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मोहन सरकार का दिवाली गिफ्ट संभव! मप्र में बढ़ सकता है डीए-डीआर, केंद्र से 3% पीछे

भोपाल  केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) बढ़ाने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश के कर्मचारी भी सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से दीपावली से पहले समान लाभ देने की मांग की है। कर्मचारियों का कहना है कि त्योहार के पहले बोनस और फेस्टिवल एडवांस में बढ़ोतरी की घोषणा की जाए, ताकि वे अपने परिवार के साथ खुशियां मना सकें। 3% डीए-डीआर और बोनस की मांग मध्यप्रदेश के कर्मचारियों ने दीपावली से पहले 3% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (डीए-डीआर) देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने बोनस और फेस्टिवल एडवांस की राशि बढ़ाने की भी मांग की है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि त्योहारी सीजन में खर्च बढ़ जाता है, इसलिए सरकार को समय रहते राहत प्रदान करनी चाहिए।तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा- दीपावली पर हर घर में खर्च बढ़ जाता है। ऐसे में सरकार को बोनस के साथ 3% डीए और डीआर देना चाहिए। इससे प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। प्रदेश में मिल रहा 55% डीए, केंद्र में बढ़कर हुआ 58% वर्तमान में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को 55% की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। वहीं, केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए अब 3% बढ़कर 58% हो गया है। राज्य के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2025 से ड्यू है, जिसे अभी तक नहीं बढ़ाया गया है। इससे प्रदेश के कर्मचारियों में नाराजगी है, क्योंकि उन्हें हमेशा केंद्र के बाद देरी से डीए वृद्धि मिलती है। 29 साल से बंद है बोनस कर्मचारी संगठनों ने याद दिलाया कि वर्ष 1996 से प्रदेश में बोनस बंद है। उस समय कर्मचारियों को 1079 रुपए तक बोनस के रूप में दिया जाता था। केंद्र सरकार और रेलवे आज भी अपने कर्मचारियों को दीपावली बोनस देती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में यह सुविधा वर्षों से बंद है।कर्मचारी संगठनों ने कहा- सरकार कहती है कि राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन बोनस न देना उनकी ‘कथनी और करनी’ में फर्क दिखाता है। 10 लाख कर्मचारी-पेंशनर्स होंगे प्रभावित तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा कि दीपावली के अवसर पर हर घर में खर्च बढ़ जाता है। ऐसे में सरकार को कर्मचारियों को आर्थिक राहत देने के लिए बोनस के साथ 3% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देना चाहिए। इससे प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने भी सरकार से दीपावली से पहले महंगाई भत्ते की किस्त जारी करने की मांग की है। प्रदेश के कर्मचारियों को मिल रहा 55% डीए वर्तमान में मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 55% की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। वहीं, केंद्र सरकार के कर्मचारी अब 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद 58% डीए प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश के कर्मचारियों का जुलाई 2025 से डीए ड्यू है। 29 साल से बंद बोनस देने की मांग कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वर्ष 1996 से प्रदेश में बोनस बंद है, जबकि उस समय कर्मचारियों को 1079 रुपए तक बोनस के रूप में मिलता था। केंद्र और रेलवे आज भी अपने कर्मचारियों को दीपावली बोनस दे रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है। यह फिर से शुरू किया जाना चाहिए। संगठनों ने कहा कि सरकार एक ओर दावा करती है कि कर्मचारियों को केंद्र के समान सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन बोनस न देना “कथनी और करनी में अंतर” दर्शाता है। कर्मचारी संगठनों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव दीपावली से पहले कर्मचारियों को राहत देने का फैसला लेकर त्योहार की खुशियां दो गुनी करेंगे। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कर्मचारियों को दीपावली के पहले 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने के बाद अब राज्य के कर्मचारी भी मोहन सरकार से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों का कहा है कि एमपी में काम कर रहे कर्मचारियों को केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देकर बोनस दिया जाए ताकि कर्मचारी त्यौहार खुशियों के साथ मना सकें। इसके साथ ही फेस्टिवल एडवांस भी बढ़ी हुई राशि के साथ देने की मांग की जा रही है। उधर माना जा रहा है कि जल्दी ही राज्य सरकार भी कर्मचारियों के लिए डीए देने का ऐलान कर सकती है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जिस प्रकार से केंद्र एवं रेलवे द्वारा दीपावली के अवसर पर बोनस एवं 3% महंगाई भत्ता, महंगाई राहत एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों को प्रदान कर दी गई है उसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार भी दीपावली के त्योहार पर कर्मचारियों को आर्थिक रूप से खुशियां दे। प्रदेश में वर्ष 1996 से बोनस बंद है। वर्ष 1996 तक 1079 रुपए बोनस के रूप में कर्मचारियों को प्राप्त होते थे। वर्तमान में प्रदेश के कर्मचारियों को 55% की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा आज भी अपने कर्मचारियों को बोनस दिया जा रहा है वहीं मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को बोनस से वंचित कर दिया गया है। संगठनों के अनुसार एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा कहा जाता है कि केंद्र के समान कर्मचारियों को सभी सुविधाएं दी जाएंगी वहीं बोनस न देना कथनी और करनी में अंतर बताता है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा कि दीपावली के अवसर पर हर घर में खर्चा बढ़ जाता है। इसकी भरपाई के लिए सरकार को बोनस के साथ 3% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देना चाहिए जिसका फायदा प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा। इसी तरह कर्मचारी नेता जितेंद्र सिंह ने भी सरकार से दिवाली के पहले महंगाई भत्ते की किस्त देने की मांग की है। जुलाई 2025 से 3% महंगाई भत्ता बढ़ाने पर इतना मिलेगा लाभ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी -1395 से 1620 तृतीय श्रेणी कर्मचारी -1755 से 4419 द्वितीय श्रेणी अधिकारी – 5049 से 6048 प्रथम श्रेणी अधिकारी -7191 से 12690 तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ने पर महीने का इतना हो जाएगा वेतन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वेतन मान – 55 %भत्ता – 58% भत्ता 15500-– 24025 24490 16100— 16985—25438 … Read more

नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दिए आवश्यक निर्देश

मंत्रालय, संचालनालय और सूडा की टीम को समयबद्ध कार्य करते हुए लेट-लतीफी से बचने को कहा रायपुर, उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने नवा रायपुर स्थित विश्राम भवन में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने दीपावली के पहले सभी नगरीय निकायों में कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्रालय, संचालनालय और सूडा की टीम को बेहतर समन्वय के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य करते हुए लेट-लतीफी से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी कार्य तय समय-सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ धरातल पर नजर आने चाहिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव भी समीक्षा बैठक में शामिल हुईं। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नगरीय निकायों में विकास कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने गोधाम योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण बढ़ाने हेतु एक समग्र कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने इसके लिए राज्य प्रवर्तित योजना के अंतर्गत राशि आबंटित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने को कहा। समीक्षा बैठक में नगरीय निकायों के लंबित विद्युत देयकों की समीक्षा की गई। श्री साव ने एनर्जी बिल ऑडिट की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए प्राप्त सुझावों के त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने सरचार्ज एवं अतिरिक्त भार से होने वाले आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए निकायों के सीएमओ, लेखापाल व अभियंताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए। श्री साव ने बैठक में नवगठित नगरीय निकायों को आवश्यक आधारभूत सुविधाओं के लिए अधोसंरचना मद, चुंगी कर अथवा अन्य स्रोतों से राशि स्वीकृत कर कार्य कराने की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने नवीन निकायों को शीघ्र आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नालंदा परिसरों, अटल परिसरों तथा बजट में शामिल अन्य योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों को सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा भरपूर राशि प्रदान की जा रही है, अतः सभी अधिकारी योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करें, ताकि नागरिकों को इनका शीघ्र लाभ मिल सके। बैठक में नगरीय निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति, रिक्त पदों पर भर्ती, वर्गीकरण तथा सेट-अप रिवीजन पर भी विस्तृत चर्चा हुई। उप अभियंताओं की भर्ती हेतु वित्त विभाग से समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए। श्री साव ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वीकृत 21 नगरीय निकायों की जलप्रदाय योजनाओं एवं एसटीपी निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए डीपीआर एवं आरएफपी कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा। उन्होंने मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत चल रहे कार्यों की निकायवार समीक्षा कर जिला कलेक्टरों के माध्यम से निर्माण में आ रही बाधाएं दूर कर कार्य समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए। उप मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों की चल-अचल संपत्ति, मशीनरी, वाहनों आदि की ऑडिट कर अद्यतन स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने व्यावसायिक परिसरों एवं दुकानों के नियमानुसार सुचारू संचालन के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने मुक्तिधामों को समुचित सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए शवदाह हेतु शेड, प्रतीक्षालय, पेयजल, गार्ड कक्ष, बाउंड्रीवाल आदि निर्माण के लिए सूडा की राज्य प्रवर्तित योजना से राशि आबंटित करने के निर्देश दिए। राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय, अतिरिक्त सीईओ श्री दुष्यंत कुमार रायस्त, उप सचिव डॉ. ऋतु वर्मा, अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य और मुख्य अभियंता श्री राजेश शर्मा भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

