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इस राज्य में बनेगी भारत की पहली AI सिटी, टेक्नोलॉजी और सुविधाओं में ग्लोबल मुकाबला

क्या आपने कभी ऐसे शहर की कल्पना की है जो पूरी तरह से AI से चले? केरल इस सपने को सच करने की दिशा में बढ़ रहा है। शनिवार को उद्योग मंत्री पी. राजीव ने इन्फोपार्क फेज 3 की योजना बताई, जिसे भारत की पहली AI कंट्रोल सिटी के रूप में तैयार किया जा रहा है। इन्फोपार्क फेज 3 को एक ऐसे शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां सभी जरूरी सेवाएं AI के जरिए चलेंगी। मंत्री पी. राजीव ने कहा, 'यह एक AI सिटी होगी, जहां स्मार्ट सुविधाएं और बुनियादी ढांचा AI की मदद से काम करेगा।' इस सिटी में सिटी ब्रेन नाम का एक खास सिस्टम होगा, जो शहर का मुख्य केंद्र होगा। यह सेंसर और कैमरों से जानकारी इकट्ठा करेगा, उसका एनालिसिस करेगा और शहर को सुचारू रूप से चलाएगा। यह सिस्टम समय के साथ और बेहतर होता जाएगा। AI सिटी में क्या सुविधाएं? यह भारत की पहली AI कंट्रोल सिटी होगी, जिसे विश्व स्तर का तकनीकी केंद्र बनाने की योजना है। यह नॉर्मल IT पार्क से अलग होगी, क्योंकि इसमें IT सुविधाओं के साथ-साथ रहने की जगह और बिजनेस एरिया भी होंगे। सभी काम AI की मदद से होंगे। इस सिटी में घर, स्कूल, अस्पताल, एक एम्फीथिएटर और मल्टी-लेवल पार्किंग जैसी सुविधाएं होंगी। एक डिजिटल प्लेटफॉर्म सभी सेवाओं को कंट्रोल करेगा, जो समस्याओं को जल्दी खोजेगा, उनका समाधान करेगा। AI सिटी में ये सब भी होगा यह सिटी पर्यावरण के लिए अनुकूल और कार्बन नेगेटिव होगी। AI की मदद से ट्रांसपोर्ट, वेस्ट मैनेजमेंट, बारिश के पानी को इकट्ठा करेगा और पानी का दोबारा इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, एडवांस सर्विलांस सिस्टम से सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। AI तकनीक शहर की लंबी अवधि की योजना बनाने में भी मदद करेगी, ताकि यह भविष्य के लिए तैयार रहे। इतने रोजगार पैदा होंगे इस परियोजना का लक्ष्य केरल में वैश्विक टेक कंपनियों को आकर्षित करना है। कई बड़ी कंपनियां इस सिटी में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर खोल सकती हैं। इस परियोजना में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 2 लाख प्रत्यक्ष और 6 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे। यह केरल और पूरे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम है।

MP में बच्चों की मौत से जुड़ा कोल्ड्रिफ, भारत में तीन कफ सिरप के इस्तेमाल पर अलर्ट

नई दिल्ली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत के कई राज्यों में प्रतिबंधित तीन ब्रांड के जहरीले कफ सिरप के बारे में स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है। संगठन ने अधिकारियों से आग्रह किया कि तीनों प्रतिबंधित सिरप में से किसी के मिलने पर एजेंसी को सूचित करें। डब्ल्यूएचओ के परामर्श में उस संदिग्ध कोल्ड्रिफ कफ सिरप का भी जिक्र है, जिसे लेने से कथित तौर पर मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की जान गई।   स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि प्रभावित दवाइयां कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रिलाइफ के विशिष्ट बैच का निर्माण क्रमशः श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स और शेप फार्मा करती है। ये जहरीले कफ सिरप संभावित रूप से जानलेवा बीमारी का भी कारण बन सकते हैं। भारत के स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने डब्ल्यूएचओ को बताया कि पिछले हफ्ते भारत में 5 साल से कम उम्र के 17 बच्चों की ये सिरप पीने से मौत हो गई थी। सीडीएससीओ ने कहा कि इनमें से कोई भी दूषित दवा भारत से निर्यात नहीं की गई है और अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह सिरप भारत में जोखिम भरे हैं और इनसे गंभीर-जान पर खतरा पैदा करने वाली बीमारी हो सकती हैं। सिरप में पाया गया था डायथिलीन ग्लाइकॉल गौरतलब है कि दूषित दवा के प्रयोगशाला परीक्षणों में डायथिलीन ग्लाइकॉल के मिलावट की पुष्टि हुई थी जो एक जहरीला रसायन है और बड़े पैमाने पर विषाक्तता की घटनाओं से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रक डीके मौर्य ने बताया था कि इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा 48% से ज्यादा पाई गई, जबकि स्वीकार्य सीमा केवल 0.1% है। यह मात्रा बेहद खतरनाक है। कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी पर लग गया ताला? कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने अब तमिलनाडु में मिलावटी कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी का न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया है साथ ही कंपनी को बंद करने का आदेश भी दिया गया है। इसस पहले कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश के एक विशेष जांच दल ने गिरफ्तार भी किया था। प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के एक मामले में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और उसके कुछ अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी भी की है।  

