने का एक अनूठा उदाहरण है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण में म.प्र. अव्वल ‘पीएम जन-मन कार्यक्रम’ अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर रहा है। इस योजना से विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया, सहरिया) को अत्यधिक लाभ मिला है। इससे पीवीटीजी परिवारों, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक शिक्षा में उत्तरोत्तर सुधार देखा जा रहा है। सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना राज्य सरकार द्वारा जनजातीय गौरव और पहचान को सम्मान देने के लिए अलीराजपुर जिले का नाम परिवर्तित कर अब ‘आलीराजपुर’ कर दिया गया है। यह निर्णय जनजातीय वर्ग की अस्मिता के सम्मान और इनके सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।  

भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा परंपरा को संजोये हुए है सांदीपनि विद्यालय

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मध्यप्रदेश में सांदीपनि विद्यालयों की उत्कृष्ट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बेहतर परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। उन्होंने यह निर्णय भगवान श्रीकृष्ण के गुरू आचार्य सांदीपनि के सम्मान में लिया है। उच्च गुणवत्ता शिक्षा, अनुशासन और बेहतर शिक्षण शोध के संगम से सांदीपनि विद्यालय एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गए हैं। नीमच जिले के उपखण्ड मुख्यालय मनासा का सांदीपनि विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। यहाँ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है, जिससे यह विद्यालय क्षेत्र में एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। इस विद्यालय ने शिक्षा के साथ ही अनुशासन संस्कार और आधुनिक तकनीकी शिक्षण में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ हासिल की है। सांदीपनि  स्कूल के नवाचार घर से विद्यालय तक के नवाचार सभी कक्षाओं के लिए सुबह उठने के बाद माता-पिता के चरण स्पर्श करने, विद्यालय आते समय दादा-दादी, नाना-नानी या जो भी बड़े हों, उनका आशीर्वाद लेने जैसे संस्कार विद्यालय को अनूठा बना रहे हैं। बस के लिए अनुशासन में खड़े रहने, बस में अनुशासन से चढ़ने व बैठने, विद्यालय पहुंचते ही पंक्तिबद्ध होकर उतरने,विद्यालय की दहलीज को नमन करने, गुरुजनों को नमन करने, मां सरस्वती को नमन करना, अपने पगवेश (जूते) पंक्तिबद्ध तरीके से रखने, प्रार्थना सभा के लिए पंक्तिबद्ध होकर आने, कॉरिडोर में हमेशा हाथ बांधकर चलने, प्रार्थना सभा में सक्रिय सहभागिता करने, प्रार्थना सभा समाप्त होने पर मौन होकर कक्षा में जाने जैसे अनुशासन ने इस विद्यालय को उच्च संस्कार से सुशोभित किया है। कक्षा के प्रवेश द्वार पर कक्षा अध्यापक का आशीर्वाद एवं अनुमति लेकर प्रवेश करने, विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए कक्षा के नियमों का पालन करने, कक्षा की शुरुआत संस्कारों की बातों से करने,सभी विषयों का गहन अध्ययन करने, भोजन से पहले हाथ धोने, भोजन प्रार्थना एक स्वर में बोलने, थाली में झूठा भोजन न छोड़ने और न नीचे गिराने,एक साथ भोजन करने और भोजन के बाद अपनी थाली उठाने, छुट्टी समय पंक्तिबद्ध होकर कक्षा से बाहर आने,कक्षा की लाइट व पंखे बंद करने, रूट नंबर के अनुसार लाइन बनाने एवं अनुशासन से बस में बैठने सम्बधी नवाचार किए जा रहे है। कक्षा 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश मेरिट सूची में आने पर विद्यार्थी के नाम से कक्षा का नामकरण किया जा रहा है। एक दिन का प्राचार्य विद्यालय में कक्षा 8वीं, 10वीं एवं 12वीं अर्द्धवार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त तीन विद्यार्थियों को “एक दिन का प्राचार्य” बनाया जाता है। ऑनलाइन टेस्ट-सीरीज के माध्यम से विषय सामग्री को सरल और रोचक बनाया गया है।, जिससे विद्यार्थी बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें। विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में विचारशील व कर्मशील व्यक्तियों का सम्मान किया जाता है। ताकि विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सके।  उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को एक दिवस का प्राचार्य बनाया जाता है, जिससे उनमें नेतृत्व व प्रबंधन कौशल का विकास हो सके। सर्वसुविधा युक्त विद्यालय विद्यालय में चार मंज़िला भव्य इमारत निर्मित है। भवन सर्वसुविधा युक्त एवं आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप है। संपूर्ण विद्यालय परिसर में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। सभी गतिविधियों पर सुरक्षा गार्ड एवं कैमरों की निगरानी रहती है। विद्यार्थियों के लिए बड़ा खेल मैदान उपलब्ध है। विद्यालय परिसर में बगीचा एवं बाल-बगीचा बच्चों के मनोरंजन व विकास हेतु बनाया गया है। विद्यार्थियों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है। साफ-सुथरे सुविधा घर उपलब्ध हैं। पूरा विद्यालय भवन वातावरणानुकूल बनाया गया है जिससे विद्यार्थियों को स्वस्थ व सुखद वातावरण मिल रहा है। प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों के लिए सुंदर व आरामदायक फर्नीचर उपलब्ध है। शासन द्वारा सांदीपनि विद्यालय में  विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन की व्यवस्था की गई है। 17 बसों से 1220 विद्यार्थी दूरस्थ क्षेत्रों से आसानी से विद्यालय पहुँच रहे हैं। यह सुविधा पूर्णतः निशुल्क है और सभी बसों में ड्राइवर पुरुष है और कंडक्टर महिलाएं हैं। विषय विशेषज्ञ अनुभवी शिक्षक विद्यालय में सभी विषयों के लिए विषय विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक हैं, जिनकी कुल संख्या 56 है। प्रत्येक विषय में बच्चों को स्मार्ट बोर्ड, ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी और प्रयोगशालाओं के माध्यम से आधुनिक शिक्षा दी जाती है जिसमें संगीत एवं खेलकूद एवं व्यायाम शिक्षकों द्वारा भी विद्यार्थियों को दक्षता प्रदान की जा रही है गुणात्मक एवं मात्रात्मक दृष्टिकोण से परीक्षा परिणाम श्रेष्ठतम आ रहे हैं। विद्यालय में भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान एवं जीव विज्ञान की लेब सर्व संसाधनों से युक्त है जिसका लाभ विद्यार्थी ले रहे है और अपने कौशल विकास मे प्रमुख परफॉर्मेंस प्रदर्शित कर रहे हैं । केमिस्ट्री लैब: नवीनतम उपकरणों के साथ रासायनिक प्रयोग की सुविधा है। फिजिक्स लैब से सिद्धांतों को व्यवहार में समझने का अवसर उपलब्ध हो रहा है। बायोलॉजी लैब जीवन विज्ञान से जुड़े प्रयोगों और अध्ययन के लिए संसाधन उपलब्ध है। आईटी विषय में विद्यालय में 172 विद्यार्थी नामांकित है विद्यार्थी सूचना प्रौद्योगिकी लैब के माध्यम से कौशल विकास पर कार्य कर रहे हैं  नेटवर्किंग एनालिसिस प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम तकनीकी ज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक प्रयोगों के लिए विशेष लैब की सुविधा भी इस विद्यालय मे उपलब्ध है। इस विषय मे वर्तमान में 139 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यार्थियों को सर्किट प्रोटेक्शन, पीसीबी डिजाइनिंग, रोबोटिक तकनीक, एम्बेडेड सिस्टम, माइक्रोप्रोसेसिंग एवं माइक्रोकंट्रोलिंग, और आधुनिक विकासात्मक प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने की जानकारी दी जा रही है। विद्यालय में जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान हेतु संसद लैब स्थापित की गई है। यहाँ विद्यार्थी विभिन्न विषयों पर तकनीकी अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। विद्यार्थी स्वयं प्रयोग कर रहे हैं और विज्ञान की गहराई को समझते हुए अपने कौशल को विकसित कर रहे हैं। जिले में 9 विद्यार्थियों का चयन। विशेष मॉडल प्रस्तुति: होनहार विद्यार्थी लकी राज ने “स्वचालित कपड़ा संरक्षण प्रणाली” तैयार की। डिजिटल और इंटरएक्टिव शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई को रोचक और प्रभावी बनाया गया है। विद्यालय में सुसज्जित पुस्तकालय है जिसमें 100 बच्चों की बैठक व्यवस्था है। पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ सामान्य ज्ञान, प्रतियोगी परीक्षाओं, प्रेरणादायक साहित्य और ज्ञानवर्धक पुस्तकें उपलब्ध हैं। संदीपनी विद्यालय में दो छात्रावास संचालित है। दूरदराज़ से आने वाले विद्यार्थियों के लिए 100 सीटर बालिका हॉस्टल और 100 सीटर बालक हॉस्टल है। सुरक्षित, अनुशासित और घर जैसे वातारण में बच्चे,योग कक्षाओं और संस्कारी गतिविधियों के माध्यम से सर्वांगीण विकास कर रहा है।  

नीतीश के गढ़ नालंदा से अमित शाह का बड़ा चुनावी संदेश: तैयारी शुरू!