निकालिए गर्म कपड़े! दिवाली तक झारखंड में दस्तक देगी ठंड

रांची देशभर में इस बार हो रही अधिक बारिश ने सभी को हैरान कर दिया है। त्यौहार शुरू हो गए हैं, लेकिन बारिश ने त्योहारों की खुशियों को फीका किया हुआ है। वहीं, झारखंड की बात करें तो यहां 9 अक्टूबर तक हल्की बारिश होने की संभावना बनी हुई है। रांची मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में अब बादल छंट रहे हैं। लगातार बारिश में अब कमी आएगी। अगले 4 दिनों के दौरान हवा में तेजी से बदलाव होंगे। इससे बादल साफ होंगे। इसके साथ ही मानसून वापसी की प्रक्रिया आरंभ होगी। मौसम विभाग के अनुसार 10 अक्टूबर के बाद हल्की ठंड शुरू होने लग जाएगी। मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के मुताबिक, झारखंड में 11 अक्टूबर से मानसून की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार, 10 अक्टूबर तक कहीं-कहीं हल्की बारिश और वज्रपात की संभावना बनी रहेगी। इसके बाद राज्य में शुष्क मौसम की शुरुआत होगी। इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक असर बना रहेगा, जिससे दोपहर के समय बादल छाने और हल्की बारिश की स्थिति बन सकती है। मानसून की विदाई के बाद झारखंड में मौसम में धीरे-धीरे बदलाव देखा जाएगा। सुबह और शाम के समय हल्की ठंड महसूस होने लगेगी, जबकि दिन में मौसम खुशनुमा बना रहेगा। अनुमान है कि दिवाली तक राज्य में गुलाबी ठंड का प्रभाव साफ तौर पर दिखने लगेगा।

समृद्धि का रास्ता खोलें: दीवाली से पहले हटाएं घर से ये नकारात्मक चीजें!