दिल्ली टेस्ट का क्लाइमैक्स बाकी, भारत को जीत के लिए चाहिए 58 रन

नई दिल्ली भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों टेस्ट सीरीज का दूसरा एवं आखिरी मुकाबला दिल्ली के अरुण जेटली स्टेड‍ियम में हो रहा है. इस मुकाबले में चौथे दिन (13 अक्टूबर) का खेल समाप्त हो चुका है. स्टम्प के समय भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 63 रन बना लिए हैं. भारत अब जीत से केवल 58 रन दूर है. साई सुदर्शन 30 और केएल राहुल 25 रन बनाकर नाबाद हैं. वेस्टइंडीज की टीम ने भारत को जीत के लिए 121 रनों का टारगेट दिया है. वेस्टइंडीज ने अपनी दूसरी पारी 390 रन बनाए. भारतीय टीम ने इस मुकाबले में अपनी पहली पारी 518/5 के स्कोर पर घोषित कर दी थी. इसके बाद वेस्टइंडीज ने अपनी पहली पारी में 248 रन बनाए. भारत को पहली पारी के आधार पर 270 रनों की लीड मिली और उसने वेस्टइंडीज को फॉलोऑन दिया. टीम इंडिया ने अहमदाबाद में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में पारी और 140 रनों से जीत हासिल की थी. यानी शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे है. रनचेज में भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही. बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसावल 8 रनों के निजी स्कोर पर जोमेल वॉरिकन का शिकार बने. इसके बाद केएल राहुल और साई सुदर्शन ने नाबाद अर्धशतकीय साझेदारी करके भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया है. भारत की दूसरी पारी का स्कोरकार्ड: (63/1, 18 ओवर) बल्लेबाज                          विकेट                                               रन यशस्वी जायसवाल     कैच एंडरसन फिलिप, बोल्ड जोमेल वॉरिकन     8 केएल राहुल                     नाबाद                                                      25* साई सुदर्शन                     नाबाद                                                      30* विकेट पतन: 9-1 (यशस्वी जायसवाल, 1.3 ओवर) ऐसी रही वेस्टइंडीज की दूसरी पारी फॉलोऑन खेलते हुए वेस्टइंडीज ने अपनी दूसरी इनिंग्स में तेजनारायण चंद्रपॉल (10 रन) और एलिक अथानाज (7 रन) के विकेट सस्ते में गंवा दिए. 35 रनों पर दो विकेट गिरने के बाद जॉन कैम्पबेल और शाई होप ने तीसरे विकेट के लिए शतकीय पार्टनरशिप करके विंडीज की वापसी कराई. कैम्पबेल अपने टेस्ट करियर का बेस्ट स्कोर बनाने में कामयाब रहे. वहीं शाई होप भी अरसे बाद टेस्ट क्रिकेट में अच्छी लय में दिखे. मैच के चौथे दिन के पहले सेशन में भी जॉन कैम्पबेल और शाई होप का जलवा देखने को मिला. कैम्पबेल ने रवींद्र जडेजा की गेंद पर छक्का लगाकर अपने टेस्ट करियर का पहला शतक पूरा किया. कैम्पबेल ने 199 गेंदों का सामना करते हुए 115 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और तीन छक्के शामिल रहे. रवींद्र जडेजा ने कैम्पबेल को एलबीडब्ल्यू आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा. कैम्पबेल और होप के बीच तीसरे विकेट के लिए 177 रनों की साझेदारी हुई. जॉन कैम्पबेल के आउट होने के बाद शाई होप संग कप्तान रोस्टन चेज ने मोर्चा संभाला और चौथे विकेट के लिए 59 रनों की पार्टनरशिप की. इस पार्टनरशिप के दौरान होप अपना शतक पूरा करने में सफल रहे. होप के करियर का ये तीसरा शतक रहा. होप 8 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने में कामयाब रहे. होप को मोहम्मद सिराज ने बोल्ड किया. होप ने 214 गेंदों का सामना करते हुए 103 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और दो छक्के शामिल रहे. शाई होप के आउट होने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने वापसी. कुलदीप यादव ने टेविन इमलाच (12 रन), रोस्टन चेज (40 रन) और खैरी पियरे (0 रन) को चलता किया. वहीं जसप्रीत बुमराह ने जोमेल वॉरिकन (3 रन) और एंडरसन फिलिप (2 रन) को पवेलियन भेजा. 311 रनों पर 9वां विकेट गिरने के बाद जस्टिन ग्रीव्स और जेडन सील्स ने भारतीय टीम को खासा परेशान किया. दोनों ने आखिरी विकेट के लिए 79 रनों की साझेदारी की. ग्रीव्स ने नाबाद 50 और सील्स ने 32 रन बनाए.