पटना  विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में बिहार पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार की धरती नालंदा से बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो अगली बार बिहार में विधानसभा चुनाव एक चरण में संपन्न कराया जाएगा। कहा कि जब लालू, राबड़ी की सरकार थी तो खराब विधि व्यवस्था के कारण छह चरणों में चुनाव कराना पड़ता था। खगड़िया, मुंगेर के बाद अमित शाह ने नालंदा में चुनावी रैली को संबोधित किया। राजद की सरकार पर करारा प्रहार करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर बिहार की बड़ी समस्या थी। लालू राज में छह चरणों में चुनाव होते थे। एनडीए की सरकार बनी तो तीन चरणों तक पहुंच गया। इस बार 6 नवंबर और 12 नवंबर को दो फेज में मतदान है। आप सब मिलकर एनडीए की सरकार बना दो, अगली बार पूरे बिहार में एक ही चरण में चुनाव संपन्न कराया जाएगा। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने मिलकर नक्सलवाद का खात्मा कर दिया है। इस बार गया, औरंगाबाद, शाहाबाद में भी तीन बजे तक नहीं बल्कि पांच बजे तक वोटिंग होगी। अपराध में जल चुके बिहार को नीतीश कुमार ने एक अच्छा प्रदेश बना दिया। अमित शाह ने कहा कि इसी नालंदा में 1998 और दंगे हुए। यह बात युवा मतदाताओं को पता ही नहीं है। निर्दोष लोग मारे गए, धार्मिक स्थानों को जलाया गया, दुकानों में आग लगा दी गईं। लालू जी के बेटे तेजस्वी कानून व्यवस्था की बात करते हैं। वे जरा समझ लें कि 2005 की तुलना में 2024 में आपराधिक घटनाओं में कितने प्रतिशत की कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने न सिर्फ बिहार से नक्सलियों का सफाया किया बल्कि काश्मीर के आतंकियों को भी सबक सिखा दिया। धारा 370 हटाने पर राहुल गांधी खून की नदियां बहने की धमकी दे रहे थे। लेकिन किसी को एक पत्थर चलाने की भी हिम्मत नहीं हुई। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों कोऑपरेशन सिंदूर से हमने करारा जवाब दिया। उनके घर में घुसकर सफाया कर दिया।  

मुख्यमंत्री साय पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में हुए शामिल

नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएं, अछोटी में बीएड महाविद्यालय, मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाने, समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये एवं सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की घोषणा रायपुर   पंडवानी एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ को पूरी दुनिया में पहचान मिली है। हमारे पंडवानी कलाकारों ने न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन तक महाभारत की कथाओं पर आधारित प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से न केवल छत्तीसगढ़ की परंपरा को जीवित रखा है, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा को वैश्विक मंचों तक पहुँचाया है। पंडवानी आज हमारी लोक चेतना, नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग रायपुर के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, साजा विधायक ईश्वर साहू, राज्य तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू एवं जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक लाभचंद बाफना एवं डॉ. दयाराम साहू, जिला पंचायत दुर्ग की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे तथा दुर्ग नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका बाघमार भी उपस्थित थीं।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मुझे पंडवानी के पुरोधा स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन जी की स्मृति भी हो रही है। जब वे हाथ में तंबूरा लेकर प्रस्तुति देते थे, तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते थे। पंडवानी गायन में महिला कलाकारों की विशेष सफलता उल्लेखनीय रही है। मुझे स्वर्गीय लक्ष्मी बंजारे जी का भी स्मरण हो रहा है। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि हमारी धरती पर तीजन बाई जैसी विभूति हुईं, जिन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण तीनों सम्मान प्राप्त हुए हैं। जब वे तंबूरा लेकर आलाप भरती हैं, तो ऐसा लगता है मानो आकाश के देवी-देवता भी उन्हें सुन रहे हों। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मैंने अनेक अवसरों पर तीजन बाई जी की पंडवानी सुनी है। श्याम बेनेगल की भारत एक खोज में उनका पंडवानी गायन दृश्य मन को आनंद और उत्सुकता से भर देता है। पद्मश्री डॉ. उषा बारले जी हमारे बीच उपस्थित हैं, जिन्होंने अपने अद्भुत पंडवानी गायन से सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंडवानी हमारी अमूल्य धरोहर है। आज इस महासम्मेलन के आयोजन के माध्यम से आप सभी ने इस धरोहर को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बचपन में रामलीला मंडलियों के माध्यम से रामायण की कथाएं और पंडवानी के माध्यम से महाभारत की कथाएं सुनीं। पीढ़ी दर पीढ़ी इन लोककलाकारों ने रामायण और महाभारत जैसी महान कथाओं को जन-जन तक पहुँचाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडवानी गायन इस मायने में भी अद्वितीय है कि इसमें स्त्री-पुरुष का कोई भेद नहीं है। तीजन बाई और डॉ. उषा बारले जैसी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से यह साबित किया है कि यह विधा महिलाओं के कौशल और संवेदनशीलता की प्रतीक है। पंडवानी गायन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सामाजिक तासीर भी झलकती है – यहां मातृशक्ति की भागीदारी कला के क्षेत्र में भी अग्रणी है और उन्हें सदैव प्रोत्साहित किया जाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरगुजा से लेकर बस्तर तक हर क्षेत्र की अपनी विशिष्ट संस्कृति है। हमारी सरकार छत्तीसगढ़ी लोककला और संस्कृति को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। कलाकारों की पेंशन राशि में वृद्धि की गई है और अवसरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। चित्रोत्पला फिल्म सिटी की स्थापना का निर्णय लेकर हमने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को सशक्त बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जब अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया था, तब उनके मन में विकास के साथ-साथ संस्कृति को सहेजने की भी गहरी मंशा थी। आज जब ऐसा सुंदर आयोजन देखता हूं, तो मन को सुकून मिलता है कि अटल जी की मंशा पूर्ण हुई है। उन्होंने बताया कि 1 नवंबर को प्रदेश की रजत जयंती मनाई जाएगी, जो हमारी लोकसंस्कृति का महोत्सव होगा। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी आगमन होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे राज्योत्सव में सम्मिलित होकर छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाएं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा विभाग शीघ्र ही 5000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगा। इन पदों की पूर्ति से ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता में उल्लेखनीय सुधार होगा। मुख्यमंत्री साय ने  नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने, अछोटी में बीएड महाविद्यालय खोलने, मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाने, समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये और क्षेत्र के सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की घोषणा की। कार्यक्रम के अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर सभी पंडवानी कलाकारों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कला और संस्कृति के लिए देश और दुनिया में विशिष्ट पहचान रखता है। यह कलाकारों से परिपूर्ण राज्य है। उन्होंने 1 नवंबर को राज्योत्सव में सभी को रायपुर आमंत्रित किया। कार्यक्रम की संयोजक पद्मश्री डॉ. उषा बारले ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस और पंडवानी महासम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री साय सहित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, एसएसपी विजय अग्रवाल सहित अन्य अधिकारीगण, पंडवानी के लोककलाकार तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।  

भारत की सराहना करते हुए नोबेल विजेता मारिया मचाडो ने PM मोदी से की बड़ी मांग

नई दिल्ली 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहीं मारिया कोरिना मचाडो ने भारत को महान लोकतंत्र और दुनिया के लिए आदर्श बताया है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मचाडो ने कहा कि भारत वेनेजुएला का महत्वपूर्ण साथी बन सकता है और दोनों देश लोकतंत्र के बहाली के बाद कई क्षेत्रों में साथ काम कर सकते हैं. मचाडो ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहती हूं और उन्हें स्वतंत्र वेनेजुएला में जल्दी आमंत्रित करना चाहती हूं.” उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक भूमिका की भी तारीफ की और कहा कि लोकतंत्र को मजबूत रखना बहुत जरूरी है. मचाडो ने महात्मा गांधी की अहिंसात्मक लड़ाई से प्रेरणा लेने की बात कही. उन्होंने कहा, “शांति रखना कमजोरी नहीं है, गांधी ने पूरी दुनिया को यह दिखाया.” वेनेजुएला के 2024 राष्ट्रपति चुनाव पर क्या कहा? उन्होंने वेनेजुएला के 2024 राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी, लेकिन निकोलस मादुरो सरकार ने चुनाव रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने मादुरो को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता छोड़ने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मादुरो ने इनकार कर दिया और देश में सख्त दमन शुरू कर दिया. मचाडो ने जताई ये उम्मीद मचाडो ने कहा कि यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लोकतंत्र बहाली में उनके मुख्य सहयोगियों में से हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन के चलते मादुरो समझेंगे कि अब उनका समय खत्म हो गया है और उन्हें शांति से सत्ता छोड़नी होगी. मचाडो ने भारत से कहा कि वेनेजुएला में लोकतंत्र बहाल होने के बाद भारत की कंपनियां ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूरसंचार में निवेश कर सकती हैं. भारत और वेनेजुएला के संबंधों के लिए अवसर मचाडो ने भारत को भी लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए अपनी आवाज उठाने वाले देशों में शामिल होने का आमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहाल होने के बाद भारत की कंपनियां ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूरसंचार के क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं. मचाडो ने यह भी कहा कि भारत की लोकतांत्रिक ताकत और अनुभव वेनेजुएला के लोकतंत्र के पुनर्निर्माण में मार्गदर्शन कर सकता है.  मचाडो ने अंत में यह संदेश दिया कि लोकतंत्र को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए और भारत जैसे बड़े लोकतंत्र की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है, क्योंकि पूरी दुनिया ऐसे उदाहरण से सीखती है.