सनातन धर्म में दीवाली के त्योहार का बेहद खास महत्व है। इस पर्व के आने का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है। दीवाली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। ऐसे में सफाई करते समय ध्यान रखें कि अशुभ चीजों को घर से बाहर करें। वास्तु (Vastu Tips) शास्त्र के अनुसार, अशुभ चीजों को घर से बाहर करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। साथ ही सुख-शांति बनी रहती है। ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में जानेंगे कि दीवाली से पहले किन चीजों को घर से बाहर करना चाहिए, जिससे धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। कब है दीवाली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार दीवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इन चीजों को घर से करें बाहर     वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में टुटा हुआ शीशा रहना शुभ नहीं माना जाता है। इसको घर में रखने से नकारात्मकता ऊर्जा का वास होता है और व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए दीवाली से पहले टूटे हुए शीशे को घर से बाहर करें। ऐसा माना जाता है कि इस काम को करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।     अगर आपके घर में फटे-पुराने जूते चप्पल है, तो उन्हें भी दीवाली की सफाई के दौरान घर से बाहर करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, फटे-पुराने जूते चप्पल को घर में रखने से दुर्भाग्य आता है और मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है। इसलिए इस दीवाली पर घर में भूलकर भी फटे-पुराने जूते चप्पल न रखें।     इसके अलावा घर में बंद घड़ी को नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बंद घड़ी का नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इससे व्यक्ति को करियर और आर्थिक तंगी का समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए दीवाली से पहले बंद घड़ी को घर से बाहर करें या फिर उसे सही करवाएं।     अगर आपके मंदिर में किसी देवी-देवता की खंडित प्रतिमा (टूटी हुई) है, तो उसे मंदिर में न रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खंडित प्रतिमा की पूजा करने से साधक को पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में खंडित प्रतिमा को किसी पवित्र नदी में विसर्जत कर दें।  

रीवा हवाई कनेक्टिविटी: दिवाली से पहले फ्लाइट से पर्यटन को मिलेगा नया बूस्ट

रीवा मध्य प्रदेश के साथ विंध्य क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश की जनता को दीवाली से पहले एक और बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। अब रीवा एयरपोर्ट से रीवा भोपाल के साथ-साथ रीवा से इंदौर के लिए इंडिगो की कनेक्टिंग फ्लाइट प्रतिदिन शुरू होने जा रही है। इनकी मदद से विंध्य के यात्री अब भारत के महानगरों का सफर आसानी से तय कर सकेंगे। इसके लिए इंडिगो कंपनी रीवा सहित नवी मुंबई में अपना सब स्टेशन शुरू करने जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार संभवत अक्टूबर माह के अंत में कनेक्टिंग इंडिगो फ्लाइट की शुरुआत रीवा से हो जाएगी। हवाई यातायात का विंटर शेड्यूल 26 अक्टूबर 2025 से 28 मार्च 2026 तक लागू रहेगा। इस विंटर शेड्यूल में रीवा से दिल्ली व मुंबई फ्लाइट का भी जिक्र किया गया है। 8 अक्टूबर के बाद नई उड़ान नवी मुंबई के लिए प्रारंभ होगी। इसके साथ ही इंदौर से कनेक्टिंग फ्लाइट रीवा से जाने वाले यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। यहां के लिए रहेगी कनेक्टिंग फ्लाइट बता दें कि ऐसे 12 शहर हैं जिन्हें कनेक्टिंग फ्लाइट रीवा से इंदौर जाने वाले यात्रियों को मिलेगी। इससे रीवा जल्द ही देश के सभी प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ जाएगा। रीवा के लोगों के लिए रीवा-पुणे, रीवा-हैदराबाद, रीवा-बैंगलोर, रीवा-गोवा, दिल्ली और मुंबई जाना बेहद सुलभ और आसान हो जाएगा। फ्लाइट शुरू होने से बढ़ेगा निवेश इस संदर्भ में जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश के डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि रीवा इंदौर के बीच शुरू होने वाली इंडिगो की कनेक्टिंग फ्लाइट से जहां विंध्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, दूसरी ओर रीवा को मेडिकल हब बनाए जाने का सपना भी साकार हो सकेगा। विंध्यवासियों के लिए यह एक सौगात है। टूरिज्म इंडस्ट्री को मिलेगा बूस्ट इन कनेक्टिंग फ्लाइट के चालू होने से रीवा में टूरिज्म इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा। विंध्य क्षेत्र के रीवा में घूमने के लिए कई प्राकृतिक जगहें,जिनमें झरना, नदी शामिल है। इसके साथ ही व्हाइट टाइगर सफारी, कई प्राचीन मंदिर है। फ्लाइट शुरू होने से बाहरी लोगों को यहां पहुंचना आसान हो जाएगा। बता दें अभी तक रीवा एयरपोर्ट से फ्लाइट ओला कंपनी का एक ही विमान भोपाल के लिए उड़ान भरता था। इंडिगो की कनेक्टिंग फ्लाइट शुरू हो जाने से आप रीवा से इंदौर सहित अन्य महानगरों से रीवा सीधे जुड़ सकेंगे।