6G का भविष्य भारत में: IMC मंच पर दुनियाभर ने जताई रुचि

नई दिल्ली भारत अब तेजी से 6G तकनीक की ओर बढ़ रहा है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में विशेषज्ञों ने कहा कि भारत का 6G खोज और विकास आने वाले वर्षों में दुनिया की नेटवर्क टेकनोलोजी को आकार देगा। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के मुख्य 5G रणनीतिकार आशुतोष दत्ता ने कहा कि भविष्य में सर्वव्यापी कनेक्टिविटी एक प्रमुख आवश्यकता होगी। उन्होंने आगे कहा कि हर किसी के पास टावर या वाई-फ़ाई की सुविधा नहीं होती, इसलिए सैटेलाइट नेटवर्क भविष्य में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। सैटेलाइट और ग्राउंड नेटवर्क का विलय आशुतोष दत्ता ने बताया कि आगामी नेटवर्क में निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए स्थलीय और गैर-स्थलीय नेटवर्क को एकीकृत करना होगा। उन्होंने कहा कि ऑपरेटरों, शोधकर्ताओं और प्रौद्योगिकी कंपनियों को 6G के नए उपयोगों की खोज के लिए टेस्टबैड और सिमुलेशन मॉडल विकसित करने हेतु सहयोग करना चाहिए। उन्होंने सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं के प्रति भी चेतावनी दी और कहा कि वाई-फाई, सैटेलाइट या अन्य नेटवर्क के बीच स्विच करते समय डेटा सुरक्षा प्रमुख हो जाती है। भारत के पास तकनीकी क्षमता और मजबूत इरादे हैं दत्ता ने कहा कि भारत के पास तकनीकी विशेषज्ञता और सरकारी समर्थन दोनों हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब हमें आगामी 6G युग के लिए नए कौशल विकसित करने हेतु उद्योग, सरकार और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। लाई-फ़ाई तकनीक क्रांतिकारी साबित हो सकती है " फादर ऑफ लाई-फ़ाई " के रूप में विख्यात प्रोफेसर हेराल्ड हास ने कहा कि लाई-फाई तकनीक भारत की कनेक्टिविटी क्रांति में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा कि जहां फाइबर बिछाना मुश्किल है, वहां लाई-फ़ाई बिना केबल के तेज इंटरनेट प्रदान कर सकता है।

भारत ने पहले दिन 2 विकेट पर 318 रन बनाए, जायसवाल 200 के करीब

नई दिल्ली  भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कप्तान के रूप में पहली बार टॉस जीतकर शुक्रवार को यहां दो मैचों की श्रृंखला के दूसरे टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत ने पहले दिन दो विकेट पर 318 रन लिए। स्टंप्स के समय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल 173 जबकि कप्तान शुभमन गिल 20 रन बनाकर पर क्रीज पर मौजूद है। साई सुदर्शन ने भी 87 रन का योगदान दिया। जायसवाल और सुदर्शन ने दूसरे विकेट के लिए 193 रन की साझेदारी की। वेस्टइंडीज के लिए दोनों विकेट जोमेल वारिकन ने लिए।  भारत ने उसी अंतिम एकादश को बरकरार रखा है जिसने अहमदाबाद में पहले टेस्ट में रोस्टन चेज की अगुवाई वाली वेस्टइंडीज को पारी और 140 रन से हराया था। वेस्टइंडीज ने अपनी टीम में दो बदलाव करते हुए ब्रैंडन किंग और जोहान लेने की जगह टेविन इमलाच और एंडरसन फिलिप को अंतिम एकादश में शामिल किया है।   