पीएम मोदी की छठ पूजा के बाद चुनावी धमाका, जानें कौन-कौन से जिलों में मंच संभालेंगे

पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को एक बार फिर बिहार आने वाले हैं। यह जानकारी शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय का दौरा किया और चुनावी राज्य में दो रैलियों को संबोधित किया। दिलीप जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री छठ पूजा के ठीक बाद 30 अक्टूबर को फिर से बिहार आ रहे हैं। उनका पहला कार्यक्रम सुबह करीब 10 बजे मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में होगा। मुजफ्फरपुर के बाद, दोपहर करीब 1 बजे छपरा में उनका कार्यक्रम होगा और इन दो कार्यक्रमों के बाद, नवंबर में उनके कार्यक्रम जारी रहेंगे। फिलहाल, प्रधानमंत्री 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर और छपरा में कार्यक्रमों के लिए बिहार आ रहे हैं।" शुक्रवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की और राज्य में एनडीए की सत्ता में वापसी का दावा किया। समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "लोकतंत्र के महापर्व का बिगुल बज चुका है। पूरा बिहार कह रहा है 'फिर एक बार एनडीए सरकार', 'फिर एक बार सुशासन सरकार'। जंगलराज वालों को दूर रखेगा बिहार।"  

चित्रकूट से शुरू हुई राम यात्रा, मुरारी बापू और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने किया शुभारंभ

चित्रकूट भगवान श्रीराम के वनगमन पथ पर आधारित ऐतिहासिक 'राम यात्रा' का शुभारंभ शनिवार को सतना के चित्रकूट से हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध संत मुरारी बापू और मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन से रवाना हुई यह विशेष ट्रेन चित्रकूट से रामेश्वरम तक जाएगी। इसके बाद राम यात्रा हवाई मार्ग से श्रीलंका पहुंचेगी और अंततः अयोध्या धाम में इसका समापन होगा।यह 11 दिवसीय यात्रा प्रभु श्रीराम के वनवास काल में तय किए गए मार्गों को पुनर्जीवित करने और उन पवित्र स्थलों को श्रद्धालुओं से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। यात्रा 4 नवंबर तक चलेगी। बापू बोले- यात्रा एकता का संदेश देगी इस पावन अवसर पर डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, संत रामहृदय दास और उद्योगपति मदन पालीवाल सहित अनेक संत-महात्मा एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। यात्रा के दौरान राम यात्री अत्रि मुनि आश्रम, सती अनुसूया, चित्रकूट और सरभंगा जैसे पौराणिक स्थलों से भी गुजरेंगे। संत मुरारी बापू ने इस यात्रा को केवल भक्ति का नहीं, बल्कि संस्कृति और एकता का संदेश देने वाला बताया। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसे मध्य प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण क्षण कहा और श्रीराम के पदचिह्नों पर चलना भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान का प्रतीक बताया। अत्रि मुनि आश्रम में जहां पहली रामकथा का आयोजन किया जाएगा. 411 भक्त एक विशेष ट्रेन से आठ हजार किलोमीटर की यात्रा करेंगे. इसमें नौ राम कथाएं शामिल हैं.  27 अक्टूबर को पंचवटी (महाराष्ट्र), 28 तारीख को सबरी आश्रम (कर्नाटक) में कथा आयोजित की जाएगी. फिर 29 अक्टूबर को ऋषिमुख पर्वत (हम्पी) में और 30 अक्टूबर को प्रवर्षण पर्वत (कर्नाटक) में कथा होगी. इसके बाद एक नवंबर को रामेश्वरम में कथा का आयोजन किया जाएगा. अयोध्या में होगा समापन इसके बाद भक्त श्रीलंका की यात्रा में शिरकत करेंगे. श्रीलंका के कोलंबो में तीन नवंबर को कथा का आयोजन किया जाएगा. चार नवंबर को अयोध्या में रामकथा होगी. इसके साथ इस यात्रा का समापन होगा. सभी कथाएं निःशुल्क होंगी, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हो सकेंगे. इस यात्रा का आयोजन संतकृपा सनातन संस्थान के मदन पालीवाल द्वारा की जा रहा है. मोरारी बापू ने कहा कि ये सिर्फ एक अध्यात्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि ये भगवान राम के करुणा और धर्म के रास्ते को याद करना है. जहां लोग उनका नाम प्रेम से लेते हैं वो जगह अयोध्या बन जाती है. बता दें कि यह मोरारी बापू की दूसरी राम यात्रा है. पहली राम यात्रा 2021 में अयोध्या से चित्रकूट और नंदीग्राम तक हुई थी.