महंगाई घटने वाली है, RBI सर्वे ने दी खुशखबरी, त्योहारों पर बढ़ेगा आपका बजट

नई दिल्ली  केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के घरों में खाने-पीने और दूसरी चीजों की कीमतों पर दबाव कम हो रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के नए सर्वे से ये बात सामने आई है. आरबीआई का ये बाय-मंथली इन्फ्लेशन एक्सपेक्टेशंस सर्वे ऑफ हाउसहोल्ड्स (IESH) सितंबर 2025 का राउंड था. इसमें घरवालों ने बताया कि मुख्य उत्पादों की कीमतों और महंगाई का दबाव घट रहा है. हालांकि, अभी की महंगाई की धारणा थोड़ी बढ़ी हुई लगी. एनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में कहा गया कि घरों ने फूड प्रोडक्ट्स, नॉन-फूड प्रोडक्ट्स, हाउसिंग और सर्विसेज की लागत में राहत महसूस की है. ये सर्वे 28 अगस्त से 6 सितंबर के बीच 19 बड़े शहरों में किया गया. कुल 6,082 लोगों ने जवाब दिए. तीन महीनों में महंगाई की उम्मीद घटी सर्वे के नतीजों के अनुसार, घरों की मौजूदा मीडियन महंगाई की धारणा पहले राउंड से 20 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 7.4 फीसदी हो गई. लेकिन आने वाले समय के लिए उम्मीदें कम हुईं. अगले तीन महीनों की महंगाई की उम्मीद 20 बेसिस पॉइंट्स घटकर 8.1 फीसदी रह गई. एक साल आगे की उम्मीद 30 बेसिस पॉइंट्स कम होकर 8.7 फीसदी हो गई. एक साल में इतने फीसदी कीमतें बढ़ेंगी छोटे समय और एक साल के लिए, जिन लोगों को लगता है कि सामान्य कीमतें और महंगाई बढ़ेगी, उनका प्रतिशत पिछले सर्वे से कम हुआ. उत्पादों के हिसाब से, अगले तीन महीनों में 77.8 फीसदी लोगों को कीमतें बढ़ने की आशंका है, जो पहले 79.5 फीसदी था. एक साल में 86.8 फीसदी कीमतें बढ़ने का अंदेशा है, पहले ये 88.1 फीसदी था. उम्र के हिसाब से, 25 साल से कम उम्र के युवाओं ने सबसे कम मौजूदा महंगाई 7.0 फीसदी बताई. वहीं, 60 साल से ऊपर के घरों में ये 7.9 फीसदी रही. शहरों में कोलकाता में सबसे ज्यादा 10.5 फीसदी की धारणा थी, उसके बाद मुंबई 8.5 फीसदी और दिल्ली 8.0 फीसदी. आरबीआई ने साफ किया कि ये सर्वे घरों की महंगाई पर नजर डालता है, जो उनके खरीदारी के पैटर्न से प्रभावित होता है. लेकिन ये नतीजे बैंक की अपनी महंगाई की राय को जरूरी नहीं दर्शाते. ये जानकारी घरवालों को राहत देती है कि कीमतें धीरे-धीरे काबू में आ रही हैं, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है.

धन-समृद्धि के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स, दीवाली पर होगा मां लक्ष्मी का स्वागत