Quad को लेकर ट्रंप की बातों पर भारत का ऐक्शन! ऑस्ट्रेलिया संग हुई बड़ी डिफेंस डील

नई दिल्ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों ऑस्‍ट्रेलिया के दौरे पर हैं, जहां तीन बड़े रक्षा समझौते किए गए हैं. भारत ने क्‍वाड (Quad) पर कैनबरा से अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को करारा जवाब दिया है. ट्रंप ने क्‍वाड में अमेरिकी भागीदारी पर उदासीनता को कई बार स्‍पष्‍ट रूप से जताया है. वहीं, भारत क्‍वाड के अन्‍य सदस्‍य देशों (ऑस्‍ट्रेलिया और जापान) के साथ ही इस जोन के अन्‍य महत्‍वपूर्ण देशों (जैसे दक्षिण कोरिया) के साथ अपने रक्षा और रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई दे रहा है. बता दें कि हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक गत‍िविधियों पर लगाम लगाने के लिए Quad का गठन किया गया था. इसमें भारत के साथ ही अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. ट्रंड की नीतियों के चलते इसपर ग्रहण सा लगता दिख रहा था, जिसे भारत अब कूटनीतिक ईंधन देकर उसे एक सशक्‍त फोरम बनाने में जुटा है. अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन की Indo-Pacific नीति और Quad के प्रति घटती रुचि के बीच भारत और ऑस्‍ट्रेलिया ने गुरुवार को अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को नई मजबूती देने की दिशा में तीन महत्‍वपूर्ण समझौते किए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके ऑस्‍ट्रेलियाई समकक्ष रिचर्ड मार्ल्‍स के बीच कैनबरा में हुई प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान, पनडुब्‍बी खोज एवं बचाव सहयोग, और ज्‍वाइंट स्‍टाफ डायलॉग मेकेनिज्‍म की स्‍थापना से जुड़े तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसके अलावा दोनों देशों ने एक संयुक्त समुद्री सुरक्षा सहयोग रोडमैप तैयार करने और दीर्घकालिक रक्षा एवं सुरक्षा ढांचा समझौता पर भी जल्‍द हस्ताक्षर करने पर सहमति जताई. यह नया ढांचा वर्ष 2009 में हुए साझा सुरक्षा घोषणा पत्र की जगह लेगा. भारत लगातार मजबूत कर रहा रिश्‍ते राजनाथ सिंह की यह यात्रा 2014 में NDA सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ऑस्‍ट्रेलिया यात्रा है. यह ऐसे समय में हुई है, जब भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव और नीति असंतुलन के बीच जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस जैसे क्षेत्रीय साझेदारों के साथ अपने रक्षा संबंधों को सशक्‍त कर रहा है. मार्ल्‍स ने पहले कहा था कि चीन भारत और ऑस्‍ट्रेलिया दोनों के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा है. बैठक में दोनों मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि Indo-Pacific क्षेत्र में स्वतंत्र, खुले, स्थिर और समृद्ध माहौल को बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय साझेदारों के साथ सहयोग बढ़ाना जरूरी है. दोनों देशों ने समुद्री मार्गों की स्वतंत्र आवाजाही, उड़ान और निर्बाध व्यापार के महत्व को भी दोहराया. रणनीतिक तौर पर अहम भारत-जापान के हालिया सुरक्षा सहयोग समझौते के बाद यह बैठक Quad देशों (भारत, ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और जापान) के बीच बढ़ते रक्षा तालमेल की दिशा में एक और अहम कदम मानी जा रही है. आने वाले महीने में होने वाले मालाबार नौसैनिक अभ्यास से पहले दोनों देशों ने समुद्री निगरानी और डोमेन अवेयरनेस पर सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी जताई. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमने भारत-ऑस्‍ट्रेलिया के रक्षा उद्योग, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की. हमने अपने व्यापक रणनीतिक साझेदारी की महत्ता को दोहराया.’ उन्‍होंने आतंकवाद पर भारत की सख्‍त नीति दोहराते हुए कहा, ‘आतंक और वार्ता साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्‍यापार साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.’ राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की.