सिडनी में चमके कोहली, संगकारा का रिकॉर्ड तोड़ इतिहास रचा

सिडनी  भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली का भी जलवा देखने को मिला है. 25 अक्टूबर (शनिवार) को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में हुए इस मैच में विराट कोहली ने फिफ्टी जमाई. कोहली ने चार चौके की मदद से 56 गेंदों पर फिफ्टी पूरी की. कोहली के ये वनडे इंटरनेशनल करियर का 75वां अर्धशतक रहा. कोहली ने नाबाद 74 रन बनाए, वहीं रोहित शर्मा के बल्ले से 121 रन निकले. विराट कोहली ने 54 रन बनाते ही कुमार संगकारा को ओडीआई क्रिकेट में रनों के मामले में पछाड़ दिया. कोहली अब वनडे इंटरनेशनल में सबसे जयादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे नंबर पर आ चुके हैं. श्रीलंकाई दिग्गज कुमार संगकारा ने 14234 रन बनाए थे, जिनसे आगे कोहली निकल चुके हैं. वनडे इंटरनेशनल में सबसे ज्याद रन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बनाए हैं. सचिन ने 463 ओडीआई मैचों में 18426 रन बनाए थे. विराट कोहली और रोहित शर्मा ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी (नाबाद 168 रन) की. ये वनडे इंटरनेशनल में दोनों के बीच 19वीं शतकीय पार्टनरशिप रही. देखा जाए तो विराट कोहली 82 मौकों पर वनडे इंटरनेशनल में शतकीय पार्टनरशिप में शामिल रहे हैं. विराट कोहली ने वनडे इंटरनेशनल में रनचेज में 70वीं बार पचास या उससे ज्यादा रन बनाए हैं, जो एक रिकॉर्ड है. वनडे इंटरनेशनल में सर्वाधिक रन 18426 सचिन तेंदुलकर (452 ​​पारी) 14255 विराट कोहली (293) * 14234 कुमार संगकारा (380) 13704 रिकी पोंटिंग (365) 13430 सनथ जयसूर्या (433) सर्वाधिक 100+ साझेदारियों में शामिल (वनडे) 99 सचिन तेंदुलकर 82 विराट कोहली * 72 रिकी पोंटिंग 68 रोहित शर्मा * 67 कुमार संगकारा वनडे इंटरनेशनल में सर्वाधिक शतकीय साझेदारी 26 सचिन तेंदुलकर & सौरव गांगुली (176 पारी) 20 तिलकरत्ने दिलशान & कुमार संगकारा (108 पारी) 19 रोहित शर्मा & विराट कोहली (101 पारी) * 18 रोहित शर्मा & शिखर धवन (117 पारी)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्टः सीएम योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण डोमेस्टिक टर्मिनल, सुरक्षा और उद्घाटन समारोह स्थल का लिया जायजा एयरपोर्ट के शुभारंभ की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ की विस्तृत समीक्षा सीएम ने दिए गुणवत्ता, समयबद्धता और यात्री सुविधा को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश उच्च मानकों के अनुरूप सभी निर्माण और सुरक्षा कार्य संपन्न कराए जाएंः मुख्यमंत्री उद्घाटन समारोह की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाएः सीएम योगी गौतमबुद्धनगर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉमेस्टिक टर्मिनल, उद्घाटन समारोह स्थल, सुरक्षा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और अन्य निर्माण कार्यों की प्रगति का बारीकी से अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट के बोर्डरूम में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) और एयरपोर्ट निर्माण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में परियोजना की प्रगति, आगामी कार्ययोजना और उद्घाटन समारोह की तैयारियों पर पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई। इस दौरान, सीएम योगी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा, इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और समन्वय सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में उच्च मानकों के अनुरूप पूरे किए जाएँ और उद्घाटन समारोह की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और यात्री सुविधा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। साथ ही सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए ठोस और समन्वित कार्ययोजना तैयार करने को कहा। एयरपोर्ट से जुड़ी सड़क और मेट्रो लिंक परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने नागरिक उड्डयन, सुरक्षा, विस्फोटक निरोधक दस्ता, नियंत्रण इकाई, उप स्टेशन और आधारभूत संरचना से संबंधित अद्यतन जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे के संचालन से जुड़े सभी तकनीकी, सुरक्षा एवं प्रशासनिक पहलुओं की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीओओ किरण जैन ने एनआईए अनुज्ञा निर्गमन, यात्री सुरक्षा, रनवे, वायुसंचालन