वैदिक पंचांग के अनुसार, दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या पर मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार, 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसे में आप दीवाली से पहले अपने घर में कुछ बदलाव करके लाभ देख सकते हैं। इससे आपको वास्तु दोष का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही इन उपायों को करने से घर में सकारात्मकता का भी वास बना रहता है। होगा धन लाभ वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को विशेष महत्व दिया गया है। आप इस दिशा में तिजोरी, जेवर या जरूरी कागजात आदि रखते हैं। ऐसा करने से आपके ऊपर कुबेर देव और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही आप इस दिशा में कुबेर यंत्र, माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करना भी काफी शुभ माना गया है। ऐसा करने से जातक के लिए धन लाभ के योग बनने लगते हैं। लेकिन घर की उत्तर दिशा में भूलकर भी जूते-चप्पल या कूड़ेदान आदि नहीं रखना चाहिए। इससे आपको धन संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ठीक करें ये गलतियां वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में इसकी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अगर आपका मुख्य द्वार जर्जर या अव्यवस्थित हालत में है, तो ऐसे में आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसी के साथ आपके घर में टपकता हुए नल बिल्कुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए धन हानि का कारण बन सकता है। वहीं आप दीवाली से पहले बंद या खराब घड़ी, टूटा शीशा, टूटे बर्तन या टूटे-फूटे व खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान को भी बाहर कर दें। क्योंकि यह सभी चीजें नकारात्मकता को बढ़ावा देती हैं, जिससे धन हानि हो सकती है। इन दिशाओं का भी रखें ध्यान वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर को साफ-सुथरा और हवादार रखना चाहिए। घर के कोनों में रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा के लिए आप घर में तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं। इसे हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या फिर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसके साथ ही घर की दक्षिण दिशा में भारी सामान जैसे मशीनें, आदि रख सकते हैं। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि यह दिशा जितनी ढकी हो, उतना अच्छा है।  

भोपाल मेट्रो ट्रायल सफल, CMRS टीम ने की जांच; दिवाली से पहले शुरू हो सकती है सेवा