भारत-अर्कटिक कनेक्शन: पुतिन की पहल से चीन को टक्कर, बर्फीले मार्ग की अहमियत

मॉस्को/ नईदिल्ली  वैश्विक भू-राजनीति के बदलते परिदृश्य में, रूस और भारत के बीच सदियों पुरानी दोस्ती एक बार फिर नई ऊंचाइयों को छूने वाली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिसंबर में प्रस्तावित भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि आर्कटिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक समझौते की नींव भी रखेगी। यह समझौता नॉर्दर्न सी रूट (NSR) और संसाधन विकास पर केंद्रित होगा जो भारत को आर्कटिक परिषद में बड़ी भूमिका दिलाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह कदम न केवल आर्थिक अवसरों के द्वार खोलेगा, बल्कि चीन की बढ़ती आर्कटिक महत्वाकांक्षाओं के बीच रूस के लिए एक रणनीतिक संतुलन भी साबित होगा। पारंपरिक दक्षिणी समुद्री मार्गों की तुलना में छोटा यह मार्ग ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली की नॉर्दर्न सी रूट के विकास में संभावित भागीदारी को लेकर बातचीत चल रही है और संभावना है कि इस साल होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में इस दिशा में ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं। नॉर्दर्न सी रूट रूस के उत्तरी तट के साथ आर्कटिक महासागर से होकर गुजरता है और पारंपरिक दक्षिणी समुद्री मार्गों की तुलना में करीब 40% छोटा है। इस मार्ग से यूरोप और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बीच तेज, सुरक्षित और किफायती कार्गो परिवहन संभव हो सकेगा। जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आर्कटिक शिपिंग में सहयोग की संभावनाओं को लेकर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने पर सहमति जताई थी। यह समूह रूस के विशेष आर्कटिक विकास प्रतिनिधि व्लादिमीर पानोव (Rosatom) और भारत के नौवहन मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश कुमार सिन्हा की संयुक्त अध्यक्षता में काम कर रहा है। इस कार्य समूह की पहली बैठक अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में हुई, जिसमें आर्कटिक जहाज निर्माण परियोजनाओं में साझेदारी, भारतीय नाविकों को ध्रुवीय नौवहन प्रशिक्षण देने, और एनएसआर पर कार्गो शिपिंग सहयोग के लिए एक एमओयू तैयार करने पर चर्चा हुई। भारत को आर्कटिक काउंसिल में बड़ी भूमिका देना चाहता है रूस सूत्रों के अनुसार, रूस चाहता है कि भारत को आर्कटिक काउंसिल में अधिक प्रभावशाली भूमिका दी जाए। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि मॉस्को क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को संतुलित करना चाहता है। आर्कटिक इलाका जीवाश्म ईंधन और महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध है, जिससे रूस और भारत दोनों के लिए यह रणनीतिक रूप से अहम बनता है। इसके साथ ही रूस इस बात पर भी जोर दे रहा है कि नॉर्दर्न सी रूट को ईरान के चाबहार बंदरगाह से जोड़ा जाए। भारत ने इस बंदरगाह के संचालन की जिम्मेदारी अगले दस वर्षों के लिए हासिल की है। रूस इस बंदरगाह का इस्तेमाल भारतीय महासागर क्षेत्र तक पहुंच के लिए करना चाहता है। पुतिन के आगामी भारत दौरे से उम्मीद की जा रही है कि भारत-रूस आर्कटिक सहयोग में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आर्कटिक: वैश्विक व्यापार का नया गेटवे आर्कटिक क्षेत्र पृथ्वी के सबसे ठंडे और संसाधन-समृद्ध इलाकों में से एक है। यह आज जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से पिघल रहा है। इससे न केवल नए शिपिंग मार्ग खुल रहे हैं, बल्कि तेल, गैस, दुर्लभ खनिजों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच भी आसान हो रही है। रूस आर्कटिक महासागर के 53 प्रतिशत तट को नियंत्रित करता है। वह इस क्षेत्र में अपनी प्रभुता कायम रखने के लिए सक्रिय है। 2024 में NSR से 37 मिलियन टन से अधिक माल ढोया गया, जो 2025 में और बढ़ने की उम्मीद है। भारत के लिए यह अवसर सुनहरा है। स्वेज कनाल या पनामा चैनल जैसे पारंपरिक मार्गों की तुलना में NSR एशिया और यूरोप के बीच यात्रा को 40 प्रतिशत छोटा कर देता है। इससे न केवल ईंधन की बचत होगी, बल्कि व्यापारिक लागत भी घटेगी। रूसी स्रोतों के अनुसार, पुतिन की यात्रा के दौरान NSR के उपयोग पर ठोस कार्रवाई की योजना बनेगी। इसमें भारत को रूसी आइसब्रेकर बेड़े (जिसमें 40 आइसब्रेकर और 8 न्यूक्लियर-संचालित जहाज शामिल हैं) का सहयोग मिलेगा। यह कदम चीन की 'पोलर सिल्क रोड' महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के लिए रूस की रणनीति का हिस्सा है। आर्कटिक में चीन की बढ़ती उपस्थिति रूस के लिए चुनौती बनी हुई है, और भारत का प्रवेश एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में काम करेगा। भारत-रूस संबंध: इतिहास से वर्तमान तक भारत और रूस के बीच संबंध सोवियत काल से ही विशेष रहे हैं। 1971 के भारत-पाक युद्ध में सोवियत संघ का समर्थन हो या आज रूस का S-400 मिसाइल सिस्टम, दोनों देशों की साझेदारी रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अटूट रही है। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 63 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें रूसी तेल भारत का सबसे बड़ा आयात स्रोत बना। यूक्रेन संघर्ष के बावजूद, भारत ने रूसी ऊर्जा पर निर्भरता बनाए रखी, जिसकी आलोचना अमेरिका ने की। लेकिन राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में वलदाई चर्चा क्लब में कहा, "भारत हमारे ऊर्जा वाहकों को अस्वीकार करे तो उसे 9-10 अरब डॉलर का नुकसान होगा। हमारी साझेदारी मजबूत है।" पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "प्रिय मित्र" और "बुद्धिमान नेता" कहा, जो देश की भलाई के बारे में सोचते हैं।