परीक्षण और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की सुरक्षा व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को पूर्ण रूप से सुदृढ़ और चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए तथा कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता अस्वीकार्य होगी। गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे से सड़क संपर्क, माल परिवहन संपर्क, अग्निशमन केंद्र, जल शोधन संयंत्र, जलभराव निस्तारण एवं वाहन पार्किंग की व्यवस्थाओं की भी विस्तार से समीक्षा की। नायल के सीईओ राकेश कुमार सिंह और नोडल अफसर शैलेन्द्र भाटिया ने प्रगति और कनेक्टिविटी के सम्बन्ध में अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों को सुगम एवं सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां निर्धारित समय सीमा में पूरी कर ली जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि हवाई अड्डे के सभी कार्यों की प्रगति नियमित रूप से समीक्षा कर गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। जनसभा स्थल तक सभी मार्गों पर यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था हो दुरुस्त मुख्यमंत्री ने आगामी जनसभा एवं रैली की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभा स्थल पर भूमि समतलीकरण, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पुलिस सुरक्षा, पेयजल, शौचालय और अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त रखा जाए ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनसभा स्थल तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था सुचारू रखी जाए तथा संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंध, स्वच्छता एवं प्रकाश की व्यवस्था उच्च स्तर की सुनिश्चित की जाए। 150 उड़ानें प्रतिदिन हो सकेंगी संचालित जेवर एयरपोर्ट का लोकार्पण कराए जाने वाले हिस्से का क्षेत्रफल 3,300 एकड़ है, जबकि कुल 6,700 एकड़ भूमि का अब तक अधिग्रहण किया जा चुका है शेष 5,100 एकड़ भूमि अगले तीन माह में ली जाएगी। भूमि क्रय की लागत लगभग ₹5,000 करोड़ और एयरपोर्ट निर्माण की लागत ₹7,000 करोड़ है। उद्घाटन के समय एयरपोर्ट एक रनवे के साथ क्रियाशील होगा और इसकी वार्षिक यात्री क्षमता 1.2 करोड़ होगी। साथ ही, औसतन प्रतिदिन 150 उड़ानें यहां से संचालित होंगी। भविष्य में यात्रियों की संख्या 1 करोड़ से अधिक होने पर दूसरे रनवे का निर्माण शुरू हो जाएगा और दोनों रनवे मिलकर 7 करोड़ यात्रियों की सेवा करेंगे। जेवर एयरपोर्ट के पूर्ण स्वरूप में कुल 5 रनवे होंगे, इसका कुल क्षेत्रफल 11,750 एकड़ होगा और यह प्रतिवर्ष 30 करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा। उत्तर प्रदेश में 24 एयरपोर्ट्स, 16 संचालित उत्तर प्रदेश में कुल 24 एयरपोर्ट्स हैं, जिनमें से 16 संचालित हो चुके हैं। वहीं जेवर एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है और अब इसका जल्द ही शुभारंभ होने वाला है। वहीं, 7 एयरपोर्ट्स निर्माणाधीन हैं। संचालित एयरपोर्ट्स में घरेलू स्तर पर आगरा, त्रिशूल (बरेली), गोरखपुर, हिंडन (गाजियाबाद), प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट और सहारनपुर शामिल हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ होते ही उत्तर प्रदेश 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का इकलौता राज्य बन जाएगा। निर्माणाधीन एयरपोर्ट्स की बात करें तो सोनभद्र, ललितपुर, मेरठ, गाजीपुर, झांसी, अमेठी और पलिया में भी इस पर तेजी से कार्य चल रहा है जो भविष्य में प्रदेश के वायु संपर्क और पर्यटन को और मजबूत करेंगे। योगी सरकार में सिविल एविएशन की तीव्र प्रगति उत्तर प्रदेश अब सिविल एविएशन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो रहा है। वर्ष 2024-25 में करीब 1.5 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की, जिसमें 1.3 करोड़ घरेलू यात्री तो वहीं 13 लाख से ज्यादा इंटरनेशनल यात्री शामिल रहे। 2017 से 2025 के बीच यात्री संख्या में 10.1 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि हुई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत से लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है। वहीं, बेहतर एयर कनेक्टिविटी से प्रदेश में पर्यटन को भी नया आयाम मिला है, विशेषकर अयोध्या और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों पर … Read more