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो को जल्द से जल्द दौड़ाए जाने की कवायद तेज हो गई हैं। आम यात्रियों के लिए कमर्शियल ट्रेवलिंग शुरू करने के लिए कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम ने खुद यात्रा करके सुरक्षा मानकों की जांच की।  सीएमआरएस कमिश्नर जनक कुमार गर्ग सुभाषनगर स्थित मेट्रो डिपो पहुंचें। सीएमआरएस कमिश्नर ने टीम के साथ यहां पर करीब 3 घंटे तक निरीक्षण किया और मेट्रो में सवार हुए। उनके साथ मेट्रो एमडी एस कृष्ण चैतन्य भी मौजूद रहे। इस दौरान गर्ग ने प्राथमिकता में शामिल कॉरिडोर के 6.22 किलोमीटर रूट तक सफर किया। यह रूट सुभाष नगर से एम्स तक का है। इस निरीक्षण के दौरान वे और उनकी टीम सुभाषनगर स्टेशन पर करीब 30 मिनट और एम्स स्टेशन पर सवा घंटे रुकी। क्या हैं सीएमआरएस दरअसल, किसी भी रेल लाइन या मेट्रो रेल को आम लोगों के लिए प्रारंभ करने से पूर्व सीएमआरएस की जांच आवश्यक होती है। इस टीम की जांच में 'हरी झंडी' मिलने के बाद आम लोगों के लिए मेट्रो दौड़ना यानी कमर्शियल सफर की शुरुआत होती है। इस जांच टीम के अफसर ट्रैक के नट-बोल्ट, सिग्नल, इंट्री-एग्जिट गेट, डिपो सहित सुरक्षा के लिहाज से हर पक्ष की बारीकी से जांच की जाती है। टीम के लौटने के बाद मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही भोपाल में मेट्रो रन प्रारंभ होगा। पीएम मोदी दिखा सकते हैं हरी झंडी बताया जा रहा है कि इस महीने के अंत तक सीएमआरएस की 'ओके' रिपोर्ट मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। पूरी संभावना है कि वे भोपाल मेट्रो में सफर भी करें। आपको बता दें कि 31 मई को मोदी ने इंदौर मेट्रो को भोपाल से हरी झंडी दिखाई थी।     सीएमआरएस की टीम ने 90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई     अचानक ब्रेक लगाकर की सुरक्षा जांच, कंट्रोल रूम का रिस्पांस जांचा     मेट्रो मेन लाइन, स्टेशन का निरीक्षण बाकी, सप्ताहभर बाद फिर जांच 2010 का सपना होगा साकार मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग के नेतृत्व में टीम ने सुभाष नगर से एम्स तक मेट्रो को 90 किमी प्रतिघंटे की फुल स्पीड में दौड़ाया। सीएमआरएस सर्टिफिकेट मिलते ही मेट्रो यात्रियों को लेकर दौडने को तैयार हो जाएगी। 2010 से ही शहरवासियों को मेट्रो में सवारी का दिखाया जा रहा सपना अब पूरा होने को है। निरीक्षण के बाद टीम शाम को रवाना हो गई। अभी मेन लाइन, स्टेशन की जांच बोटगी। टीम ने अत्याधुनिक ट्रेन सेट। सिस्टम के अलावा नट बोल्ट, स्टेशन, सिग्नल आदि की जांच की। मेट्रो के दूसरे फेस में भी काम तेज भोपाल मेट्रो का उद्देश्य यात्रियों के सफर को आसान बनाना है। साथ ही शहर को एक आधुनिक, कुशल शहरी केंद्र के रूप में आकार देना है। भोपाल मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण को लेकर काम तेजी से चल रहा है। इसका दूसरा चरण भदभदा चौराहे से रत्नागिरी चौराहे तक लगभग 15 किमी लंबा होगा। इसमें 14 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। इस पर भी तेजी से काम चल रहा है। सितंबर में सीएमआरएस का निरीक्षण गुरुवार को सीएमआरएस की टीम ने तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन यानी रोलिंग स्टॉक में यात्री सुरक्षा, सुविधा और ऊर्जा दक्षता की जांच की। इसमें सीसीटीवी की निगरानी, आरामदायक बैठने की व्यवस्था, वातानुकूलित कोच, चार्जिग पॉइंट और वास्तविक समय यात्री सूचना प्रणाली की सुविधा को जांचा गया। इनकी टेस्टिंग की गयी। तीन माह में दो बड़ी जांच जुलाई में आयी थी आरडीएसओ की टीम 9 जुलाई से 21 जुलाई तक 13 दिन मेट्रो ट्रेन के ऑसिलेशन और इमरजेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस का लखनऊ की रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन यानी आरडीएसओ ने परीक्षण किया था। टीम ने 90 किमी प्रतिघंटा पर ट्रेन दौड़ाई थी। इमरजेंसी ब्रेक लगाया हर स्टेशन, ट्रैक के बीच मेट्रों के ऑसिलेशन यानि कंपन को मापा गया था। उस समय परीक्षण में मेट्रो की राइड क्वालिटी, स्थिरता, इमरजेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस, और सम्पूर्ण रोलिंग स्टॉक का मूल्यांकन रिकॉर्ड किया गया था। परीक्षण से रोलिंग स्टॉक यानी ट्रेन की सुरक्षा. विश्वसनीयता और दक्षता के उच्चतम मानकों की स्थिति पता चलती है। तकनीकी सवाल-जवाब भी हुए सीएमआरएस टीम ने मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियर्स से मेट्रो ऑपरेशन के तकनीकी पक्षों से जुड़े सवाल जवाब किए। सुरक्षा प्रोटोकॉल क्या होता है? स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स, रोलिंग स्टॉक की तैयारियों के साथ ही ऑपरेशन के लिए डिपो के सिस्टम से जुड़े सवाल जवाब किए गए। इसका बकायदा प्रजेंटेशन भी लिया गया। इस अवसर पर एमडी मेट्रो एस कृष्ण चैतन्य, निदेशक सिस्टम अरुण कुमार श्रीवास्तव, निदेशक प्रोजेक्ट अजय गुप्ता व अन्य टीम सदस्य उपस्थित रहे। ऑपरेशन कंट्रोल को परखा सुभाष नगर डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर को देखा गया। ट्रेन संचालन, विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा प्रणालियों की केंद्रीकृत निगरानी. डिपो में मेंटेनेंस बे, स्टेबलिंग लाइन, रिपेयर बे के साथ आग लगने की स्थितियों की पहचान कर अग्निशमन सहित अन्य सुरक्षा प्रणालियों को परखा गया। तेज रफ्तार में ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम की जांच सीएमआरएस ने डिपो में मेट्रो के रैक की जांच करने के दौरान ड्राइवर से इसे एम्स तक ले चलने का कहा। मेट्रो ट्रेन डिपो से सुभाष नगर स्टेशन पहुंची और 90 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ाने का आदेश दिया। तेज रफ्तार ट्रेन देखकर आंबेडकर ब्रिज से गुजरने वाले रूककर देखने लगे। ट्रेन तेज गति से दौड़ी और फिर अचानक रूक गयी। कभी मध्यम गति में चली। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे से एक घंटे तक पांच रैक को इसी तरह दौड़ाया गया। ऐसा रैक की गति और इसके ब्रेकिंग सिस्टम की जांच के लिए किया की टीम ने भी इसी तरह ब्रेकिंग सिस्टम की जांच की थी। मेट्रो के अंदर से ही सीएमआरएस जनक कुमार ने वहां दर्ज आपातकालीन नंबर पर कॉल किया। कंट्रोल रूम में इसे किसी तरह अटेंड किया जाता है। कॉल लगता भी है या नहीं इसे देखा।