ट्रंप की योजना पर भारत-पाक की संयुक्त चुनौतियां, अमेरिका की चाल फेल करने का प्रयास

नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान को धमकी दे रहे थे. इस धमकी के खिलाफ अब भारत तालिबान के साथ खड़ा हो गया है. अफगानिस्तान को लेकर यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा मोड़ दिखाता है. भारत ने तालिबान, पाकिस्तान, चीन और रूस के साथ मिलकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मांग का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस सौंपने की बात कही थी. यह फैसला उस समय आया है जब तालिबान शासित अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इस हफ्ते भारत की ऐतिहासिक यात्रा पर आने वाले हैं. मॉस्को में आयोजित ‘मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन ऑन अफगानिस्तान’ की सातवीं बैठक में भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान सहित 10 देशों ने हिस्सा लिया. बेलारूस के प्रतिनिधि भी अतिथि के रूप में मौजूद रहे. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में किसी देश का नाम लिए बिना कहा गया, ‘प्रतिभागियों ने अफगानिस्तान या उसके पड़ोसी देशों में किसी भी देश की ओर से सैन्य ढांचे की तैनाती के प्रयासों को अस्वीकार्य बताया, क्योंकि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के खिलाफ है.’ यह बयान सीधे तौर पर ट्रंप की योजना की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है. ट्रंप और तालिबान भिड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मांग की थी कि तालिबान अमेरिका को बागराम एयरबेस वापस सौंप दे. यह वही बेस है, जहां से अमेरिका ने 2001 के बाद ‘वॉर ऑन टेरर’ यानी आतंकवाद के खिलाफ युद्ध अभियान चलाया था. 18 सितंबर को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, ‘हमने वह बेस उन्हें मुफ्त में दे दिया, अब हम उसे वापस चाहते हैं.’ उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर भी लिखा था- ‘अगर अफगानिस्तान ने बाग्राम एयरबेस वापस नहीं किया तो नतीजे बुरे होंगे.’ तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्रंप की मांग को खारिज करते हुए कहा, ‘अफगान किसी भी हाल में अपनी जमीन किसी और को नहीं देंगे. हम अगले 20 साल युद्ध लड़ने को तैयार हैं.’ मॉस्को फॉर्मेट वार्ता के नए संस्करण में, देशों के समूह ने अफगानिस्तान में समृद्धि और विकास लाने के तौर-तरीकों पर व्यापक विचार-विमर्श किया। इन देशों ने अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों में सैन्य बुनियादी ढांचे तैनात करने के कुछ देशों के प्रयासों को 'अस्वीकार्य' बताया, क्योंकि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हितों की पूर्ति नहीं करता है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पहली बार मॉस्को फॉर्मेट वार्ता में भाग लिया। कुछ हफ्ते पहले, ट्रंप ने कहा था कि तालिबान को बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंप देना चाहिए, क्योंकि इसे वॉशिंगटन ने स्थापित किया था।मॉस्को में हुई बातचीत में भाग लेने वाले देशों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों स्तरों पर आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया। बयान में कहा गया, 'उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने और इसे जल्द से जल्द जड़ से मिटाने के लिए ठोस कदम उठाने में मदद दी जानी चाहिए, ताकि काबूल की धरती का इस्तेमाल पड़ोसी देशों और अन्य जगहों की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में न हो।' इसमें कहा गया कि इन देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद अफगानिस्तान, क्षेत्र और व्यापक विश्व की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। भारत, रूस और चीन के अलावा, इस बैठक में ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने भी भाग लिया। इन देशों ने इस क्षेत्र और इससे आगे के देशों के साथ अफगानिस्तान के आर्थिक संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया। मुत्ताकी की यात्रा क्यों है खास भारत का इस मुद्दे पर तालिबान के साथ खड़ा होना कई मायनों में ऐतिहासिक है. मुत्ताकी पहली बार भारत की यात्रा पर आ रहे हैं, जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने उन्हें 9 से 16 अक्टूबर तक यात्रा की अनुमति दी है. क्योंकि मुत्ताकी UNSC की प्रतिबंधित सूची (Resolution 1988) में शामिल हैं, इसलिए उन्हें विशेष मंजूरी मिली है. बगराम क्यों चाहता है अमेरिका? काबुल से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित बाग्राम एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है. इसमें दो बड़े रनवे हैं, जिसमें से एक 3.6 किमी और दूसरा 3 किमी लंबा. पहाड़ी इलाके के कारण अफगानिस्तान में बड़े विमानों की लैंडिंग मुश्किल होती है, ऐसे में बगराम एक रणनीतिक केंद्र माना जाता है.  