ROKO ने जीत के जश्न में फैन्स के साथ बांटे भावुक पल, बोले—‘ऑस्ट्रेलिया आना दोबारा मुश्किल’

सिडनी  भारतीय टीम ने शनिवार (25 अक्टूबर) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी वनडे में 9 विकेट से शानदार जीत हासिल की. भारतीय टीम की जीत में रोहित शर्मा और विराट कोहली का अहम रोल रहा. रोहित ने नाबाद 121 रन बनाए. वहीं विराट कोहली के बल्ले से नाबाद 74 रन निकले. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम वनडे सीरीज का स्कोर 1-2 करने में सफल रही. वनडे सीरीज के शुरुआती दो मुकाबले मेजबान टीम ने जीते थे. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. रोहित शर्मा और विराट कोहली का ये आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा माना जा रहा हैं, ऐसे में फैन्स का सैलाब उमड़ना स्वाभाविक था. मुकाबले में जीत के बाद रोहित-कोहली (ROKO) ने एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री से बात की. दोनों से अपने बयानों से फैन्स को भावुक कर दिया. रोहित ने कहा उन्हें मालूम नहीं हैं कि वे दोबारा भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया आ पएंगे या नहीं. दोनों ने फैन्स का आभार जताया. विराट कोहली ने कहा, 'आपने भले ही लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला, लेकिन यह खेल हर बार आपको कुछ नया सिखा देता है. मैं कुछ ही दिनों में 37 साल का होने वाला हूं, लेकिन टारगेट का पीछा करते हुए हमेशा मैं बेहतरीन प्रदर्शन करता हूं. रोहित के साथ मैच जिताऊ साझेदारी करना शानदार रहा. शुरुआत से ही हमने हालात को अच्छी तरह समझा और यही चीज हमें एक जोड़ी के तौर पर हमेशा मजबूत बनाती रही है. यहां पर खेलना पसंद है: कोहली-रोहित विराट कोहली ने आगे कहा, 'अब शायद हम सबसे अनुभवी जोड़ी हैं. लेकिन जब हम युवा थे, तब भी हमें पता था कि बड़ी साझेदारी करके हम विपक्षी टीम को पछाड़ सकते हैं. यह सब 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज से शुरू हुआ था. अगर हम मिलकर बड़ा साझेदारी करते हैं, तो हम जानते हैं कि टीम को जीत तक ले जा सकते हैं. हमें इस देश में खेलना हमेशा पसंद रहा है, हमने यहां कुछ अच्छा क्रिकेट खेला है. दर्शकों का बहुत धन्यवाद, जो बड़ी संख्या में हमें समर्थन देने आए.' रोहित शर्मा ने कहा, 'मुझे हमेशा यहां आकर खेलने में मजा आता है. सिडनी में क्रिकेट खेलना तो खास तौर पर बेहद यादगार होता है. 2008 की यादें ताज़ा हो गईं, जब मैं पहली बार ऑस्ट्रेलिया आया था. यह मजेदार रहा, पता नहीं आगे हम यहां दोबारा खेलने आएंगे या नहीं, लेकिन हर पल का हमने आनंद लिया है. हमने हमेशा खेल का मजा लिया है, चाहे कितने भी अवॉर्ड्स और तारीफें मिली हों. पिछले 15 सालों में जो हुआ उसे भूल जाइए, मुझे यहां खेलना हमेशा अच्छा लगा है. मुझे यकीन है विराट के लिए भी यह एहसास वैसा ही है. शुक्रिया ऑस्ट्रेलिया.' रोहित शर्मा 'प्लेयर ऑफ द मैच' और 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' रहे. रोहित ने बताया, 'ऑस्ट्रेलिया में आप यही उम्मीद करते हैं, यह आसान नहीं होता है. आपको परिस्थिति को समझना होता है. लंबे समय से नहीं खेला था, ऐसे में यहां आने से पहले अच्छी तैयारी की थी. हम सीरीज नहीं जीत सके, लेकिन फिर भी बहुत सारी सकारात्मक चीजें हुई हैं. युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.' रोहित शर्मा कहते हैं, 'जब मैं पहली बार आया था, तो सीनियर्स ने काफी मदद की थी. संदेश देना हमारा काम है. विदेश जाकर क्रिकेट खेलना कभी आसान नहीं होता. खिलाड़ी काफी प्रतिभाशाली हैं, आपके पास कोई गेम-प्लान होना चाहिए. मुझे ऑस्ट्रेलिया में खेलना बहुत पसंद है. सिडनी से अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं, शानदार जगह और शानदार दर्शक. मुझे अपना काम करना पसंद है और उम्मीद है कि मैं ऐसा करता रहूंगा.'