केंद्र सरकार का दिवाली उपहार, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में हो सकती है 3% बढ़ोतरी

नई दिल्ली त्‍योहारी सीजन में केंद्र सरकार कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है. 8वां वेतन आयोग लागू होने से पहले एक बार फिर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) में इजाफा किया जा सकता है, जिससे 1.2 करोड़ से ज्‍यादा केंद्रीय कमचारियों और पेंशनर्स को लाभ मिल सके.  केंद्र सरकार दिवाली से ठीक पहले, अक्टूबर के पहले हफ्ते में महंगाई भत्ते में इजाफा कर सकती है. इस बदलाव के साथ कर्मचारियों के लिए DA 55 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो जाएगा, जो जुलाई 2025 से लागू होगा.  फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तीन महीने का बकाया भी मिलेगा, जिसका भुगतान अक्टूबर के वेतन के साथ किए जाने की उम्मीद है.  2025 में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते में बदलाव करती है. एक बार जनवरी-जून की अवधि के लिए होली से पहले और दूसरी बार जुलाई-दिसंबर की अवधि के लिए दिवाली से पहले. पिछले साल केंद्र सरकार ने त्‍योहार से करीब 2 हफ्ते पहले 16 अक्टूबर, 2024 को महंगाई भत्ते में इजाफे का ऐलान किया थी. इस साल दिवाली 20-21 अक्टूबर को पड़ रही है.  DA का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है? सातवें वेतन आयोग के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर महंगाई भत्ते को तय किया जाता है. यह फॉर्मूला CPI-IW के 12 महीने के औसत आंकड़ों पर आधारित है. जुलाई 2024 से जून 2025 तक, औसत CPI-IW 143.6 रहा, जो 58% की महंगाई भत्ते की दर के बराबर है. इसका मतलब है कि जुलाई-दिसंबर 2025 सर्किल के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ जाएगा.  बढ़ जाएगी पेंशन और सैलरी अगर किसी कर्मचारी का बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो 55% की पुरानी DA पर भत्ता 27,500 रुपये होगा. वहीं बढ़ोतरी के बाद 58% के नए डीए के साथ, यह बढ़कर 29,000 रुपये हो जाएगा यानी अब कर्मचारी हर महीने 1,500 रुपये अतिरिक्त घर ले जाएगा. इसी तरह, 30000 रुपये की बेसिक पेंशन वाले पेंशनभोगी के लिए, DR 16,500 रुपये (55%) से बढ़कर 17,400 रुपये (58%) हो जाएगा, जिससे उन्हें हर महीने 900 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे. 7वें वेतन आयोग के तहत अंतिम बढ़ोतरी यह संशोधन इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि यह सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम डीए बढ़ोतरी होगी, जिसकी अवधि 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो रही है. सरकार जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग की घोषणा पहले ही कर चुकी है, लेकिन इसके संदर्भ की शर्तें (टीओआर), अध्यक्ष और सदस्यों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.