भारतीय महिला टीम की जोरदार जीत, पाकिस्तान को फिर चटाई धूल – मैच के बाद बना तनावपूर्ण माहौल

कोलंबो  आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 के मैच नंबर-6 में रविवार (5 अक्टूबर) को भारत का सामना चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से हुआ. कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में भारत ने 88 रनों से शानदार जीत हासिल की. मुकाबले में पाकिस्तान को जीत के लिए 248 रनों का टारगेट मिला था, जिसका वो पीछा नहीं कर पाई. पाकिस्तानी टीम 43 ओवरों में 159 रनों पर सिमट गई. भारत की ओर से तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने तीन विकेट झटके और वो 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुनी गईं. दीप्ति शर्मा ने भी तीन और स्नेह राणा ने दो विकेट हासिल किए. पाकिस्तान पर भारतीय टीम ने वूमेन्स वनडे में लगातार 12वीं जीत हासिल की है. उसने अब तक एक भी वनडे मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ गंवाया नहीं है. मौजूदा वर्ल्ड कप में भारत की ये लगातार दूसरी जीत रही और वो अंकतालिका में पहले स्थान पर पहुंच गई है. भारतीय टीम ने अपने अभियान का शानदार आगाज करते हुए पहले मुकाबले में श्रीलंका को डीएलएस नियम के तहत 59 रनों से पराजित किया था. भारतीय टीम अब अपने अगले मुकाबले में 9 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका का सामना करेगी. टारगेट का पीछा करते हुए पाकिस्तानी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 6 रनों के स्कोर पर मुनीबा अली का विकेट गंवा दिया  मुनीबा 2 रनों के निजी स्कोर पर रन आउट हुईं. फिर उसने सदफ शमास (6 रन) और आलिया रियाज (2 रन) का विकेट भी सस्ते में खो दिया. 26 रनों पर तीन विकेट गिरने के बाद सिदरा अमीन और नतालिया परवेज ने चौथे विकेट के लिए 69 रन जोड़े. क्रांति गौड़ ने नतालिया को आउट करके इस पार्टनरशिप को तोड़ा. कप्तान फातिमा सना (2 रन) कुछ खास नहीं कर पाईं और उन्हें दीप्ति शर्मा ने अपनी फिरकी में फंसाया. पाकिस्तान के लिए सिदरा अमीन ने खेली अच्छी पारी पांच विकेट गिरने के बाद सिदरा अमीन और सिदरा नवाज ने मिलकर छठे विकेट के लिए 41 रन जोड़े. जरूरी रनरेट बढ़ता जा रहा था, इसी चलते पाकिस्तानी टीम बैक टू बैक ओवरों में सिदरा नवाज (14 रन) और रमीन शमीम (0 रन) के विकेट खो दिए. पाकिस्तान को फिर सिदरा अमीन के रूप में आठवां झटका लगा, जो शानदार बैटिंग कर रही थीं. सिदरा ने 106 गेंदों पर 81 रन बनाए, जिसमें 9 चौके के अलावा एक सिक्स शामिल रहा. यह वूमेन्स ओडीआई में भारत के खिलाफ किसी पाकिस्तानी बैटर का बेस्ट स्कोर रहा. सिदरा अमीन के आउट होने के बाद भारतीय टीम के लिए जीत औपचारिकता रह गई. भारतीय महिला टीम ने PAK प्लेयर्स से नहीं मिलाया हाथ स मुकाबले में नो हैंडशेक पॉलिसी देखने को मिली. टॉस के समय भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना से हाथ नहीं मिलाया. फिर मैच के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी प्लेयर्स संग हैंडशेक नहीं किया. इससे पहले एशिया कप 2025 में भारतीय मेन्स टीम ने ऐसा किया था. तब भारतीय खिलाड़ियों ने तीनों ही मैचों में पाकिस्तान प्लेयर्स संग हैंडशेक नहीं किया था. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि बोर्ड की ओर से खिलाड़ियों को पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा था, 'पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. खिलाड़ियों को हैंडशेक करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. हमारा फोकस सिर्फ खेल पर है.' मोहसिन नकवी के हाथों नहीं ली एशिया कप ट्रॉफी यह मुद्दा सबसे पहले मेन्स एशिया कप के दौरान उभरा था, जब भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने आए थे. उस समय भारतीय टीम ने मैच से पहले और उसके बाद हैंडशेक से परहेज किया थाा. पाकिस्तानी टीम के कोच माइक हेसन ने दावा किया था कि भारतीय टीम ने सुरक्षा और राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए ऐसा किया. तनाव उस समय और बढ़ गया जब भारतीय टीम ने मोहसिन नकवी के हाथों एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था. भारत सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि पाकिस्तान के साथ खेल संबंध सिर्फ आईसीसी या न्यूट्रल वेन्यू पर होने वाले टूर्नामेंट्स तक सीमित रहेंगे. दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज 2012-13 में खेली गई थी. महिला वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान की टीम कोलंबो में ही ठहरी हुई है, जबकि भारत के मुकाबले गुवाहाटी और कोलंबो में हो रहे हैं. भारत ने अपने पहले मुकाबले में श्रीलंका को 59 रनों से हराकर शानदार शुरुआत की थी.

तीन साल बाद रांची में क्रिकेट का जलवा, भारत और साउथ अफ्रीका आमने-सामने

रांची झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम रांची में 30 नवंबर को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला जाएगा। यह मुकाबला झारखंड के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशी का मौका है। अक्टूबर 2022 के बाद यह पहला मैच है जो रांची के मैदान पर खेला जा रहा है। उस समय भी भारत ने दक्षिण अफ्रीका को सात विकेट से हराया था। अब इसी इतिहास को दोहराने के लिए दोनों टीमें तैयार हैं। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद जनवरी 2026 में भारत दौरे पर आने वाली न्यूजीलैंड टीम के लिए भी रांची को एक अंतरराष्ट्रीय मैच मिलने की संभावना है। ज्ञातव्य है कि झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन मैदान में अब तक कुल 6 वनडे मैच हो चुके हैं, जिनमें भारत ने 3 मैच जीते, 2 मैच हारे और 1 मैच रद्द रहा। इसके अलावा यहां 3 टेस्ट मैच और 4 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले भी हो चुके हैं। महिला क्रिकेट में भी यह मैदान खास रहा है, जहां 3 वनडे और 3 टी20 मैच खेलाए गए हैं। साउथ अफ्रीका के इस भारत दौरे में टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों के मैच होंगे। वनडे सीरीज में पहला मैच 30 नवंबर को रांची में होगा, दूसरा 3 दिसंबर को रायपुर में और तीसरा 6 दिसंबर को विशाखापट्टनम में।